सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए कभी भी जीवन में निराश न हों भले ही आप असफल हो जाएं। बस फिर से नई शुरुआत करें, बड़े सपने देखें, भरोसा और धैर्य रखें, निरंतर और निरंतर कार्य करें, बड़ा लक्ष्य रखें और फिर देखें कि एक आज़ाद पक्षी की तरह आप भी खुले आसमान में दूर बहुत दूर उड़ते चले जाएंगे। इस लेख के सार में सफलता के रहस्य छुपे हैं कि जीवन में हार जाने और निराश होने के बावजूद भी किन-किन प्रयासों से हम जीवन में सफल हो सकते हैं।
अक्सर जब हम किसी भी क्षेत्र या काम में असफल हो जाते हैं, तो बेहद दुखी और बुरा महसूस करते हैं। असफल होने का दुख हमें इतना बड़ा लगने लगता है कि हमारी दिनचर्या और खानपान भी हमारी असफलता से प्रभावित होने लगते हैं। असफलता चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, इसके पीछे बहुत अधिक चिंतित होने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। असफलता बुरी नहीं है लेकिन असफलता मिलने पर चिंता करना और भविष्य के बारे अधिक सोचना बुरा है। आइए जानते हैं कि असफलता को सफलता में कैसे बदलें? How To Turn Failure Into Success?
सफलता एक ऐसा शब्द है जो हर किसी के जीवन का लक्ष्य है। कड़ी मेहनत और समर्पण सफलता का एक मात्र मंत्र है। सभी महान पुरूषों को ही सफलता का नाम दिया जाता है। इतिहास में उन लोगों को शानदार उपलब्धियों और सफलता के कारण ही याद किया जाता है। उन्होंने कड़ी मेहनत से ही सफलता प्राप्त की है। निरंतर कठोर परिश्रम करने से ही उन्हें सफलता के स्वाद चखने को मिला है।
सफलता केवल उन्हीं लोगों को मिल सकती है जो मेहनती, साहसी और आत्मनिर्भर होते हैं। सफ़लता ख़ुशी का ही दूसरा नाम है। क्योंकि अगर हम सफल हो जाते हैं तो ख़ुशी हमारे पास खुद ब खुद आ जाती है। हम ये भी कह सकते हैं कि यदि शारीरिक और मानसिक रूप से कोई व्यक्ति स्वस्थ है तो इसका अभिप्राय है कि वह व्यक्ति सफल है। क्योंकि शारीरिक और मानसिक विकास के बिना पूर्ण सफलता प्राप्त नहीं हो सकती।
सफलता प्राप्त करने के लिए सर्वप्रथम हमे अपने उद्देश्यों को जानना जरूरी है, क्योंकि जब तक हमें ये पता नहीं होता जाना कहां है, तब तक हमें रास्ते का भी पता नहीं होता कि हमें किस तरफ मुड़ना है, किस दिशा में जाना है। इसलिए हमें अपने उद्देश्य को निर्धारित करना चाहिए। जो व्यक्ति सफल नहीं हो पाते उनकी राह में सबसे बड़ी रुकावट अनिश्चितता है।
आपको क्या बनना है, कहाँ जाना है, इन सबका निश्चय करना ही वह कदम हैं जो आपको सफलता की सीढ़ी तक पहुंचाते हैं। अपने लक्ष्य का फैसला करने के बाद दूसरी सीढ़ी है ईमानदारी और उत्साह। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता सभी काम सम्मानित होते हैं अगर बड़ा होता है तो उसको दिल से और पूरे समर्पण भाव से करना। सफलता प्राप्त करने के लिए जो सबसे अधिक कीमती है वो है वक्त। खोया हुआ वक्त कभी वापस नहीं आता। एक बार अगर हम इसे खो देते हैं तो हमेशा के लिए खो देते हैं और समय का दुरुपयोग आपको सफलता की दौड़ से बाहर कर देता है। जिन्होंने भी समय का सदुपयोग किया है सफलता हमेशा उनके क़दमों में रही है।
दृढ़ता और लगातार प्रयास से किया गया श्रम आपको सफलता की ओर ले जाने में मदद करता है। अगर हम अपने प्रयास में विफल होते हैं तो इसका अर्थ ये है कि हमारे द्वारा किये गए श्रम में कुछ कमी रह गयी है। अगर हम कुछ प्रयासों के बाद हार जाते हैं या फिर निराश हो जाते हैं तथा फिर से कोशिश नहीं करते हैं तो हम कभी भी सफलता के पायदान पर नहीं पहुँच पाएंगे। सफल होने के लिए अपनी गलतियों और अनुभवों से कुछ सीखना चाहिए। कभी भी अपनी किस्मत को दोष न दें और सही समय पर सही निर्णय लें। हमें एक बार फिर से कोशिश करनी चाहिये। पिछली हार से कुछ सीखना चाहिए ना कि हार मान लेना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो इस बार किया गया प्रयास कभी भी व्यर्थ नहीं जाएगा और हम सफलता की ऊंचाइयों को छू लेंगे।
