चाहे उद्यमिता का क्षेत्र हो या फिर कोई छोटा काम हो, महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता अर्जित की है। भारत देश जिसको पुरुष प्रधान देश माना जाता था, आज वहीं महिलाएं पुरुषों को पीछे करती आगे निकल गई हैं।
भारत में आज महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। उद्यमिता में जहां पुरुष पहले काफी आगे थे, वहां आज महिलाओं का वर्चस्व बढ़ता चला जा रहा है और यह देश के लिए बड़े सम्मान की बात है कि महिलाएं भी हर क्षेत्र में अपने पैर जमा चुकी हैं। जहां पहले यह धारणा परंपरागत रूप से बनी हुई थी कि महिलाएं उद्यमिता में जाने से कतराती हैं। आज इस सोच को आज के दौर की महिलाओं ने बदल कर रख दिया है। घर में रोजमर्रा के काम करने की बात हो या फिर उद्यमिता में अपने वर्चस्व को साबित करने की दोनों ही कामों में महिलाओं ने अपना कद ऊंचा कर लिया है। चाहे उद्यमिता का क्षेत्र हो या फिर कोई छोटा काम हो, महिलाओं ने हर क्षेत्र में सफलता अर्जित की है। भारत देश जिसको पुरुष प्रधान देश माना जाता था, आज वहीं महिलाएं पुरुषों को पीछे करती आगे निकल गई हैं।
महिलाओं का जुनून बना उद्यमिता
वर्षों पहले जब महिलाओं को घर से बाहर निकलने तक की इजाज़त नहीं थी तो किसने सोचा था कि महिलाएं भी उद्यमिता में अपना कब्जा जमा पाएंगी, लेकिन महिलाओं में उद्यमिता के प्रति बढ़ते जुनून की तस्वीर उन पुराने वर्षों से होकर आज की कड़ी में आकर नया रूप ले चुकी है। आज हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपने जज्बे और जुनून से उद्यमिता में नाम कमाया है। जिस-जिस क्षेत्र में पुरुषों ने महिलाओं को चुनौती दी, उन चुनौतियों का सामना महिलाओं ने डटकर किया और दिखा दिया कि हम पुरुषों से कम नहीं है।
इन आंकड़ों पर नजर डालें
सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही सरकारी योजनाओं में भी अगर हिस्सेदारी देखी जाए तो महिलाओं ने उद्यमिता में बढ़त हासिल की है। चाहे स्टैंड अप इंडिया स्कीम की बात हो या फिर मुद्रा योजना की हर तरफ महिलाओं का बोलबाला रहा है। आंकड़ों के मुताबिक इन दोनों योजनाओं से लाभ लेकर महिलाएं पुरुषों से ज्यादा ऋण ले रही हैं, अपने सपनों को पूरा कर रही हैं। सरकार भी महिलाओं का सपना साकार करने में मदद कर रही है, साथ ही प्रोत्साहित भी कर रही है।
सरकारी योजनाओं के तहत भी बड़े महिलाओं के लिए अवसर
नए कारोबार की शुरुआत के लिए महिलाओं को प्रेरित किया जा रहा है और अगर महिलाएं अपनी सही योजना के साथ ऋण लेने की इच्छा रखती हैं तो उन्हें हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अगर किसी महिला को व्यवसाय में आगे बढ़ना है, तो वह स्टैंड अप इंडिया की योजना का लाभ ले सकती हैं। जिसमें करीब 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक का ऋण दिया जाता है।
योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं को बैंक और स्टैंड अप इंडिया पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है। इसके अलावा मुद्रा योजना का लाभ लेने में भी महिलाएं काफी आगे हैं। आंकड़े बताते हैं कि करीब 68 प्रतिशत महिलाएं मुद्रा योजना के तहत ऋण ले चुकी हैं। जबकि 81 प्रतिशत स्टैंड अप इंडिया के माध्यम से जुड़ चुकी। सरकार द्वारा इस बढ़ते स्तर को देखते हुए साल 2025 तक स्टैंड अप इंडिया को आगे बढ़ा दिया गया है।
कई महिलाओं का यह है कहना
उद्यमिता में आगे बढ़ रही कई महिलाओं का कहना है कि इस तरह की योजनाओं से महिलाओं का वर्चस्व काफी बड़ा है और वह आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ा योगदान दे रही हैं।
हमें गर्व है कि हमारे देश की महिलाएं सफलताओं की ओर बढ़ रही है। इन योजनाओं का लाभ आप भी ले सकते हैं। इसका फायदा लें और जरूरतमंद उद्यमी महिलाओं तक इसकी सुचना नही पहुंची हो तो उन तक यह ज्ञान जरूर पहुंचाएं।