अभियांत्रिकी और टेक्नोलॉजी के विकास development of engineering and technology ने हमारे हाथ में ऐसे कई गैजेट्स दिए हैं, जो ना केवल हमारे जीवन को सरल बनाते हैं बल्कि हमारे कार्य करने की क्षमता, उत्पादकता और गति को भी बढ़ाते हैं।
आज के समय में शायद ही कोई ऐसा होगा जो स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप, वाई-फाई, 5G, 4G, एसी, हीटर के बिना अपनी ज़िंदगी बिता सकता है। आजकल तो कई घर में होम ऑटोमेशन और स्मार्ट होम बन गए हैं और इसी वजह से घर के वातावरण में कई प्रकार की रेडियो वेव्स और कई तरह की तरंगे व्याप्त होती हैं, जो हमारे शरीर के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं हैं।
हर चीज़ की तरह टेक्नोलॉजी के भी हमारे जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हैं। टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन जीने के तरीके तक को बदल के रख दिया है। हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अपने काम को आसान और समय की बचत करने के लिए करते हैं।
कभी सोचा है कि आज से बीस साल पहले का जीवन टेक्नोलॉजी के बिना इतना सरल नहीं था जितना की आज है? आज आप अपने दोस्त से बोलिए कि इंटरनेट हमेशा के लिए बंद हो जाएगा। वह पहले अपनी हंसी रोकेगा फिर आपकी बात को मजाक समझ कर यकीन भी नहीं करेगा और शायद कोई भी आपकी बात पर यकीन नहीं करेगा।
यह इक्कीसवीं सदी है और इंटरनेट का इस्तेमाल access to the Internet सभी को करना आता है, और इसका लाभ लोग अपनी जीवन शैली को आसान बनाने के लिए करते हैं। हम टेक्नोलॉजी की मदद नई स्किल्स सीखने के लिए, मीलों दूर बैठे अपने दोस्त से बात करने के लिए, पैसे को आसानी से ट्रांसफर करने के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया सीखने के लिए, और अपनी जीवन शैली को बेहतर बनाने के लिए करते हैं।
टेक्नोलॉजी का महत्व Importance of Technology
- यह प्रौद्योगिकी विकास का ही नतीजा है कि आज स्वास्थ्य सुविधाओं में बेमिसाल परिवर्तन आया है और गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज आज पलक झपकते ही हो जाता है।
- दुनिया भर में किसी भी जगह आप बस बैठे-बैठे हजारों मिल दूर रह रहे किसी भी व्यक्ति से बात कर सकते हैं।
- दुनिया में सबसे शक्तिशाली देशों में उन देशों का नाम शामिल है, जिनके पास सशस्त्र बल और एडवांस टेक्नोलॉजी advance technology है।
- व्यवसाय चाहे छोटा हो या बड़ा, उसे चलाने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद लेनी ही पड़ती है।
- प्राचीन समय और आज के समय को ही ले लीजिए। आज अगर प्राचीन समय और आज के समय में इतना अंतर है तो यह टेक्नोलॉजी के योगदान की वजह से है। अगर आज हमारे पास टेक्नोलॉजी जैसा वरदान ना होता तो हम शायद कबीलों और जंगलों में निवास कर रहे होते।
टेक्नोलॉजी हमारे लिए एक आशीर्वाद है, पर जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज को इस्तेमाल में लाना अपने साथ कई नुकसान को लेकर आता है।
आज हम आपको बताएंगे टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को नकारात्मक रूप से कैसे प्रभावित किया है।
टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को नकारात्मक रूप से कैसे प्रभावित किया है? Negatively affects of Technology
1. टेक्नोलॉजी पर निर्भर होना Dependent on technology
किसी भी चीज की अधिकता सही नहीं है, चाहे वह अमृत ही क्यों ना हो। टेक्नोलॉजी पर पूर्ण निर्भरता अच्छी नहीं है। आपने भी ऐसा देखा होगा कि धीरे-धीरे पूरी दुनिया टेक्नोलॉजी पर आश्रित होते जा रही है। टेक्नोलॉजी पर पूरी तरह से निर्भर होना, एक बुरा संकेत है।
हम अपने दिन की शुरुआत टेक्नोलॉजी से शुरू करते हैं और टेक्नोलॉजी पर खत्म करते हैं। हम अलग -अलग तरीके के गैजेट्स से घिरे हुए हैं।
फोन, लैपटॉप, केटल्स, वाटर हीटर, टोस्टर, कार,आदि। हम टेक्नोलॉजी पर इतने निर्भर हो गए हैं कि गैजेट्स के इस्तेमाल use of gadgets ने हमें आलसी बना दिया है। हम खुद से कुछ करना ही नही चाहते, क्योंकि हमारे काम को पूरा करने के लिए गैजेट्स मौजूद हैं।
टेक्नोलॉजी पर निर्भर होने की वजह से हमारा शरीर बीमारी का घर बन गया है। हम दिन-ब-दिन आलसी बनते जा रहे हैं और इसके साथ-साथ मोटापा, तनाव और स्ट्रेस जैसी अनेक बीमारियों से घिरते जा रहे हैं।
