एक वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होता है और 31 मार्च को समाप्त होता है यानि वित्त वर्ष की अवधि मौजूदा वर्ष के 1 अप्रैल से अगले साल के 31 मार्च तक होती है। वित्त वर्ष वह वर्ष होता है जो वित्तीय मामलों में हिसाब के लिए आधार होता है। एक अप्रैल 1st april से नए वित्तीय वर्ष के चलते कई नियम बदल गए हैं। जिसका प्रभाव हमारे रोजमर्रा के जीवन पर सीधा-सीधा पड़ता है। नए वित्तीय वर्ष में क्या बदलाव हुए हैं ये जानकारी प्राप्त करने के लिए इस आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।
देखा जाये तो भारत के लोग कई तरह के वर्ष मनाते हैं जैसे हिंदू मान्यताओं के अनुसार चैत्र से शुरू होने वाला विक्रम संवत। इसके अलावा ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी से शुरू होने वाला वर्ष। ऐसा ही एक और वर्ष है जो सबसे ज्यादा सुनने को मिलता है और सबसे ज्यादा प्रचलन में भी रहता है, वह है वित्त वर्ष। यह वित्त वर्ष हमारे जीवन पर अपना अधिकार, अपना वर्चस्व बनाये रखता है। यानि हमारी जेब से लेकर हमारी भविष्य की प्लानिंग और हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू पर अपना राज क़ायम रखता है। भारत सहित दुनिया के करीब 33 देश भी 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच अपना फाइनेंशियल ईयर financial year मनाते हैं। वित्त वर्ष financial year वह वर्ष होता है जो वित्तीय मामलों financial matters में हिसाब के लिए आधार होता है। इसी वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल और समाप्ति अगले मार्च March में ही होती है। एक वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल April से शुरू होता है और 31 मार्च March को समाप्त होता है। Financial Year 2022-23, 1 अप्रैल से देश में नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। अब कई नियम भी बदल जाएंगे। देखा जाये तो जनता महंगाई से परेशान है और हर चीज के दाम बढ़ गए हैं। इसका सीधा-सीधा असर हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर पड़ता है। रसोई गैस, महंगे पेट्रोल-डीजल, हेल्थकेयर और कई रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ गए हैं। चलिए नज़र डालते हैं आम आदमी के जीवन पर प्रभाव डालने वाले इन बड़े आर्थिक बदलावों major economic changes पर।
कई जरूरी दवाईयों की कीमतें अब बढऩे वाली हैं। करीब आठ सौ जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों में 10.7 प्रतिशत तक इजाफा हो जाएगा। मतलब नए वित्त वर्ष की शुरुआत से आम आदमी को दवाइयों पर खर्चा बढ़ने वाला है। इनमें बुखार की बुनियादी दवा और सबसे अधिक चलने वाली दवा पैरासिटामॉल medicine paracetamol भी शामिल है। इसके अलावा एंटी-वायरस, पेन किलर, एंटीबायोटिक्स, समेत कई जरूरी दवाओं की कीमतें बढऩे वाली हैं। साथ ही एक अच्छी खबर भी है कि कोरोना के इलाज के लिए मिली 10 लाख रुपये तक की राशि पर टैक्स नहीं लगेगा।
पैन PAN को आधार नंबर Aadhar number से लिंक नहीं करने पर अब से जुर्माना Penalty देना पड़ेगा। यह 30 जून 2022 तक यह 500 रुपये और इसके बाद से 1000 रुपये तक होगा। आप सभी लोग पैन को आधार नंबर से लिंक जरूर करवाएं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण National Highways Authority of India (NHAI) ने टोल टैक्स में 10 से 65 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। छोटे वाहनों के लिए 10 से 15 रुपये है। वहीं व्यावसायिक वाहनों के लिए 65 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। टोल टैक्स में बढ़ोतरी होने से नेशनल हाईवे पर सफर महंगा हो जाएगा।
