लोगों के पास कई प्रकार के विकल्प हैं व्यवसाय को शुरू करने के परन्तु इसके साथ ही व्यवसाय में असफलता मिलने का दर भी अधिक हो गया है। कारण है बिना सोच-विचार के किसी व्यवसाय की ओर आकर्षित होकर उसे शुरू करने की जल्दबाजी। टेक्नॉलॉजी के जमाने में हर एक काम अब मोबाइल और कम्प्यूटर से हो जाता है, यही कारण है कि इसका दुषप्रभाव लोगों की आंखों पर पड़ रहा है। लोगों की नज़र कमजोर हो रही है और उन्हें दुनिया को देखने के लिए एक कृत्रिम आंख की ज़रूरत पड़ रही है, जिसे चश्मा कहा जाता है। आज चश्मा प्रत्येक व्यक्ति की ज़रूरत बन गया है। तो क्या खयाल है चश्मे का व्यवसाय किया जाये…?
समय तो सदैव बदलता रहता है और वक़्त के हिसाब से चीज़ें भी बदलती रहती हैं। आज दौर यह है कि हर एक इंसान अपना स्वयं का कोई कार्य शुरू करना चाहता है। इसका मुख्य कारण है कि लोग दूसरों के बनाये नियमों के आधार पर कार्य नहीं करना चाहते हैं, वह अपने बनाये उसूलों के आधार पर काम करके पैसे कमाना चाहते हैं, ताकि उन्हें केवल कार्य से सम्बंधित समस्याओं का तनाव रहे, साथ में बॉस के शिकायतों की झंझट ना रहे। आज के समय में स्वयं के व्यवसाय का बाज़ार बहुत बड़ा हो गया है। लोगों के पास कई प्रकार के विकल्प हैं व्यवसाय को शुरू करने के परन्तु इसके साथ ही व्यवसाय में असफलता मिलने का दर भी अधिक हो गया है। कारण है बिना सोच-विचार के किसी व्यवसाय की ओर आकर्षित होकर उसे शुरू करने की जल्दबाजी। टेक्नॉलॉजी के जमाने में हर एक काम अब मोबाइल और कम्प्यूटर से हो जाता है, यही कारण है कि इसका दुषप्रभाव लोगों की आंखों पर पड़ रहा है। लोगों की नज़र कमजोर हो रही है और उन्हें दुनिया को देखने के लिए एक कृत्रिम आंख की ज़रूरत पड़ रही है, जिसे चश्मा कहा जाता है। आज चश्मा प्रत्येक व्यक्ति की ज़रूरत बन गया है। तो क्या खयाल है चश्मे का व्यवसाय किया जाये…?
पहले एक निश्चित उम्र के लोगों को चश्में की आवश्यकता पड़ती थी, क्योंकि उम्र ढ़लने के साथ-साथ व्यक्ति के आँखों की रौशनी कमजोर पड़ने लगती है और उसे आस-पास के आवरण को देखने के लिए चश्में की आवश्यकता पड़ने लगती है। परन्तु लगातार कंप्यूटर और मोबाइल पर काम करने और देखने के कारण आज के युग में हर एक उम्र के लोगों की नज़र कमजोर होने लगी है, यहाँ तक कि बच्चे भी इस शिकायत से अछूते नहीं हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति चश्मे बेचने का व्यवसाय शुरू करता है तो हम कह सकते हैं कि यह कभी भी घाटे में न जाने वाला व्यवसाय सिद्ध होगा।
चश्में का व्यवसाय करने के लिए आवश्यक है कि आप ऐसे स्थान का चुनाव करें जहाँ पर इसकी बिक्री अधिक मात्रा में संभव हो पाए। किसी अस्पताल के समीप या फिर किसी ऐसे स्थान के निकट अपनी दुकान को खोलना अधिक फायदेमंद हो सकता है, जहाँ पर नेत्र चिकित्सालय हो। ऐसे स्थान ग्राहकों को आपकी ओर लाने में मददगार सिद्ध होंगे। व्यवसाय में पूंजी की आवश्यकता होती ही है, यदि आपके पास 1,00,000-1,50,000 रूपये तक निवेश करने की क्षमता है तो आप यह कार्य आसानी से शुरू कर सकते हैं।
इसके साथ ही हम सब जानते हैं कि फैशन का दौर अपनी उच्च सीमा पर यात्रा कर रहा है। इसलिए इस बात को ध्यान में अवश्य रखना होगा कि आप फैशन के आधार पर भी ग्राहकों को चश्में में विभिन्न प्रकार के ढांचे मुहैया करा पाएं। यदि यह विकल्प कोई भी व्यवसायी अपने पास रखता है तो निश्चित तौर पर चश्में खरीदने के लिए आपकी दुकान पर अधिक लोग आएंगे और आपकी बिक्री बढ़ेगी। इसके साथ ही लोगों के घर तक अपनी सेवा पहुंचाने का रास्ता भी अगर खुला रखेंगे, तब तो यह और भी असरकारी होगा। चश्में के व्यवसाय में बूढ़े, बच्चे और नौजवान सभी शामिल होते हैं, ऐसे में हम यह निश्चित कह सकते हैं कि आवश्यक सुविधा देकर हम अपनी शर्तों पर अपना स्वयं का एक कार्य शुरू कर सकते हैं।