जब हम पर्यावरण के अनुकूल eco-friendly, शब्द का उपयोग करते हैं, तो इसका अर्थ उन उत्पादों से है जो पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। यह आम तौर पर प्राकृतिक संसाधनों के विस्तार योग्य उपयोग को संदर्भित करता है लेकिन सबसे प्रभावी और कुशलता के साथ ।
जो लोग ईको-फ्रेंडली व्यवसाय खोलने की योजना बना रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि कौन से उत्पाद ईको-फ्रेंडली हैं और कौन से नहीं।
दुनिया ससाधनों से भरी हुई है। पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए लोगों को रोजगार का माध्यम देकर कई परेशानियों का निवारण करना, दोनों ही पहलुओं से लाभकारी प्रतीत होता है।
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने, सीमित प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और लोगों को एक सतत जीवन प्रदान करने के लिए ऐसे व्यवसायों की शुरूआत करना बहुत आवश्यक है, ताकि आने वाले समय में सीमित संसाधनों की कमी की वजह से लोगों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
आज के इस ब्लॉगपोस्ट में हम ऐसे ही कुछ पर्यावरण हितैषी व्यवसायों Eco Friendly Businesses के बारे में जानेगे जो न सिर्फ पर्यावरण के संरक्षण Environmental Protection में सहायक हैं बल्कि एक बेहतर व्यवसाय का साधन भी हैं।
पर्यावरण एक ऐसा विषय है, जो प्रत्येक व्यक्ति के साथ जुड़ा है। हम कह सकते हैं कि मानव भी पर्यावरण का हिस्सा है। मानव और पर्यावरण एक-दूसरे के पूरक हैं। जहाँ पर मानव पर्यावरण को सुरक्षित रखने के अनगिनत उपाय करता है।
वहीं बदले में पर्यावरण मनुष्य को एक स्वस्थ्य जीवन प्रदान करता है। आधुनीकरण के इस दौर में कहीं ना कहीं हम मनुष्य और पर्यावरण के बीच के ताल-मेल को ख़त्म करते जा रहे हैं।
जिसका असर लोगों के बिगड़ते स्वास्थ्य पर देखा जा सकता है। पर्यावरण के बदलते आवरण को देखते हुए इसे सुरक्षित रखने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं। नए तरीकों से पर्यावरण को फिर से तंदुरुस्त करने की कोशिशों पर जोर दिया जा रहा है। इस परिपेक्ष्य में की जा रही कोशिशों से पर्यावरण के क्षेत्र में लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी मिल रहे हैं।
इस क्षेत्र में नए व्यवसाय के शुरू होने से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ हम लोगों के लिए बड़े स्तर से लेकर छोटे स्तर तक के लोगों को उनकी क्षमता के आधार पर रोजगार के दरवाजे खोल रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की बढ़ती मांग से क्षेत्रीय व्यवसाय के लम्बे समय तक टिकने के आसार नजर आते हैं।
जिसके कारण इस क्षेत्र में प्रवेश करना किसी भी तरह से नुकसान का सौदा नहीं लगता है। दुनिया में कुछ ऐसे व्यवसाय हैं, जो अपनी रणनीतियों से आज पर्यावरण को सुरक्षित रखने में सफल हो रही हैं और इसके साथ ही उनकी कंपनी से लाखों लोगों को मुनाफा भी हो रहा है।
ऐसे उत्पाद जो अपने उत्पादन, उपयोग और निपटान में पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद eco-friendly products कहलाते हैं। आम तौर पर, उपयोग में होने पर, ये उत्पाद ऊर्जा के संरक्षण में मदद करते हैं, कार्बन पदचिह्न carbon footprint या ग्रीनहाउस गैसों greenhouse gases के उत्सर्जन को कम करते हैं, और पर्यावरण के लिए पर्याप्त विषाक्तता या प्रदूषण का कारण नहीं बनते हैं।
जो उत्पाद निर्मित होते हैं वे जैविक सामग्री के होते हैं और ऊर्जा का प्रभावी ढंग से उपयोग करते हैं। व्यवसायों के लिए स्थायी व्यावसायिक विचारों sustainable business ideas, को विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है, और CSR के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों को पर्यावरण के अनुकूल व्यावसायिक विचारों के बारे में सोचना चाहिए।
