हम खाना बनाने के लिए उसमें तेल, मसाले और भी कई सारी चीज़ें डालते हैं पर जिस बर्तन में भोजन बनता है उसकी तरफ ध्यान नहीं देते हैं। क्योंकि बहुत सारे बर्तन ऐसे होते हैं जो हमारी सेहत को नुकसान पहुँचाते हैं इसलिए बर्तनों का इस्तेमाल भी हमेशा देखकर करना चाहिए क्योंकि कुछ धातु के बर्तन ऐसे हैं जिनमें खाना बनाने या खाना खाने से हमारे शरीर को ताकत मिलती है और हम बीमारियों से बचे रहते हैं।
हमारे जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है, हमारे खान-पान का। अगर हमारा खानपान अच्छा है, तो हम स्वस्थ रहेंगे अन्यथा हमें कई तरह की बीमारियाँ घेर सकती हैं। हमारे खानपान या भोजन का प्रभाव हमारे शरीर पर किस तरह पड़ता है वह निर्भर करता है कि हम किस तरह के बर्तन में भोजन कर रहे हैं। जी हाँ हमारे स्वास्थ्य पर बर्तनों का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। अलग-अलग धातु के बर्तनों का प्रभाव शरीर पर अलग-अलग तरह से पड़ता है। सोना, चाँदी, स्टील, एल्युमीनियम अलग-अलग धातु के बर्तन में भोजन करने से अलग अलग प्रभाव पड़ते है।
सोने के बर्तन
सोना एक बहुत ही महंगी धातु है। यह गर्म स्वभाव की धातु है। सोने के बर्तन में भोजन करने से शरीर को काफी फायदे हैं। इससे शरीर को मजबूती मिलती है और आँखों की रोशनी भी बढ़ती है। सोने को पहनने से गले, कान, हाथ, पैर और छाती का दर्द कम हो जाता है। शुद्ध सोने में एंटी इंफ्लेमेंटरी जैसे गुण पाए जाते हैं। असली सोना शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है। गोल्ड का प्रयोग शरीर में लगे घावों का इलाज करने के लिए भी किया जाता है। प्राचीन ग्रंथों से पता चलता है कि सोने को जब किसी घाव पर लगाया जाता है तो यह संक्रमण को रोकता है और साथ ही सोने से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है। सोने के बर्तन में खाना खाने से सांस से संबंधी कोई बीमारी नहीं होती है। सोना दिल की बीमारियों में भी फायदेमंद होता है सबसे जरूरी बात ये है कि सोना एक ऐसी धातु है जिसमें बने खाने को खाने से से आपका दिमाग और शरीर दोनों शांत रहते हैं।
चाँदी के बर्तन
चाँदी एक ठंडी धातु है। चांदी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह शरीर में ठंडक बनाए रखती है जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित बना रहता है चाँदी के बर्तन में भोजन करने से और बनाने से दिमाग तेज होता है और साथ ही साथ यह शरीर को शांत रखती है। चाँदी से आँखों की रोशनी भी बढ़ती है। अगर शुद्ध चांदी को धारण किया जाए तो हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। इसके अलावा इससे वात, पित्त और कफ भी नियंत्रित रहता है। चांदी हमेशा बैक्टीरिया फ्री एवं संक्रमण रहित होती है इसलिए इसके बर्तनों का प्रयोग हमें कई तरह की बीमारियों से बचाता है और शुद्धता प्रदान करता है। इसके फायदे को देखते हुए छोटे बच्चों को चांदी के गिलास, कटोरी और चम्मच में रखकर खाना खिलाया जाता है।
तांबा के बर्तन
तांबा यानि कॉपर भी कहते हैं। कॉपर के बर्तन का नियमित रूप से उपयोग करने से पाचन क्रिया सही रहती है जिससे पेट दर्द, गैस, एसिडिटी और कब्ज़ जैसी परेशानियाँ नहीं होती हैं। तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और त्वचा में चमक भी आती है साथ ही साथ तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से थायरॉयड ग्रंथि से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी काफी कम हो जाता है और नियमित सेवन करने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को नियंत्रित किया जा सकता है। तांबे के बर्तन में खाना खाने के अनगिनत फायदे हैं। तांबें में एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। कॉपर इम्यूनिटी को मजबूत करता है। इससे शरीर के घाव भी भर जाते हैं।
कांसे के बर्तन
कांसे के बर्तन में खाना खाने से दिमाग तेज होता है और भूख भी बढ़ती है। इससे खून भी साफ़ भी होता है। तांबे के बर्तन में खाना खाते हुए एक बात याद रखनी चाहिए कि इसमें कभी भी खट्टी चीज़ें नहीं रखनी चाहिए क्योंकि खट्टी चीज़ें तांबे के साथ क्रिया करके विषैली हो जाती हैं। कांसे के बर्तन जीवाणुओं और विषाणुओं को मारने की क्षमता रखते हैं। कांसे के बर्तनों में भोजन करने से संक्रमण, रक्त तथा त्वचा रोगों से बचाव कर सकते हैं। कांसे का इस्तेमाल करने से इम्यूनिटी भी ठीक रहती है। कांसे के बर्तन लंबे समय तक गर्म रहते हैं। कांसा ब्लड प्यूरिफिकेशन का काम भी करता है।
लोहा
लोहे के बर्तन में बने खाने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन मिलता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) के विकास में भी मदद करता है। जब हम लोहे के बर्तन में खाना बनाते हैं तो इसमें मौजूद आयरन हमारे शरीर में पहुँच जाता है और इस वजह से आयरन रक्त में मिल जाता है। जिससे हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाती है और एनीमिया की समस्या से आप बच सकते हो। मतलब लोहे की कढ़ाई में खाना बनाना और लोहे के बर्तनों का प्रयोग करना लाभदायक है। लोहे के बर्तन में पालक, हरी सब्जियाँ और आँवला आदि बनाने से इनके पोषक तत्व और भी बढ़ जाते हैं। इसी तरह मिट्टी,पीतल और स्टील के बर्तनों में खाना बनाना सेहत के लिए लाभदायक होता है। नॉनस्टिक और एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने से सेहत को नुकसान पहुँचता है इसलिए इन बर्तनों में खाना बनाने से परहेज करना चाहिए।