क्या भारत स्वच्छता में स्थिरता बना सकता है?

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17 Mar 2022
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स्वच्छ भारत का सपना साकार बनाने के लिए भारत ने बहुत काम किया है। हालाँकि, क्या स्वच्छ भारत के सपने को संभव बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम पर्याप्त हैं, या क्या हम सभी को और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है? इस आर्टिकल को  पूरा पढ़िए और जानिए कि भारत को स्वच्छ बनाए रखने में क्या बाकी है?
Looking at the present Scenario #India as a country have taken strategic steps in strategising and implementing clensiness and sanitation for urban and rural areas. However, are the steps taken by the Government of India along side State Governments is not enough to make it possible, it needs a lot of support and engagement of all stakeholders, specially the citizens of the country to make it a success in real dimensions. Do we need to make more efforts?
Sustainable Sanitation! What do you understand by this term? We all must have heard of the word Sanitation, which describes the safe disposal of human waste. Besides, what does Sustainability in Sanitation means? The term includes the process of collecting, transporting, treating, and disposal of Human Waste.
Our Esteemed Columnist- Mr. Sarva Daman (SD) Singh is a Senior Subject Matter Expert in Waste Management, Air & Water Pollution Control & Monitoring.

His previous engagement with Government of Uttar Pradesh was in the capacity of  Head- Swachh Bharat Mission (Department of Urban Development & Housing-U.P). His current profile includes Training Session on Used Waterand Septage management in Urban Areas for the District Level Officers.These training sessions are organized by Regional Center for Urban and Environmental Studies, by Ministry of Housing and Urban Affairs, Government of India.

Read the article to find out what we are lacking in sustaining sanitation.
#ThinkWithNiche #MOHUA #MYGOV #SwachhBharatMission #SBM_2.0

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सतत स्वच्छता (Sustainable Sanitation)! इस शब्द से आप क्या समझते हैं ? हम सभी ने स्वच्छता शब्द के बारे में तो सुना ही होगा, जो गंदगी को साफ़ करने और एक स्वच्छ वातावरण के निर्माण के बारे में है। इसके अलावा, स्वच्छता में स्थिरता ( Sustainability in Sanitation) का क्या अर्थ है? इस शब्द का अर्थ उस प्रक्रिया से है जिसमें मानव अपशिष्ट के संग्रह को खत्म करने के लिए काम करते हैं जैसे ट्रांसपोर्टिंग, ट्रीटिंग और डिस्पोजल (transporting, treating, and disposal of Human Waste) आदि।

भारत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management)

बढ़ते शहरीकरण (urbanization) के कारण, भारत गंभीर अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों का सामना कर रहा है। 377 मिलियन से अधिक शहरी नागरिक करीब 7,935 शहरों और कस्बों में रहते हैं, और सालाना लगभग 62 मिलियन टन ठोस कचरा पैदा करने में इनका बड़ा योगदान होता है। और इतने ज्यादा कचरे से केवल 43 मिलियन टन एकत्र किया जाता है, 12 मीट्रिक टन का शोधन किया जाता है, और शेष 31 मीट्रिक टन को लैंडफिल साइटों (landfill sites) में डंप किया जाता है।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) शहरी केंद्रों में स्वच्छता मानकों को बनाए रखने के लिए नगरपालिका अधिकारियों (municipal authorities) द्वारा दी जाने वाली मूलभूत सेवाओं में से एक है। विडंबना यह है कि लगभग हर नगरपालिका प्राधिकरण शहर के बाहर या भीतर अव्यवस्थित ढंग से डंप यार्ड (dump yards) में ठोस कचरा (solid waste) गिराता है। नतीजतन, कई विशेषज्ञों का मानना ​​है कि भारत त्रुटिपूर्ण अपशिष्ट निपटान और प्रबंधन प्रणाली (flawed waste disposal and management system) का उपयोग कर रहा है।

स्वच्छता की पहल (Sanitation Initiative)

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 2 अक्टूबर 2014 में गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) पर स्वच्छ भारत अभियान (The Swachh Bharat Abhiyan) शुरू किया था। इस कार्यक्रम ने एक शानदार शुरुआत की, लोगों ने अपनी सड़कों की सफाई शुरू कर दी और अपने आसपास स्वच्छता (Sanitation) बनाए रखना शुरू कर दिया। जल्द ही, यह केवल गांधी जयंती के लिए एक गतिविधि बन गया। हम अक्सर भारत की तुलना पश्चिमी देशों से करते हैं। हम स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं, स्वछता से वहां रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य मिलता है। हालाँकि, जब हमारे अपने देश की बात आती है, तो हम हर चीज़ के लिए सरकार और अधिकारियों को दोष देते हैं।

