क्या आप कभी सोच सकते हो कि सिर्फ कुछ ही हजार रुपयों से कोई इंसान 6.3 बिलियन डॉलर यानी 468 अरब रुपए की कंपनी खड़ी कर सकता है। शायद आपका जवाब यही होगा कि ये कैसे मुमकिन हो सकता है लेकिन यह मुमकिन कर दिखाया है सॉफ्टवेयर फर्म software firm पर्सोनियो के CEO हनो रेनर ने। उन्होंने अपने कठिन परिश्रम और सकारात्मक सोच से ये कर दिखाया है। हनो रेनर ने सिर्फ 14 हजार रुपए में ये स्टार्टअप शुरू किया था और आज पर्सोनियो यूरोप की सबसे मूल्यवान स्टार्ट-अप में से एक बन गई है।
अगर आपके अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा है तो आपको आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। क्योंकि अगर हम जीवन में हार नहीं मानते हैं तो वक्त भी हमारा साथ जरूर देता है। बस आपको सफल होने के लिए अपने लक्ष्य के प्रति एकचित्त भाव से समर्पित होना पड़ेगा। कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपनी लगन और परिश्रम के दम पर सफलता की ऊंचाईयों को छुआ है और नामुमकिन को भी मुमकिन कर दिखाया है। ऐसे ही एक शख़्स हैं हनो रेनर जिनकी सोच और कड़ी मेहनत ने एक मिसाल कायम की है। चलिए आज जानते हैं उनकी सफलता की कहानी।
कौन हैं हनो रेनर
हनो रेनर सॉफ्टवेयर फर्म पर्सोनियो Personio के CEO हैं। सॉफ्टवेयर फर्म पर्सोनियो Personio को शुरू हुए अभी सिर्फ छह साल ही हुए हैं और हनो ने पर्सोनियो जैसे स्टार्टअप को जब शुरू किया था तब कोई सोच भी नहीं सकता था कि इतने कम समय में ही ये स्टार्टअप सबसे मूल्यवान स्टार्ट-अप में से एक बन जायेगा और आज पर्सोनियो Personio यूरोप Europe की सबसे मूल्यवान स्टार्ट-अप startup कंपनियों में शामिल हो गई है। हनो रेनर ने ये स्टार्टअप सिर्फ 200 डॉलर यानी 14 हजार रुपए में शुरू किया था और आज ये स्टार्टअप 6.3 बिलियन डॉलर यानी 468 अरब रुपए की कंपनी बन चुका है। हनो रेनर के दृढ़ संकल्प से कंपनी की नेट वर्थ आज आसमान छू रही है।
कड़ी मेहनत से हासिल किया मुकाम
आज हम सब जानते हैं कि उनकी कंपनी पर्सोनियो Personio की नेट वर्थ 6.3 बिलियन डॉलर यानी करीब 468 अरब रुपये है लेकिन यहाँ तक पहुँचना इतना आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया। क्योंकि एक समय ऐसा था जब उनकी कंपनी पैसों की तंगी से परेशान थी। जब कंपनी के बैंक खाते में सिर्फ 226 डॉलर रुपये ही बचे थे लेकिन इसके बावजूद भी हनो रेनर ने हार नहीं मानी और पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा। हनो का सिर्फ और सिर्फ एक ही लक्ष्य था मेहनत और बस मेहनत और इसी मेहनत की वजह से उन्होंने वो मुकाम हासिल कर दिया जिस मुकाम को पाने की हर किसी की ख्वाहिश होती है।
दोस्तों के साथ शुरू किया स्टार्टअप
दरअसल हनो रेनर का सपना कुछ अलग करने का था। वह चाहते थे कि वह ज़िंदगी में ऐसा कुछ करे जो असंभव को भी संभव में बदल दे। हनो रेनर को जर्मनी Germany के म्यूनिख के संयुक्त संस्थान Center for Digital Technology and Management में पढ़ाई के समय कुछ दोस्त मिले। उनके दोस्त थे रोमन शूमाकर, आर्सेनी वर्शिनिन और इग्नाज फोर्स्टमेयर। इन चारों ने मिलकर कुछ नया करने की सोची और फिर इनकी मेहनत रंग लायी। इन चारों दोस्तों की सोच भी आपस में काफी मिलती थी। तब इन्होंने कुछ नया स्टार्टअप करने के बारे में सोचा। फिर इसके बाद 2015 में इन चारों ने मिलकर जर्मनी के म्यूनिख में पर्सोनियों कंपनी की स्थापना की और आज कंपनी की वैल्यू अरबों में है।
जब कंपनी के पास ऑफिस तक नहीं था
कहते हैं न कि सफलता एक दिन में हासिल नहीं होती है। इसके लिए हर पल, हर दिन, हर रात पूरी लगन से मेहनत करनी पड़ती है। तब जाकर सफलता हासिल होती है। कोई भी संकट आने पर हम हार मान जाते हैं लेकिन अगर मन में विश्वास हो कि हमें जीतना है और बस जीतना है तो कोई भी ताकत आपको सफल होने से नहीं रोक सकती। ऐसे ही हनो रेनर के साथ भी हुआ। एक समय था जब हनो की कंपनी के पास अपना ऑफिस तक नहीं था इसलिए चारों दोस्तों ने कॉलेज में पर्सोनियो Personio के पहले सॉफ़्टवेयर उत्पाद के निर्माण के लिए जहां भी जगह मिली वहीं काम किया। बस इनको जहाँ भी जगह मिलती ये वहीँ काम करना शुरू कर देते थे। कुल मिलाकर इन चारों दोस्तों ने कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया। जुलाई 2016 में पर्सोनियो ने ग्लोबल फाउंडर्स कैपिटल सहित निवेशकों के साथ सीड फंडिंग राउंड में 2.1 मिलियन यूरो जुटा लिए थे। बस इसके बाद से कंपनी लगातार आगे बढ़ती रही और आज कंपनी 6 बिलियन डॉलर की नेट वर्थ net worth को छू चुकी है।