21वी सदी को अत्याधुनिक और वैज्ञानिक चमत्कारों की सदी कहा जाये तो कोई हैरत की बात नहीं होगी। गूगल ने प्रत्येक कड़ी का उपयोग कर आज पूरी दुनिया को गूगल मैप के रूप में नायब तोहफ़ा भेंट किया। आइये जानते है मैप की कहानी और गूगल का कंट्रीब्यूशन Google's Contribution इसको और सरलतम व आधुनिक रूप देने के लिए।
दुनिया को बने अरबों साल बीत गए, पृथ्वी के आँचल में वक़्त की असंख्य परतें गुजरी और मिट्टी में धूमिल हो गयीं। कारण कई रहे जीवों के बनने और फिर ज़मीदोज़ हो जाने के, फिर चाहे वह दौर डायनासोर्स dinosaurs का रहा हो या पृथ्वी earth के तरल तल में पनपती करोड़ों प्रजातियों millions of species का रहा हो। समय करवट लेते-लेते मनुष्यों की सभ्यताओं human civilizations पर आ टिका है। इस बात में दोराय नहीं की जितनी तरक़्क़ी मानव सभ्यता ने कर ली है, उसके मुकाबले अन्य प्रजातियों को यह हुनर ईश्वर ने नहीं दिया। मानव सभ्यता का इतिहास पृथ्वी के सृजन के इतिहास की बूँद मात्र है। 5 लाख साल पुराने गिरते-उठते तथा बनते-बिगड़ते मनुष्य की सभ्यताओं की झलक महज़ 30 हज़ार साल पुरानी है, जिसमें मनुष्य ने निरंतर नई-नई गतिविधियों activities के चलते खुद को आज पृथ्वी की सबसे ताकतवर प्रजाति के रूप में स्थापित कर लिया है। छोटे-छोटे कबीलों से होते हुए आज पूरी पृथ्वी को एक नक़्शे या यूँ कहें मैप map में उतारने का अध्भुत कारनामा amazing feat मनुष्यों ने कर दिखाया। किस तरह से मैप बनाने की शुरुआत हुई और आज कैसे मैप का स्वचालित ढांचा automated framework हम सब के मोबाइल फ़ोन mobile phone तक विस्तारित expend हुआ। आइये जानते है मैप की कहानी और गूगल का कंट्रीब्यूशन Google's Contribution इसको और सरलतम व आधुनिक रूप देने के लिए।
मैप का संक्षिप्त इतिहास brief history of map
देखा जाए तो मानचित्र का इतिहास काफी प्राचीन है क्योंकि जिस तरह से मनुष्यों ने एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर कूच करने का निर्णय लिया, उसी प्रकार वह धीरे-धीरे मानचित्र को परिभाषित करता चला गया। बहुत पुराने साक्ष्यों ancient facts पर यदि नज़र डाले तो हम पाएंगे कि मार्शल द्वीपवासी marshal islanders ताड़ के डंठलों एवं कौड़िओं की सहायता से समुद्र संतरण ocean transmission के मार्गों तथा द्वीपों को दिखाने के लिए चार्ट तैयार करते थे। यदि हम अमेरिका, एशिया और अफ्रीका America, Asia and Africa जैसे द्वीपों की बात करें तो वे भी वनों, भोगैलिक स्थतियों geological conditions तथा जलीय मार्गों को रेखाचित्र की सहायता से प्रदर्शित करते थे। सीधी सी बात है जब से लोगों ने कागज़ और कलम का आविष्कार किया तभी से मैपिंग ने भी अपने पंख फैलाना शुरू कर दिया। अगर हम इतिहास को देखे तथा पढ़े तो हम पाएंगे कि बेबीलोनिया, मिस्र निवासी, फ़ारस निवासी Babylonian, Egyptian, Persia आदि को 2300 ई.पू. तक मैप बनाने से सम्बंधित ज्ञान हो चुका था। त्रिकोणमितीय सर्वेक्षण और देशांतरों Trigonometric Surveys and Longitudes की शुद्ध माप 18वीं सदी में संभव हो जाने पर मानचित्रों का शुद्धिकरण एवं संसोधन का युग प्रारंभ हुआ। 1801 ई0 में सर्वप्रथम 1 इंच =1 मील का मानचित्र तैयार किया गया। बाद में स्पेन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड Spain, Germany, Switzerland आदि अन्य देशों में भी राष्ट्रीय सर्वेक्षण प्रारंभ किए गए। 19वीं तथा 20वीं सदी में मानचित्र विज्ञान की अत्यधिक प्रगति हुई है। फ्रांस, संयुक्त राज्य अमरीका एवं सोवियत रूस ने राष्ट्रीय ऐटलस निर्माण की पद्धति प्रारंभ की, जिसमें राष्ट्र के बारे में शोधपूर्ण संसाधन तथ्यों का आलेख रहता है। वायुयान द्वारा भू-भागों की फोटो लेने की पद्धति ने पिछले दशकों, विशेषकर द्वितीय विश्वयुद्ध second World War तथा इसके उत्तरकाल में, मानचित्र कला की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान निभाया।
