दिमागी खेल बच्चों को जीवन के कई मूल्यों को सिखाने में मदद करते हैं। इनसे बच्चों में रचनात्मकता और समस्याओं को हल करने की कला का विकास होता है। इन खेलों को खेलने से बच्चों में एकाग्रता के साथ-साथ तर्क कुशलता भी आती है।
बच्चों के संचार और सोशल मीडिया के संचार के बढ़ते प्रभाव के कारण, उन्हें आवश्यकता है दिमाग को स्ट्रेच करने वाले खेलों की। ये दिमागी खेल बच्चों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनकी सोचने की क्षमता, अभिव्यक्ति क्षमता और मुख्य रूप से क्रियात्मकता को बढ़ावा देते हैं।
यह खेल न केवल उनमें कुशलता विकसित करते हैं, बल्कि कला और पढ़ाई में भी उनकी रुचि को बढ़ाते हैं। प्रत्येक खेल के साथ बच्चे कुछ न कुछ सीख सकते हैं। बच्चे के मस्तिष्क का विकास करना माता-पिता की जिम्मेदारी है।
बच्चों को खेलों के लिए मजबूर करने के बजाय, उनकी इन खेलों में रुचि उत्पन्न करने से सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है।
आज के इस विशेष ब्लॉग में हम बच्चों के दिमाग को तेज करने वाले दिमागी खेलों brain games for kids के बारे जानेगे जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है और उन्हें मोबाइल फ़ोन और अधिक स्क्रीन टाइम के बहुत सारे साइड इफेक्ट्स side effects of screen time के बचा सकते हैं।
बच्चों की शुरुआती शिक्षा घर से ही होती है। नैतिक मूल्यों के साथ-साथ उनको मानसिक विकास की भी आवश्यकता होती है। उनके मस्तिष्क के विकास में कुछ दिमागी खेल सहायक हो सकते हैं। जो उन्हें जीवन में काम आने वाली वास्तविकता से परिचय कराते हैं।
दिमागी खेल जैसे सुडोकू, लुकाछिपी, बोर्ड गेम, पहेलियां आदि उनके मस्तिष्क को विकसित करते हैं और साथ में कई सीख भी देते हैं।
इन खेलों से उनमें कुशलता और धैर्य उत्पन्न होता है, समस्याओं का समाधान solve problems करने की कला आती है। खेलों से बच्चे रचनात्मक सोच वाले होते हैं और खेलों में उनकी रुचि भी बढ़ती है।
दिमागी खेल ऐसे खेल होते हैं जिन्हें खेलते समय बच्चों को सोचना पड़ता है और वे अपनी सोचने की क्षमताओं का उपयोग करके खेलते हैं। ये खेल बच्चों को ताकतवर और समस्याओं का समाधान करने की क्षमता प्रदान करते हैं।
ये खेल उनकी सोचने की क्षमता बढ़ाते हैं और उन्हें तर्कों का सामना करना पड़ता है। इन खेलों से बच्चे अपनी समस्या समझते हैं और उन्हें हल करने की कोशिश करते हैं।
बचपन सीखने का पहला पड़ाव होता है। बच्चों को कम उम्र से ही मूल्यों के बारे में बताया जाना चाहिए। लेकिन नैतिक मूल्यों के साथ-साथ उनकी स्मृति (याददाश्त) को मजबूत करने के लिए और दिमाग को तेज करने के लिए उन्हें बचपन से ही तैयार करना चाहिए। हालॉंकि यह कार्य जितना कठिन होता है उतना ही महत्त्वपूर्ण भी होता है।
आजकल बच्चे बाहर खेलने के बजाय अपना ज़्यादातर समय कार्टून टीवी और मोबाइल फोन पर व्यतीत करते हैं। जिससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। इसलिए इनसे दूरी बनाना और उन्हें कुछ ऐसी अच्छी गतिविधियों में लगाना आवश्यक है जो उनके मानसिक विकास में सहायक हों।
यह पूरी तरह से माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने बच्चों के विकास के लिए इन चीजों पर ध्यान दें। बच्चों के मानसिक विकास के रूप में कुछ दिमागी खेल उनके दिमाग को उत्तेजित करने में मदद कर सकते हैं।
बच्चों के मस्तिष्क को दिशा देने के लिए दिमागी खेल एक अच्छा विचार साबित हो सकता है। यह बच्चों को किसी समस्या को हल करने के लिए अनेक तरीके से सोचने के लिए मजबूर करते हैं। शारीरिक व्यायाम के अलावा, यह खेल उन्हें उच्च स्तर पर सोचने, रचनात्मकता दिखाने और समस्या समाधानों में मदद करते हैं।
