पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन का आधार है। पर्यावरण (Environment) पृथ्वी के भौतिक घटकों का प्रतिनिधित्व करता है। पर्यावरण में सभी लिविंग थिंग्स (living things) जैसे मनुष्य, जानवर पेड़ के साथ-साथ (non-living things) नोलिविंग थिंग्स यानी निर्जीव चीज़ें भी सम्मलित हैं। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आप कैसे पर्यावरण अध्यन करके अपना करियर उज्ज्वल बना सकते हैं, और साथ ही पर्यावरण संरक्षण हेतु आपका दायित्व कितना महत्वपूर्ण है यह भी आपको इस आर्टिकल में मिलेगा। पढ़ते रहिये -TWN
यदि आप पर्यावरण से लगाव रखते हैं, और आप पर्यावरण को बचाकर दुनिया को बचाना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए हैं। यहाँ हम आपको ऐसे कुछ ऑर्गनाइजेशन्स के बारे में भी बताएंगे जो पर्यावरण को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। यह बात हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश में वहां रहने वाले लोगों का स्वस्थ होना उस देश की अर्थव्यवस्था को कितना प्रभावित करता है। देश के गरीब लोग पर्यावरण खराब होने की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान झेलते हैं। क्योंकि ना ही उनके पास वाटर प्यूरीफायर होते हैं और न ही स्वच्छ हवा और इसके साथ ही पर्यावरण अध्ययन की कमी की वजह से लोग पर्यावरण को बचाने एवं स्वच्छ रखने के बारे में जागरूक भी नहीं होते। इसके अलावा पर्यावरण खराब होने की वजह से तरह-तरह की बीमारियां फैलती हैं, और इसके कारण भी देश की अर्थव्यवस्था बहुत प्रभावित होती है। विकासशील देशों में पर्यावरण की समस्या रोगों की वजह बन रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन World Health Organization का अनुमान है कि विकासशील देशों में लगभग 25 प्रतिशत बीमारियों का कारण खराब पर्यावरण है। वर्ष 2004 में साफ़ या पीने योग्य पानी की अपर्याप्त पहुंच के कारण 1.9 मिलियन लोग, मुख्य रूप से बच्चे, मारे गए थे। इसके अलावा लकड़ी, गोबर और कोयला जैसे ठोस ईंधन पर खाना पकाने से इनडोर वायु प्रदूषण (indoor air pollution)होता है, और इस वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से भी हर साल 2 मिलियन लोग, ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मर जाते हैं।
गैर-संचारी रोग (non-communicable diseases), जैसे हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह, कैंसर और सांस की समस्या, ये सभी प्रकार की स्वास्थ से संबंधित समस्याएं भी पर्यावरण की समस्या के कारण उत्पन्न होती हैं। पर्यावरणीय असंतुलन के कई खतरे हो सकते हैं, जैसे वायु प्रदूषण, जहरीले रसायन, प्रदूषित पर्यावरण air pollution, toxic chemicals, polluted environment आदि। एनसीडी से होने वाली कुल मौतों में से 80 प्रतिशत विकासशील देशों में होती हैं। विकासशील देशों के लोग विकसित देशों के लोगों की तुलना में कम उम्र में एनसीडी से मर जाते हैं।
पर्यावरण में भौतिक, जैविक और सांस्कृतिक तत्वों की परस्पर क्रिया प्रणाली शामिल है, जो सामूहिक रूप से विभिन्न तरीकों से पर्यावरण से जुड़े हुए हैं। पर्यावरण के खराब होने के कई कारण है, जिसमे से एक है औद्योगीकरण (Industrialisation) यदि हम सतत या सस्टेनिबल डेवलपमेंट करेंगे तो ये समस्या कुछ हद तक कम हो सकती है।
सतत विकास को अक्सर एक ऐसे विकास के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें भविष्य की पीढ़ियों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए समझौता न करना पड़े और वर्तमान पीढ़ियों की जरूरतों भी पूरी होती रहें। इसके अलावा व्यापक पर्यावरणीय क्षरण और वैश्विक जलवायु परिवर्तन से स्वास्थ्य और कल्याण को होने वाले नुकसान को देखते हुए, विभिन्न समुदाय और सरकारें यह सुनिश्चित करने पर अधिक जोर दे रही हैं कि आर्थिक विकास एक स्थायी तरीके से प्राप्त किया जाए जिससे पर्यावरण को कोई क्षति न पहुंचे।
स्वस्थ वातावरण की रक्षा और निर्माण सतत विकास का एक महत्वपूर्ण घटक है। बायोमास (Biomass) के इस्तेमाल से घरों और गांवों में वायु प्रदूषण के जोखिम को कम करके, और लोगों को स्वच्छ पानी और स्वच्छ वातावरण प्रदान करके, पर्यावरण की समस्या से होने वाली बीमारियों के सबसे बड़े बोझ से देश आबादी से मुक्त किया जा सकता है।
