टेक्नोलॉजी के जाल से कैंसे बचायें बच्चों को

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15 Nov 2021
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टेक्नोलॉजी technology हमारी जिंदगी को सरल और बेहतर बनाने का माध्यम है लेकिन अगर हम इसका इस्तेमाल सही ढंग से न करें तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं और इसका सबसे बुरा असर बच्चों में दिखाई दे रहा है। कम्प्यूटर, मोबाइल और भी कई अन्य गैजेट्स के इस्तेमाल से बच्चे संवेदनहीन हो रहे हैं। वे बस अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं। इसके लिए जरूरी है कि माता-पिता बच्चों को टेक्नोलॉजी के भरोसे अकेले न छोड़े। इसके लिए एक समय निश्चित करें।

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आज हर किसी का अधिक से अधिक समय टेक्नोलॉजी technology के साथ बीत रहा है। फिर चाहे बच्चे हों, बड़े हों या फिर बुजुर्ग, आजकल टेक्नोलॉजी हर इंसान पर हावी हो रही है लेकिन इसका सबसे अधिक असर पड़ रहा है बच्चों पर। टेक्नोलॉजी का ये असर हर माता-पिता अपने बच्चों में देख सकते हैं। इसका असर बच्चों के भविष्य पर बहुत ही बुरी तरह से पड़ रहा है। हम सब जानते हैं कि टेक्नोलॉजी technology या तकनीक विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है लेकिन इसको इस्तेमाल करने का समय और तरीका तय होना चाहिए। टेक्नोलॉजी को बच्चों के ऊपर हावी न होने दें। बस इतना ध्यान रखें कि technology बच्चों की आदत न बन जाए क्योंकि बच्चे इससे कम उम्र में गलत चीजें सीख रहे हैं और उनके विकास पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। टेक्नोलॉजी के अच्छे और बुरे गुणों के बारे में बच्चों को बताएं। चलिये आज जानते हैं कि गैजेट्स के प्रभाव से बच्चों को कैसे बचाएं, जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर कोई भी गलत प्रभाव न पड़े। 

सोशल साइट्स से दूरी बनायें 

बच्चे बहुत ही कोमल स्वभाव के होते हैं। उनका मन बहुत ही नाजुक होता है। उन्हें आप जिस भी सांचे में ढालोगे वह वैसे ही ढल जाएंगे। सोशल मीडिया आसानी से उनकी सोच और व्‍यवहार को बदल सकता है। उन्हें अच्छे और बुरे में फर्क पता नहीं होता है। वे जैसा देखते हैं उसी के अनुरूप व्यवहार करने लगते हैं इसलिए माता-पिता को सतर्क रहना जरूरी है। सोशल मीडिया से बच्‍चा कब, कहां और कैसे क्‍या जानकारी ले रहा है ये आपको भी पता होला चाहिए। सोशल मीडिया के कुछ फायदे भी हैं लेकिन इसका अधिक इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है। सोशल मीडिया की लत के कारण बच्चों की सेहत पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया से बच्चों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी असर पड़ रहा है। इसके लिए कहीं न कहीं पैरेंट्स parents भी जिम्मेदार हैं। पैरेंट्स होने के नाते आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सोशल मीडिया social media का बुरा प्रभाव भी होता है। बच्चे की एक्टिविटी पर पूरा ध्यान दें। 

इंटरनेट और स्मार्टफोन का इस्तेमाल 

आजकल लोग इंटरनेट internet का हद से भी ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। थोड़ा सा भी फ्री होने पर लोग अपने मोबाइल mobile पर सोशल साइट्स, मैसेजिंग एप्स और ब्राउजिंग में बिजी हो जाते हैं। बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं। इन सबका असर बच्चों पर भी पड़ता है। बच्चे भी यूट्यूब youtube पर वीडियो देखने, इंटरनेट पर सर्फिंग करने और चैटिंग करने में बिजी हो जाते हैं। बच्चे नेट का इस्तेमाल पढ़ाई करने के लिए कम, गेम और चैटिंग करने के लिए ज्यादा करते हैं। बच्चों को यदि फ़ोन मिल जाए तो उन्हें किसी से भी कोई मतलब नहीं रहता है। वे बस अपनी दुनिया में मस्त रहते हैं। माता-पिता को अपने बच्चों को समय देना चाहिए। उन्हें स्मार्टफोन या अन्य गैजेट्स देने के साथ-साथ उन्हें उनके अच्छे और बुरे परिणामों के बारे में बताना चाहिए और अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। 

बच्चों को टीवी दिखाना

आज टीवी हर किसी के घर में हैं। आजकल बच्चे पूरे दिन टीवी के सामने ही चिपके रहते हैं। पैरेंट्स अपनी सहूलियत के लिए बच्चों को घर से बाहर खेलने नहीं भेजते हैं। वे घर की चारदीवारी में ही बंद रहते हैं। पहले बच्चे स्कूल जाते थे तो उनके पास फिर भी समय कम होता था लेकिन कोरोना की वजह से बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं। बच्चे पूरे दिन घर में ही हैं। लगातार टीवी की स्क्रीन से बच्चों की आँखों पर असर पड़ रहा है। आंखें कमजोर हो रही हैं। अक्सर उन्हें सर दर्द की शिकायत रहती है। टीवी देखने या फिर कंप्यूटर में गेम खेलने से उनका शारीरिक विकास नहीं हो पा रहा है। इसके लिए पैरेंट्स को चाहिए कि वे बच्चों को बाहर खेलने भेजें जिससे वो फिट और एक्टिव रहेंगे। नई-नई चीज़ों को देखकर बच्चे बहुत कुछ सीखते हैं। उन्हें अच्छी चीज़ें बताएं और समझायें। उन्हें टीवी देखने के नुकसान और खेलने के फायदे के बारे में बताएं।

बच्चों से घर के काम करवायें 

ऐसा नहीं है कि बच्चों को टेक्नोलॉजी से बिलकुल दूर रखें। ये सब साधन बच्चों को दें लेकिन इसके लिए माता-पिता को अलर्ट रहना जरूरी है। बच्चों को जरूरी हिदायतें दें। अपनी देख-रेख में ही बच्चों को ये सब चीज़ें दें। बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ने के लिए प्रेरित करें। उन्हें प्रेरणादायक कहानियाँ सुनाएं और महान लोगों के कार्यों के बारे में बताएं। पढ़ाई बच्चों के लिए जरूरी है लेकिन इसके साथ-साथ बच्चों से घर के कुछ छोटे और जरूरी काम भी करवायें। इससे बच्चों का टेक्नोलॉजी की तरफ से ध्यान भी बंट जायेगा और इन सब चीज़ों से उन्हें बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा। उनमें काम करने की आदत विकसित होगी। दूसरा अच्छी चीज़ यह होगी कि वे काम में हाथ बंटाना सीखेंगे। इस तरह से वो घर के छोटे-मोटे काम जैसे घर की साफ़-सफाई करना, बर्तन धोना, चीज़ों को व्यवस्थित रूप से रखना भी सीख जाएंगे और वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ भी रहेंगे।

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