भारत सरकार जल्द ही भारत में रह रहे नागरिकों के लिए डीएसी DAC लेकर आ रही है। जानें DAC क्या है? PIN Code को कहें अलविदा। भारत सरकार जल्द ही भारत में रह रहे नागरिकों के लिए डीएसी DAC लेकर आ रही है। डीएसी को डिजिटल एड्रेस कोड Digital Address Code कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो डिजिटल एड्रेस कोड भारत में रह रहे किसी भी नागरिक का आधार से लिंक यूनिक कोड Unique Code होगा।
भारत सरकार जल्द ही भारत में रह रहे नागरिकों के लिए डीएसी DAC लेकर आ रही है। डीएसी को डिजिटल एड्रेस कोड Digital Address Code कहा जाता है। आसान भाषा में समझा जाए तो डिजिटल एड्रेस कोड भारत में रह रहे किसी भी नागरिक का आधार से लिंक यूनिक कोड Unique Code होगा। इस तरह के कोड के आ जाने के बाद पिन कोड को भारतीय नागरिक अलविदा कह सकते हैं। क्योंकि डिजिटल एड्रेस कोड की मदद से ऑनलाइन डिलीवरी से लेकर घर के पते से जुड़े सभी मसले हल हो जाएंगे। आजकल की इस डिजिटल दुनिया में जहां लोग घर पर सामान बुलवाने के आदी हैं, लेकिन कई बार घर का पता सही बताने पर भी डिलीवरी ब्वॉय सही लोकेशन पर आपका सामान डिलीवर करने में असमर्थ हो जाते हैं। आने वाले भविष्य में ऐसा नहीं होगा, क्योंकि डिजिटल एड्रेस कोड से आपके घर की सटीक लोकेशन बताई जा सकेगी। भारत सरकार द्वारा जल्द ही देश में नागरिकों को डिजिटल एड्रेस कोड मुहैया कराए जाएंगे। एड्रेस कोड या फिर क्यूआर कोड स्कैन की मदद से घर का एड्रेस ढूंढने में किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी।
डिजिटल ऑथेंटिकेशन के बाद बनेगा
भारत सरकार द्वारा इस सुविधा के लिए भारत के हर घर के लिए डिजिटल यूनिक कोड बनाया जाएगा। डीएसी DAC की सुविधा को बनाने के लिए सभी घरों के एड्रेस का डिजिटल ऑथेंटिकेशन Digital Authentication और अलग-अलग आइडेंटिफिकेशन Identification किया जाएगा। जिसमें एड्रेस को जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स Geospatial Coordinates से लिंक भी किया जाएगा। इस तरह की प्रक्रिया के बाद सभी के घरों को गली-मोहल्ले नहीं, बल्कि एक कोड से जाना जाएगा। जिस तरह आप आजकल पैसा देने के लिए क्यूआर स्कैनर की मदद से पेमेंट करते हैं। उसी की तरह अब आने वाले समय में घर का एड्रेस नहीं बताने पड़ेगा, केवल क्यूआर कोड या डिजिटल एड्रेस कोड से कम बन जाएगा।
Pin Code की जगह लेगा डिजिटल एड्रेस कोड DAC
भारत सरकार में इस तरह के प्रस्ताव को लेकर पहले से ही चर्चा जोरों पर थी। इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय सीमा 20 नवंबर रखी गई थी। अब जल्द ही इस प्रक्रिया पर काम होगा और देश के नागरिकों को डिजिटल एड्रेस कोड की सुविधा मिलने लगेगी, साथ ही बरसों से चली आ रही पिन कोड Pin Code की सुविधा की जगह यूनिक एड्रेस कोड का इस्तेमाल किया जाएगा। उदाहरण के रूप में समझा जाए तो अगर किसी बहु-मंजिला इमारत में 50 घर हैं, तो हर घर का एक अलग कोड होगा। इसके अलावा अगर एक घर की दो मंजिलों पर 2 परिवार निवास करते हैं, तो उनके लिए भी अलग-अलग कोड बनाए जाएंगे।
क्यों अच्छा साबित होगा डिजिटल एड्रेस कोड
इस तरह की सुविधा आने के बाद ऑनलाइन एड्रेस वेरीफिकेशन, बैंकिंग, बीमा, टेलीकॉम, ई-केवाईसी जैसी अन्य कई सुविधाएं आसान हो जाएंगी और जोखिम का खतरा भी नहीं रहेगा। ऑनलाइन डिलीवरी की सेवा देने वाली सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को इसका अच्छा फायदा होगा, क्योंकि सही समय पर लोगों को सामान मिलेगा और डिलीवरी बॉयज को पता ढूंढने में कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार की किसी भी तरह की योजना को सफल बनाने में डिजिटल एड्रेस कोड फायदे का सौदा होगा। डीएसी प्रॉपर्टी, टैक्सेशन, आपदा प्रबंधन, जनगणना और जनसंख्या रजिस्टर बनाने में भी बड़ी भूमिका निभाने का काम करेगा। इसके अलावा फ्रॉड से जुड़ी कई घटनाओं को रोकने के लिए भी डिजिटल एड्रेस कोड काफी फायदे का सौदा होगा।