वैज्ञानिकों ने मानव जीवन को आधुनिक बनाने के लिए कई आविष्कार किये है। वैज्ञानिकों के चमत्कारों ने मनुष्य जीवन पर अच्छा प्रभाव डाला है। इनके किये गए आविष्कारों से दुनिया को एक नया रूप मिला है। विज्ञान के इस युग में, मनुष्य विज्ञान के बिना कुछ भी नहीं है। सभी वैज्ञानिकों को हमें याद रखना चाहिए। हम उनके महान योगदान को कभी भी नहीं भूल सकते हैं। आज हम दुनियाभर के उन महान वैज्ञानिकों के बारे में जानेंगे जिनकी खोजों ने मानवता और विज्ञान को नए शिखरों तक पहुँचाया है। हम सबको मिलकर उन वैज्ञानिकों का स्मरण करते रहना चाहिए जिन्होंने इतनी महत्वपूर्ण अविष्कार किया हैं। क्योंकि उन वैज्ञानिकों के अद्भुत काम आज भी हर क्षेत्र में काम आते हैं।
हम सब जानते हैं कि वैज्ञानिकों के अंदर दुनिया को बदलने की ताकत होती है। वैज्ञानिकों ने अपनी कल्पना और जिज्ञासा को वास्तविकता में परिवर्तित किया है। वैज्ञानिकों को भौतिक विज्ञान, चिकित्सा, गणित, रसायन विज्ञान और जीव विज्ञान Physics, Medicine, Mathematics, Chemistry and Biology जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ खास वैज्ञानिकों के बारे में जिनका योगदान कहीं न कहीं हम सभी के जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। जिनकी रचनात्मकता और काबिलियत ने हम सबके जीवन को एक नयी दिशा दी है। हम सब इन महान वैज्ञानिकों को बार-बार नमन करते हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन Albert Einstein
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च 1879 में Germany में Württemberg के यहूदी परिवार में हुआ। उनके पिता Hermann Einstein आइंस्टीन एक इंजिनियर Engineer और सेल्समन salesmen थे, जबकि उनकी माता Pauline Einstein थी। अल्बर्ट आइंस्टीन एक विश्वप्रसिद्ध भौतिकशास्त्री थे। अल्बर्ट आइंस्टीन Theory of Relativity and the Mass-Energy Equation के लिए जाने जाते हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने जीवन में बहुत से अविष्कार किये, कुछ अविष्कारों के लिए आइंस्टीन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। आधुनिक समय में भौतिकी को सरल बनाने में इनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। सन 1921 में अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके अविष्कारों के लिए नोबल पुरस्कार से नवाजा गया। विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को कोई भी नहीं भुला सकता है। 1999 में टाइम पत्रिका ने उन्हें शताब्दी-पुरूष centenarian घोषित किया था। अल्बर्ट आइंस्टीन ने 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध-पत्रों का प्रकाशन किया है।
सर आइज़ैक न्यूटन Sir Isaac Newton
न्यूटन का जन्म Woolsthorpe England, में 4 जनवरी 1643 को हुआ था। इनके पिता की मृत्यु इनके जन्म लेने के तीन महीने पूर्व ही हो गई थी। न्यूटन पढ़ाई के दौरान एक फार्मासिस्ट के घर में रहने लगे जिसका नाम क्लार्क था। फार्मासिस्ट होने के कारण क्लर्क के पास रासायनिक और प्रायोगिक किताबें बहुत ज्यादा थी और न्यूटन उनकी सारी किताबों को पढ़ा करते थे और उनपर प्रयोग भी करते थे। न्यूटन जिस कॉलेज से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर रहे थे उस कॉलेज के प्रोफेसर ने दूसरी नौकरी के लिए प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया और फिर न्यूटन गणित के प्रोफेसर बन। सर आइज़ैक न्यूटन Sir Isaac Newton एक गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी थे वह एक बहुत ही प्रभावशाली वैज्ञानिक थे। इन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत Law of Gravity and Principle of Motion की खोज की थी। वह ज्योतिष एवं दार्शनिक भी थे।
