किसी भी व्यवसाय के लिए सफलता प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। प्रतिस्पर्धा के बढ़ते दबाव के कारण, व्यवसायों को अपने प्रतिस्पर्धियों से आगे रहने के लिए लगातार नए तरीकों की तलाश करनी चाहिए।
प्रतियोगी विश्लेषण एक ऐसा उपकरण है जो व्यवसायों को अपने प्रतिस्पर्धियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है। यह जानकारी व्यवसायों को अपने उत्पादों और सेवाओं, अपने विपणन प्रयासों और अपने रणनीतिक लक्ष्यों को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
प्रतियोगी अनुसंधान competitive research को हम तभी समझ पाएंगे जब हम परियोजना प्रबंधन के बारे में अच्छे से जान जाएंगे। हमें जानना होगा कि परियोजना आखिर क्या होती है और क्यों बनाई जाती है कोई भी परियोजना।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में कॉम्पिटिटिव एनालिसिस का महत्त्व Importance of competitive analysis in project management और इसे कैसे किया जाए, इस पर चर्चा करेंगे।
प्रतियोगी अनुसंधान competitive research के बारे में जानने के लिए हमें सबसे पहले परियोजना प्रबंधन Project Management के बारे में जानना होगा कि परियोजना प्रबंधन वास्तव में क्या है और किसे कहते हैं परियोजना प्रबंधन। इसका मूल उद्देश्य क्या है।
परियोजना एक तरह से किसी काम को करने से पहले बनाई गयी एक सुनियोजित योजना है। किसी काम को शुरू करने से पहले उस काम की एक पूरी रूपरेखा तैयार करना या योजना बनाना ही परियोजना कहलाता है।
परियोजना मतलब जिसको आगे लागू किया जाता है और फिर उसको एक आकार दे दिया जाता है। हम कह सकते हैं कि किसी भी परियोजना को एक आकार देने के लिए बहुत लंबा रास्ता तय करना होता है और यही रास्ता तय करने के लिए काफी अनुसंधान करने पड़ते हैं।
जिनमें मुख्य है प्रतियोगी अनुसंधान। परियोजना प्रबंधन में प्रतियोगी अनुसंधान का उद्देश्य है कि प्रतियोगियों के उत्पाद या उनकी परियोजनाओं का विश्लेषण analyze करना या आज के दौर में हम कह सकते हैं कि प्रतियोगियों की वेबसाइट का अध्ययन या विश्लेषण करना, प्रतियोगी अनुसंधान का महत्वपूर्ण बिंदु है।
वेबसाइट का अध्ययन या विश्लेषण Website study or analysis करने से हमें अपनी मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज marketing strategies को बेहतर करने का मौका मिलता है। चलिए जानते हैं परियोजना प्रबंधन में क्या है प्रतियोगी अनुसंधान।
पहले हम परियोजना प्रबंधन को समझ लेते हैं। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट को हम इस तरह से समझ सकते हैं कि यह शुरू से अंत तक योजना और परियोजना प्रक्रियाओं के द्वारा चलने वाला या मार्गदर्शन करने वाला दृष्टिकोण है। यह परियोजना से शुरू होता है और लक्ष्य की प्राप्ति के साथ समाप्त हो जाता है। परियोजना प्रबंधन में जो सबसे महत्वपूर्ण और मुख्य बिंदु है वो है प्रतियोगी अनुसंधान। प्रतियोगी अनुसंधान को जानना और इसे सही तरीके से लागू करन अति आवश्यक है।
प्रतियोगियों का विश्लेषण करना, उनको जानना, अच्छे से समझना और उस आधार पर अपने उत्पाद की बिक्री बढ़ाने के लिए उत्पाद में सुधार करना प्रतियोगी अनुसंधान के अंदर आता है। यह अनुसंधान का एक क्षेत्र है जो प्रतिद्वंदी फर्मों competitor firms के बारे में जानकारी के संग्रह और समीक्षा collections and reviews में माहिर है। हम यह पता लगा सकते हैं कि प्रतियोगी क्या कर रहे हैं और वे आपकी कंपनी की सफलता के लिए किस तरह का खतरा पैदा कर सकते हैं।
क्योंकि आपकी जैसी अन्य कई कंपनियां भी हैं जो आपके समान/उत्पाद या सेवा प्रदान करती हैं। प्रतियोगी अनुसंधान का मतलब ही यही है कि यदि आपको उनसे आगे बढ़ना है तो इसके लिए आपको अधिक से अधिक जानकारी जुटानी है। तभी जाकर आप अपने प्रतिस्पर्धियों competitor पर बढ़त हासिल कर सकते हैं।
