अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना हमेशा एक शानदार विचार होता है। इसलिए, यदि आप भारत में टिशू पेपर बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो हम आपको टिशू पेपर बनाने के व्यवसाय के बारे में गहराई से मार्गदर्शन करने के लिए है। टिश्यू पेपर एक हल्का कागज या क्रेप पेपर होता है, जिसे रिसाइकिल लिग्नोसेलुलोज रेशेदार सामग्री से तैयार किया जाता है, जिसे आमतौर पर पेपर पल्प के रूप में जाना जाता है। आज हम आपको Tissue Paper के बारे में वह सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे जिसकी मदद से आप यह समझ पाएंगे कि टिशू पेपर क्या है और आप इस Tissue Paper के Business में कैसे कदम रख सकते हैं। अगर आपके दिमाग में टिशू पेपर के व्यवसाय Tissue Paper Business को लेकर बहुत सारे सवाल हैं तो इस ब्लॉग के माधयम से हम पूरी कोशिश करेंगे की आपके सभी सवालों के जवाब यहाँ आपको मिल जाएँ ।
पिछले कई वर्षों से Tissue Paper का प्रचलन लोगों में काफी बढ़ता चला जा रहा है और यह होना लाजमी भी है। देश में माहौल ही कुछ ऐसा है। लोग जागरूक हो रहे हैं अपनी हेल्थ के प्रति, साफ सफाई के प्रति और टिशू पेपर तो कई तरह से साफ-सफाई में बेहद काम आता है।
साल 2020 कोरोना महामारी के बाद से तो टिशू पेपर के बिजनेस में काफी बढ़त हुई है। लोग इसका इस्तेमाल ज्यादा करने लगे हैं क्योंकि कोरोना महामारी ने लोगों को साफ-सफाई के लिए भी काफी प्रेरित किया है, जिसके चलते आज देश में साफ-सफाई को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
आज हम आपको टिश्यू पेपर के बारे में वह सारी जानकारी उपलब्ध कराएंगे, जिसकी मदद से आप यह समझ पाएंगे कि टिशू पेपर क्या है और आप इस टिश्यू पेपर के बिजनेस में कैसे कदम रख सकते हैं।
अगर आपके दिमाग में टिशू पेपर के बिजनेस को लेकर उथल-पुथल मची हुई है तो यह लेख आपके लिए बेहद काम का है आप इसे पूरा पढ़कर यह जरूर समझ जाएंगे कि इस व्यवसाय को कैसे करें और इसे आगे कैसे बढ़ाएं।
यह एक तरह का पारदर्शी कागज होता है, जिसे आम पेपर (कागज) की मदद से बनाया जाता है। टिशू पेपर कैसे बनता है How is tissue paper made इसके बारे में है हम आगे के लेख में चर्चा करेंगे।
Tissue Paper आजकल रोजमर्रा में इस्तेमाल किया जाने वाला काफी उपयोगी पदार्थ है। जिसको पेपर नैपकिन भी कहा जाता है। आजकल इस टिशू पेपर को साफ सफाई के तौर पर आप हर जगह देख सकते हैं।
Tissue Paper आपको ज्यादातर होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, ट्रेन और बसों में साथ ही खानों के ठेले आदि पर देखा जा सकता है। आजकल सफाई का ज़माना है और लोग साफ सफाई के प्रति जागरूक हैं तो यह आपको किसी व्यक्ति की जेब या गाड़ी में रखा भी मिल सकता है।
टिशू पेपर को शादियों में पार्टियों में या किसी अन्य आयोजन में भी इस्तमाल करते देखा जा सकता है। इसके अलावा ब्यूटी पार्लर में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
लोग देश में साफ-सफाई को लेकर जागरूक हो रहे हैं और Tissue Paper का इस्तेमाल काफी हद तक हर जगह किया जाने लगा है इसका व्यापार भी बड़े जोरों से बढ़ रहा है। टिशू पेपर के व्यापार में बढ़ते स्तर को देखते हुए इसमें लाखों रुपए की आमदनी की जा सकती है।
आज के ज़माने में यह व्यापार काफी किफायती साबित हो रहा है। यह इसलिए भी शानदार है क्योंकि यह 12 महीने चलने वाला एक व्यापार है। इस पर किसी भी मौसम या किसी भी परिस्थिति का असर नहीं होता साथ ही त्योहार के दिनों में इसकी बिक्री भारी भरकम हो जाती है।