क्या देश में स्वच्छता बनाए रखना केवल सरकार की जिम्मेदारी है? हमें, नागरिकों के रूप में, इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जब ​​किसी से कहा जाता है कि आप देश की गंदगी के लिए भी उतना ही जिम्मेदार है जितना कि कोई और, तो वे यह कहकर अपना बचाव करते हैं, "मैं इसके लिए क्यों जिम्मेदार हूं?" भले ही इसका कारण हम जानते हों। हमें अपनी  गलतियों को सुधारने के लिए सबसे पहले अपनी गलतियों को स्वीकार करना होगा। जब हम दूसरे देशों की प्रशंसा करते हैं, तो हम भूल जाते हैं कि कैसे उन देशों के लोग इसे एक जिम्मेदारी के रूप में लेते हैं और अपनी सड़कों, शहरों और देश को साफ रखने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं।

मौलिन्नोंग (Mawlynnong): एशिया का सबसे स्वच्छ गांव

2003 में, मेघालय के मौलिन्नोंग नाम के एक गांव ने डिस्कवर इंडिया (Discover India) द्वारा एशिया के सबसे स्वच्छ गांव (cleanest village in Asia) का खिताब के लिए दावा किया था। गांव के लोगों ने गाँव को स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल रखने के लिए सर्वोत्तम उपयोग किये हैं। वहां कूड़ेदान बांस (bamboo) से बने होते हैं, और कूड़ेदानों में एकत्रित कचरा खाद (manure) बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। गाँव में प्लास्टिक और धूम्रपान के उपयोग (use of plastic and smoking) पर भी प्रतिबंध है, और वर्षा जल संचयन का अभ्यास गाँव का लगभग हर निवासी करता है। गाँव ने यह सब वहां के निवासियों के प्रयासों से ही हासिल किया है। अगर वे अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लेते, तो गांव को एशिया और भारत का सबसे स्वच्छ गांव नहीं कहा जाता। गांव के निवासी गांव को साफ रखने के लिए बहुत सतर्क और गंभीर हैं। यह स्वच्छता में स्थिरता का सबसे अच्छा उदाहरण हो सकता है। वे कचरे को इकट्ठा करते हैं और इसे यथासंभव सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करने के लिए संसाधित करते हैं। कचरे से खाद बनाने की उनकी  प्रक्रिया हम सबके लिए एक उदाहरण है। मौलिन्नोंग गांव स्वच्छता में स्थिरता का सबसे अच्छा उदाहरण है। कुछ चीजों को व्यवहार में लाना कठिन हो सकता है लेकिन, कम से कम हम कोशिश कर सकते हैं और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।

हमें, भारत के नागरिकों के रूप में, पहले स्वयं पहल करनी चाहिए और स्वच्छता को बतौर अपनी एक जिम्मेदारी समझना चाहिए।

स्वयं स्वच्छता की जिम्मेदारी लें (Take Responsibility)

हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) एक कार्यक्रम के रूप में समाप्त न हो, जहां हम झाड़ू पकड़ते हैं और हमारे सामाजिक अपडेट के लिए तस्वीरें लेते हैं लेकिन इसे अपने दैनिक जीवन स्वच्छता के संकल्प को लेकर काम नहीं करते। हम अपने घर को साफ-सुथरा रखने से कभी नहीं हिचकिचाते हैं, तो फिर सड़क से कूड़े का एक टुकड़ा उठाकर कूड़ेदान में डालने में क्या झिझक है? हो सकता है शुरुआत में इससे कोई बड़ा बदलाव न हो, लेकिन यह अभी भी एक मौका है, और शायद ये छोटी चीजें हमें स्वच्छ भारत की ओर ले जा सकती हैं।

Swachh Bharat Mission

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हम सभी ये समझते हैं कि यह देश हमारा है, और इस देश में स्वच्छता बनाए रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है।

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यह लेख एसडी सिंह (SD Singh) जी द्वारा लिखे गए लेख का हिंदी रूपांतरण है। इसे इंग्लिश में पढ़ने के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें- Please click on the link below to read it in English- Can India Maintain Sustainability in Sanitation?

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