किसी भी संगठन में एक परियोजना एक एकल परिभाषित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभागों के बीच सहयोग है। संगठनात्मक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए संसाधनों की योजना बनाने, व्यवस्थित करने और प्रबंधन करने की प्रक्रिया को परियोजना प्रबंधन कहा जाता है।
वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में परियोजना प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। विचार निर्माण से लेकर उत्पाद या सेवा के अंतिम उत्पादन तक, प्रत्येक चरण को व्यक्तिगत परियोजनाओं के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। किसी भी प्रोजेक्ट के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजर project Manager की आवश्यकता होती है, जो प्रोजेक्ट को उसके तार्किक निष्कर्ष तक ले जाए। प्रोजेक्ट मैनेजर अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लेकिन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आवश्यक टीम के सदस्यों को नियुक्त करने के लिए जिम्मेदार है।
परियोजना प्रबंधन एक ऐसा प्रक्रिया है जो परियोजनाओं के सफल समापन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्यों को योजना बनाने, कार्यान्वित करने और नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है। परियोजना प्रबंधन की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
योजना बनाना Make a plan : परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को निर्धारित करना, कार्यों को परिभाषित करना, समय सीमा और बजट निर्धारित करना।
कार्यान्वयन execution : परियोजना कार्यों को निष्पादित करना और परियोजना टीम का प्रबंधन करना।
नियंत्रण Control : परियोजना की प्रगति की निगरानी करना और आवश्यकतानुसार समायोजन करना।
परियोजना प्रबंधन कौशल और ज्ञान का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो विभिन्न उद्योगों में उपयोग किया जाता है। परियोजना प्रबंधक विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का प्रबंधन करते हैं, जिनमें निर्माण परियोजनाएं, सॉफ्टवेयर विकास परियोजनाएं, विपणन अभियान और कई अन्य शामिल हैं।
प्रोजेक्ट की सफलता की संभावना में वृद्धि: परियोजना प्रबंधन प्रक्रिया परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने और निगरानी करने में मदद करती है।
समय और लागत में कमी: परियोजना प्रबंधन प्रक्रिया परियोजना के समय और लागत को नियंत्रित करने में मदद करती है।
गुणवत्ता में सुधार: परियोजना प्रबंधन प्रक्रिया परियोजना के परिणामों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में मदद करती है।
परियोजना प्रबंधन एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण कौशल है जो व्यक्तियों और संगठनों को सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
परियोजना जीवन चक्र (Project Life Cycle) एक ऐसी प्रक्रिया है जो परियोजनाओं के उद्भव से लेकर समापन तक की सभी गतिविधियों को कवर करती है। यह एक चरणों वाली प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक चरण परियोजना के विकास और कार्यान्वयन के लिए आवश्यक विशिष्ट कार्यों को पूरा करता है।
उद्भव Evolution : इस चरण में परियोजना की आवश्यकताओं का आकलन किया जाता है और परियोजना के प्रस्ताव को तैयार किया जाता है।
योजना Plan: इस चरण में परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को परिभाषित किया जाता है, कार्यों को परिभाषित किया जाता है, समय सीमा और बजट निर्धारित किया जाता है।
कार्यान्वयन Implementation : इस चरण में परियोजना कार्यों को निष्पादित किया जाता है और परियोजना टीम का प्रबंधन किया जाता है।
नियंत्रण Control : इस चरण में परियोजना की प्रगति की निगरानी की जाती है और आवश्यकतानुसार समायोजन किए जाते हैं।
समापन Ending : इस चरण में परियोजना के परिणामों को वितरित किया जाता है और परियोजना को बंद कर दिया जाता है।