जिसके चलते यह व्यापार लोगों के लिए फायदे का सौदा है। टिशू पेपर के व्यापार को बढ़ाने के लिए आप इसके इस्तेमाल होने वाली सभी जगह जो हम आपको पहले बता चुके हैं वहां अपने संपर्क और मार्केटिंग की मदद से सप्लाई कर सकते हैं।
Tissue Paper के व्यापार को करने के लिए आप के पास कम से कम 1000 से 1500 स्क्वायर फीट तक की जगह आवश्यक है, ताकि आप की मशीनरी अच्छी तरह से लग सके। इसके साथ ही इसके बनाने में उपयोग होने वाले सामान को अच्छी तरह से रख सकें।
इसको बनाने के लिए रॉ मटेरियल में प्लेन पेपर (कागज), टिशू पेपर बनाने का उपकरण, पैकिंग का उपकरण साथ ही व्यवसायिक बिजली लाइन लेने की जरूरत होगी। टिशू पेपर बनाने का उपकरण ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक होता है। यह टिशू पेपर के बड़े या छोटे होने के अनुसार छोटी या बड़ी हो सकती है।
इस उपकरण की कीमत इसकी बनावट और इससे बनने वाले टिशू पेपर के आकार पर निर्भर करती है। आंकड़े के मुताबिक इसकी कीमत 2.5 लाख से लेकर 30 लाख रुपए तक की है। आप इसको अपनी लागत के अनुसार खरीद सकते हैं। यह मशीन काफी आसानी से चलने वाली होती है, जिसे आप जल्दी से सीख कर अपने व्यापार को आगे बढ़ा सकते हैं।
जहां से भी आप टिशू पेपर मेकिंग मशीन को खरीदते हैं वहीं से उपकरण को चलने की जानकारी भी पूरी तरह बताई जाती है। टिशू पेपर बनाने के लिए जो आम कागज इस्तेमाल किया जाता है वह लगभग 90 से 150 रुपए किलो के बीच में मिलता है।
यह कीमत समय और परिस्थितियों के अनुसार बदल भी सकती है। इस व्यवसाय को करने के लिए कम से कम आपके पास 5 से 6 लाख तक की लागत हो तो यह बेहतर विकल्प हो सकता है।
Tissue Paper को बनाने के लिए आपके पास नॉर्मल प्लेन पेपर होना चाहिए जिसके रोल को मशीन में लगाया जाता है। जब यह प्लेन कागज मशीन में लगे रोल से गुजरता है और पूरी प्रक्रिया को अंजाम देता है जिसके बाद यह पेपर एक तरह से पारदर्शी पेपर में बदल जाता है।
इसके बाद की प्रक्रिया में यह पारदर्शी पेपर होल्डिंग सेक्शन में जाकर मशीन ऑपरेटर द्वारा मशीन में दिए गए आकार के अनुसार काटने और फोल्ड होने के बाद बाहर निकलता है। इस तरह टिश्यू पेपर बनके तैयार किया जाता है। हर मशीन की प्रक्रिया अलग भी हो सकती है। जितनी भी मशीन बाजार (Tissue Paper Machine) में उपलब्ध है उसकी प्रक्रिया थोड़ी बहुत भिन्न हो सकती है।
कैसे बनता है रंगबिरंगा और अपनी पहचान दिखाने वाला टिशू पेपर
यहां तक आप समझ गए होंगे कि टिशू पेपर कैसे बनता है और अक्सर आपने टिशू पेपर को सफेद रंग में ही देखा होगा लेकिन रंग-बिरंगे टिशू पेपर भी इसी मशीन से बनाए जाते हैं। साथ ही आपने देखा होगा कि Tissue Paper पर कंपनी के लोगो या नाम की पहचान के चिन्ह लगे होते हैं।
इस तरह के टिशू पेपर भी इन्हीं मशीन से बना लिए जाते हैं। मशीन में इसके लिए कलरिंग सेक्शन दिया जाता है जहां पर कलर को भरकर रंग-बिरंगे टिशू पेपर बना सकते हैं। इसके अलावा अगर आप अपने नाम या लोगों छुपाना चाहते हैं तो इसमें रबर का टैग लगा कर मशीन में फिट किया जाता है। इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद लोगो या किसी कंपनी की पहचान वाले टिशू पेपर बनाए जाते हैं।
Tissue Paper की पैकिंग का काम भी काफी जरूरी होता है क्योंकि इसकी पैकिंग को साफ सफाई के साथ करना होता है, जो पेपर की पैकिंग के लिए प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें अपनी सुविधा के अनुसार 20, 50, 100 या उससे अधिक टिशू पेपर रख दिए जाते हैं।
