लगभग 90% स्टार्टअप (Startup) शुरू होते ही 5 वर्षों के अंदर ही विफल हो जाते हैं, जिनमें से लगभग 90% खराब प्रबंधन (poor management) यानि मैनेजमेंट के कारण विफल होते हैं। प्रबंधन या मैनेजमेंट (management) हमेशा हर व्यवसाय का एक मुख्य पहलू रहा है। लेकिन आज के दौर में आंतरिक और साथ ही बाहरी कारोबारी माहौल में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण संगठन का अच्छा प्रबंधन करना कठिन हो गया है। अच्छा प्रबंधन कंपनी को लाभ और प्रतिष्ठा दिला सकता है जबकि खराब प्रबंधन कंपनी को प्रतिस्पर्धा से बाहर भी कर सकता है। आज हम इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि किसी व्यवसाय में मैनेजमेंट का क्या महत्व (importance of management) है और आप मैनेजमेंट के क्षेत्र में किस तरह अपना करियर बना सकते हैं।
आइए प्रबंधन का एक उदाहरण लेते हैं,
मान लीजिए आपने एक छोटा सा रेस्टोरेंट खोला। अब ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण भोजन बेचना और उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करना आपका उद्देश्य है, लेकिन यह आपका एकमात्र काम नहीं है, इसके अलावा भी आपको कई काम करने होते हैं। जैसे अपने रेस्टोरेंट को सुचारू रूप से चलाने के लिए रेस्टोरेंट के मेनू की योजना बनाना, ग्राहकों का आर्डर लेने के लिए एक सूची बनाए रखना, जो कि आवश्यक है। इसके अलावा बजट की योजना बनाना, पैसे का हिसाब रखना, और ग्राहकों की शिकायतों को सुलझाना, साथ ही कर्मचारियों को काम पर रखना और उन्हें प्रशिक्षण देना आदि कई काम भी होते हैं। अगर इनमें से एक काम की भी अनदेखी की जाती है तो आपके व्यवसाय को बहुत बड़ा झटका लगेगा।
और यहीं से प्रबंधन काम आता है। असफलता से बचने के लिए आपको बेहतर प्रबंधन के साथ काम करने की आवश्यकता है। समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से काम करने से आपका व्यवसाय असफल नहीं होता बल्कि ज्यादा मुनाफा होना शुरू हो जाता है।
प्रबंधन वह प्रक्रिया है जहां एक व्यक्ति संगठन या कंपनी (company) की गतिविधियों और संसाधनों की योजना, उनका आयोजन, निर्देशन और नियंत्रण (plans, organises, directs and controls) करता है ताकि अपने लक्ष्य को इस बदलते परिवेश में प्रभावी और कुशल तरीके से प्राप्त कर सके। मैनेजमेंट, किसी संगठन के व्यावसायिक मामलों के पर्यवेक्षण या देखरेख और नियंत्रण (supervising and controlling) की प्रक्रिया है।
प्रबंधन में आपको कर्मचारियों के लिए एक व्यावसायिक वातावरण भी बनाना होगा ताकि एम्प्लाइज संगठन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक और सक्षम रूप से प्राप्त करने के लिए मिलकर काम कर सकें। मैनेजमेंट व्यवसाय में पूरे समूह को अपने कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से संयोजित करने के लिए निर्देशित करता है ताकि संगठन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
अच्छा प्रबंधन एक कला है, जिसमे आप समस्याओं को इतना दिलचस्प और उनके समाधान को इतना रचनात्मक बना सकते हैं कि हर कोई अपना काम स्वयं ही समय पर करना चाहता है।
एक व्यवसाय में प्रबंधन के महत्व को कभी भी कम नहीं आंका जा सकता है क्योंकि यह एक सिद्ध तथ्य है कि किसी कंपनी की सफलता पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि इसे कितनी अच्छी तरह से प्रबंधित किया गया है।
एक कंपनी में कई कर्मचारी होते हैं जो एक साथ काम करते हैं। जिसमें सबके अपने-अपने लक्ष्य हैं। प्रबंधन उन्हें एक साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक सामान्य दिशा देता है।
उदाहरण: एक कंपनी का लक्ष्य अपने उत्पादन और लाभ को अधिकतम करना है। और एक कर्मचारी का लक्ष्य कंपनी से अपना अधिक वेतन प्राप्त करना है। प्रबंधन कर्मचारी प्रेरणा रणनीतियों का उपयोग करके इन दो लक्ष्यों को संरेखित करने में मदद करता है जिससे कर्मचारी संगठन को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देता है और कंपनी का लक्ष्य भी पूरा हो जाता है।
