एंट्रेंस एग्जाम की प्रिपरेशन में काफी मेहनत लगती है। कड़ी मेहनत के साथ-साथ एग्जामिनेशन हॉल में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देनी होती है और ट्रिक्स की मदद से प्रश्नों को सॉल्व करना होता है।आइए जानते है कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए कैसे प्रिपेयर किया जाए ताकि आपको अपने मनपसंद कॉलेज और कोर्स में एडमिशन मिल सके।
स्कूल खत्म होने के बाद कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम entrance exams क्रैक करना ज़रूरी होता है। करियर career को बेहतर बनाने के लिए और अपने पसंदीदा कॉलेज में एडमिशन पाने के लिए आपको एंट्रेंस एग्जाम में अच्छे मार्क्स लाने होंगे।
एंट्रेंस एग्जाम की प्रिपरेशन में काफी मेहनत लगती है। कड़ी मेहनत के साथ-साथ एग्जामिनेशन हॉल में अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस देनी होती है और ट्रिक्स की मदद से प्रश्नों को सॉल्व करना होता है। आइए जानते है कि एंट्रेंस एग्जाम के लिए कैसे प्रिपेयर किया जाए ताकि आपको अपने मनपसंद कॉलेज और कोर्स में एडमिशन मिल सके-
आज-कल के स्टूडेंट्स प्लान को बनाने में काफी वक्त लगाते हैं लेकिन उस प्लान को एग्जीक्यूट नहीं कर पाते हैं। प्लानिंग planning की मदद से आप किसी भी चीज़ को पॉसिबल कर सकते हैं इसीलिए एक प्रैक्टिकल स्टडी प्लान practical study plan बनाना ज़रूरी है, जिसे आप फॉलो कर पाएं। उन टॉपिक्स topics पर ज्यादा मेहनत करें जो आपको कठिन लगते हैं क्योंकि एंट्रेंस एग्जाम की प्रिपरेशन करते वक्त हर टॉपिक्स को अच्छे से पढ़ना चाहिए।
प्रिपरेशन करते वक्त अपनी स्ट्रेंथ और वीकनेस जानें। अगर आप अपनी वीकनेस जानते हैं तो इसका मतलब यह भी होता है कि आप अपनी स्ट्रेंथ को लेकर भी क्लियर हैं। अपनी वीकनेस को अपनी स्ट्रेंथ बनाना गजब की प्रिपरेशन स्ट्रेटजी preparation strategy है क्योंकि ऐसा करने पर आप हर तरफ से तैयार रहते हैं। जो टॉपिक्स आपको आते हैं उन्हें तो पढ़े ही लेकिन जिनमें आपको दिक्कत होती है, उन्हें और अच्छे से पढ़े।
थ्योरी पेपर में एक टॉपिक को एक ही किताब से तैयार करिए। आप न्यूमेरिकल्स और रीजनिंग Numericals and Reasoning के लिए कई किताबें पढ़ सकते हैं लेकिन थ्योरी पेपर में जब आप एक से ज्यादा किताब पढ़ते हैं तो रिवीजन करने का समय नहीं मिल पाता है क्योंकि पहले से आपका ज्यादातर समय सिलेबस को पूरा करने में ही चला जाता है। एक टॉपिक के लिए सेलेक्टेड बुक रिफर करें और अंत तक उसी से प्रिपरेशन करें।
प्रश्न पत्र में कठिन और आसान दोनों सवाल होते हैं लेकिन जब आप कठिन प्रश्नों को हल करने में ज्यादा समय लगा देते हैं तो आसान सवालों को हल करने के लिए आपके पास समय नहीं बचता है इसीलिए उस सेक्शन को पहले सॉल्व करें जो आपको अच्छे से आता हो और बाद में उस सेक्शन को सॉल्व करें जिसमें आपको डाउट हो। जब आप आसान सवालों को जल्दी सॉल्व कर लेंगे तो आपके पास कठिन सवालों को हल करने के लिए ज्यादा समय बचेगा।
एक्जाम से कुछ दिन पहले ढेर सारे मॉक और प्रीवियस ईयर्स के पेपर्स सॉल्व previous years papers करें ताकि आप समझ पाएं कि किन एरियाज में आपको और मेहनत करनी है।
एक्जाम के सिलेबस syllabus को पूरा करते वक्त शॉर्ट नोट्स short notes बनाएं ताकि रिवीजन revision के वक्त आपको फिर से उन्हीं मोटी किताबों को ना पढ़ना पड़े क्योंकि एग्जाम के कुछ दिन पहले आप सारी किताबों को नहीं पढ़ सकते हैं इसीलिए शॉर्ट नोट्स बनाएं। फॉर्मुले और इंपोरेटंट डेट्स याद करने के लिए ट्रिक्स की मदद लें।
ऑब्जेक्टिव क्वेश्चन objective question को इस तरह से बनाया जाता है कि ज्यादातर सवालों में आपको लगता है कि दोनों में से कोई एक सही उत्तर होगा लेकिन आप कन्फ्यूजन की वजह से सही उत्तर नहीं चुन पाते हैं। प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें ताकि आप सही विकल्प का चयन कर पाएं।
शायद ही कोई ऐसा छात्र होगा जिसने एंट्रेंस एग्जाम से पहले कहा होगा कि मैंने सब पढ़ लिया है क्योंकि एंट्रेंस एग्जाम का सिलेबस बहुत ज्यादा होता है और पूरा सिलेबस पढ़ने के बाद भी यह डर लगता कि कैसे प्रश्र पूछे जाएंगे इसीलिए इस डर को मिटाने के लिए खूब प्रैक्टिस करें। प्रैक्टिस practice करने का मतलब टॉपिक्स को रिवाइज करने से है। आप जितना रिवाइज करेंगे उतना ही आपका कांसेप्ट क्लियर होगा।
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