समय कितना भी आगे बढ़ जाए किन्तु भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और हो भी क्यूँ न? आखिर जिस देश की मिट्टी में एक नहीं बल्कि हर मौसम की अलग-अलग फसलें चखने को मिलती है यानी-रबी, खरीफ़ और जायद । भारत ही नहीं विश्व के ऐसे कई हिस्से हैं जहाँ कृषि पर निर्भरता बहुत अधिक है। विश्व का हर एक किसान महीनों अपनी फसलों पर कठिन परिश्रम करता है, धैर्य रखता है और फसलों के खेतों में लहलहाने की प्रतीक्षा करता है। समय के साथ कृषि तकनीकों और बाज़ार व्यवस्था में अंतर आया है किन्तु कृषि और कृषक का संबंध तो वैसा ही है। अब तो इस क्षेत्र में युवाओं ने अपनी नई सोच और नए प्रयासों से, एक नई जान डाल दी है विशेषकर कृषक परिवारों से जुड़े हुए युवा, नए सिरे से इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। अगर आप भी कृषि क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहतें हैं तो आइये आज इसी विषय पर बात करें।
हमारे देश में जय जवान और जय किसान का नारा बहुत पहले से चला या रहा है । यहाँ तक की फिल्मी गीतों में भी यह कहा गया है- ‘’मेरे देश की धरती उगले सोना’’
कुल मिलाकर यह स्पष्ट रहा है कि समय कितना भी आगे बढ़ जाए किन्तु भारत एक कृषि प्रधान देश रहा है और हो भी क्यूँ न? आखिर जिस देश की मिट्टी में एक नहीं बल्कि हर मौसम की अलग-अलग फसलें चखने को मिलती है यानी-रबी, खरीफ़ और जायद । भारत ही नहीं विश्व के ऐसे कई हिस्से हैं जहाँ कृषि पर निर्भरता बहुत अधिक है। विश्व का हर एक किसान महीनों अपनी फसलों पर कठिन परिश्रम करता है, धैर्य रखता है और फसलों के खेतों में लहलहाने की प्रतीक्षा करता है। समय के साथ कृषि तकनीकों और बाज़ार व्यवस्था में अंतर आया है किन्तु कृषि और कृषक का संबंध तो वैसा ही है। अब तो इस क्षेत्र में युवाओं ने अपनी नई सोच और नए प्रयासों से, एक नई जान डाल दी है विशेषकर कृषक परिवारों से जुड़े हुए युवा, नए सिरे से इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। अगर आप भी कृषि क्षेत्र में अपना भविष्य बनाना चाहतें हैं तो आइये आज इसी विषय पर बात करें-
सबसे पहले तो यह समझिये कि यदि आपको पहले से ही अपनी रुचि पता है तो विश्वविद्यालयों में चल रहे कृषि डिप्लोमा या डिग्री कॉर्सेस चलते हैं, आप जो भी आपको ठीक लगे, उस स्तर पर आप आगे बढ़ें । इस ज्ञान से आपको मूल कृषि ज्ञान के अलावा, समय के साथ उपयोगी कृषि तरीकों से आपका साक्षात्कार होगा। इंटरनेट पर ढूंढकर आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय में प्रवेश लें और समय और अवसर हो तो आप कृषि में स्नातक, परास्नातक और रिसर्च research के स्तर तक जा सकतें हैं।
यदि आपको किसी व्यावसायिक आवश्यकता या अपनी इच्छा से केवल कृषि से जुड़े किसी विषय में डिप्लोमा करने की इच्छा है तो भी आप कृषि से जुड़े कोर्सेज चलाने वाले विश्वविद्यालयों से डिग्री वाले कोर्सेज के विषय में पता करके प्रवेश ले सकतें है।
कृषि विज्ञान (Agricultural sciences)
कृषि और कीटनाशक (Agriculture and Pesticides)
खाद्य अनुसंधान प्रणाली (Food research )
कृषि के संसाधन (Resources of agriculture)
कृषि में व्यापार (Businesses in Agriculture)
बागबानी सुरक्षा और प्रणाली (Gardening system and safety)
कृषि रसायन (Agricultural chemicals)
भारत सरकार स्वयं अपने अलग-अलग सरकारी विभागों में कृषि से जुड़े पदों की रिक्तियाँ निकालती रहती है। बैंकों, भारतीय कृषि संस्थान, कृषि शिक्षा विभाग, कृषि अनुसंधान विभाग, सिंचाई विभाग, वन विभाग आदि ऐसी बहुत सारी सरकारी भर्तियाँ हैं जहाँ आवेदन किया जा सकता है ।