भारत में हरित व्यापार विचार green business ideas in India के लिए जाने के लिए, कई वेबसाइटों के माध्यम से जाने की जरूरत है जो पर्यावरण के अनुकूल स्टार्टअप सिखाती हैं और तकनीकी कौशल से से रूबरू करती हैं ।
कई कारखानों और निर्माण इकाइयों में सौर ऊर्जा का उपयोग करके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने reduce carbon footprint का यह सबसे कुशल और उत्कृष्ट तरीका है। भारत ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों (ईवी) electronic vehicles (EV) को पेश करके अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए काफी प्रयास किए हैं। अभी तक, दिल्ली सरकार ने ईवीएस की दिशा में काम करने के लिए यह पहल की है।
सौर पैनल सलाहकारों और व्यापारियों ने एक सौर स्थापना और निर्माण प्रणाली विकसित की है और पर्यावरण के अनुकूल उपायों का उपयोग करने वालों को कर लाभ देते हैं। भारत ने कथित तौर पर 9.3 GW सौर क्षमता बिजली स्थापित की है जो आगामी वर्ष, यानी 2023 तक और अधिक होने की उम्मीद है।
इस क्षेत्र को भारी सरकारी समर्थन मिल रहा है। सौर ऊर्जा का उपयोग प्रदूषण को कम करने का एक प्रभावी तरीका है और इसलिए, इसे दुनिया के आने वाले दशकों में एक संस्कृति के रूप में अपनाया जाएगा। जल्दी या बाद में, यह बजट अवधि में अत्यधिक वृद्धि देगा जबकि निवेश जैव ईंधन संयंत्र से कम है, जो कि ₹1 लाख है।
जब भी हम किसी सरल तरीके से ऊर्जा को प्राप्त करने की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम सौर्य ऊर्जा का आता है। सौर्य ऊर्जा, ऊर्जा प्राप्त करने का ऐसा माध्यम है, जो किसी भी व्यक्ति के लिए बड़ी सुगमता से कम खर्च में मिल जाता है।
सोलर एनर्जी रिटेल एक इको-फ्रेंडली व्यवसाय eco-friendly business है। घरों एवं निर्माण इकाइयों में सौर ऊर्जा का उपयोग पर्यावरण में कार्बन उत्सर्जन की मात्रा को कम करने का एक शानदार तरीका है।
सौर ऊर्जा को उत्पन्न करने का स्रोत सूर्य होने के कारण यह ऊर्जा बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जिसके फलस्वरूप प्रत्येक व्यक्ति की यह पहली पसंद बन जाता है। बाजार में इसके उपकरणों के बढ़ते डिमांड के साथ उन्हें बनाने के लिए कई व्यक्ति इसे अपना व्यवसाय बना रहे हैं। सौर्य ऊर्जा से सम्बंधित उपकरणों के व्यवसाय जैसे,
व्यवसाय की दुनिया में बड़ी तेजी से अपना पैर पसार रहा है। भारत के परिपेक्ष्य में चीन और अमेरिका के बाद यह तीसरा देश है, जो सौर्य ऊर्जा का सबसे अधिक इस्तेमाल करता है। सौर ऊर्जा वह ऊर्जा है, जो हमें निःशुल्क मिलती है और जीवनपर्यन्त मिलती रहेगी।
जैव-ईंधन पर्यावरण संरक्षण का एक सुगम माध्यम है। वाहनों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन वातावरण को प्रदूषित करने में अहम रोल निभाते हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रत्येक बीमारियां जन्म लेती हैं।
इसके साथ संसार में इन इंधनो की कमी होने के कारन इनके दामों में लगातार वृद्धि होती जा रही है, जो प्रत्येक वाहन चालक के लिए एक गंभीर समस्या है।
ऐसे में जैव ईंधन प्लांट का निर्माण पर्यावरण के साथ आम नागरिकों को भी सरल जीवन देने का प्रयास कर रहा है। जैव-ईंधन प्लांट पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ कम खर्च वाला व्यवसाय भी होता है।
पेट्रोल, डीजल के कीमतों में वृद्धि होने से आने वाले समय में लोगों के जैव-ईंधन के इस्तेमाल की सम्भावना बढ़ती जा रही है। जिसके कारण विश्व स्तर पर, जैव ईंधन का उत्पादन 2021 के अंत तक लगभग 24.87 करोड़ लीटर प्रति वर्ष तक पहुंचने की संभावना है। जैव ईंधन प्लांट के व्यवसाय में आप कम लागत में दीर्घकालीन मुनाफा कमा सकते हैं।
