इस वर्ष, भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force Day) उन वायु सेना के सदस्यों की याद में मनाया जाएगा जिन्होंने देश की सुरक्षा और देश के विमानन उद्योग की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह दिन देश के लिए सशस्त्र बलों द्वारा किए गए बलिदान का सम्मान करता है, और युवाओं को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। इसका मुख्य लक्ष्य भारतीय वायु सेना के योगदान का सम्मान करना और उसे याद रखना है। भारतीय वायु सेना दिवस हर वर्ष 08 अक्टूबर को मनाया जाता है। भारतीय सेना ने कई प्रसिद्ध हवाई संघर्षों में भाग लिया है जिन्होंने भारत की सैन्य शक्ति में योगदान दिया है और उन्हें विदेशों में एक ठोस प्रतिष्ठा स्थापित करने में मदद की है।
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आज देश में भारतीय वायु सेना दिवस (Indian Air Force Day 2022) है। समारोह चंडीगढ़ के सुखना लेक कॉम्प्लेक्स (Sukhna Lake Complex) में होता है। एक एयर शो (Air show) और फ्लाईओवर भारतीय वायु सेना दिवस परेड (Flyover Indian Air Force Day Parade) का अनुसरण करेगा। आज भारतीय वायुसेना दिवस की 90वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस दिन को प्रत्येक वर्ष पूरे देश में वायु सेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका आयोजन इस बार चंडीगढ़ में हो रहा है। प्रत्येक वर्ष 8 अक्टूबर को वायु सेना दिवस मनाया जाता (Indian Air Force Day Is Celebrated On) है। रॉयल इंडियन एयर फोर्स भारत की आजादी से पहले वायु सेना का नाम था। वायु सेना दिवस पर आपके लिए हमारे पास विचार, उद्धरण और शुभकामनाएं हैं जो आप अपने प्रियजनों को बधाई के रूप में भेज सकते हैं।
देश-दुनिया के इतिहास में 8 अक्टूबर की तारीख कई अहम वजहों से दर्ज है। भारतीय वायुसेना के लिए यह तारीख बेहद महत्वपूर्ण है। भारतीय वायु सेना दिवस भारत में प्रतिवर्ष 8 अक्टूबर को मनाया जाता है। दरअसल, इसी दिन भारत में वायुसेना आधिकारिक तौर पर सहायक के रूप में अस्तित्व में आई थी। अखंड भारत में, रॉयल इंडियन एयर फोर्स (Royal Indian Air Force) की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी। उस समय, औपनिवेशिक शासन (Colonial Rule) कायम था। इसी तारीख को भारत में वायुसेना दिवस के तौर पर हर साल मनाया जाता है। सबसे बड़ा त्योहार यही है।
भारतीय वायु सेना की स्थापना 08 अक्टूबर 1932 को हुई थी, भारतीय वायु सेना ने कई महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक मिशनों में भाग लिया है। छह आरएएफ-प्रशिक्षित अधिकारियों (RAF-Trained Officers) और 19 वायुसैनिकों ने भारतीय वायु सेना की प्रारंभिक ताकत बनाई। इसके अलावा, इन्वेंट्री में 4 वेस्टलैंड आईआईए बायप्लेन (Westland IIA biplane) शामिल थे। उस समय अन्य राष्ट्रों की शक्तिशाली वायु सेनाओं की तुलना में यह कुछ भी नहीं था। हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) के बाद से, भारतीय वायु सेना की ताकत में काफी वृद्धि हुई है। देश भर के हवाई अड्डों पर लोग इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मनाते हैं। अपने अलग-अलग हवाई अड्डों पर, प्रत्येक वायु सेना स्टेशन अपनी परेड आयोजित करता है। पिछले वर्ष भर में उनकी उपलब्धियों के सम्मान में एयरमैन को कई मानद पदक और पुरस्कार भी दिए जाते हैं। IAF की टीमें अद्वितीय संरचनाओं का निर्माण करते हुए कई तरह के हवाई युद्धाभ्यास करती हैं।
अमेरिका, रूस और चीन के बाद, IAF 1,70,000 से अधिक कर्मियों और 1,500 विमानों के साथ दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। भारतीय वायु सेना दिवस सभी नागरिकों और वायु सेना की टीम में गर्व और देशभक्ति की भावना पैदा करता है। यह दिन सशस्त्र सेवाओं द्वारा किए गए राष्ट्रीय बलिदानों का सम्मान करता है। यह युवाओं को वायु सेना में शामिल होने की ख्वाहिश रखने के लिए भी प्रेरित करता है।
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भारतीय वायु सेना की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी, लेकिन इसकी पहली उड़ान 1 अप्रैल, 1933 को संचालित की गई। इसके पहले दस्ते में 6 आरएएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 एयर सोल्जर शामिल थे। पहला ऑपरेशन वजीरिस्तान (First Operation Waziristan) में कबाइलियों के खिलाफ था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इसका विस्तार किया गया। भारतीय वायुसेना की जिम्मेदारी भारत को सभी संभावित खतरों से बचाना है और साथ ही आपदाओं में राहत एवं बचाव कार्यों में मदद करना है।
भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल, 31 लड़ाकू जेट स्क्वॉड्रन (Fighter Jet Squadron) है। मोटे तौर पर प्रत्येक स्क्वाड्रन में 18 लड़ाकू विमान (Fighter Plane) होते हैं। इसमें फ्रेंच राफेल (French Raphael) के दो स्क्वाड्रन और स्वदेशी एलसीए ‘तेजस’ भी शामिल हैं। वर्तमान में भारतीय वायु सेना में 1,400 से अधिक विमान और लगभग 1,70,000 कर्मचारी कार्यरत हैं।
भारतीय वायुसेना को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी परिचालन वायु सेना का दर्जा दिया गया है। भारतीय वायुसेना में 1,400 से अधिक विमान और लगभग 1,70,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। भारतीय वायु सेना ने देश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हमेशा राहत कार्यों में भाग लिया है, जिसमें गुजरात चक्रवात (Gujarat cyclone) (1998), सुनामी (2004) और उत्तर भारत में बाढ़ शामिल हैं। इस दौरान वायु सेना ने फंसे नागरिकों को बचाते हुए एक विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है।
याद हो वायुसेना ने उत्तराखंड (Uttarakhand) में अचानक आई बाढ़ में भी महत्वपूर्ण कार्य किया था। उस दौरान मिशन का नाम ‘राहत’ रखा गया था, जिसमें IAF ने लगभग 20,000 लोगों को बचाया था। इसके अलावा वायुसेना ऑपरेशन पूमलाई, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत (Air Force Operation Poomlai, Operation Vijay, Operation Meghdoot) और जैसे विभिन्न ऑपरेशनों का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। IAF शांति स्थापना मिशनों में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के साथ भी काम कर चुकी है। IAF ने महत्वपूर्ण संख्या में महिला लड़ाकू पायलटों (Female Fighter Pilots) , महिला नाविकों और महिला अधिकारियों को भी शामिल किया है जो अपनी देश को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। यहां तक कि भारतीय वायुसेना के राफेल बेड़े (Rafale Fleet) में भी एक महिला फाइटर पायलट मौजूद है।
भारत के आसमान की हम हैं शान
देश की रक्षा को देते हैं अपनी जान
बुरी नजर से जो देखे भारत को
उसे मिटा देंगे, यही है अपना ईमान