यदि आप चाहें तो कृषि क्षेत्र में कार्यरत निजी संस्थानों से भी जुड़ सकतें हैं। आजककल निजी कम्पनियाँ, विश्वविद्यालय, विद्यालय , सभी कृषि क्षेत्र में अनुसंधानों से जुड़ रहे हैं, इन्हे कई कृषि विशेषज्ञों की आवश्यकता रहती है। इन सभी के अलावा गांवों से जुड़े क्षेत्रों में भी विशेषज्ञों की आवश्यकता पड़ती रहती है, जैसे ग्राम विकास अधिकारी, कृषि अधिकारी आदि। अब वह समय नहीं रहा जब आपको स्वयं की रुचि से जुड़े व्यवसायों का पता ही न चल पाए । खोलिए अपना फोन, कंप्यूटर या लैपटॉप और देखिये सर्च इंजन पर सर्च करके कि आपके लिए कितनी संभावनाएं हो सकती हैं ।
क्या कभी आपने चलते फिरते बाजारों में वो दुकानें देखी हैं जहाँ -बीज भंडार लिखा होता है और वहाँ तरह तरह के बीजों के अलावा बागबानी और कृषि, पौधों से जुड़ी विभिन्न सामग्रियाँ उपलब्ध रहती हैं, यह लोग भी कृषि क्षेत्र से जुड़े होतें हैं और इन्हे लाईसेंस देकर ऐसी दुकानें चलाने का अधिकार दिया जाता है, इनमें से कुछ तो कृषि क्षेत्र से ऐसे जुड़ें होतें हैं कि घर की खेती-बॉडी के अलावा परिवार इस तरह की प्रामाणिक दुकानें भी खोल लेता है।
यदि आपकी खुद की अच्छी कृषि भूमि है तो उसकी उर्वरा पर ध्यान देकर उससे नए ट्रैकों से आगे बढ़ाकर सरकारी गोदामों और बाजारों में बिक्री कर सकतें है। अब तो हर बड़े-बड़े उद्योगों में organic ऑर्गनीक खेती से जुडने के प्रयास चल रहें हैं जिनसे बड़े-बड़े सुपर मार्केट में सब्जियाँ भी लाई जाती हैं। आप इन सभी से जुड़ सकतें है। अब तो बहुत सारे लोग अपने घर में ही स्थान बनाकर छोटी सी फ़ार्मिंग शुरू करने को बढ़ावा दे रहे हैं और सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर रहे हैं।
यह क्षेत्र जितना बड़ा है, उतना ही इस क्षेत्र में अवसर भी हैं। इससे जुड़़े स्नातक और परास्नातक विद्यार्थियों के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च Indian council of agricultural research में कौशल दिखाना अच्छा अवसर है क्योंकि इस संस्थान के तहत करीब 43 रिसर्च इंस्टीट्यूट, चार राष्ट्रीय रिसर्च ब्यूरो, 20 राष्ट्रीय रिचर्स सेंटर, 109 कृषि विज्ञान केंद्र आदि हैं। आजकल एग्रीकल्चर इंजीनियर एनजीओ NGO के साथ मिलकर भी विभिन्न योजनाओं और स्कीम पर भी काम करते हैं। दूसरी तरफ रिटेल कम्पनियां भी एग्री-साइंस ग्रेजुएट को जॉब के बेहतरीन मौके उपलब्ध करा रही हैं।
इसके अलावा वे बैंक जहां Advance credit एडवांस क्रेडिट, लोन Loan और कृषि आधारित प्रोजेक्ट डील करते हैं वहां भी एग्रीकल्चर साइंस से जुड़े उम्मेदवारों की नियुक्ति होती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी पोस्ट ग्रेजुएट कैंडीडेट्स के लिए फील्ड ऑफीसर, रूरल डेवलपमेंट ऑफीसर्स, एग्रीकल्चरल और प्रोबेशनरी ऑफीसर्स पद की जगहें निकलती रहती हैं। इसके अलावाए संघ लोक सेवा आयोग भी हर साल कृषि विशेषज्ञों एग्रीकल्चरल स्पेशलिस्ट की नियुक्ति के लिए इंडियन फारेस्ट सर्विस परीक्षा आयोजित करता है।
नई युवा ऊँचाइयाँ-
आए दिन अखबारों और पत्रिकाओं में ऐसे कई युवा चेहरों के नाम आते हैं जिन्होंने कृषि क्षेत्र में नई उपलब्धियां प्राप्त की हैँ । ऐसे ही एक लड़की की खबर भी आई थी जिसने प्रतिकूल माहौल में अनोखे तरीके से स्ट्रॉबेरी की खेती करके दिखाई थी। डिजिटल माध्यम से तो युवाओं को और आगे बढ़ने का और अपना हुनर दिखाने के अवसर दिए हैं । चीन की एक युवा यूट्यूबर कन्या Li Ziqi, जो चीन में अपने जीवन को बिल्कुल पारंपरिक रखकर अपनी कृषक कन्या की भूमिका निभाने का यूट्यूब वीडियो बनाकर लोकप्रिय बन गई है। उसका कहना है कि उसे अपना यह जीवन बेहद पसंद है । यहाँ उसके यूट्यूब चैनल की लिंक है-Li Ziqui youtube channel
यह दर्शाता है कि आज की युवा पीढ़ी किसी भी कार्य में पीछे नहीं है बल्कि वह समय के साथ अपनी रुचि को बाँधकर आगे बढ़ रही है।