जैव ईंधन संयंत्र स्थापित करने के लिए कई कारक सरकार पर निर्भर करते हैं क्योंकि उन्हें जैव ईंधन की उपलब्धता और संसाधनों की जांच करने की आवश्यकता होती है। यह भारत और भारत के बाहरी इलाकों में सबसे प्रभावी बिजनेस स्टार्टअप बन गया है।
वैश्विक स्तर पर यह कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। हालाँकि, इसके लिए भारी निवेश के साथ-साथ सरकारी समर्थन की भी आवश्यकता है। बाजार में एकाधिकार बहुत कम निर्माण इकाइयों की ओर ले जाता है। निवेश लगभग ₹ 20 लाख से ₹ 2 करोड़ है।
हम जानते हैं कि पीने योग्य पानी की मात्रा दिन पर दिन कम होती जा रही है और भूमिगत जल भंडार का स्तर खतरनाक तरीके से तेजी से कम हो रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बारिश के दर में लगातार आती कमी।
बरसात के पानी के संरक्षण से ही हम पीने योग्य पानी को संचित कर सकते हैं। पानी की समस्या को दूर करने के लिए हमें जल भंडारण करना होता है। जल संरक्षण ही इसका एकमात्र उपाय है।
इस प्रक्रिया में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें बहुत सारे व्यवसायिक अवसर भी उपलब्ध नजर आते हैं। वर्षा जल संचयन जैसी परियोजनाएं व्यवसाय के अनोखे मार्ग खोलती है। इसके माध्यम से हम पर्यावरण को संरक्षित रखते हैं साथ में लोगों को रोजगार से भी जोड़ते हैं।
जल संचयन परियोजना, ऐसे व्यक्ति के लिए के अनुकूल वातावरण बनता है, जो व्यवसायिक विचार रखते हैं और जल संरक्षण के मिशन को ध्यान में रखकर व्यवसाय में उतरना चाहते हैं। यह व्यवसाय भी कम लागत में शुरू किया जा सकता है। और ऐसे कई माध्यम हैं जिनसे हम जल संचित करते हैं और व्यवसाय के नए तरीके निजात करते हैं।
पीने के पानी की कमी दिन-ब-दिन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है, जिससे भूमिगत जल का उपयोग बढ़ रहा है। इस बिजनेस स्टार्टअप को सबसे किफायती और ईको फ्रेंडली मौका माना जा रहा है।
बारिश के पानी का उपयोग कर काम करने के लिए यह तरीका सबसे अच्छा माना जाता है। इस परियोजना में रुचि रखने वाला व्यक्ति विज्ञान और पर्यावरण केंद्र का लाइसेंस प्राप्त कर सकता है। यहां निवेश भी कम यानी 1 लाख रुपए है।
इसे पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय माना जा सकता है। स्टोर में सभी टिकाऊ वस्तुएं, यहां तक कि जैविक किराने का सामान भी हो सकता है। आजकल लोग स्वस्थ आहार में हैं और जिम की ओर अधिक झुकाव रखते हैं।
इसलिए, यह व्यावसायिक विचार शीर्ष पायदान पर है, चाहे वह खाने योग्य हो, व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद या घर की सजावट, कार्यालय की सजावट, जूते आदि।
पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय समग्र रूप से अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्थानीय व्यवसायों को पूरा करने में सहायता कर सकता है। इसलिए, जैविक भंडार अब एक नया व्यवसाय शुरू करने के स्वास्थ्यप्रद तरीके के रूप में उभरेंगे। आवश्यक न्यूनतम निवेश ₹5-7 लाख है। वहीं, आने वाले वर्षों में विकास दर 25% रहने की उम्मीद है।
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हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी में कई ऐसी वस्तुएं होती हैं, जिन्हें हम बेकार समझ लेते हैं और उसे रद्दी समझ कर कचड़े के डिब्बे में फेंक देते हैं। जिन वस्तुओं को हम रद्दी समझ कर फेंक देते हैं, कभी-कभी कुछ लोगों को उसका इस्तेमाल इस तरह करते देखते हैं, जो हमारी कल्पना से परे होता है।
बेकार सामानों का पुर्नवीनीकरण करना भी एक व्यावसायिक मार्ग है। यह उद्योग स्तर पर स्क्रैप के लिए एक बेहतर बाजार है।
एल्यूमीनियम, पीतल, प्लास्टिक, कागज, सुई, कपड़े प्लास्टिक, जूते, इलेक्ट्राॅनिक उत्पाद, जो हम अपने घरों में उपयोग करते हैं, सभी को पुर्नविनीकरण के माध्यम से पुनः उपयोग किया जा सकता है।
