डिजिटल मार्केटिंग, डिजिटल सपने का सशक्तिकरण

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18 Oct 2021
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डिजिटल मार्केटिंग एक विशाल समुद्र की तरह है, जो इतना गहरा है कि उसमें डुबकी लगाया जाये तो फलदायी परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। निःसंदेह, डिजिटल मार्केटिंग की मांग अपने चरम पर है और आने वाले वर्षों में यह केवल बढ़ने वाली है। डिजिटल मार्केटिंग की बढ़ती आवश्यकता और मांग के साथ, कौशल विकसित करने और विषय का ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता है।

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डिजिटल मार्केटिंग आधुनिक दुनिया का एक ऐसा क्षेत्र है जहां उत्पादों और सेवाओं की मार्केटिंग तकनीकी उपकरणों द्वारा की जाती है। अधिक से अधिक लोगों को ऑनलाइन माध्यमों से सेवाओं और ब्रांडों के बारे में जानकारी दी जाती है, जिससे लोग उसकी तरफ आकर्षित हों और उसे खरीदें या उपयोग करें। इस प्रक्रिया को पारंपरिक प्रक्रिया से अधिक कारगर माना जाता है, क्योंकि आज अधिकतम जनसंख्या डिजिटल युग की तरफ बढ़ रही है। डिजिटल मार्केटिंग उपभोक्ताओं तक पहुंचने का एक अच्छा साधन है साथ ही उस पदार्थ में रुचि लेने वाले लोगों से भी हम संपर्क कर सकते हैं। उचित तकनीक और टोल के उपयोग से मार्केटिंग को सफल बनाया जा सकता है। हालांकि इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं लेकिन फिर भी इसे कारगर माना जाता है। आने वाले समय में इसका चलन और बढ़ने की उम्मीद है और यह एक अच्छा करियर प्रदान करने की क्षमता रखता है।

डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

प्रौद्योगिकी की दुनिया में मार्केटिंग सेवाओं ने व्यवसायों का चेहरा बदल दिया है। आज हमारे आस-पास की दुनिया में कई तरह के मार्केटिंग फॉर्म मौजूद हैं। तकनीक इन दिनों हर व्यवसाय को एक नया मोड़ दे रहा है। कई व्यवसायों ने डिजिटल मार्केटिंग से मदद ली है। आइए अब जानते हैं कि यह काम कैसे करता है।

मूल रूप से डिजिटल मार्केटिंग, मार्केटिंग का एक रूप है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल होते हैं। डिजिटल मार्केटिंग उच्च तकनीक वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों या इंटरनेट के माध्यम से मार्केटिंग करना है, जिसमें ग्राहकों से जुड़ने के लिए विभिन्न डिजिटल चैनलों जैसे सर्च इंजन, सोशल मीडिया, ब्लॉग, ई-मेल और अन्य गुणवत्ता वाली वेबसाइटों का उपयोग किया जा सकता है। इसमें डिजिटल विज्ञापन का उपयोग करके किसी ब्रांड या उत्पाद का प्रचार भी किया जा सकता है।

डिजिटल मार्केटिंग व्यक्ति को पारंपरिक तरीकों से अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुंचने में मदद करती है और उन संभावनाओं को लक्षित करती है जो उन उत्पादों या सेवाओं को खरीदने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं। इसके अलावा यह पारंपरिक विज्ञापन की तुलना में अक्सर अधिक प्रभावी होता है और  दैनिक आधार पर सफलता का आंकलन करने में सक्षम बनाता है।