परियोजना जीवन चक्र की अवधि परियोजना के आकार और जटिलता के आधार पर भिन्न हो सकती है। छोटी परियोजनाओं को अक्सर एकल चरण में पूरा किया जा सकता है, जबकि बड़ी परियोजनाओं को कई चरणों में पूरा करने की आवश्यकता हो सकती है।
परियोजना जीवन चक्र एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो परियोजना प्रबंधकों को परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा करने में मदद कर सकता है। यह परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने, परियोजना कार्यों को योजनाबद्ध करने और प्रबंधित करने, और परियोजना की प्रगति की निगरानी करने में मदद करता है।
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प्रोजेक्ट की सफलता की संभावना में वृद्धि: परियोजना जीवन चक्र परियोजना प्रबंधकों को परियोजना के उद्देश्यों और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने और निगरानी करने में मदद करती है।
समय और लागत में कमी: परियोजना जीवन चक्र परियोजना प्रबंधकों को परियोजना के समय और लागत को नियंत्रित करने में मदद करती है।
गुणवत्ता में सुधार: परियोजना जीवन चक्र परियोजना प्रबंधकों को परियोजना के परिणामों की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने में मदद करती है।
आजकल नए नए सॉफ्टवेयर और प्रौद्योगिकी software and technology आ चुकी है। इसके द्वारा businessman अपने बिज़नेस को और भी अच्छे तरीके से जान लेते हैं और उन्हें पता है कि आगे रहने के लिए नियमित रूप से एक संपूर्ण प्रतिस्पर्धी विश्लेषण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। आपको मार्केट में अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त हासिल करने के लिए अधिक से अधिक जानकारी जुटाने की और अंतर्दृष्टि insight की जरुरत होती है।
प्रतियोगी अनुसंधान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके द्वारा ही आप यह जान सकते हैं कि आपके प्रतियोगी क्या कर रहे हैं, उनकी रणनीति क्या है और सबसे जरुरी ये जानना कि उनके द्वारा आपकी कंपनी की सफलता के लिए कोई खतरा तो नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि आपकी कंपनी सफल बने या सबसे एक कदम आगे रहे तो इसके लिए प्रतियोगी अनुसंधान अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप कंपनियों के बारे में जानकारी खोजने के लिए सर्च इंजन search engine का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
प्रतियोगी विश्लेषण करने के लिए आपको कुछ बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है जैसे -
प्रतियोगी विश्लेषण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यवसाय के प्रतिस्पर्धियों का अध्ययन किया जाता है। यह अध्ययन प्रतिस्पर्धियों की ताकत और कमजोरियों, उनके उत्पादों और सेवाओं, उनके विपणन प्रयासों और उनके उद्योग में स्थिति को समझने के लिए किया जाता है।
अवसरों और खतरों की पहचान Identification of Opportunities and Threats: प्रतियोगी विश्लेषण व्यवसायों को अपने उद्योग में अवसरों और खतरों को पहचानने में मदद कर सकता है।
प्रतिस्पर्धात्मक लाभ विकसित करना develop competitive advantage : प्रतियोगी विश्लेषण व्यवसायों को अपने प्रतिस्पर्धियों से अलग होने और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ विकसित करने में मदद कर सकता है।
रणनीतिक निर्णय लेने में सुधार improve strategic decision making : प्रतियोगी विश्लेषण व्यवसायों को रणनीतिक निर्णय लेने में सुधार करने में मदद कर सकता है।
प्रतियोगी विश्लेषण करने के लिए, व्यवसायों को निम्नलिखित चरणों का पालन करना चाहिए:
सबसे पहले, व्यवसायों को अपने उद्योग में सभी प्रतिस्पर्धियों की पहचान करनी चाहिए। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धियों दोनों को शामिल करना चाहिए। प्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धी वे व्यवसाय हैं जो समान उत्पादों या सेवाएं प्रदान करते हैं। अप्रत्यक्ष प्रतिस्पर्धी वे व्यवसाय हैं जो समान ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हैं, भले ही उनके उत्पाद या सेवाएं अलग हों।