किस तरह गूगल ने मैप को दिया एक अगल प्रारूप
21वी सदी को अत्याधुनिक और वैज्ञानिक चमत्कारों की सदी कहा जाये तो कोई हैरत की बात नहीं होगी। जब हर तरह वस्तुओं का नवीनीकरण और मशीनीयुग का जैसा चलन शुरू हुआ, तो फिर मैप को आधुनकिता की उड़ान भला क्यों नहीं दी जाती। इस तरफ कई लोगों ने कई कार्य किये मगर लोगों की जेब तक अगर किसी ने मैप को पहुंचाने का कार्य किया तो उसका श्रेय गूगल को जाता है। बात आज से महज़ 16 साल पुरानी है, जब गूगल ने 2005 में गूगल मैप को ये कहते हुए लांच किया कि यह धीरे-धीरे इंसानों के लिए यह एक फायदेमंद और अतिआवश्यक फ़ीचर बन के उभरेगा। और ये सच भी है कि आज बिना किसी गूगल नेविगेशन के कोई भी एप्प अपने ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाती फिर चाहे वह ट्रेंडिंग फ़ूड एप्प स्विग्गी हो या ज़ोमेटो swiggy or zomato या फिर कोई कपड़ों की एप्प ही क्यों न हो होम डिलीवरी के लिए उसको गूगल के बताये पद्चिन्नों पर चल कर ही ग्राहक तक पहुंच पाने का सौभाग्य प्राप्त हो पता है। अगर हम ओला या उबेर Ola or Uber की ही बात कर लें तो इनकी भी पूरी कहानी गूगल मैप पर टिकी हुई है।
गूगल ने जैसे-जैसे समय-समय पर नई-नई सुविधाओं को जोड़ा और गूगल मैप के भीतर एक अदुभुत नयापन भरता रहा। Google मानचित्र एक ऐसी वेबसाइट के रूप में विकसित हुआ है जो आपको बारी-बारी से दिशा-निर्देश देता है। आज, यह डिजिटल रूप से और वास्तविक जीवन में, पैदल या कार से, सार्वजनिक परिवहन या व्हीलचेयर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचने का एक प्रवेश द्वार है। पूरी दुनिया आपके मोबाइल में है तय करिये और सफर शुरू करिये गूगल मैप के साथ।
गूगल मैप का बर्थडे
गूगल मैप्स Google Maps का जन्म 8 फरवरी, 2005 को हुआ था। पहली बार Google मानचित्र को डेस्कटॉप के लिए एक नए समाधान के रूप में लॉन्च किया गया था ताकि लोगों को "बिंदु ए से बिंदु बी तक पहुंचने में मदद मिल सके।" आज पूरी दुनिया में हर महीने 1 अरब से ज्यादा लोग गूगल मैप का इस्तेमाल करते हैं।
धीरे-धीरे गूगल मैप द्वारा पूरी पृथ्वी के 3D फिगर फीचर को दिखा कर इसको और सरल रूप से परिभाषित कर दिया है। आपको जान कर हैरानी होगी कि आज 5 मिलियन से अधिक वेबसाइट और ऐप्स हर रोज़ Google मानचित्र प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं। ऐसा पहले संभव नहीं था जब तक कि 2005 के मध्य तक Google मानचित्र ने API की घोषणा नहीं की गई थी। एक बात जो सच है कि किसी को भी ट्रैफ़िक या जाम पसंद नहीं होता है, इससे निजात दिलाने का काम भी गूगल ने बखूबी किया। Google मानचित्र लॉन्च करने के लगभग दो साल बाद, गूगल मैप ने 30 से अधिक यू.एस. शहरों के लिए ट्रैफ़िक स्थितियों पर रीयल-टाइम जानकारी पेश की। और इसलिए उन्होंने तीन बहु प्रसिद्द ट्रैफिक रंग का चुनाव किया जिसमें, लाल रंग अधिक जाम को दर्शाता है, पीला रंग कम ट्रैफिक को दर्शाता है तथा हरा रंग ट्रैफिक मुक्त सड़क को दर्शाता है। इस पहल से अमेरिका वासियों को काफी फायदा पंहुचा फिर बाद में आज की तारीख़ में हर देश के पास गूगल मैप का रियल टाइम मौजूद है।
ट्रिप के लिए चुना पहला शहर
Google ट्रिप अपना प्लानर पोर्टलैंड से शुरू करता है। दिसंबर 2005 में, पोर्टलैंड, ओरेगन ट्रांजिट ट्रिप प्लानर का उपयोग करने वाला पहला शहर बना था, जिससे यात्रियों को सार्वजनिक परिवहन कार्यक्रम और मार्ग देखने में मदद मिली। यह एक स्टैंडअलोन उत्पाद के रूप में शुरू हुआ लेकिन अंततः इसे Google मानचित्र में जोड़ दिया गया। कुछ ही वर्षों में, इस सुविधा ने दुनिया भर के शहरों में अपनी जगह बना ली।
