यह हम सभी जानते हैं कि सभी सफल संगठन वृद्धि यानि ग्रोथ और विकास यानी डेवलपमेंट की प्रक्रिया से गुजरते हैं। ज्यादातर लोग ग्रोथ और डेवलपमेंट को एक ही मानते हैं, और एक दूसरे के स्थान पर इनका प्रयोग भी किया जाता है, हालांकि इन दोनों का मतलब अलग-अलग है। आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि व्यवसाय की वृद्धि और विकास में क्या फर्क है (Difference between business growth and development) , और अपने बिज़नेस की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं।
वृद्धि (Growth) शब्द का प्रयोग आम तौर पर किसी संख्या में सकारात्मक परिवर्तन को व्यक्त करने या दर्शाने के लिए किया जाता है, जिसे हम आसानी से गिन सकते हैं या माप सकते हैं। जबकि, विकास (Development) शब्द का प्रयोग अधिक व्यापक अर्थों में किया जाता है। इसका उपयोग न केवल किसी चीज की मात्रात्मक वृद्धि (quantitative growth) को दर्शाने के लिए किया जाता है, बल्कि किसी भी गुणात्मक परिवर्तन या संशोधन (qualitative change or modification) को भी दर्शाता है। एक संगठनात्मक संदर्भ में (In an organizational context), वृद्धि अधिक राजस्व और लाभ संख्या प्राप्त करने से संबंधित है जबकि विकास बिज़नेस को बेहतर बनाने के बारे में सीखने और प्रक्रियाओं में सुधार करने से संबंधित है।
वृद्धि आमतौर पर आकार या संख्या में वृद्धि को संदर्भित करती है। इसे एक सकारात्मक मात्रात्मक परिवर्तन (positive quantitative change) के रूप में जाना जाता है। वृद्धि को बिना अधिक प्रयास के देखा और मापा या गिना जा सकता है। जैसे, संगठनों के वार्षिक बिक्री राजस्व (annual sales revenue) में 25% की वृद्धि, कर्मचारियों की संख्या में 10% की वृद्धि, बाजार हिस्सेदारी का 7% अतिरिक्त लाभ और 5% की वृद्धि जैसे मैट्रिक्स के संदर्भ में ग्रोथ का अनुमान लगाया जाता है। जिससे कंपनी के वार्षिक लाभ आदि का पता चलता है।
ग्रोथ सभी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है, और सभी व्यवसाय ग्रो करना या वृद्धि करना चाहते भी हैं। छोटी संस्थाएँ बड़ी बनना चाहती हैं जबकि बड़ी संस्थाएँ और भी बड़ी बनने का प्रयास करती हैं। अतः ग्रोथ आमतौर पर व्यवसाय के आकार या संख्या में वृद्धि को संदर्भित करता है और यह वृद्धि अक्सर औसत दर्जे की होती है।
विकास मुख्य रूप से कंपनी की प्रगति और सुधार (growth and improvement) को दर्शाता है। विकास में, व्यवसाय की परिस्थितियों में सुधार भी शामिल होता है। विकास एक गुणात्मक पहलु है। यानी, जब व्यवसाय विकसित होता है, तो उस उत्पादों की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। उदहारण के लिए, एक पेड़ जब विकसित होता है, तो न केवल पेड़ की वृद्धि या परिवर्तन को मापा जायेगा बल्कि पेड़ के स्वास्थ्य, फल और उसके फायदे को भी मापेंगे। यही बात किसी बच्चे या किसी कंपनी पर भी लागू होती है।
विकास में, वृद्धि और कारोबारी माहौल में सुधार दोनों शामिल हैं। इसका मतलब यह है कि विकास में न केवल आकार और व्यवसाय की मात्रा में परिवर्तन शामिल है बल्कि संगठन के आंतरिक और बाहरी वातावरण में संसोधन और बेहतर प्रदर्शन भी शामिल है। कई ऐसी प्रक्रियाएं हैं जो संगठन को विकास की ओर ले जाती हैं, जिसमें कर्मचारी प्रशिक्षण और प्रेरक कार्यक्रम, उत्पादन प्रक्रियाओं में संशोधन, बहीखाता आवश्यकताओं के लिए सॉफ्टवेयर पैकेज अपनाना, अन्य संस्थानों के साथ सहयोग शामिल है। इसके अलावा बेहतर बिक्री और सेवाओं की पेशकश करना और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से अपनाना आदि भी विकास की प्रक्रिया में शामिल है। एक संगठन अपने होनहार कर्मचारियों या अन्य संगठनों के साथ मिलकर स्वयं को विकसित कर सकता है।
