जितना लंबा एंजेला मर्केल का कार्यकाल है उससे कई ज्यादा अच्छा इनका व्यक्तित्व है इसी व्यक्तित्व की वजह से लोग इन्हें काफी पसंद करते हैं। आज हम आपको एंजेला मर्केल (Angela Merkel) से जुड़ी कुछ खास बातों को बताएंगे, जिसे जानकर आपको प्रेरणा जरूर मिलेगी।
जर्मनी के नागरिकों की चहेती और पूरी दुनिया में मशहूर नेता एंजेला मर्केल (Angela Merkel) दिसंबर में अपने कार्यकाल के अंतिम चरणों में होंगी। उन्होंने अपने लंबे कार्यकाल में इतने सुखद काम किए हैं कि लोग उन्हें प्यार से मॉमी (मॉं) भी कहते हैं। पिछले करीब 16-17 सालों से वह जर्मनी में चांसलर के रूप में कार्यरत हैं, लेकिन दिसंबर माह में वह अपना पद छोड़ने वाली है। उनकी जगह पर ओलाफ शोल्ज को चांसलर का पद मिलेगा। एंजेला मर्केल के चले जाने के बाद लोगों के मन में उदासी तो होगी, क्योंकि वह इतनी लोकप्रिय है कि लोग उन्हें आज भी इस पद पर विराजे देखना चाहते हैं। इतने लंबे कार्यकाल के बाद भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई। कई आंकड़े बताते हैं कि लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता कई दूसरे नेताओं से अधिक रही है। जितना लंबा एंजेला मर्केल का कार्यकाल है उससे कई ज्यादा अच्छा इनका व्यक्तित्व है इसी व्यक्तित्व की वजह से लोग इन्हें काफी पसंद करते हैं। आज हम आपको एंजेला मर्केल (Angela Merkel) से जुड़ी कुछ खास बातों को बताएंगे, जिसे जानकर आपको प्रेरणा जरूर मिलेगी।
कई आंकड़े बताते हैं कि कोरोना महामारी के चलते भी एंजेला मर्केल (Angela Merkel) की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई। बताया जाता है कि जर्मनी के पूर्व नेता और सबसे लंबा कार्यकाल निभाने वाले ऑटो वॉन बिस्मार्क के बाद एंजेला मर्केल सबसे ज्यादा कार्यकाल निभाने वाली नेता है। भले ही एंजेला की पार्टी की लोकप्रियता में कमी आई हो, लेकिन लोगों के बीच एंजेला की लोकप्रियता कभी कम नहीं होती। महामारी के बाद कई अच्छे कामों के चलते इनकी काफी प्रशंसा भी हुई है।
2005 में संभाली था पद
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब एंजेला मर्केल (Angela Merkel) ने साल 2005 में कार्यकाल संभाला, तो जर्मनी में बेरोजगारी बेहद ज्यादा हुआ करती थी। उस समय के आंकड़े में 11.6 प्रतिशत की बेरोजगारी दर हुआ करती थी, लेकिन साल 2021 तक उनके कार्यों और अच्छे निर्णयों के चलते आज बेरोजगारी दर काफी कम हो गई है, जिसका प्रतिशत घटकर 5.6 हो गया गया है।
एंजेला मर्केल (Angela Merkel) का सादगी भरा व्यक्तित्व सभी को उनका कायल बना देता है। इतने बड़े मुकाम पर पहुंचने के बावजूद भी वह साधारण रहना पसंद करती थी। उन्होंने आज तक न किसी मेकअप आर्टिस्ट को अपने पास रखा, न ही घर में किसी खाना बनाने वाले को अपने पास रखा। वह खुद ही अपने सारे काम किया करती हैं।
एंजेला मर्केल (Angela Merkel) के व्यक्तित्व के किस्से केवल जर्मनी में ही नहीं है पूरी दुनिया में भी उनकी ताकत को समझा गया और फोर्ब्स ने उन्हें 10 बार दुनिया की मोस्ट पॉवरफुल वूमेन के खिताब से नवाजा था। इसके साथ ही दुनिया के मोस्ट पावरफुल पर्सन की लिस्ट में भी वह दो बार दूसरे स्थान पर रह चुकी हैं।
एंजेला मर्केल (Angela Merkel) अपने माता-पिता से छुपकर पश्चिमी रेडियो का प्रसारण सुना करती थी। प्रसारण को सुनने से उनके अंदर राजनीति को लेकर लगाव पैदा हो गया। उन्होंने कई वर्षों तक एकेडमी ऑफ साइंस में शोधकर्ता का कार्य भी किया, साथ ही डॉक्टरेट तथा मानद डॉक्टरेट जैसी बड़ी उपाधि हासिल की। जब वह शोध का काम करके घर लौटती थी तो उन्हें बर्लिन की दीवार देख कर मन में बड़ी चिंता होती थी। 1989 में जब बर्लिन की दीवार गिर गई तो यहीं से ही एंजेला की राजनीति की शुरुआत हुई। साल 2002 में विपक्ष की नेता रहने के बाद उन्होंने 2005 में अपने अच्छे प्रदर्शन से चांसलर की गद्दी संभाली।
सारी दुनिया में एंजेला मर्केल (Angela Merkel) की लोकप्रियता कायम है, जिसका कारण है कि साल 2008 की मंदी में उन्होंने बेलआउट पैकेज का निर्णय लिया। साल 2014 में रूसी सैनिकों ने यूक्रेन पर आक्रमण कर दिया था। तब एंजेला ने बातचीत से हल निकाल कर युद्ध विराम करवाया। साल 2015 में जब सीरिया में गृहयुद्ध के बाद शरणार्थी परेशान हुए, तब एंजेला मर्केल ने करीब 10 लाख लोगों को जर्मनी में पनाह दी। इसके अलावा कार्बन उत्सर्जन में कटौती को लेकर भी उन्होंने कई निर्णय लिए, जिसमें साल 2019 में जर्मनी के लिए साल 2030 तक अपने शुद्ध कार्बन उत्सर्जन में 65 प्रतिशत तक की कमी करने और साल 2045 तक उनका लक्ष्य है कि वह कार्बन न्यूट्रैलिटी की क्रांति लें आए।
हमें उम्मीद है कि आप जर्मनी और दुनिया की सबसे बेहतरीन नेता एंजेला मर्केल (Angela Merkel) के बारे में जानकर खुश होंगे और अगर राजनीति में कदम रखना चाहते होंगे, तो इन के नक्शे-कदम पर चल कर आप भी इनकी तरह अपना नाम बना बड़ा बना पाएंगे।