एक बार जब व्यवसायों ने अपने प्रतिस्पर्धियों की पहचान कर ली हो, तो उन्हें उनके बारे में जानकारी एकत्र करनी चाहिए। इस जानकारी में शामिल हो सकते है
एक बार जब व्यवसायों ने प्रतिस्पर्धियों के बारे में जानकारी एकत्र कर ली हो, तो उन्हें उस जानकारी का विश्लेषण करना चाहिए। इस विश्लेषण में शामिल हो सकते हैं:
प्रतिस्पर्धियों की ताकत और कमजोरियों की पहचान करना
प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों और सेवाओं की तुलना करना
प्रतिस्पर्धियों के विपणन प्रयासों का मूल्यांकन करना
प्रतिस्पर्धियों की वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना
एक बार जब व्यवसायों ने प्रतिस्पर्धियों का विश्लेषण कर लिया हो, तो उन्हें प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए रणनीति विकसित करनी चाहिए। इस रणनीति में शामिल हो सकते हैं:
प्रतिस्पर्धियों से अलग होने के लिए रणनीति विकसित करना
प्रतिस्पर्धियों पर हमला करने के लिए रणनीति विकसित करना
प्रतिस्पर्धियों के साथ सहयोग करने के लिए रणनीति विकसित करना
प्रतियोगी विश्लेषण एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो व्यवसायों को सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
यहां कुछ अतिरिक्त युक्तियां दी गई हैं जो व्यवसायों को प्रतियोगी विश्लेषण करने में मदद कर सकती हैं:
प्रतियोगी विश्लेषण को नियमित रूप से करें: व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में परिवर्तनों को ट्रैक करने के लिए प्रतियोगी विश्लेषण को नियमित रूप से करना चाहिए।
प्रतियोगी विश्लेषण में अपने कर्मचारियों को शामिल करें: व्यवसायों को प्रतियोगी विश्लेषण में अपने कर्मचारियों को शामिल करना चाहिए। यह व्यवसायों को विभिन्न दृष्टिकोणों और अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
प्रतियोगी विश्लेषण को अपने व्यवसाय के लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ जोड़ें: व्यवसायों को प्रतियोगी विश्लेषण को अपने व्यवसाय के लक्ष्यों और उद्देश्यों के साथ जोड़ना चाहिए। यह व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा से निपटने के लिए सबसे प्रभावी रणनीति विकसित करने में मदद कर सकता है।
प्रतिस्पर्धियों का सोशल मीडिया प्लेटफार्म और खुद में सुधार करना
इस डिजिटल digital युग के समय में सोशल मीडिया social media पर किसी कंपनी की उपस्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण हो गयी है। आजकल कंपनी किसी भी उत्पाद या सेवा को ऑनलाइन बेचते हैं। उनके ब्लॉग या लेख की तुलना में आप प्रासंगिक विषयों relevant topics के बारे में अधिक बार प्रकाशित करके फायदा पा सकते हैं।
आप उनके लेख से बेहतर लेख लिखने की कोशिश करें। जिससे ग्राहकों का सारा ध्यान आप पर केंद्रित हो। आप अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करें। आप प्रतिस्पर्धियों के अलग तरीके पर ध्यान केंद्रित करें।
उनके काम को जितना करीब से देखेंगे उतना ही आपको फायदा होगा। आपको यह विश्लेषण करना है कि आपके प्रतियोगी सोशल मीडिया का उपयोग कैसे कर रहे हैं और उनकी रणनीति क्या है।
वे क्या-क्या जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। ये जानना बहुत ही जरुरी है। अब पूरा विश्लेषण करने के बाद आपको काफी कुछ समझ में आ जाता है कि आप अपनी परियोजना को किस तरह से और बेहतर बना सकते हैं।
अगर आपने अपने प्रतियोगी के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित की है तो आप अपने कार्य क्षेत्रों में सुधार कर सकते हैं। इन सबके द्वारा आप अपने ग्राहकों, ब्लॉग पाठकों blog readers के साथ अच्छे संबंध बना सकते हैं और अपने आपको एक अच्छी स्थिति के साथ मार्केट में स्थापित कर सकते हैं।