Engineers Day 2022 : कौन थे डॉ. एम विश्वेश्वरैया?

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15 Sep 2022
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आज के समय में दुनियाँ के हर क्षेत्र में इंजिनियर का नाम हैं। इंजीनियर किसी भी क्षेत्र में समाज की उन्नति में योगदान करते हैं। तकनीकी ज्ञान की उन्नति किसी भी राष्ट्र की प्रगति के लिए एक पूर्वापेक्षा है। इससे समाज की सोच बदल जाती है। इस प्रकार, पिछले दशक की तुलना में, दुनिया का विकास काफी तेजी से हुआ। इसका श्रेय दुनिया के इंजीनियरों को जाता है। उन्हें सम्मान देने के उद्देश्य के साथ इंजीनियर्स डे मनाया जाता है। हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे (Engineer's Day) मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सिविल इंजीनियर (Indian Civil Engineer), भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती का प्रतीक है। उन्हें सर एमवी के रूप में भी जाना जाता है, उन्हें इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। आइए आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको इस दिन को मनाने के संबंध में जानकारी प्रदान करते हैं। 
 

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भारत में, भारत रत्न (Bharat Ratna) मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्मदिन को इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है। एम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर, 1860 को कर्नाटक के मुद्दनहल्ली गांव में हुआ था। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को एमवी सर के नाम से भी जाना जाता है। सर एम. विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें भारत के सबसे महान राष्ट्र-निर्माताओं में से एक माना जाता है और बांधों, जलाशयों और जलविद्युत परियोजनाओं के विकास (Development of dams, reservoirs and hydroelectric projects)  में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इंजीनियर्स डे (Engineer's Day)

उदाहरण के लिए, यदि हम हमेशा हमारे हाथ में मौजूद स्मार्टफोन (Smartphones) को देखते हैं और उसके अतीत के बारे में सोचते हैं, तो हम उन परिवर्तनों को महसूस कर सकते हैं जो हो रहे हैं। लोगों ने लगभग 15 साल पहले टेलीफोन के स्थान पर मोबाइल फोन का उपयोग करना शुरू किया, जिससे उन्हें अपने प्रियजनों के साथ कॉल और एसएमएस के माध्यम से संवाद करने की अनुमति मिली। साथ ही, यह मोबाइल फोन अंततः एक स्मार्ट फोन के रूप में विकसित हुआ। एक स्मार्ट फोन बहुत सारे कार्य करना संभव बनाता है, जैसे प्रियजनों से संवाद करना, बिलों का भुगतान करना, खरीदारी करना और बैंक का काम करना।  इस तरह के विकास का श्रेय इंजिनियर्स को जाता हैं। यह तो केवल एक उदाहरण था। ऐसे कई स्थान हैं जहां इंजीनियरों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया है।

इंजीनियर्स डे कब मनाया जाता है (Engineers Day Date)

15 सितंबर को दुनियाभर के इंजीनियर इंजीनियर्स डे (National Engineers Day) मनाते हैं। प्रसिद्ध इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया (Famous Engineer Mokshagundam Visvesvaraya) के सम्मान में इस दिन को इंजीनियर दिवस मनाने का निर्णय लिया गया, उन्होंने अपने उत्कृष्ट इंजीनियरिंग कौशल के लिए 1955 में भारत रत्न प्राप्त किया। इंजिनियर डे के द्वारा दुनिया के समस्त इंजिनियरों को सम्मान दिया जाता है। देश में बड़े वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने राष्ट्र को आगे बढ़ाने के लिए कई अध्ययन किए। जिस प्रकार डॉक्टरों को सम्मानित करने के लिए डॉक्टर्स दिवस मनाया जाता है, उसी तरह शिक्षक दिवस शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, बाल दिवस बच्चों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, और  मदर्स डे माताओं को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है, इंजीनियरों को भी एक निर्दिष्ट दिन पर विशेष मान्यता प्राप्त होती है।

क्यों मनाया जाता है इंजीनियर दिवस (Why We Celebrate Engineer’s Day)