एक प्रतिस्पर्धी माहौल में काम करने वाले संगठन के लिए संसाधनों का उचित उपयोग वास्तव में महत्वपूर्ण है। प्रबंधन काम के विभाजन में मदद करता है और कर्मचारियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करता है और काम के बोझ से दबने से रोकता है।प्रत्येक कर्मचारी की किसी न किसी काम में विशेषज्ञता होती। प्रबंधन के माध्यम से कर्मचारियों को उनके ज्ञान के क्षेत्र से संबंधित कार्य दिया जाता है। जो काम की गति और सटीकता को बढ़ती है।
उदाहरण: प्रबंधन यह सुनिश्चित करता है कि जो व्यक्ति बिक्री में अच्छा है उसे केवल बिक्री विभाग में ही काम दिया जाए न कि किसी अन्य विभाग में। साथ ही, उसे उचित प्रशिक्षण प्रदान करता है कि वास्तविक बिक्री यात्राओं के दौरान सीखने में अधिक समय बर्बाद न हो।
प्रबंधन उत्पादकता के सभी कारकों को संयोजित करने और उन्हें व्यवस्थित करने में मदद करता है। इसमें संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग शामिल है जो समय और प्रयासों की बर्बादी को रोकता है, जो अंततः पैसे की बर्बादी को कम करता है। इसलिए प्रबंधन बेहतर आरओआई (Return on investment) देता है।उत्पाद की लागत में कमी कंपनी को बाजार में एक अच्छी स्थिति प्राप्त करने में मदद करती है और कंपनी को प्रतिस्पर्धा में आगे रखती है।
कंपनी का मुख्य उद्देश्य सबसे कुशल परिणाम प्राप्त करना है यानी आउटपुट को अधिकतम करके और इनपुट को कम करके अधिकतम लाभ प्राप्त करना है। प्रबंधन के द्वारा संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग से लागत में कमी की जा सकती है। प्रबंधन के इन कारकों के परिणामस्वरूप कंपनी की दक्षता में वृद्धि होती है।
एक कंपनी हमेशा गतिशील वातावरण में काम करती है जहां कई बाहरी कारक जैसे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक आदि इसके कामकाज को प्रभावित करते हैं। इससे कंपनी के लिए बदलते परिवेश के अनुसार अपने अल्पकालिक लक्ष्यों और कार्यशैली को बदलना लगभग अनिवार्य हो जाता है। प्रबंधन कंपनी को सफलता प्राप्त करने और बदलते परिवेश के अनुकूल होने में मदद करता है।
उचित प्रबंधन का लक्ष्य हमेशा संगठन में सुचारू रूप से काम कराना और कंपनी की विफलता दर को कम करना है। इस प्रकार, मैनेजमेंट कठिन परिस्थितियों को दूर करने में मदद करता है और संगठन को प्रतिस्पर्धियों से आगे रखता है। आधुनिक कारोबारी माहौल में, उचित प्रबंधन के माध्यम से बड़े बाजारों में अपने संगठन को आगे बढ़ाया जा सकता है।
अच्छा प्रबंधन न केवल कार्य की कठिनाई को कम करता है बल्कि महंगे और दुर्लभ उपलब्ध संसाधनों के अपव्यय को भी रोकता है। प्रबंधन, सेवाओं और उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता प्रदान करने में मदद करता है जो जीवन स्तर को बढ़ाता है। किसी भी संगठन को अच्छा लाभ प्राप्त करने के लिए ज्यादा काम करने की आवश्यकता भी होती है, प्रबंधन के जरिये उसी आवश्यकता की पूर्ती की जाती है इससे रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।
बिज़नेस मैनेजमेंट में अपना करियर बनाने से पहले आपको समझना होगा कि बिज़नेस मैनेजमेंट क्या है और कैसे काम करता है।
बिजनेस मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन के तौर पर आपके पास किसी एंटरप्राइज या बिजनेस को चलाने के लिए आवश्यक मैनेजमेंट स्किल्स के बारे में संपूर्ण जानकारी और दृष्टिकोण होना आवश्यक है। इसके साथ ही प्लानिंग, ऑर्गनाइजिंग, एग्जीक्यूशन, डायरेक्शन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक सभी कार्यों का काम मैनेजमेंट का होता है। हर एक इंडस्ट्री में, उन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है जो सारे कार्यों का संचालन कर सकें और साथ ही विभिन्न डिपार्टमेंट्स के बीच तालमेल भी स्थापित कर सके।