जब गूगल मैप पंहुचा मोबाइल फ़ोन में
कई वर्षों के कार्य के आधार पर, नवंबर 2007 में गूगल ने गूगल मैप को मोबाइल के भीतर भी प्रवेश करवा दिया फिर तो रास्ता बहुत आसान हो गया आज के मनुष्य के लिए। Google द्वारा मानचित्र का संस्करण 2.0 जारी किया, जो ब्लैकबेरी, पाम उपकरणों और अन्य के लिए उपलब्ध है। 2008 में, गूगल मैप का पहला Android ऐप लॉन्च हुआ, उसके बाद 2012 में iOS ऐप लॉन्च हुआ। आज पूरी दुनिया की सड़कें और रास्ते आप आराम से गूगल मैप की छोटी सी दुनिया में ज़ूम करके देख सकते हैं।
और क्या-क्या फीचर हैं जो बनाते हैं गूगल मैप को खास
1) हरी बत्ती द्वारा करता नेविगेट; इसके द्वारा आपको आपकी मंजिल तक पहुँचाने का कार्य है। मान लीजिये की आप चलते-चलते गलत रास्ता पकड़ लेते हैं, तो यह आपको उसी रास्ते के द्वारा होते हुए सही रास्ते तक ले जाने हेतु मदद करेगा। रिकॉर्ड आवाज़ के द्वारा आप अपने रास्ते को समझते हुए मंजिल तक पहुंच सकते हैं। इस सुविधा को गूगल ने 2009 में ऐड किया।
2) street view ट्रेकर की सुविधा ; स्ट्रीट व्यू पहले से ही अलग अलग स्थानों को कैप्चर करने के लिए लाया गया जिसमें कई असामान्य रास्ते भी थे जैसे घने-घने जंगल आदि, लेकिन 2012 में गूगल ने गूगल मैप में स्ट्रीट व्यू ट्रेकर को पेश किया, जिसमें आवश्यक सभी उच्च-तकनीकी उपकरणों का प्रयोग किया गया। गूगल मैप ने सबसे पहले ट्रेकर को ग्रैंड कैन्यन का पता लगाने के लिए बाहर निकाला, और तब से यह अमेज़ॅन वर्षावन और एफिल टावर के शीर्ष जैसे कठिन पहुंच वाले स्थानों से इमेजरी स्थानों तक अपनी पहुँच रखने लगा या यूँ कहें कि उस पर कब्जा स्थापित करने में सफल हो सका।
3) प्रासंगिक स्थानीय जानकारी प्रदान करने के लिए गूगल मैप पर लंबे समय से काम करते हुए, 2014 में, गूगल ने रेस्तरां, बार और होटलों के बारे में, उनकी रेटिंग और कीमतों जैसी जानकारी ब्राउज़ करना आसान बना दिया। आज, आप दुनिया भर में लगभग 200 मिलियन व्यवसायों और स्थानों के लिए इस प्रकार के विवरण देख सकते हैं, ठीक अपने एक्सप्लोर टैब के माध्यम से।
4) इंटरनेट नहीं तो भी कर सकते हैं इस्तेमाल; गूगल मैप में नवंबर 2015 में, गूगल ने ऑफ़लाइन मानचित्र लॉन्च किए, ताकि जब आपके पास कनेक्टिविटी न हो, तब भी आप मोड़-दर-मोड़ ड्राइविंग दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकें, विशिष्ट गंतव्यों की खोज कर सकें और स्थानों के बारे में उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकें।
5) गूगल मैप हर दम लाइव, लाइव व्यू के साथ; बीते साल भर के थोड़ा पहले ही गूगल मैप में नया फ़ीचर जोड़ा गया। लाइव व्यू की घोषणा के बाद से आप दुनिया के बारे में अपने दृष्टिकोण पर स्पष्ट रूप से तीरों और दिशाओं के साथ चलने के तरीके को समझने में आपकी मदद करने के लिए संवर्धित वास्तविकता का उपयोग करता है।
निष्कर्ष
कोई भी नई सुविधा रातों-रात तैयार नहीं हो जाती हो सकती है उसके पीछे सदियों का इतिहास काम कर रहा होता है । हो सकता है बहुत पुरानी जानकारी के बलबूते पर ही आज की दुनिया उसका बखूबी से फायदा उठा पाने में सक्षम हो पायी हो। बात या कहानी जो भी हो प्रत्येक मनुष्य वर्तमान की सुविधाओं को भोगने पर विश्वास अधिक रखता है, बजाय इसके कि इसका चलन और शुरुआत कहाँ से हुई। मगर कड़ी से कड़ी जुड़ कर ही एक आविष्कार और नवीनीकरण की माला बन पाती है। गूगल ने प्रत्येक कड़ी का उपयोग कर आज पूरी दुनिया को गूगल मैप के रूप में नायब तोहफ़ा भेंट किया जिसके कई फायदे हम अपने रोज़मर्रा के जीवन में देख पा रहे हैं फिर चाहे वह मैप का शुरुआती दौर रहा हो या आज का आधुनिक दौर।