विकास मात्रात्मक और गुणात्मक दोनों उपलब्धियों का मिश्रण है और इसलिए इसे मापना हमेशा आसान नहीं होता है। उदाहरण के लिए, कर्मचारियों द्वारा उच्च स्तर का काम प्राप्त होना, जो निश्चित रूप से संगठन को लाभान्वित करेगा, लेकिन इस स्तर को संख्यात्मक रूप से मापना और बताना संभव नहीं है।
विकास को एक सीखने और परिवर्तन प्रक्रिया के रूप में भी कहा जाता है, जो एक सिस्टम की विविधता और गुणवत्ता में वृद्धि लाता है। व्यक्तिगत और संगठनात्मक विकास दोनों ही लाभ कमाने के ज्यादा चीज़ों को सीखने से संबंधित है।
बीते 2 सालों में कोरोना महामारी के कारण छोटे और बड़े सभी प्रकार के बिजनेस में काफी उतार-चढ़ाव आ गया है। लॉकडाउन के बाद से अभी भी कई सारे बिज़नेस स्वयं को दोबारा स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। ज्यादातर बिजनेसमैन अपना कारोबार बढ़ाना चाहते हैं ताकि उनकी आमदनी या इनकम में इजाफा हो सके।
किसी भी व्यवसाय में ग्रोथ बहुत मायने रखती है, बिज़नेस की सफलता बिज़नेस ग्रोथ पर ही निर्भर करती है। आसानी से और जल्दी वृद्धि करना कौन नहीं चाहता, हालांकि कोई उपलब्धि बहुत जल्दी हासिल नहीं की जा सकती। यहाँ हम आपको कुछ ऐसे आइडियाज के बारे में बताएंगे जिससे आपको अपने बिज़नेस ग्रोथ और डेवलपमेंट में सहायता मिलेगी।
आजकल ज्यादातर लोग ऑनलाइन शॉपिंग (Online shopping) की तरफ आगे बढ़ रहे हैं। यदि आपका ऑफलाइन बिजनेस (offline business) अच्छी तरह से नहीं चल रहा है तो आपको भी ऑनलाइन बिजनेस शुरू कर देना चाहिये। इसके लिए आपको ज्यादा कुछ करने की ज़रूरत नहीं है आपको एक अच्छी वेबसाइट की आवश्यकता है। सोशल मीडिया (Social media) के ज्यातर प्लेटफार्म कोई शुल्क नहीं लेते, तो विभिन्न डिजिटल प्लेटफार्मों पर अपने बिजनेस की एडवरटाइजिंग (Advertising) करिए और अपने ग्राहकों को आकर्षित कीजिये। हालांकि, ऑफलाइन एडवरटाइजिंग में खर्च ज्यादा होता है जबकि ऑनलाइन में लागत कम लगती है। बिज़नेस की ऑनलाइन उपस्थिति से आपके ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और बिज़नेस में अच्छा मुनाफा होगा। ग्राहकों की संख्या बढ़ने के साथ ही मुनाफा होगा जिससे बिज़नेस में ग्रोथ होगी और साथ ही कस्टमर्स के साथ कंपनी का तालमेल बढ़ेगा और कस्टमर्स इंगेजमेंट भी बढ़ेगी जिससे कंपनी का डेवलपमेंट भी होगा।
यह हम सभी जानते हैं कि ग्राहक किसी भी बिजनेस का मूल आधार होते हैं। इसलिए ग्राहक को भगवान भी कहा जाता है। यदि आप अपना बिजनेस बढ़ाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने ग्राहकों का हर तरह से ख्याल रखें। ग्राहक को अच्छे प्रोडक्ट्स और सर्विसेज देकर उनका विश्वास हासिल किया जा सकता है। आप ग्राहक को अपने प्रोडक्ट्स से जितना ज्यादा खुश रखेंगे और संतुष्ट करेंगे, इससे ग्राहक आपके पास खुद तो आयेगा ही, साथ ही अपने परिचितों, रिश्तेदारों को भी ग्राहक के रूप में आपके पास लेकर आएगा। इसके अलावा आप अपने एम्प्लाइज और कस्टमर्स के बीच आसानी से कम्युनिकेशन या संचार के लिए एक मैनेजमेंट सेट कर सकते हैं इससे आपकी कंपनी ग्रोथ और डेवलपमेंट दोनों नजरिये से आगे बढ़ेगी।
अपने बिज़नेस में आपको अपने प्रोडक्ट्स या सर्विसेज की क्वालिटी का बहुत ध्यान रखना होगा। मार्केट में आपके बिज़नेस के कई सारे प्रतिस्पर्धी मौजूद होंगे, आपको उन सभी से आगे निकलने के लिए अपने प्रोडक्ट की गुणवत्ता सुधारनी होगी। जब क्वालिटी अच्छी होगी तभी कस्टमर्स आपकी चीज़ों को पसंद करेगा और बार-बार आपके पास आएगा। आपके प्रोडक्ट और सर्विस की क्वालिटी पर ही आपके बिज़नेस की ग्रोथ निर्भर करती है। इसके अलावा, जब आप अपने एम्प्लाइज को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे उसी के अनुरूप आपके एम्प्लाइज भी आगे काम करेंगे, जब आपके एम्प्लाइज उन्नति करेंगे तो आपकी कपंनी भी डेवेलप होगी।
