कचरे की समस्या से निदान Solution पाने के लिए यूएई UAE ने एक नया रास्ता निकाला है। संयुक्त अरब अमीरात ने कचरे की समस्या से निपटने के लिए कचरा जलाकर बिजली बनाने की प्रक्रिया पर काम किया है।
जिस तरह देश और दुनिया में साफ-सफाई Cleanliness का चलन बढ़ा है। उसी तरह साफ-सफाई के चलते घरों से कचरा Waste भी भारी मात्रा में निकलने लगा है। भारी मात्रा में कचरे का होना समस्या का सबब बनता जा रहा है। कचरे की समस्या से निदान Solution पाने के लिए यूएई UAE ने एक नया रास्ता निकाला है। संयुक्त अरब अमीरात United Arab Emirates ने कचरे की समस्या से निपटने के लिए कचरा जलाकर बिजली बनाने की प्रक्रिया पर काम किया है। रिपोर्ट के मुताबिक यूएई में एक ऐसा प्लांट Plant बन रहा है जहां 3 लाख टन कचरे का उपयोग करके बिजली उत्पन्न की जाएगी और यह बिजली घरों तक पहुंचाई जाएगी।
क्या है कचरे से बिजली बनाने की वजह
यूएई में कचरे से बिजली Electricity by Waste बनाने के क्षेत्र में काम कर रहे विशेषज्ञों के मुताबिक यूएई में हर घर से भारी मात्रा में कचरा इकट्ठा होता है। एक अनुमान के मुताबिक यहां करीब 1.8 किलोग्राम कचरा Trash हर घर से इकट्ठा होता है। लंबे समय से यह कचरा इकट्ठा करते-करते कई जगह भर चुकी हैं। दुबई में ऐसे कई स्थान हैं जहां पर भारी मात्रा में कचरे का ढेर लग चुका है। विशेषज्ञों के मुताबिक कचरे का ढेर करीब 400 एकड़ जमीन पर फैला हुआ है। जिसको देखते हुए कचरे से निदान पाना सबसे बड़ा मुद्दा है। कचरे की समस्या से निदान के लिए इससे बिजली उत्पन्न करना एक बेहतर विकल्प है। यही कारण है कि कचरे से बिजली बनाने के प्लांट बनने जा रहे हैं।
फिलहाल ज्यादातर बिजली गैस प्लांट्स से बनती है
यूएई की मौजूदा स्थिति की बात करें, तो अभी 90% बिजली गैस प्लांटों से उत्पन्न की जाती है। कचरे से बिजली बनने के बाद इसमें भी काफी कमी आएगी और इसका फायदा यूएई की जनता और प्रशासन को होगा।
यूएई में बढ़ती बिजली की खपत
जिस तरह से पिछले कई वर्षों में यूएई का विकास हुआ है, यहां बिजली की खपत बढ़ती जा रही है। शारजाह Sharjah, दुबई Dubai और अबू धाबी Abu Dhabi जैसे शहर व्यापार और पर्यटन के लिए काफी मशहूर है।अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक 1990 की तुलना में यूएई में बिजली का इस्तेमाल 750 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। आज देश की जनसंख्या काफी बढ़ गई है जो कि 30 साल पहले की तुलना में 5 प्रतिशत ज्यादा बताई जाती है। इसके चलते बिजली की खपत भी देश में बढ़ती जा रही है।
क्या होगा फायदा
कचरे से बिजली बनाने से कई फायदे होंगे। यूएई में फिलहाल बिजली बनाने के लिए गैस प्लांट पर काफी निर्भरता है। कचरे के द्वारा जो बिजली बनाई जाएगी उससे यह निर्भरता भी काफी कम हो जाएगी। कचरे से बिजली बनाने के प्लांट को शारजाह में बनाया जा रहा है और विशेषज्ञों की बात मानी जाए तो यह इसी वर्ष बन कर तैयार हो सकता है। आंकड़ों के मुताबिक यह प्लांट साल में 3 लाख टन कचरे से बिजली बनाएंगे और यह बिजली करीब 28000 घरों तक पहुंचेगी।
शारजाह के अलावा दुबई में भी एक प्लांट बनाया जा रहा है, जिसे भविष्य में 2024 तक शुरू करने का प्रयास रहेगा।
यूएई में कचरे से बिजली बनाने की यह पहल सभी को सोचने पर मजबूर करती है। इसे सभी देशों को अमल में लाना चाहिए और कचरे से हो रही समस्या से निदान अवश्य पाना चाहिए।