पर्यावरणीय समस्याओं को दूर करने के प्रयासों के बारे में जागरूकता फैलाना जो स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिसमे बाइक चलाने और परिवहन से यात्रा करने के पैदल चलने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करता है, इससे ग्रीनहाउस गैस और वायु प्रदूषण उत्सर्जन कम करेगा और शारीरिक गतिविधि के जरिये स्वास्थ लाभ बढ़ाएगा।
दुनिया भर के कई पर्यावरण संगठन (Environmental organizations) वैश्विक पर्यावरण के विश्लेषण और संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं। ये अलग-अलग प्रकार के संगठन है जैसे नॉनप्रॉफिट, गवर्नमेंटल, ट्रस्ट्स और नॉन-गवर्नमेंटल (nonprofits, governmental, trusts, or non-governmental)। ये पर्यावरण संगठन अंतरराष्ट्रीय (international), राष्ट्रीय (national), क्षेत्रीय या स्थानीय सहित दुनिया भर में विभिन्न स्तरों पर काम करते हैं। आइये पर्यावरण पर काम करने वाले कुछ प्रमुख संगठनों के बारे में जानते हैं।
विश्व प्रकृति संगठन की योजना 2010 में विकासशील देशों द्वारा शुरू की गई थी, जो जलवायु परिवर्तन (climate change) से सबसे अधिक खतरे में हैं। इसका लक्ष्य आर्थिक रूप से अनुकूल व्यवसायों, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और पर्यावरणीय सुधार से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
संयुक्त राष्ट्रीय पर्यावरण प्रोग्राम की स्थापना जून 1972 में मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के बाद की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों से संबंधित कई पर्यावरणीय मुद्दों के ऊपर काम कर रहा है। जैसे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण समझौते विकसित करना, पर्यावरण विज्ञान को प्रोत्साहित करना और राष्ट्रीय सरकारों के साथ विकास नीतियां बनाना। United Nations Environment Programme के विशेषज्ञों ने संभावित संदूषकों के संदर्भ में संधियों और नीतियों के दिशानिर्देशों में योगदान दिया है।
International Union For Conservation Of Nature की स्थापना 1948 में हुई थी। इसमें 1,200 से अधिक सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल हैं। इसका मिशन दुनिया भर में प्रकृति संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। यह पर्यावरण संगठन अपने उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए गरीबी, लैंगिक समानता और स्थायी व्यावसायिक ( poverty, gender equality, and sustainable business practices) प्रथाओं जैसे मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
Intergovernmental Panel On Climate Change संयुक्त राष्ट्र के तहत एक Intergovernmental और scientific संगठन के रूप में काम करता है, जिसे विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा 1988 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य दुनिया को जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों का एक निष्पक्ष, वैज्ञानिक मूल्यांकन प्रदान करना है। 2007 में इस संगठन को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) मिला।
GEF की स्थापना 1991 में 183 देशों, नागरिक संगठनों, निजी व्यवसायों और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के आपसी सहयोग के रूप में की गई थी। यह संगठन जलवायु परिवर्तन, भूमि क्षरण, अंतर्राष्ट्रीय जल, जैव विविधता और ओजोन परत (climate change, land degradation, international water, biodiversity, and the ozone layer) से संबंधित परियोजनाओं को संरक्षित करता है। वर्तमान में, यह दुनिया में इस प्रकार की परियोजनाओं का सबसे बड़ा सार्वजनिक अनुदान ( public funder) है। GNF ने अपने फंडों से कुल मिलाकर 165 देशों में 3,690 परियोजनाओं में योगदान दिया है।
Earth System Governance Project जनवरी 2009 में वैश्विक पर्यावरण परिवर्तन पर अंतर्राष्ट्रीय मानव आयाम कार्यक्रम से शुरू हुआ। यह परियोजना दुनिया भर के लगभग 300 सक्रिय और 2,300 अप्रत्यक्ष रूप से शामिल ES का एक नेटवर्क है। ESGP का लक्ष्य वैश्विक पर्यावरण परिवर्तन को रोकने में आने वाली कठिनाइयों से संबंधित विज्ञान पर शोध प्रकाशित करना है।
