मनुष्य चाहे तो प्रेरणा कहीं से और किसी से भी ले सकता है। जरूरी नहीं कि प्रेरणा सिर्फ बड़े और सफल व्यक्ति से ही ली जा सकती है बल्कि एक साधारण व्यक्ति भी किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण हम Nike की टैगलाइन Just Do IT से समझ सकते हैं।
मनुष्य चाहे तो प्रेरणा कहीं से और किसी से भी ले सकता है। जरूरी नहीं कि प्रेरणा सिर्फ बड़े और सफल व्यक्ति से ही ली जा सकती है बल्कि एक साधारण व्यक्ति भी किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण हम Nike की टैगलाइन Just Do IT से समझ सकते हैं। वास्तव में यह टैगलाइन एक हत्यारे के अंतिम शब्दों से प्रेरित होकर लिया गया था। इस बात पर विश्वास करना काफी कठिन है कि Nike जैसी लोकप्रिय और प्रसिद्ध कंपनी एक हत्यारे से प्रभावित है। लेकिन यह अपूर्ण सत्य है।
Nike की सफलता का सफर
Nike जैसी प्रसिद्ध कंपनी शायद ही किसी के लिए अनसुनी होगी। यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध स्पोर्ट्स-वियर Sports Wear Brand ब्रांडों में से एक है। दुनिया भर में लाखों लोग Nike के उत्पाद product खरीदते हैं और उसे काफी पसंद भी करते हैं। Nike के उत्पाद सिर्फ स्पोर्ट्स वियर से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रतीक भी है। सिर्फ Nike का लोगो ही काफी है लोगों के बीच अपनी पहचान देने के लिए। असल में इस कंपनी की सफलता की कहानी काफी दिलचस्प है। 1990 के दशकों में, Nike के कपड़ों का विज्ञापन advertisement प्रसिद्ध बास्केटबॉल खिलाड़ी Michael Jordan द्वारा किया जाता था। एक प्रसिद्ध खिलाड़ी द्वारा विज्ञापन किए जाने और Air Jordan नामक उनके अनुकूलित Nike ब्रांड ने युवा वर्ग को काफी प्रभावित किया। नाइके की सफलता की एक बड़ी वजह तो यह विज्ञापन था लेकिन कंपनी की जबरदस्त वृद्धि उसके प्रसिद्ध टैगलाइन के आने के बाद हुई। "जस्ट डू इट" अभियान इतना शक्तिशाली साबित हुआ कि लोगों ने Nike के इस टैगलाइन से अपने व्यक्तिगत जीवन को जोड़ना शुरु कर दिया। कंपनी के इस स्लोगन की काफी प्रशंसा शुरू हुई लेकिन बहुत से लोग या नहीं जानते कि यह स्लोगन slogan एक हत्यारे Gary Gilmour के अंतिम शब्दों से प्रेरित हुई थी।
Gary Gilmour की कहानी
19 जुलाई 1976 को गिल्मोर ने यूटा देश की Orem City सिटी में एक पेट्रोल पंप लूटकर एक clerk की हत्या की थी। हत्या के अगले दिन ही गिल्मोर ने यूटा की दूसरी सिटी Provo में एक Motel लूटा जहां पर वह अपनी एक मानसिक रूप से प्रभावित बहन के साथ रहता था। वह सबूत छिपाने के प्रयास में उसने दो आदमियों की हत्या की। लेकिन सबूत को छिपाने में असमर्थ होने के कारण वह पकड़ा गया। अत्यंत ही क्रूर और भयंकर प्रकृति से हत्या करने के कारण उसे मौत की सजा सुनाई गई। सजा के बाद उसने फायरिंग दस्ते से उसे फांसी देने के लिए आग्रह किया क्योंकि वह जल्द से जल्द मरना चाहता था। लेकिन उसकी मां और American Civil Liberties Union (ACLU) के प्रयासों के कारण उसे फांसी के दो स्टे stay मिल गए जिससे वह काफी नाराज़ हुआ। फांसी में हो रही देरी ने उसे आत्महत्या के प्रयास के लिए प्रेरित कर दिया। आखिरकार अंत में 17 जनवरी 1977 को उसे मार डाला गया। मरने के तुरंत पहले गैरी गिल्मोर ने अपने अंतिम शब्द कहे। वह अंतिम शब्द थे let's do it । Dan Wieden जिन्होंने 1988 में Nike की टैग लाइन बनाई थी उन्होंने इस हत्यारे के बारे में अखबार में पढ़ा था। उन्हें "लेट्स डू इट" वाक्य में "डू इट" शब्द काफी पसंद आया। इसी "डू इट" शब्द को डैन वाइडन ने संशोधित करके Just Do It बना दिया। टैगलाइन बनाते समय डैन वाइडन ने इस टैगलाइन को गंभीरता से नहीं लिया था लेकिन उन्हें कहां पता था कि वह विश्व की सबसे प्रसिद्ध टैगलाइन बना रहे हैं।