जनता की जेब पर बोझ बढ़ाने वाली है यह खबर। इसका असर आपके बजट पर बुरी तरह पड़ेगा। महंगे पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस Expensive Petrol-Diesel, LPG के अलावा रोजमर्रा की बहुत सारी जरुरत की चीजों तक के दाम बढ़ गए हैं। जिसका असर आपकी कमाई, खर्च और निवेश पर भी पड़ेगा। वहीं एलपीजी के रेट बढ़ गए हैं और कामर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम 250 रुपये तक बढ़ गए हैं।
अब से 20 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारी अनिवार्य ई-इनवॉइसिंग के दायरे में आएंगे। इस नियम के अनुसार बिजनेस टू बिजनेस ट्रांजैक्शन business to business transaction के लिए ई-इनवॉइस जरूरी हो गया है। ऐसा न करने पर ट्रांसपोर्ट के दौरान आपका माल जब्त किया जा सकता है।
जीएसटी ई-चालान के नियम में भी बदलाव हुआ है। अब सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) Central Board of Indirect Taxes and Customs ने माल और सेवा कर goods and services tax (जीएसटी) GST के अंतर्गत ई-चालान (इलेक्ट्रॉनिक चालान) जारी करने के लिए टर्नओवर सीमा को 50 करोड़ रुपये से घटाकर 20 करोड़ रुपये कर दिया है।
अब से आपको क्रिप्टो करेंसी या वर्चुअल करेंसी पर भी टैक्स देना होगा। यह एक बड़ा बदलाव है जो क्रिप्टोकरंसी पर लगने वाले टैक्स का है। सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट या क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान किया है। इसके अंतर्गत क्रिप्टोकरंसी बेचने पर निवेशक को जो भी फायदा होगा उस पर उसे सरकार को टैक्स देना होगा। यानि क्रिप्टो करेंसी बेचने पर होने वाले लाभ पर आपको कर देना होगा। इसके अलावा 1 जुलाई से बिक्री पर एक प्रतिशत टीडीएस की भी कटौती होगी।
म्यूचुअल फंड में भुगतान के नियम बदल गए हैं। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए एक अप्रैल से भुगतान, बैंक ड्राफ्ट, चेक या किसी भी अन्य भौतिक माध्यम से नहीं कर पाएंगे। अब आपको पेमेंट करने के लिए यूपीआई या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करना होगा।
एक्सिस बैंक Axis Bank ने भी नए नियम लागू किये हैं। जिन ग्राहकों का खाता एक्सिस बैंक में है उनके लिए बैंक ने बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस की सीमा 10 हजार से बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दी है।
कई बड़ी कंपनियों ने अपने वाहनों के दाम बढ़ाने की बात की है। मर्सिडीज बेंज इंडिया Mercedes Benz India के अनुसार वह तीन फीसदी तक वाहनों की कीमत बढ़ाएगी। वहीं टाटा मोटर्स Tata Motors ने भी अपने वाणिज्यिक वाहनों की कीमतें 2.5 फीसदी तक बढ़ाने का ऐलान किया है। बीएमडब्ल्यू ने 3.5 फीसदी तक और टोयोटा Toyota ने चार फीसदी तक बढ़ोतरी का ऐलान किया है।
यदि आपके पीएफ PF प्रॉविडेंट फंड अकाउंट में 2.5 लाख से ज्यादा राशि है तो आपको ब्याज पर आयकर देना होगा। वहीं सरकारी कर्मचारियों के लिए यह सीमा पांच लाख रुपये होगी। यह इन बड़े बदलावों में सबसे अहम है।
कई बड़े वित्तीय बदलाव के साथ एक अच्छी खबर भी है कि अब 75 साल से ऊपर के बुजुर्गों को टैक्स रिटर्न भरने से छूट मिल गई है। देखा जाये तो यह बुजुर्गों के लिए काफी राहत भरी खबर है।
दरअसल सरकार ने 2019 के बजट में आयकर कानून में नया सेक्शन 80ईईए Section 80 EEA जोड़ा था। इसके तहत यह प्रावधान था कि पहली बार घर खरीदने वालों को होम लोन के ब्याज भुगतान पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त टैक्स कटौती का फायदा मिलेगा लेकिन अब घर खरीदने वालों को चुकाए गए ब्याज पर धारा 80 ईईए के तहत डेढ़ लाख की अतिरिक्त कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। बजट 2022 में इस धारा को आगे नहीं बढ़ाया गया। यानि यह लाभ सिर्फ एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच घर खरीदने के लिए कर्ज लेने वाले करदाताओं के लिए था।
Think with Niche पर आपके लिए और रोचक विषयों पर लेख उपलब्ध हैं । एक अन्य लेख को पढ़ने के लिए कृपया नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे-