पृथ्वी में प्राकृतिक आपदाओं के कारण लोगों को सदियों से परेशानी का सामना करना पड़ा है। कुछ इसमें इंसानों की भी गलती है जो अपनी सुख सुविधाओं के चक्कर में प्रकृति से छेड़ छाड़ करते हैं और कुछ हादसे प्राकृतिक भी होते हैं। इस वजह से पृथ्वी में कई जगहें सुनसान और खामोश हो गयी हैं जो कभी पहले इंसानों से आबाद और हरी-भरी थी।
ये दुनिया बहुत ही खूबसूरत है और पृथ्वी पर मानव जीवन का इतिहास बहुत पुराना है। पृथ्वी में जिधर भी नजर घुमाओ वहाँ आबादी ही आबादी मिलेगी। पृथ्वी अत्यधिक आश्चर्य तथ्यों से भरी हुई है और यहाँ कई बार ऐसी चीज़ें हो जाती हैं जिसकी शायद कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। इस पृथ्वी में कई ऐसी जगहें हैं जहाँ पहले लोग बसते थे, आबादी थी, हरियाली थी, जीवन था लेकिन अब वहाँ वीराना और खंडहर हैं। आज आपको कुछ ऐसी ही जगह के बारे में बताएँगे जो किसी न किसी कारण से वीरान हो गयी हैं और आज वहाँ खंडहर के सिवा कुछ भी नहीं है।
चैतन, चिली
दक्षिणी अमेरिकी देश चिली का चैतन शहर कोरकोवड़ो की खाड़ी में येलचो नदी के तट पर स्थित है। भयानक ज्वालामुखी विस्फोट के कारण 2008 में ब्लांको नदी में राख और कीचड़ की बाढ़ आने से पूरा का पूरा शहर तबाह हो गया था। यहाँ के लोगों को कहीं और शिफ्ट कर दिया गया था। यहाँ की कऱीब 4500 की आबादी कहीं और चली गयी थी। इस हादसे के बाद से ये आबाद शहर वीरान पड़ा हुआ है।
वर्सो, साइप्रस
ये उत्तरी साइप्रस के फमाकूस्ता शहर के दक्षिण भाग में है। ये पहले पर्यटन क्षेत्र हुआ करता था। 1974 में तुर्की द्वारा इस पर हमला किया गया था। हमले के बाद तुर्की ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। तुर्की सशस्त्र बलों के द्वारा इस जगह को काफी नुकसान पहुँचाया गया था। इसके बाद उत्तरी साइप्रस सरकार ने इसे भूत शहर का नाम दे दिया और अब यहाँ किसी के जाने की अनुमति नहीं है।
राइलाइट, नेवाद अमेरिका
राइलाइट, अमेरिका के नेवाद राज्य में स्थित है। पहले यहाँ सोने की खदानें हुआ करती थी लेकिन धीरे-धीरे सोने की खदानों में गिरावट होने लगी। जिससे कंपनी के स्टॉक मूल्य में गिरावट के कारण 1911 में राइलाइट को बंद कर दिया गया। उस समय राइलाइट की जनसंख्या 1000-1200 के करीब थी। लेकिन 1920 तक आते-आते यह बिल्कुल वीरान हो गया और तब से लेकर आज तक ये शहर खाली और वीरान पड़ा है।
प्रिप्यात यूक्रेन
प्रिप्यात शहर यूरोपियन देश यूक्रेन का एक वीरान शहर है। यह शहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए था। 26 अप्रैल 1986 को परमाणु ऊर्जा संयंत्र में भयंकर दुर्घटना हुई। जिस कारण इस शहर को पूरा का पूरा खाली कर दिया गया। इसके कारण करीब 4-5 लाख लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस दुर्घटना में करीब 30-35 लोगों की जान भी गयी थी। यह इतिहास की सबसे बड़ी परमाणु ऊर्जा संयंत्र दुर्घटना थी। तब से लेकर रेडियोएक्टिव वातावरण के कारण ये शहर वीरान है।