इंजीनियर दिवस हमारे देश के एक प्रसिद्ध इंजीनियर सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के सम्मान में मनाया जाता है,और ये दिन मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के बर्थड़े के दिन आता है। इन दिन को मनाने का उद्देश्य उन इंजीनियरों को सम्मानित करना है जिन्होंने हमारे देश के सुधार में योगदान दिया है और हमारे देश के बच्चों को इंजीनियरिंग करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

इंजीनियर दिवस 2022 (Engineer’s Day 2022)

2022 में इंजीनियर दिवस मोक्षगुंडम विश्वेश्या के 161वें जन्मदिन उत्सव को समर्पित होगा, और इस दिन कई इंजीनियरिंग संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रम होंगे। हालांकि, पिछले साल से कोरोना महामारी के कारण स्कूलों और संस्थानों के बंद होने के कारण यह दिन नहीं मनाया गया है। हालांकि इस साल उम्मीद है। इस साल के 161वें जन्मदिन का जश्न निस्संदेह होगा।

भारत देश में इंजिनियर डे महान इंजिनियर और राजनेता मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया (Politician Mokshamundam Visvesvaraya) की याद में मनाया जाता है, तो चलिए इनके जीवन को करीब से जानते है।

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मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का जीवन (Mokshagundam Visvesvaraya Life History)

15 सितंबर, 1860 को, विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर में हुआ था, जो एक शाही क्षेत्र था जिसे अब कर्नाटक के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक और संस्कृत विद्वान श्रीनिवास शास्त्री (Sanskrit Scholar Srinivasa Shastri) उनके पिता थे। वेंकचम्मा, उनकी माँ, एक धर्मनिष्ठ महिला थीं। विश्वेश्वरैया जब 15 साल के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था। चिकबल्लापुर में अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए बैंगलोर स्थानांतरित कर दिया। विश्वेश्वरैया ने 1881 में बीए के साथ बैंगलोर में मद्रास विश्वविद्यालय के सेंट्रल कॉलेज (Central College of Madras University) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मैसूर सरकार से सहायता प्राप्त की और इंजीनियरिंग के लिए पूना के साइंस कॉलेज (Science College) में दाखिला लिया। 1883 में LCE और FCE एग्जाम में उनका पहला स्थान आया। (यह परीक्षा आज के बीई से मिलती जुलती है)

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का करियर (Mokshagundam Visvesvaraya Career)

इंजीनियरिंग से स्नातक करने के बाद विश्वेश्वरैया को बॉम्बे सरकार से नौकरी का प्रस्ताव मिला, और उन्हें नासिक में एक सहायक इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने एक इंजीनियर के रूप में कई बेहतरीन काम किए। उन्होंने "ब्लॉक सिस्टम" नामक एक नई सिंचाई प्रणाली की स्थापना की और सिंधु नदी से सुक्कुर गांव में पानी लाया। बांध से पानी के प्रवाह को रोकना आसान बनाने के लिए, संरचना में स्टील के दरवाजे डाले गए थे। विश्वेश्वरैया ने ऐसी अनगिनत अन्य कृतियों का निर्माण किया, जिनकी सूची अंतहीन है।

पुणे के खड़कवासला जलाशय में, 1903 में एक बांध का निर्माण किया गया था। इसके दरवाजों के डिजाइन के कारण, यह बांध को नुकसान पहुंचाए बिना बाढ़ के दबाव को सहन कर सकता था। इस बांध की सफलता के बाद ग्वालियर में तिगरा बांध और कर्नाटक के मैसूर में कृष्णा राजा सागर (केआरएस) का निर्माण किया गया था। विश्वेश्वरैया ने कावेरी नदी पर कृष्णा राजा सागर बांध के निर्माण का निरीक्षण किया, जिसे तब आधिकारिक रूप से खोला गया था। जब यह बांध बनाया जा रहा था तब यह एशिया का सबसे बड़ा जलाशय था।