डिजिटल मार्केटिंग के अन्य फायदे

आनलाइन मार्केटिंग द्वारा संभावनाओं को लक्षित किया जाता है, जो उत्पादों या सेवाओं को खरीदने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं। इससे जुड़े लोग टीवी पर किसी पत्रिका में या बिलबोर्ड पर विज्ञापन देते हैं, विज्ञापन को देखने वाले उनका‌ सीमित नियंत्रण होता है। बेशक इसके द्वारा कुछ जनसांख्यिकी को मापा जा सकता है, जिसमें पत्रिका के विशिष्ट पाठक या आस-पास की जनसंख्या शामिल होती है, लेकिन फिर भी यह काफी हद तक अंधेरे में एक तीर की तरह काम‌‌ करता है। साथ ही साथ यह उम्र, लिंग, स्थान, रुचियों, नेटवर्क या व्यवहार के आधार पर कुछ निश्चित दर्शकों को सोशल मीडिया विज्ञापन दिखाने के लिए सोशल मीडिया की लक्ष्यीकरण सुविधा का फायदा उठाने की अनुमति देता है। इसके अलावा यह उपयोगकर्ताओं को विज्ञापन दिखाने के लिए पीपीसी या एसईओ रणनीतियों का उपयोग करके, उन्हें उत्पादों या सेवाओं को दिखाता है जिन्होंने वस्तु विशेष में रुचि दिखाई है या जिन्होंने आपके उद्योग से संबंधित विशिष्ट कीवर्ड की खोज की है।

यह पारंपरिक‌‌ मार्केटिंग‌ की तुलना में अधिक प्रभावी ‌माना जाता है। क्योंकि मार्केटिंग घर बैठे ही संभव हो जाती है। डिजिटल मार्केटिंग‌ दैनिक आधार पर अभियानों को ट्रैक करके‌‌ एक निश्चित चैनल पर किए जाने वाले खर्च की मात्रा को कम करता है। एक डिजिटल मार्केटिंग रणनीति यह सुनिश्चित करती‌ है कि लोग उन चैनलों पर पैसा बर्बाद न‌ करें ‌जो अच्छा प्रदर्शन नहीं करते।

यदि कोई छोटे व्यवसाय के लिए काम करता है, तो उसे अपने उद्योग के प्रमुख ब्रांडों के साथ प्रतिस्पर्धा करना पड़ता है, जो‌‌ कई बार मुश्किल साबित होता है, क्योंकि उनके पास टेलीविजन विज्ञापनों या अभियानों में निवेश करने के लिए लाखों डॉलर होता है। सौभाग्य से डिजिटल मार्केटिंग पहल के माध्यम से बड़े खिलाड़ियों को पछाड़ने के बहुत सारे अवसर मिलते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग वास्तविक समय में सटीक परिणाम देखने की अनुमति देता है। एक उदाहरण के तौर पर देखें तो यदि आपने कभी किसी समाचार पत्र में विज्ञापन डाला है, तो आपको कैसे पता चलेगा कि कितने लोगों ने वास्तव में उस पर ध्यान दिया है, यह जानना बहुत मुश्किल है या कहें कि असंभव भी। यह जानने का कोई निश्चित तरीका नहीं है कि वह विज्ञापन किसी भी बिक्री के लिए ज़िम्मेदार था या नहीं। जबकि डिजिटल मार्केटिंग में उचित‌ उपकरणों का उपयोग करके हम ये सारी जानकारी ले सकते हैं। उन‌ उत्पादों में रुचि लेने वाले खरीदकार से संपर्क कर‌ सकते हैं। इस तरह की मार्केटिंग आपको प्राथमिकता देने में मदद करती है कि आपकी वेबसाइट पर आने वाले लोगों की संख्या के आधार पर किन मार्केटिंग चैनलों पर अधिक या कम समय व्यतीत करना चाहिए। उदाहरण से समझें, यदि केवल 10% ट्रैफ़िक ऑर्गेनिक खोज से आ रहा है तो आप जान जाएंगे कि उस प्रतिशत को बढ़ाने के लिए आपको शायद SEO पर कुछ समय बिताने की आवश्यकता है। सही टूल और तकनीकों के उचित उपयोग के साथ एक प्रभावी डिजिटल मार्केटिंग रणनीति आपको अपने व्यवसाय के साथ ग्राहक के पहले डिजिटल टचपॉइंट पर अपनी सभी बिक्री का पता लगाने की अनुमति देता है।

डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में व्यवसाय और ब्रांड जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। आज हर दूसरे ब्रांड की एक वेबसाइट है। अगर वेबसाइट नहीं तो कम से कम उनके पास सोशल मीडिया उपस्थिति या डिजिटल विज्ञापन रणनीति होती ही है। डिजिटल सामग्री और मार्केटिंग इतनी आम है कि उपभोक्ता अब ब्रांड के बारे में जानने की कोशिश करता है और उस पर भरोसा करता है।

आख़िर डिजिटल मार्केटिंग करें कैसे ? क्या हैं महत्त्वपूर्ण बातें ?