जैसा की हमने पहले भी बात की है कि किसी भी बिजनेस की सफलता के लिए उसका कस्टमर बेस बहुत जरुरी होता है या कह सकते हैं कि कस्टमर सफलता का आधार हैं। यानि बिजनेस बढाने का मतलब है कि उद्यमी को खुद का कस्टमर बेस भी बढ़ाना होगा। एक व्यवसाय तभी आगे बढ़ पायेगा जब उसके उद्यमी को पता होगा कि उसके ग्राहक उसके बिजनेस या उत्पाद से क्या उम्मीदें रखते हैं। इसलिए पहले अपने ग्राहकों के बारे में जानिए और उसी के अनुरूप अपने प्रोडक्ट्स को मार्किट में रखिए। अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं और एक्सपेक्टेशन के बारे में जानने के लिए आप उन्हें उनका फीडबैक या प्रतिक्रिया देने के लिए कह सकते हैं। कंपनी के डेवलपमेंट के लिए भी कस्टमर्स इंगेजमेंट बहुत मायने रखती है, इलसिए कस्टमर्स को ज्यादा से ज्यादा कंपनी से जोड़े रखने की कोशिश करिये ताकि आपका बिज़नेस डेवेलप हो सके और साथ ही ग्रोथ भी हो।
सामान या सर्विस के रेट से भी उसकी बिक्री पर बहुत असर पढ़ता है। लोग ज्यादातर किफायती सामान खरीदना चाहते हैं। इसलिए अपने कस्टमर्स की ज़रूरत के हिसाब से रेट या कीमत रखनी चाहिए ताकि आपका सामन या सेवा लेने के लिए किसी को भी ज्यादा सोचना न पड़े। प्रोडक्ट के रेट का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है, अगर रेट कम होगा तो ग्राहक ज्यादा आएंगे और एम्प्लाइज व कस्टमर्स के बीच तालमेल बढ़ेगा जिससे कम्पनी का विकास और वृद्धि दोनों होगी।
वर्तमान में आप कोई भी बिज़नेस कर रहे हों वहां आपके प्रतिस्पर्धी तो होंगे ही। इसलिए अपने प्रतिस्पर्धियों के बारे में जानना और उनसे आगे निकलने के लिए रणनीति बनाना आवश्यक है। तो सबसे पहले आपको अपने कम्पटीटर्स के बारे में सर्च करना होगा और जरूरी नहीं की हर प्रतिस्पर्धी की मंशा आपको नीचे गिराने की हो, मार्किट में अपने संबंध अच्छे रखना भी बहुत ज़रूरी है, इसलिए पहले जान लें कि किससे किस तरह का व्यवहार करना है और फिर उसी के अनुरूप व्यवहार करें। जब आप अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ अच्छे संबंध बनाएंगे तो ये आपकी कंपनी के विकास और वृद्धि दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। और यदि आप अच्छे संबंध नहीं बना पाते तो उनसे निपटने के लिए कोई रणनीति बना लीजिये, भविष्य में ये भी आपकी मदद करेगी।
कर्मचारियों या ग्राहकों को इंगेज करने या बांधे रखने के लिए कभी-कभी इवेंट का आयोजन करना भी बहुत आवश्यक है। इवेंट में आप अपने सबसे अच्छे एम्प्लॉई को पुरुस्कृत कर सकते हैं या किसी पुराने कस्टमर को। इससे लोगों को और अच्छा करने का प्रोत्साहन मिलेगा और ग्राहकों का भी ज्यादा से ज्यादा आपकी सेवा प्राप्त करने का मन बनेगा। कभी -कभी प्रोत्साहित करने के लिए पुरुस्कृत करना आवश्यक होता है। इवेंट के जरिये आप अपने कस्टमर्स और एम्प्लाइज दोनों के साथ ही अच्छे संबंध बना पाएंगे जो भविष्य में आपके ग्रोथ और डेवलपमेंट में लाभप्रद सिद्ध होगा।
बिना एम्प्लाइज के कोई व्यवसाय वृद्धि नहीं कर सकता, इसलिए अपने एम्प्लाइज को मोटीवेट रखना और इनकरेज करना बहुत आवश्यक है ताकि उनकी परफॉर्मन्स अच्छी रहे और आपका काम भी सरलता से और जल्दी होता रहे। किसी भी बिज़नेस की ग्रोथ में उसके एम्प्लाइज मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसलिए समय-समय पर अच्छे कर्मचारियों को सम्मानित करना और उन्हें प्रोत्साहित करना बहुत ज़रूरी है। कोई भी कंपनी या संगठन तभी विकसित होता है जब वहां के एम्प्लाइज संतुष्ट और खुश रहते हैं। इसलिए अपने एम्प्लाइज को मोटीवेट करते रहिये, ये आपकी कंपनी के ग्रोथ और डेवलपमेंट दोनों में ही सहायता करेगा।
इस आर्टिकल में अपने बिज़नेस ग्रोथ और वृद्धि के बारे में जाना, बिज़नेस से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहिये -TWN
Tags: Growth And Development, Business Growth, Business Growth And Development
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