2. अकेलापन और डिप्रेशन loneliness and depression
टेक्नोलॉजी ने ही हमें एक महत्वपूर्ण चीज दी है - सोशल मीडिया social media। लैपटॉप और फोन में अलग-अलग ऐप की मदद से लोग किसी भी अनजान व्यक्ति से बात कर सकते हैं। वर्चुअल दुनियां में दोस्त बनाने के कारण लोगों के बीच आज सामाजिक अलगाव बढ़ रहा है। आज हमारे लिए किसी अनजान व्यक्ति से बात करना तो आसान है, पर हम पड़ोस में रहने वाले लोगों से बात नहीं करना चाहते। सिर्फ चैटिंग ही नहीं, आज कल लोग वीडियो गेम्स video games खेलने में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उन्हें पता ही नहीं है कि दुनिया में क्या हो रहा है।
3. छात्रों पर नकारात्मक प्रभाव negative impact on students
टीचर ने ऑनलाइन क्लास में एक चैप्टर खत्म कर दिया और गृह कार्य भी दे दिया। टीचर ने कह दिया कि कोई भी गृह कार्य नकल करके नहीं करेगा, सबको खुद से मेहनत करके काम को पूरा करना है। लेकिन छात्र इस बात को नहीं मानते हैं क्योंकि उनके पास तो इंटरनेट है।
उनके पास तो विकल्प है कि वह इंटरनेट की मदद से चुन सकते हैं कि वह कौन से साइट से अपना गृहकार्य अपनी कॉपी पर उतारेंगे। इससे यह देखने को मिला है कि छात्र महत्वपूर्ण ज्ञान लेने से वंचित रह जाते हैं। वह किसी भी चीज को कॉपी करना पसंद करते हैं, और बाकी समय वह गेम्स और चैटिंग में बिता देते हैं।
4. बेरोजगारी Unemployment
जो काम करने के लिए एक समय पर किसी मानव की जरूरत पड़ती थी, आज वही सारे काम रोबोट्स कर रहे हैं। लोग मशीन को इस्तेमाल में लाना पसंद कर रहे हैं, क्योंकि यह उनका समय और खर्च दोनों बचाती है। नौकरियों की संख्या कम होने की वजह से बेरोजगारी में इज़ाफा हो रहा है।
5. टेक्नोलॉजी की लत Technology addiction
लोग अपना समय मनोरंजन को ज्यादा दे रहे हैं। वीडियो गेम्स, नेटफ्लिक्स, स्मार्टफोन, लैपटॉप और भी कई गैजेट को ज्यादा इस्तेमाल में लाने की वजह से हमें टेक्नोलॉजी की लत लग गई है। हम टेक्नोलॉजी के आदी हो गए हैं और इसके बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते।
6. समय की बरबादी Waste of time
यूं तो टेक्नोलॉजी हमारे समय को बचाने का काम करती है लेकिन लोग अपने कंप्यूटर्स पर घंटे बिताते हैं और मूवीज देखना, टेक्सटिंग, वीडियो गेम्स आदि काम करते हैं। इन सब में वह इतने व्यस्त हो जाते हैं कि अपने जरूरी काम को करना भूल जाते हैं। आज कल तो लोग लोग अपने काम को टालने भी लगे हैं।
7. घटती रचनात्मकता Declining creativity
जब मशीनें नहीं हुआ करती थीं तब हम सब स्वयं के मस्तिष्क का उपयोग करके किसी भी काम को किया करते थे लेकिन आज हम आसान से आसान काम को टेक्नोलॉजी की मदद से करते हैं तो भला स्वयं के मस्तिष्क का उपयोग कैसे ही संभव हो पाएगा।
भले ही मशीन ने हमारे काम को आसान बनाया है और ये हमें बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन अपनी बुद्धि का प्रयोग करना भी बेहद ज़रूरी है। अगर हमनें इसी तरह हर काम को करने के लिए मशीन की मदद ली तो यह धीरे-धीरे हमारी रचनात्मकता को नष्ट कर देगा।
8. डिजिटल अपराध Digital crime
साइबर बुलिंग, हैकिंग, ट्रॉलिंग, स्टॉकिंग इत्यादि डिजिटल अपराध का एक स्वरूप है, जिसे टेक्नोलॉजी की आड़ में अंजाम दिया जाता है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते स्वरूप के साथ ही ऐसे अपराधों में भी बढ़ोतरी हुई है।
सिर्फ इतना ही नहीं टेक्नोलॉजी की वजह से दुर्घटनाएं, गोपनीयता और असुरक्षा, टेक्नोलॉजी की लत, खराब पॉश्चर, याद्दाशत कम होना, आदि नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। अब समय आ गया है कि हम टेक्नोनॉलोजी का उतना ही इस्तेमाल करें जितनी हमें जरूरत है।
निष्कर्ष
हम सब टेक्नोलॉजी के मालिक है और टेक्नोलॉजी हमारी गुलाम है लेकिन दुख की बात ये है कि टेक्नोलॉजी पर हम इतने अधिक आश्रित हो गए हैं कि टेक्नोलॉजी हमें कंट्रोल करने लगी है।
हम जीते जागते इंसान हैं, कोई रोबोट नहीं इसीलिए टेक्नोलॉजी की उतनी ही मदद लें, जितनी ज़रूरत हो। अगर मालिक नौकर के गुलाम बन जायेंगे तो पूरी व्यवस्था की गड़बड़ा जाएगी इसीलिए टेक्नोलॉजी से बस काम भर की ही मदद लें।