यदि आप पर्यावरण नुक्सान से होने वाले प्रकोप से दुनिया को बचाना चाहते हैं तो यहाँ हम आपको कुछ ऐसी जॉब्स (jobs) या नौकरियों के बारे में बताएंगे जिससे आप समाज के प्रति अपना दायित्व निभा सकते हैं और साथ ही अपना करियर (career) भी बना सकते हैं।
पर्यावरण अध्यन में कुछ प्रमुख जॉब
पर्यावरण का अध्यन करने के बाद आप सामाजिक दायित्व में अपनी भूमिका बखूबी निभा सकते हैं, साथ ही आप अपना करियर भी बना सकते हैं।
पर्यावरण एक ऐसा विषय है जिसके बारे में अभी भी बहुत से लोग जागरूक नहीं हैं। ऐसे में यदि आप लोगों को पर्यावरण के विषय के बारे में जानकारी देंगे तो आपको कई लोगों को इस क्षेत्र में आगे बढ़कर पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु प्रेरित कर सकते हैं। पर्यावरण के बारे में अच्छी जानकारी प्राप्त करने के बाद आप किसी इंस्टिट्यूट में भी पढ़ा सकते हैं। इससे आप आज की युवा पीढ़ी को भी आगे बढ़कर और भविष्य में भी अपने पर्यावरण को संतुलित बनाएं रखने में अपनी भूमिका निभा सकें।
पर्यावरणीय संस्थानों को पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु जनता की विचारधारा को बदलने के लिए एवं सभी कार्यों को सुचारुपूर्ण ढंग से चलाने के लिए पर्यावरणीय संस्थानों को पब्लिक रिलेशन स्पेशलिस्ट की आवश्यकता होती है। यदि आप किसी पर्यावरणीय संस्थान में पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की भूमिका निभाते हैं तो आपको पर्यावरण के बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है, क्योंकि वहां कम्युनिकेशन भी पर्यावरण से जुड़ा हुआ होता है, जिसको समझने के लिए आपको पर्यावरण के बारे में पता होना अति आवश्यक है। इसमें सैलरी भी अच्छी होती है।
यदि आप अपनी ES यानी एन्वॉयरन्मेंटल स्टडीज की डिग्री हासिल करने के बाद लॉ स्कूल (Law school) जाना चुनते हैं, तो पर्यावरण संबंधी मामलों पर क्लाइंट्स के साथ आपकी बातचीत और मामले को समझना आपके लिए आसान हो जाएगा। एक वकील के रूप में, आपका लेखन कौशल (Writing skills) आपको कानूनी संक्षिप्त और अन्य दस्तावेज तैयार करने में मदद करेगा। यदि आप किसी सरकारी संस्था के लिए काम करते हैं तो आप पर्यावरण नियमों को तैयार करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।
जब पर्यावरण प्रदूषण या प्रदूषण के अलावा भी अन्य पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने के लिए तकनीकी समाधान की आवश्यकता होती है, तो पर्यावरण इंजीनियरों को अक्सर उन प्रणालियों को प्रस्तावित करने और लागू करने के लिए कहा जाता है। इस भूमिका में, आप पर्यावरण प्रौद्योगिकी को डिजाइन करते समय अपने पर्यावरण अध्ययन के ज्ञान का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सभी प्रकार के संगठन अपने कार्यों को करने के लिए हरित तरीकों की तलाश कर रहे हैं। एक स्थिरता विशेषज्ञ के रूप में, आप पर्यावरण प्रथाओं और एक संगठन के प्रभाव का आकलन करेंगे और संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरणीय क्षति को सीमित करने के लिए विभिन्न रणनीतियों का कार्यान्वयन करेंगे।
पर्यावरणीय संरक्षण हेतु होने वाली पहलों में योगदान के लिए संभावित दाताओं को प्रभावी ढंग से लक्षित करने के लिए, अनुदान संचय या Fundraiser को अपने संगठनों के लक्ष्यों और उसकी संचालन नीति की एक ठोस समझ होनी चाहिए। एक ES प्रमुख के रूप में, आप इस काम को बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
किसी भी नई पर्यावरण नीति को लागू करने के लिए पर्यावरण विज्ञान की अच्छी जानकारी होना बहुत ज़रूरी है। इस क्षेत्र में आपको फिजिक्स, कैमिस्ट्री और बायोलॉजी तीनो की अच्छी समझ होनी चाहिए। आप अपनी जानकारी से किसी भी पर्यावरण पालिसी को अच्छी तरह समझ सकते हैं और साथ ही संस्थान और अन्य लोगों को भी समझने में मदद कर सकते हैं।
यदि आप पर्यावरण अध्यन में रूचि रखते हैं तो आप अपना करियर भी इसमें बना सकते हैं। पर्यावरण से जुडी अन्य जानकारियों के लिए पढ़ते रहिये -TWN
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