एक सफल व्यक्ति कभी भी अनिश्चित नहीं होता या उसके आत्मसम्मान में कभी भी कमी नहीं आती। सफल व्यक्ति हमेशा अच्छी आदतों और अच्छे संस्कारों को अपनाता है। हमेशा श्रम की गरिमा में विश्वास करता है। निरंतर अभ्यास करता है। कभी-कभी जीवन में आपको ऐसी चोट लग सकती है जिससे आपको प्रतीत हो कि किसी ने आपको पत्थर मारा हो। लेकिन फिर भी हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। एक सबक के रूप में इसे याद रखना चाहिए।
हमने बचपन में बहुत कहानियां सुनी हैं जैसे कछुआ और खरगोश की, चींटी की। चींटी पहाड़ पर चढ़ने की लगातार कोशिश करती है और सावधानी से जंग जीत जाती है। इन सब चीज़ों से यही सीख मिलती है कि हमें तब तक कोशिश करनी चाहिए जब तक हम सफल नहीं हो जाते। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप धीरे चल रहे हो या तेज, बस अगर आप निरंतर कोशिश कर रहे हो तो कोई भी कारण आपके रास्ते का अवरोध नहीं बन सकता है।
अक्सर जब हम किसी भी क्षेत्र या काम में असफल हो जाते हैं, तो बेहद दुखी और बुरा महसूस करते हैं। असफल होने का दुख हमें इतना बड़ा लगने लगता है कि हमारी दिनचर्या और खानपान भी हमारी असफलता से प्रभावित होने लगते हैं। असफलता चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो, इसके पीछे बहुत अधिक चिंतित होने का कोई फायदा नहीं है क्योंकि यह आपके जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। असफलता बुरी नहीं है लेकिन असफलता मिलने पर चिंता करना और भविष्य के बारे अधिक सोचना बुरा है। आइए जानते हैं कि असफलता का मुकाबला कैसे किया जाए?
असफलता पर घंटों विचार करते रहने से कुछ भी हासिल नहीं होगा। असफलता के बारे में बहुत अधिक सोचने पर अनावश्यक तनाव पैदा होगा और आपको बुरा महसूस होगा। ये सब सोचने की बजाय अगर आप इस विषय पर सोचें कि आपको असफलता क्यों मिली और अपने द्वारा की गई हुईं गलतियों के बारे में सोचें। आप विचार करें कि आप अपने द्वारा की गई हुईं गलतियों को कैसे सही कर सकते हैं और उनसे सबक लें।
अपनी गलतियों को स्वीकार करें और असफलताओं के लिए किसी भी तरह का बहाना न बनाएं। पता लगाने की कोशिश करें कि चीज़ें वैसे क्यों नहीं हुईं जैसा आप चाहते थे।
असफलताओं के बारे में सोचने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय गलतियों से सीखने पर ध्यान केंद्रित करें।
2. डर पर फोकस करने के बजाय सकारात्मक विचारों पर ध्यान दें। Focus on positive thoughts
अगर आपका ऐसा मानना है कि सफलता रातों - रात मिल जाती है तो आपको अपनी सोच बदलने की आवश्यकता है। एक सफलता के पीछे हजारों असफताएं छिपी होती हैं। हम सब ऐसा हजारों उदाहरण जानते हैं जहां सफल होने से पहले कई महान व्यक्ति कई बार असफल हुए लेकिन फिर भी अपनी बारी आने पर हम ये भूल जाते हैं और हमें लगता है कि कोशिश करने से क्या फायदा जब हमारे हाथ सिर्फ असफलता ही लग रही है।
असफलता से डर कर, प्रयास करना भी छोड़ देना बहुत गलत है। यह सब सोच का खेल है। हमें लगने लगता है कि हम कभी सफल नहीं होंगे और असफलता के डर को हम अपने ऊपर हावी होने देते हैं। इसकी बजाय आप इस डर को मन से बाहर निकालने का प्रयास करिए। खुद ये सोच रखें कि चाहे कोई कितना भी प्रयत्न कर लें मुझे सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। अगर आप सच में मेहनत कर रहे हैं तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि आप सफल ना हों। हमारा सुझाव ये है कि आप सकारात्मक विचारों के साथ अपने दिन की शुरुआत करें क्योंकि ऐसा करने पर आप अपनी असफलताओं से संघर्ष करना सीख जाते हैं।