• सबसे पहले तो ऑनलाइन मार्केटिंग करने के लिए अपने लक्ष्यों को तय करना चाहिए और उन लक्ष्यों के आधार पर अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए।

• जैसा कि हमने पहले ही बताया कि डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा फायदा है कि यह हमें अपने विशेष दर्शकों को लक्षित करने का मौका देता है। तो हम 

   यह कह सकते हैं कि लक्ष्य को तय करने के बाद उचित दर्शकों को लक्षित करना चाहिए।

• प्रत्येक डिजिटल चैनल के लिए एक बजट स्थापित करना अगला कदम होना चाहिए एक सफल डिजिटल मार्केटिंग के लिए।

• एक डिजिटल मार्केटिंग रणनीति को वास्तव में प्रभावी होने के लिए भुगतान और मुफ्त दोनों पहलुओं की आवश्यकता होती है। शुल्क और निःशुल्क डिजिटल रणनीतियों के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।

• आपके द्वारा बनाया गया कंटेंट दर्शकों के लिए दिलचस्प और आकर्षक होना चाहिए ताकि लोग उसमें रुचि लें।

• डिजिटल मार्केटिंग रणनीति को लागू करते समय इस बात पर विचार करना बेहद जरूरी है कि उपभोक्ताओं के मोबाइल उपकरणों पर अनुभव कैसे होंगे।

डिजिटल मार्केटिंग कर्मचारियों के सामने आने वाली चुनौतियां

हालांकि डिजिटल मार्केटिंग अपने व्यवसाय को तेजी देने में सहायक होती है, ‌लेकिन‌ साथ ही साथ इससे जुड़े लोगों को कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है। जैसे कि यह प्रक्रिया काफी ‌समय लेने वाली है। डिजिटल मार्केटिंग की सबसे बड़ी खामी है पायरेसी। प्रचारक गतिविधियां आसानी से कॉपी हो जाती है। वैश्वीकरण के बाद दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ती हुई दिखती है और‌ डिजिटल मार्केटिंग भी इससे दूर नहीं है। डिजिटल मार्केटिंग ज़्यादातर इंटरनेट पर निर्भर करती है। इंटरनेट पर कई हैकर और स्पैमर मौजूद हैं जो सुरक्षा को भंग करते हैं और आपके सोशल मीडिया अकाउंट का दुरुपयोग कर सकते हैं। डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा फायदा या सबसे बड़ा नुकसान कस्टमर की शिकायतें और फीडबैक है। जैसा कि सोशल मीडिया पर ग्राहक शिकायत और प्रतिक्रिया सार्वजनिक रूप से दिखाई जाती है तो मार्केटिंग के संबंध में नकारात्मक टिप्पणी या प्रतिक्रिया ऑनलाइन प्रतिष्ठा को कमजोर करती हैं। आधुनिक दुनिया में आज भी ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां इंटरनेट की सुविधा पूर्णता उपलब्ध नहीं है और डिजिटल मार्केटिंग के लिए यह सबसे बड़ी ज़रूरत है।

निकट भविष्य में ऑनलाइन‌ मार्केटिंग का विस्तार

मार्केटिंग के भविष्य में डिजिटल मार्केटिंग का दायरा न केवल सबसे अधिक परिणाम-उन्मुख फैशन में पनपेगा, बल्कि व्यवसायों को भी जीवित रखेगा। जब समय सही हो तो डिजिटल बैंडवागन पर चढ़ना एक सार्थक कदम होगा, क्योंकि डिजिटल मार्केटिंग निश्चित रूप से भविष्य में भी मार्केटिंग का सबसे प्रभावी तरीका है, चाहे वह व्यवसाय-वार हो या करियर-वार।

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