सबसे पहले आपको किसी भी व्यवसाय को शुरू करने के लिए अपनी कंपनी का नाम रजिस्टर्ड कराना होता है और टिशू पेपर के बिजनेस के लिए भी आपको सबसे पहले अपनी कंपनी का नाम रजिस्टर कराना होगा।
व्यवसाय शुरू करने के लिए अपनी कंपनी का नाम रजिस्टर करवाना एक फायदे का सौदा है क्योंकि रजिस्टर होने के बाद आप सरकारी योजनाओं को भी उपयोग में ले सकते हैं। इसके अलावा आप सरकारी या निजी बैंकों से लोन लेकर भी अपने व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं।
आपको इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए ट्रेड लाईसेंस, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से एनओसी (No Objection Certificate), उद्योग रजिस्ट्रेशन (MSME Registration) जीएसटी (GST) पंजीकरण और आईईएस कोड (IES) भी होना चाहिए।
इस व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए आपके पास एक बेहतरीन मार्केटिंग टीम भी होना बहुत जरूरी है जिसके चलते आप इस व्यापार को लोगों तक पहुंचा सकें। किसी भी व्यवसाय को करने के लिए आपको लोगों के साथ बातचीत करना और उनसे जुड़ना काफी जरूरी है ।
अगर आपके पास एक बेहतरीन मार्केटिंग टीम होगी तो आप अपने व्यवसाय के लिए बड़े आर्डर ला सकेंगे जिसके बाद ही आप काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं इस व्यवसाय में आप अगर अच्छे आर्डर लाने में सफल होते हैं तो आप महीने में लाखों रुपया कमा सकते हैं।
इसके अलावा आपको मशीन और बाकी काम का जो के लिए अन्य कर्मचारियों की भी जरूरत पड़ सकती है आपको काम और अपनी जरूरत के मुताबिक सभी कर्मचारियों का चयन करना होगा।
उम्मीद करते हैं हमारी दी गई जानकारी आपके लिए बेहतर साबित हो। इस लेख को पढ़ने से पहले जो आफ टिशू पेपर को लेकर जाना चाहते थे उस जानकारी को आप ने हासिल किया होगा और अगर आप इस व्यवसाय में कदम रखना चाहते हैं तो जरूर यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी।
टिश्यू पेपर रोल को फ्लेक्सोग्राफिक प्रिंटिंग मशीन में पेश किया जाता है। इन्हें एक विशेष आकार में प्रिंटेड और काटा जाता है। टिश्यू पेपर निर्माण प्रक्रिया में पल्पिंग, प्रेसिंग और कनवर्टिंग प्रक्रियाओं वाले चरण होते हैं। टिश्यू पेपर बनाने की निर्माण प्रक्रिया निम्न है।
पेड़ों को काटकर छोटे छोटे चिप्स में काट दिया जाता है, फिर बारीक गुच्छे में बनाया जाता है। इसके बाद उन्हें भिगोया जाता है और निकाला जाता है। कागज का गूदा लकड़ी के रेशे से बनता है।
2- प्रेसिंग Pressing
फिर तैयार गूदे को लगातार बेल्ट/ड्रम की चौड़ाई में डाला जाता है। यह प्रक्रिया पानी को छिद्रों से बाहर निकालती है, जिससे बेल्ट पर केवल रेशे रह जाते हैं जो अंत में एक नाजुक कपड़ा देता है। तब टिश्यू को बड़े पैमाने पर गर्म किए गए रोलर पर रखा जाता है।
यांकी के नाम से जाना जाने वाले रोलर यानि यांकी की गर्मी से कपड़ा जल्दी सूख जाता है। इसके बाद टिश्यू पेपर को एक बड़े व्यास का रोल देने के लिए एक कोर पर ले जाया जाता है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार मोटा या पतला टिश्यू प्राप्त कर सकते हैं। रोल्स को कनवर्टिंग मशीन पर रखा जाता है।
3- कनवर्टिंग
इसमें टिश्यू के ढेर को लिया जाता है और फिर पैकेजिंग के लिए विभाजित किया जाता है ताकि बाद में उन्हें एक ट्रिमिंग रोलर में भेजा जा सके। प्लाई को अलग किया जाता है और गोंद का उपयोग करके रखा जाता है। फिर टिश्यू को ब्लेड से छेद दिया जाता है ताकि उन्हें आसानी से अलग किया जा सके।
