भारत में Startup Loan कैसे प्राप्त करें? 

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30 Apr 2022
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भारत में, वर्ष 2015 में जब स्टार्टअप इंडिया अभियान का ऐलान किया गया था तब से नए लघु और मध्यम व्यवसायों (MSMEs) की संख्या बढ़ रही है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्टार्ट-अप के लिए आर्थिक मदद को बढ़ावा देना है ताकि देश के आर्थिक विकास में स्टार्टअप अभी भूमिका निभाते रहें। इस अभियान ने कई स्मॉल बिज़नेस और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित किया है, जो अधिक रोज़गार सृजन को भी बढ़ावा दे रहे हैं और और राष्ट्र की आर्थिक ग्रोथ में मदद कर रहे हैं। आज इस ब्लॉग में हम बात करेंगे कि कैसे आप अपने स्टार्टअप के लिए लोन (Loan for start-ups) ले सकते हैं।

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साल 2014 में सरकार बदलने के बाद भारत में नए विचारों और आधुनिक समस्याओं के समाधान के साथ एक स्टार्टअप लहर देखी गयी और यह सिलसिला तब से लेकर अभी तक जारी है। 16 जनवरी 2016 को भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना के अंतर्गत स्टार्टअप्स को फंडिंग सहायता, मार्गदर्शन, और उद्योग भागीदारी (Funding support, guidance, and industry partnerships for startups) के अवसर प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इंडिया योजना की शुरुवात की। स्टार्टअप इंडिया (Startup India) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य लोगों के बीच उद्यमशीलता (entrepreneurship) की भावना को बढ़ावा देना और उन्हें प्रोत्साहित करना, साथ ही उनकी आर्थिक मदद (financial aid) करना भी है। आपको बता दें कि भारत में स्टार्टअप या एमएसएमई के लिए बिजनेस लोन (Business loan) एक प्रकार का क्रेडिट है, क्योंकि यह क्रेडिट कार्ड की तरह ही काम करने के लिए जाना जाता है। हालांकि, यह व्यक्तिगत के बजाय व्यक्ति के व्यवसाय से जुड़ा रहता है। सरकार का ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम से देश में innovation को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके और देश में बड़े.पैमाने पर रोजगार (employment) के अवसर मुहैया कराए जा सकें। 

Startup Business Loan के लिए योग्यता

  • आपके के पास एक बिज़नस प्लान (Business plan) होना चाहिए 

  • आपका स्टार्टअप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (Private limited company) या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (Limited Liability Partnership) के रूप में ही होना चाहिए 

  • फर्म का कुल कारोबार 25 करोड़ रुपए से अधिक नहीं होना चाहिए 

  • स्टार्टअप के पास औद्योगिक नीति और प्रमोशन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) से मंज़ूरी होनी चाहिए 

  • स्टार्ट अप को भारतीय पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय से संरक्षक गारंटी प्राप्त होनी चाहिए 

Startup Business Loan के प्रकार

  • मुद्रा लोन स्कीम (Mudra Loan Yojana)

यह योजना भारत के युवाओं में सबसे लोकप्रिय है। माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (Micro Units Development and Refinance Agency) लोन योजना सरकार द्वारा छोटे और मध्यम व्यवसाय के लिए शुरू की गई योजना है जिसमें, शिशु, किशोर और तरुण नाम के 3 प्रकार के लोन दिए जाते हैं। इस योजना के तहत आवेदक शिशु श्रेणी में 50,000 रुपए तक का लोन ले सकते हैं, जबकि किशोर में 5 लाख रु. तक और तरूण में यह सीमा 10 लाख रुपए तक है।  

  • CGTMSE योजना

माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट एक और सरकारी पहल है, जो बैंकों और Non-bank financial institution जैसे वित्तीय संस्थानों के माध्यम से छोटे और मध्यम व्यवसाय को फंड देता है। इस योजना उद्यमियों और स्टार्टअप उद्यमों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुँचाया है। इस योजना के तहत लोन के लिए कोई सिक्योरिटी/ गारंटी देने की ज़रूरत नहीं है।  

  • इक्विपमेंट फाइनेंस (Equipment finance)

इस योजना के तहत व्यवसायों को उपकरण/ मशीनरी आदि खरीदने के लिए लोन दिया जाता है। लोन लेने के लिए खरीदे जाने वाले उपकरण/ मशीनरी को बैंक के पास सिक्योरिटी/ गारंटी के रूप में रखना होगा, इसके अलावा इस योजना में लोन सिक्योरिटी के बदले लोन दिया जाता है इसलिए लोन की ब्याज दर भी कम होती है। 

