खाने को फेंक देने का मतलब सिर्फ खाने की बर्बादी से ही नहीं है। इससे ऊर्जा, पानी, ज़मीन, पैसे, और परिवहन साधनों की भी बर्बादी होती है। जब आप खाने को फेंक देते हैं तो उसे आमतौर पर बाकी कचरों की तरह कचरों के ढेरों (dumping ground / landfill site) को भेज दिया जाता है और फिर यही खाना जब सड़ता है तो मीथेन गैस पैदा करता है, यानी खाने की बर्बादी मतलब जलवायु परिवर्तन climate change को बढ़ावा देना।
भोजन हमारे जीवन की एक अनिवार्य आवश्यकता है, लेकिन ये जानते हुए भी ज्यादातर लोगों ने कभी न कभी खाने को कूड़ेदान में फेंका होगा। खाने की बर्बादी food wastage हम इंसानों के लिए आज एक बड़ी समस्या है और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए कई चीज़ें की गई लेकिन फिर भी लोग खाने की बर्बादी करते हैं। आपको बता दें कि खाने को फेंक देने का मतलब सिर्फ खाने की बर्बादी से ही नहीं है। इससे ऊर्जा, पानी, ज़मीन, पैसे, और परिवहन साधनों की भी बर्बादी होती है।
Food and Agriculture Organization (UN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल पूरी आबादी मिलकर करीब 1.3 बिलियन टन खाने को कूड़े में फेंक देती है। 1.3 बिलियन टन यानी की 130000000000 किलो खाना, जिसे आप कूड़े में फेंकने के बजाय जरूरतमंदों को भी दे सकते हैं।
दुनिया भर में भूख की वजह से हर सेकंड एक व्यक्ति की मौत होती है deaths due to hunger और हर 6 में से 1 लोगों को तो पेट भर खाना भी नहीं मिलता है। ऐसा नहीं है कि लोग इन सब चीजों से अवगत नहीं है लेकिन फिर भी आज खाने की बर्बादी की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। कितना अजीब है न, किसी को उसकी जरूरत के अनुसार खाना नहीं मिल रहा और कोई खाने को बर्बाद कर रहा है। जब आप खाने को फेंक देते हैं तो उसे आमतौर पर बाकी कचरों की तरह कचरों के ढेरों (dumping ground / landfill site) को भेज दिया जाता है और फिर यही खाना जब सड़ता है तो मीथेन गैस पैदा करता है, यानी खाने की बर्बादी मतलब जलवायु परिवर्तन climate change को बढ़ावा देना।
अगर खाने को बर्बाद होने से बचाना है तो ग्रोसरी की शॉपिंग के वक्त आपको स्मार्टनेस दिखाने की जरूरत है। ग्रोसरी की शॉपिंग से पहले सामान की लिस्ट बनाएं और जरूरत से ज़्यादा सामान खरीदने से बचें। डेरी प्रोडक्ट्स, फल और सब्जियां जल्दी खराब हो जाते हैं इसीलिए इन्हें अपने आस-पास के किसी लोकल मार्केट से खरीदें। अगर आप जरूरत से ज्यादा खाने के सामान को खरीदेंगे तो आप उन्हें इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे और खराब होने पर आपको उन्हें फेंकना पड़ेगा।
पुराने स्टॉक को पहले खत्म करना और बाद में नई चीज़ों को इस्तेमाल करने की आदत बनाइए। बेशक ये एक छोटा कदम है लेकिन जब सभी लोग ऐसा करेंगे तो ये तय है कि इसके बड़े नतीजे मिलेंगे।
खाना बनाने से पहले घर से सदस्यों से पूछ लें और अपने अंदाज़ से इतना ही खाना बनाएं, जो आसानी से खत्म हो जाए। ज्यादातर लोगों के यहां ज्यादा मात्रा में खाना बना दिया जाता है और उसे फ्रीज में स्टोर कर दिया जाता है लेकिन आपको बता दें कि ये खाना फ्रेश फूड की तुलना में कम हेल्थी होता है।
दोस्तों के साथ रेस्तरां में जाकर लंच करना सभी को अच्छा लगता है और कभी कबार ऐसा करना ठीक है लेकिन अगर आपके पास घर पर खाना बचा हुआ है तो आप रेस्तरां में जाकर लंच करने की बजाय घर का खाना पैक करके ले जाएं।
खाने को अगर सही ढंग से स्टोर ना किया जाए तो वह खराब हो जाता है इसीलिए फलों, सब्जियों, ब्रेड, डेरी और डेरी प्रोडक्ट्स को फ्रीज़ में स्टोर करें। कुछ खाने के सामानों को आप फ्रीज़ में स्टोर नहीं कर सकते तो उनके लिए आप एयर टाइट कंटेनर खरीद लें।
सब्जियों और फलों के छिलके और बचे हुए खाने से आप कंपोस्ट तैयार कर सकते हैं। पहले कंपोस्ट सिस्टम तैयार करने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत पड़ती थी लेकिन आज के समय में कई रेडीमेड सिस्टम आ गए हैं, जो कम जगह घेरते हैं और इन्हें कोई भी अपने घर में रख सकता है।