उन्होंने मैसूर साबुन फैक्ट्री, परजीवी प्रयोगशाला, मैसूर आयरन एंड स्टील फैक्ट्री, श्री जयचमराजेंद्र पॉलिटेक्निक संस्थान, बैंगलोर कृषि विश्वविद्यालय, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर (State Bank Of Mysore), सेंचुरी क्लब (Century Club), मैसूर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स (Mysore Chambers of Commerce), और विश्वविद्यालय विश्वेश्वरैया कॉलेज (University Visvesvaraya College)में पदों पर कार्य किया, जब उन्हें सरकार द्वारा नियोजित किया गया था। मैसूर का। और इंजीनियरिंग की स्थापना की गई थी। इसके साथ ही और भी फैक्ट्रियां और शिक्षण संस्थान (Teaching institute) बनाए गए। तिरुमाला और तिरुपति को जोड़ने वाली सड़क बनाने की अवधारणा को बड़े पैमाने पर विश्वेश्वरैया की बदौलत अपनाया गया था।

दीवान ऑफ़ मैसूर (Diwan of Mysore) 

1908 में अपनी नौकरी से एक संक्षिप्त ब्रेक के दौरान, विश्वेश्वरैया ने विदेश यात्रा की और देश के औद्योगिक विकास पर गहन विचार किया। विदेश से लौटने के बाद उन्होंने कुछ समय के लिए हैदराबाद के निज़ाम का पद संभाला। उस समय हैदराबाद में मुसी नदी में बाढ़ का गंभीर खतरा था, इसलिए विश्वेश्वरैया जी ने सावधानियों का प्रस्ताव रखा। नवंबर 1909 में विश्वेश्वरैया जी को मैसूर राज्य का मुख्य अभियंता नियुक्त किया गया था। इसके बाद, विश्वेश्वरैया जी को 1912 में मैसूर रियासत का दीवान नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने सात वर्षों तक सेवा की। 1918 में उन्होंने यह पद छोड़ दिया।

एम. विश्वेश्वरैया जी के सम्मान (Mokshagundam Visvesvaraya Awards)

  • स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1955 में विश्वेश्वरैया जी को भारत के सबसे बड़े सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।

  • लन्दन इंस्टीट्यूशन सिविल इंजीनियर्स (London Institution Civil Engineers) की तरफ से भी विश्वेश्वरैया जी को सम्मान दिया गया था।

  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस (Indian Institute of Science) की तरफ से भी विश्वेश्वरैया जी को सम्मानित किया गया।

  • विश्वेश्वरैया जी कर्नाटका के सबसे प्रसिद्ध लोगों में से एक है।

  • इसके अलावा देश के आठ अलग अलग इंस्टिट्यूट के द्वारा उन्हें डोक्टरेट की उपाधि दी गई।

  • विश्वेश्वरैया जी के 100 साल के होने पर भारत सरकार (Indian government) ने उनके सम्मान में स्टाम्प निकाला।

  • विश्वेश्वरैया जी के जन्म दिवस (Visvesvaraya Birthday) पर समस्त भारत में इंजिनियर डे (Happy Engineers Day) मनाया जाता है।

एम. विश्वेश्वरैया जी की मृत्यु (Mokshagundam Visvesvaraya Death)

14 अप्रैल 1962 को विश्वेश्वरैया जी की मृत्यु हो गई।

Engineers Day Quotes

"इंजीनियर सपनों को हकीकत में बदलते हैं।" - हयाओ मियाज़ाकी

"सॉफ्टवेयर कलात्मकता और इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन संयोजन है।" - बिल गेट्स

“विज्ञान ब्रह्मांड में मौजूद चीजों के बारे में आवश्यक सत्य की खोज कर रहा है, इंजीनियरिंग उन चीजों को बनाने के बारे में है जो कभी अस्तित्व में नहीं थीं” - एलोन मस्क

"विज्ञान जानने के बारे में है; इंजीनियरिंग करने के बारे में है"। - हेनरी पेट्रोस्की, अमेरिकी इंजीनियर

"Happy Engineer's Day"

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