यह कई प्रमुख बैंकों जैसे स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) और ICICI  बैंक द्वारा दिया जाता है। बिज़नेस किस्त लोन बिज़नस में तत्काल नकदी की ज़रूरत और बिज़नस के विस्तार के लिए लिया जा सकता है। यह लोन पर्सनल लोन की श्रेणी में आता है, क्योंकि ये एक असुरक्षित लोन है। हालांकि, बैंक कम ब्याज दरों पर बिज़नस किस्त लोन को सुरक्षित रखता है।  

उद्यमी अब बैंकों से भी अपने startup के लिए इस विशिष्ट प्रकार के लोन का लाभ उठा सकते हैं। कई बैंक और वित्तीय संस्थान भी लोन योजनाएं देती हैं, जो विशेष रूप से startup की विशेष ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बनाई गई हैं। अलग-अलग बैंक इन Startup Business Loan को अलग-अलग नाम से देते हैं। जैसे, SIDBI बैंक “ग्रोथ कैपिटल एंड इक्विटी असिस्टेंस” (Growth Capital and Equity Assistance Scheme) योजना के नाम से लोन देता है। इस लोन का इस्तेमाल व्यापार विस्तार, मशीनरी खरीदने, कच्चा माल खरीदने, मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग, डिस्ट्रीब्यूटर नेटवर्क का निर्माण, आरएंडडी, सॉफ्टवेयर खरीद (Business Expansion, Machinery, Raw Material, Marketing, Brand Building, Distributor Network Building, Research and development, Software) आदि जैसे उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा कई अन्य बैंक भी स्टार्टअप के लिए धन उपलब्ध कराते हैं।  

बैंको से Startup Business Loan लेने के लाभ 

अगर बैंकों से स्टार्टअप लोन लेने के फायदों की बात करें तो स्टार्ट-अप के लिए बैंकों से बिज़नेस लोन लेना अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेने की तुलना में ज़्यादा फायदेमंद हो सकता है। 

स्टार्ट-अप के लिए बैंक लोन लेने के लाभ:  

  • किसी भी नए बिज़नस को 3 साल के लिए टैक्स से राहत दी जाती है। 

  • बैंक लोन की ब्याज दर कम होती है, क्योंकि निवेशकों से फण्ड लेना स्टार्ट-अप के लिए काफी महंगा होता हैं, क्योंकि उन्हें निवेशकों को उनके निवेश पर 5 से 10 गुना रिटर्न देना पड़ता है। 

  • बैंकों के पास जाना और लोन के लिए सही बैंक चुनना आसान है, क्योंकि भारत में बहुत सारे बैंक उपलब्ध हैं। 

  • स्टार्टअप्स या बिज़नेस को लोन देने के लिए बैंकों के पास एक स्थापित फ्रेमवर्क है। जबकि, निवेशकों से फण्ड लेने की प्रकिर्या अधिक जटिल है।  

  • बैंक से लोन लेने पर व्यवसाय का लाभ (साथ ही नुकसान) केवल लोन लेने वाले व्यक्ति का है।

लोन के लिए दस्तावेज़ (documents required for loan)  

  • पहचान प्रमाण, जैसे- आधार कार्ड , पैन कार्ड , पासपोर्ट , मतदाता पहचान पत्र 

  • पते का सबूत 

  • आय सबूत 

  • वित्तीय दस्तावेज 

  • व्यवसाय के स्वामित्व का प्रमाण 

लोन के लिए पात्रता (Eligibility for loan)

  • आवेदक की आयु 21-65 वर्ष होनी चाहिए 

  • व्यवसाय का प्रमाण होना चाहिए 

  • सभी प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने होंगे 

भारत के देशों में स्टार्टअप्स की संख्या:

पछले 6 सालों में, भारत में स्टार्टअप्स क्षेत्र तेजी से बढ़ रहे हैं, इनमें से अधिकांश सर्विस क्षेत्र से संबंधित हैं। आपको बता दें कि 10 जनवरी, 2022 तक भारत में 61,400 से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी गई है। 

  • दिल्ली में 5,000 से अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप जोड़े गए है। 

  • अप्रैल 2019 से दिसंबर 2021 के बीच बैंगलोर में 4,514 स्टार्टअप जोड़े गए हैं। 

  • कुल 11,308 स्टार्टअप के साथ, महाराष्ट्र में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप हैं। 

एक आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत ने यूके को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका और चीन के बाद तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप देश के रूप में उभर कर सामने आया, जिसने 2021 में क्रमशः 487 और 301 यूनिकॉर्न जोड़े। 14 जनवरी 2022 तक भारत में 83 यूनिकॉर्न थे, जिनका कुल मूल्यांकन यूएसडी 277.77 बिलियन था। नतीजतन, अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। 

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