टिशू पेपर बिजनेस शुरू करने के लिए आप लोन ले सकते हैं। दरअसल भारत सरकार ने मेक इन इंडिया Make in India को प्रमोट करने के लिए सभी बैंको को नए बिज़नेस को शुरू करने के लिए आसानी से लोन देने के लिए आदेश दिए हैं। यदि आपके पास पैसे नहीं हैं और आप इस बिज़नेस को शुरू करना चाहते हैं तो भारत सरकार ने एक स्कीम चलायी है जिसका नाम है Pradhan Mantri Mudra Yojana प्रधानमंत्री मुद्रा योजना। आपको ये बिज़नेस शुरू करने के लिए बेहद कम ब्याज पर भारत सरकार द्वारा लोन दिया जाता है इसलिए आप इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं।
टिशू पेपर के बिजनेस को शुरू करने से पहले आप टिशू किसे और कहाँ बेंचें ये जानना जरुरी है। सबसे पहले आपको tissue बेचने के लिए मार्केट में अपनी जान-पहचान बनानी पड़ेगी। इसके लिए आप अपने प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार करें।
प्रचार-प्रसार करने के लिए आप जगह-जगह पोस्टर, बैनर लगा सकते हैं और आप एडवर्टाइज़ ads दे सकते हैं। जैसे सोशल मीडिया पर भी ads दे सकते हैं जिससे आपका और आपके प्रोडक्ट का प्रचार-प्रसार होगा और ऐसा करने पर कुछ ही समय में धीरे धीरे आपकी बिक्री बढ़ जाएगी।
अब बात करते हैं कि प्रोडक्ट को किसे बेचें तो इसके लिए आप अपने आस-पास होटल और restaurant वालों से बात कर सकते हैं जैसे किराना शॉप, Tissue शॉप वालों से संपर्क कर सकते हैं। आप whole-sellers को बेच सकते हैं। साथ ही आप अपनी कंपनी के level लगाकर पैकेट बनाकर भी मार्केट में बेच सकते हैं।
टिशू पेपर का आज के समय में कितना प्रयोग हो रहा है इस बात को हम भली भांति जानते हैं। शायद ही कोई जगह ऐसी हो जहाँ टिशू पेपर का उपयोग न होता हो। चाहे ऑफिस हो, घर हो या फिर कोई पार्टी फंक्शन हो। हर जगह टिशू पेपर का उपयोग जरूर होता है। लगभग सभी लोग टिशू पेपर का इस्तेमाल करते हैं।
ये आज के समय में हर किसी के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। आज टिशू पेपर्स का उपयोग सिर्फ कुछ चीजों तक ही सीमित नहीं है। इसका उपयोग बहुत बड़ी मात्रा में होता है इसलिए इसका लक्षित बाजार Target Market बहुत बड़ा है।
इसमें ऐसे लोग शामिल हैं जो संबंधित निर्माता से खरीदेंगे। ब्यूटी सैलून, होटल, रेस्तरां, कैंटीन, क्लब, अस्पताल आदि में टिशू पेपर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, इसलिए टिशू पेपर में बाजार की काफी संभावनाएं होती हैं।
लक्ष्य बाजार कुल बाजार का एक हिस्सा है। व्यवसायों को लक्षित बाजार की पहचान करने के लिए बहुत समय और प्रयास की आवश्यकता होती है क्योंकि व्यवसाय का लाभ मार्जिन काफी हद तक उसी पर निर्भर करता है। एक व्यवसाय के लिए लक्ष्य बाजार की पहचान करना भी महत्वपूर्ण है।
दरअसल टिशू पेपर बिजनेस छोटा है और साथ ही स्थापित करने में भी आसान है इसलिए इसमें प्रतिस्पर्धा काफी है। आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि उत्पादन शुरू करने से पहले ही इस बिजनेस में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
आप अच्छे से मार्केट रिसर्च market research करें। इससे आपको काफी कुछ समझ आ जायेगा। उस बाजार के बारे में सभी संभावित जानकारी एकत्र करें जिसमें आप काम करना चाहते हैं। उत्पाद को आप अलग-अलग तरीके से बेच सकते हैं जैसे ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी बेच सकते हैं।
इसके लिए सोशल मीडिया मार्केटिंग का उपयोग करें। सोशल मीडिया मार्केटिंग ने विज्ञापन की दुनिया पर कब्जा कर लिया है। शुरुआत करने के लिए आप अपने उत्पाद का ऑनलाइन प्रचार कर सकते हैं। सोशल मीडिया प्रचार और बाहरी प्रचार उत्पादों के मार्केटिंग में बहुत अधिक मदद करते हैं।