आप अपने करियर की नींव बनाने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट का विकल्प चुन सकते हैं क्योंकि यह एक व्यापक विषय है जो आपको अपने करियर के बाद के वर्षों के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। बिजनेस मैनेजमेंट में करियर बनाने का एक नजरिया यह भी है कि, यह बढ़िया सैलरी पैकेज ऑफर करता है और इस कोर्स को करने पर आप गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों में से किसी भी सेक्टर में जॉब कर सकते हैं या अपना बिजनेस भी शुरु कर सकते हैं। यदि आपके पास ऑर्गनाइजिंग स्किल्स हैं, साथ ही यदि आप संगठन के सभी कामों की देखभाल कर सकते हैं, तो आप बिजनेस मैनेजमेंट की फील्ड में अपना एक सफल और बेहत करियर बना सकते हैं।
संगठन से सारे कामकाज के लिए बिजनेस मैनेजर मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है, जिसके तहत प्लान्स बनाने से लेकर उन्हें लागू करने तक सभी काम मैनेजर के ही होते हैं। मैनेजर्स, कोई भी निर्णय संगठन के लाभ को ध्यान में रखते हुए ही लेते हैं। इसके साथ ही मार्केटिंग, फाइनेंस या ह्यूमन रिसोर्स सहित सभी डिपार्टमेंट्स के लीडर बिजनेस मैनेजर को रिपोर्ट करते हैं और बिजनेस मैनेजर कंपनी के सीईओ या एमडी को रिपोर्ट करता/करती है। अतः बिजनेस मैनेजर किसी भी संगठन में सभी कार्यों के संचालन के लिए एक प्रबंधक और संरक्षक के तौर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आजकल, बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स स्टूडेंट्स का सबसे पसंदीदा करियर ऑप्शन बन गये हैं क्योंकि ये कोर्स एक शानदार करियर विकल्प प्रदान करता है। आजकल ज्यादातर इंस्टिट्यूट मैनेजमेंट डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज प्रदान करते हैं। अतः, मैनेजमेंट कोर्सेज के प्रकार को लेकर कंफ्यूज होने के बजाय, हमें पहले इन कोर्सज के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और उसके बाद ही आपको अपने लिए बेहतर विकल्प चुनना चाहिए।
बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा 1 वर्ष का होता है। यह आप 12वीं के बाद कर सकते हैं। बिज़नेस डिप्लोमा करने के बाद आप किसी भी संगठन में एंट्री लेवल की जॉब कर सकते हैं। लेकिन आपको इस फील्ड में काम करने पर बहुत कुछ सीखने के लिए मिलेगा।
बिज़नेस क्षेत्र के अंडरग्रेजुएट कोर्स को बीबीएम अर्थात बैचलर, बिजनेस मैनेजमेंट के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स का ड्यूरेशन 3 वर्ष का होता है और इस कोर्स के पूरा होने पर आपको संबद्ध कॉलेज, इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी से डिग्री प्रदान की जाती है। उसके बाद आप किसी संगठन से जुड़कर काम कर सकते हैं।
बिज़नेस के क्षेत्र में पोस्टग्रेजुएट कोर्स को आमतौर पर एमकॉम (बिजनेस मैनेजमेंट)/ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स आदि के नाम से जाना जाता है। इस कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है और उसके बाद आपको संबद्ध कॉलेज, इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी से डिग्री प्रदान की जाती है।
बिज़नेस की फील्ड में, बिजनेस मैनेजमेंट में डॉक्टोरल कोर्स या पीएचडी (PHD) की अवधि 3 वर्ष की होती है, इसमें यह कोर्स सेमेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाया जाता है और स्टूडेंट्स उन टॉपिक्स पर रिसर्च करने का अवसर प्रदान किया जाता है जो संगठन द्वारा लागू मौजूदा प्रैक्टिसेज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।
इस आर्टिकल में बिज़नेस मैनेजमेंट से संबंधित कई पहलुओं को बताया गया है, आशा है आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। बिज़नेस से जुड़े अन्य तथ्यों के बारे में जानकरी के लिए पढ़ते रहिये -थिंक विथ नीस