एंग्जायटी और डिप्रेशन इंसान की मानसिकता को खोखला बना देती है और धीरे-धीरे शारिरिक रूप से बहुत प्रभावित करता है। लेकिन बहुत से लोग इस बीमारी को समझ नहीं पाते है हालांकि इसे समझना बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए आप एंग्जायटी और डिप्रेशन से जुड़ी किताबें, वेबसाइट या क्लीनिकों से सारी जानकारी ले सकतें है।
आज बहुत से लोग एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी बीमारी से जूझ रहें है। इसका सबसे बड़ा कारण हमारा बिजी लाइफस्टाइल (lifestyle) और दूसरों से हमेशा आगे रहना की होड़ है। सबसे पहले तो आपको ये समझना होगा कि एंग्जायटी और डिप्रेशन होता क्या है? यदि आपको इस बीमारी की समझ होगी तो आपको इससे निपटने में सहायता होगी। तो अब आप बेफिक्र हो जाएं क्योंकि आज हम आपको इस आर्टीकल में बताएंगे कि एंग्जायटी और डिप्रेशन क्या हैं ,इसके लक्षण क्या है या और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। तो आइए शुरू करतें है।
चिंता और अवसाद दो सामान्य स्थितियां हैं जो लोगों के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं। एंग्जायटी यानी चिंता ये आप में डर के भाव को उत्पन्न करता है। मान लीजिए यदि आपको छोटी-छोटी बातों को लेकर अधिक चिंता होती है या कई बार एकदम से घबराहट होने लग जाती है तो सावधान हो जाइए क्योंकि हो सकता है आप एंग्जायटी के शिकार हो रहें हो।
डिप्रेशन क्या है (What is depression)?
वहीं डिप्रेशन में इंसान की मानसकिता (mental health) इतनी प्रभावित हो जाती है कि वो अपने आत्मविश्वास (self confidence) को खो देता है और अपने में अच्छा महसूस करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे प्रत्येक लक्षण आपको प्रभावित कर सकते है इसलिए आपको जल्द से जल्द इस बीमारी से खुद को बचाना अनिवार्य है। ये लेख आपकी इस बीमारी से उबरने में मदद करेगा।
चिंता और अवसाद लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करते हैं। जैसे कि हमने ऊपर बताया की एंग्जायटी को चिंता कहते है बहुत से लोग जब भी किसी नई जगह पर जाते हैं या जॉब इंटरव्यू (job interview) या परीक्षा के समय हाथ कांपने लग जाते है अधिक डर या घबराहट हो जाती है तो ये सामान्य कारणों से हो सकती है। चिंता की बात तब है जब आपको एंग्जायटी अटैक बिना किसी वजह के आता है। अब बात करते है डिप्रेशन की तो दोस्तों डिप्रेशन का शिकार व्यक्ति खुद को अकेला कर लेता है। जिसकी वजह से वे दिमागी तौर पर अपने बारे में ही बहुत गलत मानसिकता बना लेता है। आपने सुना भी होगा की ज्यादातर डिप्रेस्ड व्यक्ति आत्महत्या कर लेते हैं। अगर समय पर इस बीमारी पर काबू नहीं किया तो, ये एक ऐसी बीमारी है जो आपकी जान तक ले सकती है।
चिंता और अवसाद के लिए विभिन्न प्रकार की सलाह दी जाती है। जैसे इनमें दवा, चिकित्सा, सेल्फ केयर (self care), और बहुत कुछ शामिल हैं। आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको चिंता या अवसाद है, तो एक चिकित्सक के पास जाना महत्वपूर्ण है जो आपकी स्थिति को समझने में मदद कर सकता है और इसे काबू में करने के लिए कई रणनीतियों पर काम कर सके। यदि आप स्वयं चिंता या अवसाद से जूझ रहे हैं, तो विभिन्न प्रकार की self-help books हैं जिन्हें पढकर आप अपनी स्थिति को बेहतर महसूस करने में आपकी सहायता कर सकती हैं।
चिंता और अवसाद के लिए आपको कई तरह से मदद मिल सकती है। आप पेशेवर उपचार (professional treatment) की तलाश कर सकते हैं, मानसिक स्वास्थ्य क्लीनिक में जा सकते हैं, या ज्यादातर उन लोगों से बात करें जो इस समस्याओं से निपट चुकें हो इसके लिए आप अपने दोस्तों और परिवार से बात कर सकते हैं । इसके अतिरिक्त, कई ऑनलाइन तरीको से आप चिंता और अवसाद के बारे में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
ऐसे कई प्लेटफॉर्म है जहां आप एंग्जायटी और डिप्रेशन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आप इस से सबंधित आर्टिकल पढ़ सकते है। जिससे आप इसकी पूरी जानकारी को अच्छे से समझ सकते हैं, यही नहीं वहां आप चिंता और अवसाद से निपटने के तरीके के बारे में उपयोगी सुझाव भी ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आप ऑनलाइन टूल (online tools) देख सकते हैं जो आपकी चिंता और अवसाद को ख़त्म करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
इन टूल में ऐसे ऐप्स (apps) शामिल हो सकते हैं जो आपके विचारों को ट्रैक करने में आपकी सहायता करते हैं, सोशल मीडिया मैनेजमेंट टूल (social media management) जो आपकी अच्छी सेहत और हालात पर नज़र रखने में आपकी सहायता करते हैं।
अंत में
इस प्रश्न का कोई एक उत्तर नहीं है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के पास अलग-अलग अनुभव और तरीके होंगे जिन्हें चिंता (एंग्जायटी) और अवसाद (डिप्रेशन) से निपटने का प्रयास करते समय ध्यान में रखा जाना चाहिए। हालांकि, नीचे कुछ सामान्य सुझाव हमने दिए हैं जो इससे निपटने में मदद कर सकते हैं:
1.अपनी चिंता और अवसाद के बारे में डॉक्टर या चिकित्सक से बात करें। यह आपको इस बीमारी से बचने के लिए आवश्यक सहायता प्रदान कर सकतें है।
2.उन गतिविधियों में ख़ुद को शामिल करें जो आपको अच्छा महसूस कराती हैं, जैसे दोस्तों के साथ मिलना, एक अच्छी किताब पढ़ना या बाहर सैर करना। यह आपको बेहतर महसूस करने में मदद करेगा और चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में मदद करेगा।
3.ऑनलाइन चैट सर्विस (online chat services) या स्पोर्ट ग्रुप से सहायता प्राप्त करें। ये सेवाएं आपको अपने अनुभवों के बारे में बात करने और चिंता और डिप्रेशन से जूझ रहे अन्य लोगों से बातचीत करके सकरात्मकता पाने के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म प्रदान कर सकती हैं।
4.आप ज्यादातर उन चीजों को अपने अंदर ढूढ़ने की कोशिश करें जो आपको खुश करती हैं, जैसे कि बाहर समय बिताना, दोस्तों के साथ चैट करना या सैर पर जाना। इसके अलावा जब आपको लगे कि आप बिना मतलब से परेशान हो रहें है या किसी गहरी सोच में डूबते जा रहें है तो खुद को कहीं न कहीं व्यस्त कर दें। यह आपको चिंता और अवसाद से राहत पाने में मदद कर सकता है।