आपके जीवन में अनुशासन का महत्व

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02 Sep 2021
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आत्म-अनुशासन का अर्थ है आत्म-नियंत्रण। आत्म-अनुशासन अपनी प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण करने की क्षमता है। आत्म-अनुशासन हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और कार्यों को पूरा करने की और अपने निर्णयों पर टिके रहने और अपना मन बदले बिना उनका पालन करने की शक्ति देता है। आत्म अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी कौशलों में से एक है, जो हर किसी के पास होना चाहिए। चाहे व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में क्यों ना हो, अनुशासन की आवश्यकता हर जगह है।

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याद है आपको, स्कूल में हमें आत्म-अनुशासन का महत्व समझाया जाता है। हमारे टीचर्स हमें बताते थे कि अगर जीवन में सफल होना है, तो हमें अनुशासित होना पड़ेगा। आत्म-अनुशासन एक ऐसा कौशल है, जो हर व्यक्ति चाहे वो कोई विद्यार्थी हो, बिज़नेसमैन हो, खिलाड़ी हो, कर्मचारी हो आदि सभी के पास होना चाहिए। लोगों ने हमेशा से ही अनुशासन के महत्व को समझा है और इसे अपनाकर अपने डेली रूटीन में सुधार देखे हैं।

बहुत से लोग अनुशासित होने को समझते हैं कि व्यक्ति खुद के साथ कठोर है और जीवन जीने का आनंद नहीं ले रहा है। लेकिन वास्तव में आत्म-अनुशासन अपने आपसे कठोर होना नहीं है, बल्कि यह स्वयं के ऊपर नियंत्रण की एक प्रक्रिया है। आत्म-अनुशासन का अर्थ है, आत्म-नियंत्रण। जब आपको पता होता है कि एक निश्चित काम आपके लिए सही नहीं है और आप कोई भी एक्शन लेने से पहले सोच-विचार कर अपनी प्राथमिकताएँ चुनते हैं। आत्म-अनुशासन हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने और कार्यों को पूरा करने की और अपने निर्णयों पर टिके रहने और अपना मन बदले बिना उनका पालन करने की शक्ति देता है।

बहुत ही सामान्य और सरल भाषा में कह सकते हैं कि आत्म अनुशासन वह ताकत है जो आपको हमेशा प्रेरित रहने में मदद करती है। जब आप अपने जीवन में इसे लागू करते हैं, तो आप अच्छी आदतों को विकसित कर, बुरी आदतों की तरफ ध्यान नहीं देते हैं। आप एक सही रूटीन फॉलो करने लगते हैं, हेल्थी खाना खाते हैं, व्यायाम और मेडिटेशन को नियमित रूप से करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि आप खुद के अंदर एक बदलाव महसूस करते हैं और काम को टालना, आलस्य आदि जैसी समस्याएं आपके जीवन में कम होने लगती हैं।

आत्म अनुशासन की परिभाषा

  • आत्म अनुशासन भविष्य में होने वाले बड़े लाभ के लिए तत्काल संतुष्टि को त्यागने की क्षमता है।
  • आत्म अनुशासन उन सभी चीजों को ना करने की क्षमता है, जिसके भविष्य में नकारात्मक प्रभाव दिखें।
  • जो व्यक्ति आत्म अनुशासन का पालन करता है, वह अपने समय को निरर्थक चीजों में बरबाद ना करते हुए उसका सदुपयोग करता है।
  • आत्म अनुशासन एक सही योजना बनाकर आगे बढ़ने की क्षमता है।
  • आत्म अनुशासन असफलताओं और परिणाम की चिंता ना करते हुए, हार ना मानने की क्षमता है।

जो लोग अनुशाहित होते हैं, वे किसी और के प्रति नहीं बल्कि स्वयं के प्रति आज्ञाकारी होते हैं। ऐसे लोग अपने काम को पूरा करने की योजना बनाते हैं और आलस्य या किसी डिस्ट्रक्शन की वजह से अपनी योजना को नहीं बदलते हैं और समय से पहले ही काम को पूरा करने की क्षमता रखते हैं। जिन लोगों में अनुशासन की कमी होती है वे लोग अक्सर असफल होते हैं, उन्हें स्वास्थ समस्याएं होती हैं, उन्हें अक्सर तनाव और चिंता रहती है और वे लोग दुखी रहते हैं।

अनुशासित कैसे बनें?

किसी भी चीज को सीखने का सबसे आसान तरीका होता है, नियमित अभ्यास करना। अपने डेली रूटीन में आप कुछ बदलाव लाकर एक अनुशासित व्यक्ति बन सकते हैं। हमें आत्म अनुशासन को विकसित करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए-

  • रोज एक टू डू लिस्ट बनाएं और कोशिश करें की टू डू लिस्ट के सारे टास्क को आप पूरा करें।
  • कोई भी काम करने से पहले उसकी सही योजना बनाएं और एक डेडलाइन सेट करें।
  • स्मार्टफोन और टेलीविजन का उपयोग कम करें। आज की दुनिया में अगर टेक्नोलॉजी से हमारा काम आसान हुआ है तो उसके नकारात्मक प्रभाव भी हैं। इसलिए सोशल मीडिया के आदी ना बनें और स्मार्टफोन का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर ही करें।
  • बेवजह का हर बात पर गुस्सा ना करें और गुस्से को नियंत्रित करना सीखें।
  • अपने आप को मोटिवेट करने के लिए अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ें और जरूरी लाइंस को एक डायरी पर लिखें। 
  • अपने आप को प्रोडक्टिव कामों में इतना व्यस्त रखें कि आपको समय बर्बाद करने का समय ही ना मिले।
  • नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन करें।
  • दूसरे मामलों के बारे में सोचने के बजाय,आप जो कर रहे हैं उस पर ध्यान दें।
  • अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर नए-नए स्किल्स सीखें।
  • आसानी से हार मानने की बजाय अपने जीवन के हर क्षेत्र में बाधाओं का सामना करना सीखें और उनसे निपटना सीखें।
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