लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा (Competition) की दौड़ में हम सब आगे निकलना चाहते हैं। यही कारण है कि आज के इस दौर में तनाव और चिड़चिड़ापन हमारे जीवन का एक हिस्सा बन चुका है। हम सब इतने उलझे हुए हैं कि नौकरी, व्यापार, परिवार, समाज के चलते अक्सर अपनी खुशियों को नजरअंदाज कर देते हैं। आज इस अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) के अवसर पर आइए कुछ खुशियां बाटें।
संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक हैप्पीनेस इंडेक्स 2022 (World Happiness Report 2022) के अनुसार हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत (India) का स्थान 136वां है, जबकि पाकिस्तान 121वें रैंक पर है। आपको बता दें कि फिनलैंड (Finland) लगातार पांच सालों से दुनिया का सबसे खुशहाल देश (world's happiest country) चुना जा रहा है। और इस बार भी फिनलैंड हैप्पीनेस इंडेक्स (Happiness Index) में पहले स्थान पर है। इसके अलावा इस इंडेक्स में अमेरिका 16वें और ब्रिटेन 17वें नंबर है।
भारत के लोगों को निश्चित रूप से इसपर गौर करना चाहिए, आखिर क्या वजह है जिसके कारण हम ख़ुशी (Happiness) के मामले में इतने पीछे हैं?
शारीरिक विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर में "एंडोर्फिन" (Endorphins) नामक हार्मोन के उत्सर्जन से हमे खुशी महसूस होती है और दर्द का अहसास कम हो जाता है। हमे खुश रहने के लिए अपनी रुचि और इच्छा के अनुसार काम करना चाहिए जैसे सैर करना, व्यायाम करना (exercising), खेलना (playing), संगीत सुनना (listening to music), परिवार के समय बिताना (spending time with family), यात्रा करना (traveling), मित्रों से मिलना (meeting friends), असहाय की मदद करना (helping the helpless) आदि। निश्चित रूप से अपने मन के अनुसार किये जाने वाले कामों द्वारा हमें प्रसन्नता की सहज अनुभूति होती है। खुश रहना हम सबका अधिकार है। इसके अलावा खुश रहने के कई फायदे भी है जैसे यदि व्यक्ति मानसिक रूप से (Mentally) स्वस्थ और खुश रहता है तो निश्चित ही उसकी कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।
आज के माहौल में खुश रहना कौन नहीं चाहता? जैसे कि हम सब जानते हैं की दुनिया में हर रोज कोई विपत्ति या संकट आ रहा है, पहले महामारी और अब वर्ल्ड वॉर, ऐसे में हर कोई चिंतित है की हमारा भविष्य (Future) क्या होगा। हालांकि तमाम मुसीबतों के बावजूद भी हम खुश रह सकते हैं बशर्ते कि कुछ बातों का ध्यान हमे रखना होगा-
हमे सबसे पहले खुद की मदद करनी होगी यानी अपने आप को अहमियत देना बहुत ज़रूरी है। सबसे पहले अपनी खूबियों को संवारने का काम करें और खुद को कमजोर न समझें। आत्मविश्वास बनाए रखें, खुद से प्यार करें और खुद को आगे बढ़ाएं।
हमारे मन का काम हमें हमेशा खुशी देता है। जिस कार्य को करने से आपको ख़ुशी मिले वही काम करें और यदि आप कोई ऐसा काम करते हैं जिसमे आपकी रूचि और ख़ुशी नहीं है तो उस काम को रोचक बना दीजिये मतलब उस काम में फन या मस्ती ढूंढिए तो आप उस काम को ज्यादा मन से करेंगे।
ये सच्चाई है कि सुबह जल्दी उठने की आदत हमें एनर्जेटिक बनाए रखती है और ये एनर्जी हमें खुशी देती है। जब हम स्वस्थ रहते हैं तो खुश भी रहते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप हम समय पर और उत्साह से अपना काम पूरा करते हैं।