जब हम सब अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल होने लगते हैं, तो उदासी, चिंता, क्रोध और शर्म जैसी भावनाएं हम पर हावी होने लगती हैं। यह बहुत ही स्वाभाविक बात है। विफलता के बाद बुरा महसूस करना बुरा नहीं है लेकिन विफलता को अपनी कमजोरी बनाना गलत है।
अपनी कमजोरी को अपनी खूबी बनाएं। स्वयं में अच्छी भावनाएं भरें ताकि भविष्य में आप बढ़िया प्रदर्शन करें। अपनी खूबियों पर काम करें।
यदि सुबह उठने के साथ आप अच्छी सेहत के लिए कुछ जरूरी काम नहीं करते हैं तो आपको आज से ही स्वस्थ आदतें विकसित करने की ज़रूरत है।
अगर स्वस्थ आदतें विकसित करनी है तो एक कहावत को हमेशा याद रखिए- जब जागो तभी सवेरा। स्वयं में स्वस्थ आदतें विकसित करने पर आप खुद में जबरदस्त बदलाव देखेंगे।
सुबह उठकर टहलने जाएं, एक्सरसाइज करें, मेडिटेशन करें, किताबें पढ़ें, ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करें और परिवार और दोस्तों से मिलें। इन एक्टिविटीज की मदद से नकारात्मक विचार आपसे दूर रहते हैं और आप दिन भर अच्छा महूसस करते हैं।
गुड हैबिट्स और एक्टिविटीज की एक सूची बनाएं। इस सूची में उन एक्टिविटीज को शामिल करें, जिन्हें करने में आपको मजा आता है और अच्छा महसूस होता है। समय निकाल कर नियमित रूप से इन आदतों का अभ्यास करें।
आज ऐसे लोगों की संख्या बहुत अधिक है, जिन्होंने अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर असफलता का स्वाद चखा लेकिन अपनी मेहनत और विश्वास के दम पर उन्होंने सफलता हासिल की।
जब आप महापुरुषों की जीवनी पढ़ेंगे तो आप पाएंगे कि इन सभी लोगों में एक बात सामान्य थी और वो है- हार ना मानना। यह एटिट्यूड बहुत मुश्किल से आता है इसीलिए आप भी महापुरुषों की जीवनी पढ़ें ताकि जब आप कभी असफल हों तो हताश होने के बजाय आप एक बार फिर से मेहनत करने में लग जाएं।
खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करिए। ज्यादा से ज्यादा खुद को समय दीजिए। एक अच्छा इंसान बनिए लेकिन दूसरों को ये साबित करने में कि आप कितने अच्छे हैं, अपना ज़रा सा भी समय मत बर्बाद करिए।
आपका एक नकारात्मक ख्याल आपके दस सकारात्मक ख्याल पर भारी पड़ सकता है इसीलिए हमेशा अच्छा सोचें और अच्छा करें।
किस्मत के बारे में ज्यादा मत सोचें क्योंकि सच तो ये है कि ये आपके हाथ में ही नहीं है लेकिन मेहनत करना आपके बस में हैं। जितनी आप मेहनत करेंगे उतनी ही अच्छी किस्मत आपकी होगी।
मोटिवेशन ज़रूरी है लेकिन अनुशासन, निरंतरता और दृढनिश्चय ज़्यादा ज़रूरी है।
असफलता से शर्माना कैसा, जब आप उसी असफलता से सीख कर फिर से प्रयास कर सकते हैं और कामयाब हो सकते हैं।
खुद को उन हर चीजों से अलग कर लो, जो आपको ये अहसास कराए कि आप सफल नहीं हो सकते। मन की शांति के लिए ये करना ज़रूरी है।
बार-बार असफल होने से मत डरो क्योंकि इतिहास गवाह है कि जो व्यक्ति बार-बार असफल होता है वही एक दिन सफल होता है।
सफलता और असफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए कभी भी जीवन में निराश न हों भले ही आप असफल हो जाएं। बस फिर से नई शुरुआत करें, बड़े सपने देखें, भरोसा और धैर्य रखें, निरंतर और निरंतर कार्य करें, बड़ा लक्ष्य रखें और फिर देखें कि एक आज़ाद पक्षी की तरह आप भी खुले आसमान में दूर बहुत दूर उड़ते चले जाएंगे।
इस लेख के सार में सफलता के रहस्य छुपे हैं कि जीवन में हार जाने और निराश होने के बावजूद भी किन-किन प्रयासों से हम जीवन में सफल हो सकते हैं।