आज इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कॉपीराइट (Copyright) के बारे में कि कॉपीराइट क्या होता है? इसकी क्या आवश्यकता है? और अपनी वेबसाइट का कॉपीराइट कैसे कराएं? कॉपीराइट किसी भी ऑफिसियल वेबसाइट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
यह क़ानून आपके मौलिक कार्य (original work) को सुरक्षा प्रदान करता है साथ ही आपकी वेबसाइट पर आपको पूरा अधिकार भी देता है। मान लीजिये, कि आप कोई कार्य कर रहे हैं और जब वह लोगों के बीच में प्रसिद्ध हो जाता है, तब उसी नाम से कोई दूसरा आपकी कॉपी करना शुरू कर देता है, और फिर ऐसी स्थिति में कस्टमर कंफ्यूज हो जाते हैं कि असली कौन है और नकली कौन है।
तो चलिए जानते हैं कि भारत में किसी वेबसाइट का कॉपीराइट कैसे करें। How to copyright a website in India.
जब व्यवसाय स्थापित करने की बात आती है, तो बाजार में उपस्थिति को सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। उद्योग में संभावित उपभोक्ताओं के लिए व्यवसायों को जोड़ने में वेबसाइटें एक प्रमुख भूमिका निभाती हैं। छोटे पैमाने का व्यवसाय हो या बड़े पैमाने का व्यवसाय, वेबसाइटें हमेशा व्यवसाय के विजन, मिशन और संभावनाओं को पूरी दुनिया तक पहुंचाने में उपयोगी साबित हुई हैं।
इसके अलावा, वेबसाइट के व्यापक उपयोग और वेबसाइट के माध्यम से जाने वाले लाखों आगंतुकों के साथ, वेबसाइट को इस तरह से डिज़ाइन करना हमेशा आवश्यक होता है जो दर्शकों को वेबसाइट पर बार-बार आने के लिए आकर्षित करे। इस लेख में, देखते हैं कि भारत में किसी वेबसाइट का कॉपीराइट Website Copyright कैसे किया जाता है।
कॉपीराइट एक कानूनी अवधारणा (legal concept) है जो केवल मूल कार्य के लेखक या निर्माता को ही उस मूल काम का विशेष अधिकार देती है। इसमें केवल कॉपीराइट धारक (copyright holder) को चुनने का अधिकार होता है कि क्या कोई अन्य व्यक्ति उसके काम का उपयोग या पुनर्विक्रय कर सकता है और क्या कोई उस कार्य के लिए श्रेय पाने का अधिकार रखता है।
यदि किसी वेबसाइट का कॉपीराइट (website copyright) है तो कोई दूसरी कंपनी या व्यक्ति उसके डेटा या कार्य को कॉपी नहीं कर सकती। मुख्यतः साहित्यिक, नाटकीय, कलात्मक कार्य, संगीत, सिनेमेटोग्राफ़ फिल्म, टेलीविजन और ध्वनि प्रसारण के कार्यों में कॉपीराइट संरक्षण दिया जाता है।
सरल शब्दों में, कॉपीराइट का अर्थ है कि यह किसी व्यक्ति के स्वामित्व वाले मूल कार्य के अधिकार की रक्षा करता है और यह केवल ओरिजनल कंटेंट राइटर या ओनर को ही अधिकार देता है कि वह कॉपीराइट किए गए कार्य को पुन: उत्पन्न, वितरित, या निष्पादित कर सकता है। एक व्यक्ति अपने काम को संगीत, कला, साहित्य, फोटोग्राफी, सिनेमा, वेबसाइट (Music, Art, Literature, Photography, Movies, Website) आदि के रूप में कॉपीराइट कर सकता है।
आपके काम पर कॉपीराइट प्राप्त करने के बाद कोई भी आपके अधिकारों का उल्लंघन नहीं कर सकता है और यदि कोई आपके काम की प्रतिलिपि (copy) बनाता है तो वह कॉपीराइट अधिनियम (copyright act) के तहत उत्तरदायी होगा। कॉपीराइट आपको एक विशेष अधिकार देता है जिसके तहत आपका काम पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
अपने काम के लिए कॉपीराइट प्राप्त करने की कोई आयु सीमा नहीं है, यहां तक कि एक नाबालिग भी अपने काम के लिए कॉपीराइट प्राप्त कर सकता है। कोई भी व्यक्ति अपने मूल कार्य के लिए कॉपीराइट आवेदन कर सकता है।
आप कॉपीराइट के लिए ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों में से किसी भी माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
ऑफलाइन मोड में, आपको आवेदन भरना होगा और फिर इस आवेदन को कॉपीराइट के शुल्क के साथ कॉपीराइट विभाग (department of copyright) को भेजना होगा। एक बार आपकी आवेदन फाइल हो जाने के बाद, आपको एक डायरी नंबर मिलेगा जो आवेदन दाखिल करने के बाद बनाना होता है। आवेदन दाखिल करने के बाद आपका आवेदन परीक्षा विभाग में जाएगा यदि उन्हें आपके आवेदन में कोई त्रुटि मिलती है तो वे आपको सूचित करेंगे ताकि आप दोषों को दूर कर सकें।
इसके अलावा, यदि कोई आपके कॉपीराइट का विरोध करता है और यदि आपका कॉपीराइट कार्य पहले से ही कॉपीराइट है तो आपके कॉपीराइट के मामले में आवेदन खारिज किया जा सकता है।