अपनी जिंदगी को आसान बनाइए मुश्किल नहीं। दिखावटीपन से ज्यादा कुछ नहीं होता बस खुद का बहुत नुक्सान होता है इसलिए जितना हो सके दिखावटी लोगों से दूर रहे और आप स्वयं भी ऊपरी दिखावा न करे।
अपनों का साथ हमें खुशी देता है इसलिए घर-परिवार, आस पड़ोस, यार-दोस्तों और रिश्तेदारों से बेहतर व्यवहार रखें एवं उनके सुख-दुख में शामिल हों। और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद जरूर करें इससे आपको खुशी महसूस होगी।
आपके द्वारा किये गए रचनात्मक काम आपको खुशी का एहसास कराते हैं। जिस क्षेत्र में भी आपकी दिलचस्पी है, आप उसमें रचनात्मक ढूंढे और कुछ नया करने की कोशिश करें। इसके बाद लोगों से मिलने वाली प्रतिक्रियाएं आपको खुशी देगी।
अपने अतीत के बारे में सोचकर अपना वर्तमान और भविष्य खराब न करें। क्योंकि जो हो गया उसको आप बदल नहीं सकते लेकिन जो होने वाला है आप उसको बेहतर बना सकते हैं। तो वर्तमान में खुशियां तलाशिए, अतीत में दुःख नहीं।
ये हम सब जानते हैं कि हमारी खुशी में हमारे आसपास के लोगों की भी खास भूमिका होती है। इसलिए बुरी संगत से बचें और उन लोगों की संगत में रहें जो आशावादी, रचनात्मक और आत्मविश्वास से भरपूर हो।
दूसरों को देखकर अपनी तुलना करना और फिर दुखी होना छोड़ दीजिए। आपके पास जो कुछ भी है उसका पूरा आनंद लीजिये। ना किसी को छोटा महसूस कराएं और ना ही किसी से छोटा महसूस करें, खुद के पास जो है, उसकी अहमियत समझें और खुश रहें।
आप अपने नियमित काम से बीच-बीच में छुट्टी जरूर लें और घर-परिवार या दोस्तों के साथ छोटी या बड़ी यात्रा पर जरूर जाएं। प्रकृति के साथ जुड़ाव आपको प्रसन्नता की अनुभूति कराएंगे, इसलिए ज्यादातर प्रकृति के साथ जुड़ाव बनाएं रखें।
ज्यादातर लोग सिर्फ दूसरों की कमियां निकालते हैं और बुराइयां करते हैं, हालांकि ऐसा करने से लोग खुद का ही मन गंदा करते हैं इसलिए दूसरे लोगों की कमियों पर नजर रखने के बजाय उनकी खूबियों को तलाशें और उनके गुणों की प्रशंसा करें। इसके साथ ही कमियां खुद में देखें और उन्हें दूर करने की कोशिश करें।
अपने ईश्वर पर भरोसा बनाए रखें और आपकी हर ख़ुशी के लिए उसका धन्यवाद जरूर करें। मुसीबत आने पर टूटें नहीं बल्कि अपने यकीन को बनाएं रखें।
क्या है तनाव (Stress) की वजह :
आइए जानते हैं कि तनाव का कारण क्या है। "कॉर्टिसोल" (Cortisol) हार्मोन के उत्सर्जन की वजह से हमे तनाव महसूस होता है। हमे इसके बारे में खुद ही सोचना चाहिए कि तनाव की वजह क्या है जैसे अधिक काम का बोझ, करियर की चिंता, बच्चों की परवाह, घर के झगड़े या बुरा अतीत। यह हमे खुद ही समझना होगा कि किन कारणों से तनाव हो रहा है। और फिर उसके लिए उचित समाधान भी करने होंगे। हालांकि, नकारात्मकता से जितना हो सके उतनी दूरी बना कर रखिए।
चलो कोई निशां ढूंढते हैं,
दिल का बहता हुआ कारवां ढूंढते हैं,
मुद्दत हो गयी है मुस्कराये हुए,
चलो खुशी का कोई जहां ढूंढते हैं।
-अज्ञात
राष्ट्र का पूर्ण विकास (development) तभी होगा जब वहां के नागरिक प्रसन्नता से रहेंगे एवं मानसिक ,शारीरिक एवं भावनात्मक उन्नति करेंगे।
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