यह सबसे आधुनिक, कम लागत वाला, कम शिक्षित या अशिक्षित लोगों के लिए रोजगार पैदा करने वाला व्यवसाय है। इस व्यवसाय को चुनने के लिए आपको बुनियादी ढांचे की आवश्यकता होती है।
इसमें लगने वाली पूंजी आपके द्वारा चुने पुर्नविनीकरण उत्पाद पर निर्भर करती है। फिर से इस्तेमाल हो जाने के कारण वातावरण में काम कचरा इकठ्ठा होगा, इस माध्यम से हम पर्यावरण को भी भी सुरक्षित रख सकते हैं।
पुनर्चक्रण बाजार बढ़ रहा है क्योंकि लोग अपने कार्बन पदचिह्न को कम करने के बारे में जागरूक हो रहे हैं। इसलिए, पुनर्चक्रण उत्पादों का पर्यावरण-अनुकूल व्यवसाय शुरू करना एक बुद्धिमान निर्णय है। आप अलौह स्क्रैप को रीसायकल कर सकते हैं, जो एल्युमीनियम धातु है और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को छोड़ दिया गया है।
यहां निवेश काफी कम है जबकि बाजार का रुख ऊंचा है। निवेश उत्पाद और रीसाइक्लिंग प्रक्रिया पर निर्भर करेगा। हमारे घर की हर वस्तु रिसाइकिल की जा सकती है, चाहे वह कपड़े, किताबें, जूते आदि हों।
कुछ रिसाइकिलिंग उत्पाद भारी मात्रा में धुआं और कीटाणुनाशक पैदा करते हैं, जबकि कुछ शुद्ध होते हैं। पुनर्चक्रण व्यवसाय मशीनरी निवेश और विनिर्माण सौदे पर प्रमुख बिंदु का नेतृत्व करता है।
इस ग्रह को ऑक्सीजन की जरूरत है और ऐसे में यह जरूरी है कि मनुष्य पॉलीथिन का इस्तेमाल न करें। पॉलीथीन में polytheism होता है, जो पॉलीथीन में पाया जाने वाला एक बहुत ही खतरनाक रसायन है। इसलिए आज की पीढ़ी को कागज के थैले के साथ आगे बढ़ना जरूरी है।
इको-फ्रेंडली पेपर बैग Eco-friendly paper bags पृथ्वी की रक्षा में भारत को अपार संस्कृति को और मज़बूत करेंगे।
प्लास्टिक जब जलाया जाता है तो धुआं पैदा करता है जो इंसानों के साथ-साथ जानवरों और पक्षियों के लिए भी बहुत हानिकारक और जहरीला हो जाता है। इसलिए पर्यावरण के अनुकूल पेपर बैग का निर्माण पेड़ों को काटने से रोकने के लिए सबसे अच्छा पर्यावरण अनुकूल पहल है और इसलिए प्लास्टिक बैग से अधिक टिकाऊ है।
कारखाने में उत्पादन के लिए पुनर्नवीनीकरण कागज या जूट Recycled paper or jute का उपयोग किया जा सकता है। इस व्यवसाय में निवेश काफी कम है, यानी ₹50000 लगभग और अगर यह एक बड़ा प्लांट है तो लगभग ₹8 लाख।
पुराने फर्नीचर को अब पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है और उपयोगी फर्नीचर या उपकरण के रूप में पुन: उपयोग किया जा सकता है। यह व्यवसाय वैश्विक बाजार में आकर्षक है और इसके लिए एक विशाल रोपण क्षेत्र या निर्माण इकाई की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह लगभग 500-800 वर्ग फुट में किया जा सकता है।
पर्यावरण के अनुकूल फर्नीचर व्यवसाय शुरू करना एक उत्कृष्ट विकल्प है क्योंकि फर्नीचर होगा लीग से बाहर कभी मत जाओ। पुराने और अनुपयोगी फर्नीचर को सबसे फैशनेबल तरीके से पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकता है जिससे एक फलदायी व्यवसाय हो सकता है।
निष्कर्ष
21वीं सदी में यदि आप एक व्यवसाय शुरू कर रहे हैं, तो पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय में संलग्न होना एक उत्कृष्ट विचार है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय से आप नवीकरणीय संसाधनों का समर्थन कर सकते हैं और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को भी कम कर सकते हैं।
इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने का प्रभाव पर्यावरण के साथ-साथ देश की हरित अर्थव्यवस्था के लिए बहुत अधिक है। यह लेख कुछ आकर्षक पर्यावरण हितैषी विचारों पर प्रकाश डालता है।
इस प्रकार, आप भारत में अपना पर्यावरण-अनुकूल स्टार्टअप eco-friendly startup स्थापित करने के लिए एक विचार के साथ शुरुआत कर सकते हैं या इन विचारों को जोड़ सकते हैं।