यदि आप ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से अपना कॉपीराइट पंजीकृत करना चाहते हैं तो यह आपके लिए आसान होगा। यदि आप ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से अपना कॉपीराइट पंजीकृत करना चाहते हैं तो आपको कॉपीराइट की वेबसाइट पर अपना आवेदन फॉर्म भरना होगा।
सबसे पहले आपको कॉपीराइट पंजीकरण (copyright registration) की आधिकारिक वेबसाइट (http://copyright.gov.in/) पर जाना होगा फिर आपको नए कॉपीराइट पंजीकरण के बटन पर क्लिक करना होगा।
न्यू रजिस्ट्रेशन बटन पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज खुलेगा जहां आपको अपनी लॉगिन आईडी बनानी है और पंजीकरण प्रक्रिया की पूरी प्रक्रिया के दौरान आपको इस आईडी के माध्यम से लॉग इन करना होगा। तो सबसे पहले आपको वेबसाइट पर अपनी आईडी बनानी होगी।
वेबसाइट पर साइन अप करने के बाद ऑनलाइन कॉपीराइट पंजीकरण के लिंक पर क्लिक करें फिर आपको पंजीकरण का ऑनलाइन आवेदन भरना होगा। इस आवेदन को भरने के दौरान, आपको अपना व्यक्तिगत और पेशे का विवरण भरना होगा और अपने काम के बारे में जानकारी देनी होगी जिसके लिए आप कॉपीराइट प्राप्त करना चाहते हैं।
यह ऑनलाइन फॉर्म चार आसान चरणों में भरना है:
पहले चरण में आपको पूरा फॉर्म भरना होगा फिर आपको सेव बटन पर प्रेस करना होगा ताकि आपका आवेदन वेबसाइट पर सेव हो जाए फिर आपको अगले चरण पर जाने के लिए चरण 2 पर क्लिक करना होगा। फिर आपको विशेष विवरण भरना होगा फिर आपको इसे सेव करना होगा और फिर आप तीसरे चरण में जा सकते हैं ।
तीसरे चरण पर क्लिक करने के बाद आपको अपने काम के बारे में जानकारी भरनी होगी इसमें काम के अनुसार पंजीकरण शुल्क चार्ज करेंगे, इसे भरकर आपको नेक्स्ट बटन पर क्लिक करना होगा।
अंतिम चरण में, आपको अपना पंजीकरण शुल्क देना होगा जिसका भुगतान आप ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के माध्यम से कर सकते हैं। शुल्क जमा करने के बाद, आपको एक डायरी नंबर मिलेगा जो फॉर्म के पूरा होने के बाद उत्पन्न होता है ताकि आप इसे भविष्य के संदर्भ के लिए उपयोग कर सकें। फॉर्म जमा करने के बाद इसके पंजीकरण या रजिस्ट्रशन के लिए 30 दिन का समय लगेगा।
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कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन का फार्म भरने के लिए आपको अपनी पर्सनल डिटेल जैसे- नाम, पता, राष्ट्रीयता के बारे में बताना होगा। साथ ही ये भी कन्फर्म करना होगा कि आपको जिस काम का कॉपीराइट कराना है, वो कार्य आपका ही है।
इसमें आप अपने जिस काम पर कॉपीराइट कराना चाहते हैं, उसका संक्षिप्त विवरण भरना होगा। उसकी एक हेडिंग तय करनी होगी। अगर किसी वेबसाइट का कॉपीराइट करना हो तो उसका यूआरएल देना होगा।
भारत में कॉपीराइट एक्ट 1957 (Copyright Act 1957) के तहत एक कॉपीराइट होल्डर को उसके कार्य के लिये विभिन्न प्रकार के अधिकार प्रदान होते है। ये कार्य के मालिक को आर्थिक और नैतिक अधिकार (economic and moral rights) देने का काम करते है।
कॉपीराइट होल्डर के पास अधिनियम के तहत निम्नलिखित अधिकार है (Rights of Copyright Holder):
इसके अंतर्गत सिर्फ copyright holder ही अपने संरक्षित कार्य (protected work) की copies बना सकता है। यदि कोई दूसरा व्यक्ति इस डेटा का उपयोग करना चाहता है तो उसे पहले कॉपीराइट होल्डर की अनुमति लेनी होगी।
किसी ओरिजनल काम या उसकी कॉपी दूसरों तक कैसे भेजनी है, यानि कॉपी लोगों को मुफ्त में उपलब्ध होगी या उस पर चार्ज लगाया जाएगा, इसका निर्णय लेने का अधिकार भी copyright holder के पास होता है।
पहले से मौजूद कार्य को अलग भाषा या फॉर्मेट में प्रस्तुत करने का निर्णय भी कॉपीराइट होल्डर के पास ही होता है। उदाहरण के लिये, कबीर सिंह (फिल्म) एक remake है, तेलुगु फिल्म (अर्जुन रेड्डी) की, तो कॉपीराइट एक्ट के अंतर्गत copyright owner के पास अपने कार्य को दूसरी भाषा में बदलकर पेश करने का अधिकार प्रदान होता है।
कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन करने वाले दोषी के लिए एक साल तक की सजा के साथ आर्थिक जुर्माने का भी प्रावधान है। कॉपीराइट उल्लंघन पर डैमेज क्लेम किया जा सकता है यानि किसी ने कॉपीराइट का उल्लंघन कर के जितना प्रॉफिट कमाया है, उस हिसाब से उसको जुर्माना देना होगा।