मस्तिष्क जितना अधिक याद करता है, उतना ही व्यापक रूप से याद रखने का भंडार बन जाता है। बच्चों की याददाश्त को बचपन से ही विकसित करने की जरूरत है। स्मृति सबसे महत्वपूर्ण मानसिक प्रक्रियाओं में से एक है। किसी भी प्रकार की मानसिक गतिविधि स्मृति पर निर्भर करती है। वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि 7 साल की उम्र तक बच्चे का दिमाग विकसित हो जाता है। इस उम्र तक, बच्चे बहुत सी नई चीजें सीखते हैं, सूचनाओं को संसाधित करते हैं, याद करते हैं। कुछ विशेष तरीकों से हम बच्चे की याददाश्त विकसित स्मृति का विकास memory development कर सकते हैं।
स्मृति का मतलब है किसी भी जानकारी को याद रखने की क्षमता कितनी है। इसके अलावा जीवन में हुई सभी घटनाओं का संबंध भी स्मृति से ही है। अक्सर हम बोलते हैं कि उस बच्चे का दिमाग बहुत तेज है या उस बच्चे का दिमाग कुछ कम है। दिमाग में कुछ भी याद रखने की प्रकिया या याददाश्त भी एक तरह से स्मृति ही है। स्मृति मस्तिष्क की कोशिकाओं के अंदर inside brain cells तंत्रिका आवेगों nerve impulses के रूप में सूचना उत्पन्न करने की प्रक्रिया है। बच्चा जितना अधिक व्यस्त रहेगा, स्मृति सहित उसकी क्षमताओं का विकास उतना ही बेहतर होगा। बच्चा जितना अधिक सोचता है, विश्लेषण करता है, उतना ही उसे याद रहता है। मानसिक क्षमताओं के विकास के साथ याददाश्त memory में भी सुधार होता है। स्मृति एक बच्चे के अस्तित्व के लिए आवश्यक कौशल है। कोई भी बच्चा उन चीजों के बारे में याद किए बिना आगे नहीं बढ़ सकता है, जिन्हें एक बच्चा सीखता या अनुभव करता है। बच्चे के साथ काम करना, उसकी याददाश्त विकसित करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। चलिए जानते हैं कि बच्चे की याददाश्त में सुधार करके कैसे उसकी स्मृति का विकास करें।
दृश्य स्मृति
बचपन में बच्चे की याददाश्त पर विशेष ध्यान दें। हम दृश्य स्मृति के द्वारा बच्चे की स्मृति का विकास कर सकते हैं। इसमें वो सब चीज़ें आती हैं जो कुछ भी बच्चे ने देखी हों। दृश्य स्मृति visual memory पूरी तरह से बच्चे को प्रशिक्षित करने में कारगर होती है। दृश्य स्मृति का मतलब यह है कि बच्चे ने जो कुछ भी देखा है बच्चे से उसके बारे में पूछें। जैसे बच्चा कहीं घूमने गया है तो वहां उसने क्या-क्या देखा, बच्चे से जरूर पूछें। जो कुछ भी बच्चे ने देखा है उससे वो सब चीज़ें ड्राइंग के रूप में बनाने के लिए कहें। इससे बच्चा देखी हुई चीज़ों के साथ सहसंबद्ध कर सकेगा और बच्चा दृश्य स्मृति के द्वारा देखी हुई चीज़ों को फिर से याद करने की कोशिश करेगा। दृश्य स्मृति में जैसे किसी प्रियजन के चेहरे की छवि, परिवार के घर के आंगन में एक पेड़ आदि को चित्र के रूप में उभारने को कहें।
श्रवण स्मृति
श्रवण स्मृति auditory memory को विकसित करने के लिए एक प्रभावी व्यायाम सुनना और याद रखना गतिविधि है। श्रवण स्मृति के द्वारा बच्चों का विकास अच्छे से कर सकते हैं। जैसे एक बच्चा कहानी सुनने के बाद बता देता है कि कहानी में कौन-कौन पात्र थे। कविताओं और गीतों को याद करने के लिए श्रवण स्मृति का काफी महत्व है। श्रवण स्मृति का विकास वस्तुओं की ध्वनि से ज्यादा सही से होता है। बच्चा जितना अधिक सुनता है, सोचता है, विश्लेषण करता है, उतना ही उसे याद रहता है। मानसिक क्षमताओं के विकास के साथ याददाश्त में भी सुधार होता है। उसके सामने अलग-अलग ध्वनियों का प्रदर्शन करें। श्रवण प्रणाली कान आधारित है और ध्वनि तरंगों का विशेष रूप से कंपन पैटर्न में अनुवाद करती है जो कि तब विशिष्ट ध्वनियों के साथ मस्तिष्क द्वारा अलग-अलग तरीकों से व्याख्या की जाती है। सुनो और याद उदाहरण के लिए, एक छोटी कहानी को सुनने के बाद वह इसे सही अनुक्रम में दोहरा पा रहे हैं या नहीं यह जरूर देखें।
स्पर्शनीय स्मृति
अच्छी स्पर्शनीय स्मृति बच्चे को किसी भी चीज को बेहतर ढंग से समझने में मदद करती है। बच्चे वस्तुओं को छूकर और उनका एहसास कर उन्हें समझ कर अपनी स्मृति को विकसित कर सकते हैं। इसके लिए आप बच्चे के साथ एक खेल भी खेल सकते हैं। इसके लिए बच्चे की आँखें बंद करके उसके हाथों पर कोई चीज़ रख सकते हैं। एक स्पर्श स्मृति खेल, जिसमें बच्चों को बिना देखे, जोड़े को कार्ड के बनावट को छूते हुए जोड़े बनाने को कहें। बच्चे को कुछ नियमों का पालन करने के बारे बताएं। मेमोरी गेम खिलाएं, जिसमें कई कार्ड, टाइल या ऑब्जेक्ट्स आदि का मिलान होता है। कुछ भिन्न-भिन्न प्रकार की गतिविधि बच्चों से कराएं।
मोटर मेमोरी
शारीरिक शिक्षा physical education और नृत्य द्वारा मोटर मेमोरी के विकास को अच्छी तरह से बढ़ावा दिया जाता है। मज़ेदार तरीके से व्यायाम करना बच्चे को इसे बेहतर ढंग से याद रखने में मदद करेगा। बच्चा जितना बड़ा होता है, उसकी याददाश्त उतनी ही बेहतर होती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे की याददाश्त का उपयोग करने के तरीकों में सुधार हो रहा है या नहीं। मोटर स्किल motor skills वह शारीरिक और मानसिक गतिविधि है जिसमें बच्चे या शिशु अपनी मांसपेशियों का प्रयोग करते हैं। मोटर मेमोरी के विकास के लिए बच्चे से पेंटिंग करवाएं। बच्चे का दिमाग और उंगलियां पेंटिंग करते वक्त अच्छे से काम करती हैं।