निकोलस कोपरनिकस Nicolaus Copernicus
निकोलस कोपरनिकस पोलिश खगोलशास्त्री व गणितज्ञ Astronomer and Mathematician थे। 1530 में कोपरनिकस की किताब डी रिवोलूशन्स (De Revolutionibus) प्रकाशित हुई जिसमें उसने बताया कि पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती हुई एक दिन में चक्कर पूरा करती है और एक साल में सूर्य का चक्कर पूरा करती है। निकोलस के पिता कॉपर Coper के एक अच्छे व्यापारी थे, इसी वजह से निकोलस का नाम कॉपरनिकस रखा गया। निकोलस ने अंतरिक्ष से जुड़ी जानकारियां बिना किसी दूरबीन के देखी हैं। वह घंटो अपनी आंखों से अंतरिक्ष को देखकर नई खोज करने की कोशिश करते रहते थे। निकोलस ने अंतरिक्ष के बारे में यह भी बताया कि हम जो सूर्य को घूमते हुए देखते हैं वास्तव में वह पृथ्वी की गति होती है।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल Alexander Graham Bell
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल के आविष्कारों को कोई नहीं भुला सकता है। इनको टेलीफोन Telephone के आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। ग्राहम बेल ने न सिर्फ टेलीफोन, बल्कि कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी communication technology के क्षेत्र में कई और भी आविष्कार किए हैं। इन्होने संचार में एक नयी क्रांति ला दी थी। अगर आज टेलीफोन नहीं होता तो सोचिये क्या होता। संचार के क्षेत्र में दुनिया कितनी पीछे होती मोबाइल, इन्टरनेट जैसी चीजों का तो नामोनिशान तक नहीं होता। अलेक्जेंडर ग्राहम ऐसे ही महान इन्सान थे। अलेक्जेंडर ग्राहम ने अपने पूरे जीवन में अपने ज्ञान का इस्तेमाल करते हुए महान आविष्कार किया। जिसमें मूक बधिर के लिए ‘ऑडियोमीटर’Audiometer मुख्य है, इसके द्वारा वे आसानी से बात को समझ कर बात कर सकते हैं।
लुई पाश्चर Louis Pasteur
लुई पाश्चर Louis Pasteur ने अपनी महान वैज्ञानिक आविष्कार के द्वारा बीमारी के दौरान घाव उत्पन्न होने की स्थिति में जो असहनीय पीड़ा होती है उससे मुक्ति दिलाकर एक बड़ी मानव सेवा प्रदान की थी। लुई वही वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने दुनिया को बताया कि दूध को पीने से पहले उसे अच्छी तरह से उबालना जरूरी है। ताकि, जीवाणु मर जाएं और हमारी सेहत अच्छी बनी रहे। लुई पास्चर के सम्मान मे ही दूध को 60 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर कीटाणु रहित करने की प्रक्रिया को ’पास्चराइजेशन’ Pasteurization कहते हैं। उनके नाम से पाश्चर संस्थान की स्थापना की गई। उनकी विशेष खोज है - Rabies Vaccine रैबीज वैक्सिन। मानव प्रजाति की जानवरों से मिले घात से सुरक्षा मिलना उन्हीं की देन है। ताकि लोगों को पागल कुत्ते के काटने या भेड़िया के दांत लगने से बीमार होकर मौत के मुंह में न जाना पड़े। उन्होंने निष्काम भाव से मानवता की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी Maria Curie
मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी भौतिकविद और रसायनशास्त्री थी। नोबल प्राईज विजेता प्रसिद्ध प्रथम महिला women scientist ( भौतिक एवं रसायन शास्त्र दोनों में नोबल पुरूस्कार प्राप्त करने वाली ) मैरी स्क्लाडोवका क्यूरी पोलैंड की रहने वाली थी। मेरी ने रेडियम radium की खोज की थी। उन्होंने दो नए रासायनिक तत्वों chemical elements की खोज की। " पोलोनियम " का नाम क्यूरी के मूल देश, पोलैंड के लिए रखा गया था, और "रेडियम" का नाम इसकी तीव्र रेडियोधर्मिता के लिए रखा गया था। इनकी बडी बेटी आइरीन को 1935 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ तो छोटी बेटी ईव eve को 1965 में शांति के लिए नोबेल पुरस्कार मिला।