इन खेलों को अपनाने का सबसे बड़ा फ़ायदा यह होता है कि बच्चे किताबों को पढ़ने के साथ-साथ खेलों में भी रुचि interested in sports दिखाते हैं।
दिमागी खेलों का खेलना बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये खेल बच्चों की सोचने की क्षमताओं को विकसित करते हैं और उन्हें समस्याओं का समाधान करने के लिए ताकत प्रदान करते हैं। ये खेल उन्हें अनुकूलता और समाधान करने की क्षमता विकसित करने में मदद करते हैं।
दिमागी खेल बच्चों की संवेदनशीलता को बढ़ाते हैं और उन्हें स्वतंत्र रूप से सोचने की क्षमता प्रदान करते हैं।
पहेलियाँ और संग्रह का खेल।
शब्दों के खेल।
अंकों और मैथमेटिक्स का खेल।
अलग-अलग रंगों या आकृतियों का पहचान करने वाला खेल।
मनचले दिमागों के लिए सुदोकू और चार्ल्स का खेल।
हालॉंकि यह खेल हर उम्र के लोगों के लिए मस्तिष्क को तेज करने के लिए एक बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है। लेकिन बच्चों में खासकर इससे सोचने की क्षमता में वृद्धि capacity enhancement होती है। इस खेल में एक ग्रिड होता है जिसमें कुछ संख्याएं होती हैं और उनमें से कुछ खाली होती हैं।
खेल का उद्देश्य उन सभी लापता संख्याओं को भरना होता है, जिसके लिए उचित योजना बनानी पड़ती है। यह बच्चों को तीन चार कदम आगे सोचने और योजना बनाने में मदद करता है।
पहेलियां बच्चों को खेल से जोड़े रखने के लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकती हैं। यह मस्तिष्क के विकास brain development में मदद करती हैं और उनकी सोच को भी व्यापक करती हैं।
यह बच्चों में तर्क का समाधान करने के साथ-साथ हाथ और ऑंखों के बीच समन्वय (coordination) का निर्माण करते हैं।
इस गेम में चित्रों के साथ फ़्लैशकार्ड शामिल होते हैं, जिनका मेल उनसे संबंधित शब्दों के साथ करना होता है। उदाहरण के तौर पर अगर फ्लैश कार्ड में मछली की तस्वीर बनी हो तो बच्चे को मछली शब्द से जुड़े चित्र का चयन करना होता है, जैसे पानी।
यह गेम लगभग 5 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बहुत अच्छा होता है जो अभी नए शब्द सीख रहे होते हैं। यह उन्हें नाम याद रखना और वस्तुओं से जुड़े शब्दों की पहचान word recognition करना सिखाता है।
यह दुनिया भर में खेले जाने वाले सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है। दूसरे बच्चों के साथ खेलने के कारण यह बच्चों के सामाजिक कौशल children's social skills को विकसित करने का अवसर देता है। यह उन्हें प्रतिभागियों के साथ संघर्ष को निपटने और टीमों में प्रभावी ढ़ंग से काम करने में सक्षम बनाता है।
सॉंप सीढ़ी, मोनोपली, ओथेलो और शतरंज जैसे खेल जो बोर्ड पर खेले जाते हैं, ये सभी एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। क्योंकि यह बच्चों के सामाजिक कौशल को समझने में मदद करते हैं। इन्हें खेलने से बच्चों में धैर्य रखने की कला the art of patience in children विकसित होती है। यह उन्हें विनम्रता से हारना और जीतना सिखाती है।
शतरंज काफी पुराना खेल है। आपने देखा होगा कि शतरंज को खेलने वाले लोगों का दिमाग काफी तेज चलता है। इससे साफ़ तौर से पता चलता है कि शतरंज से ब्रेन पावर बढ़ती है। यानि शतरंज दिमाग को तेज करने के लिए खेला जा सकता है इसलिए बच्चों को शतरंज से जरूर खेलना चाहिए।
शतरंज का गेम बहुत ही मजेदार होता है। इसे खेलने से सोचने की क्षमता का विकास होता है। शतरंज खेल में दो लोग एक दूसरे की रानी को मात देने में अपनी पूरी योजनाओं को लगा देते हैं। यह खेल न केवल दिमाग में नए-नए आइडियाज को जन्म देता है बल्कि व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है।
यह हार्डवुड ब्लॉक्स से बनाया गया बच्चों के खेलने के लिए गेम है। इस गेम को 6 या उससे अधिक उम्र के बच्चे खेल सकते हैं। इसमें ब्लॉक को बेलेंस करना होता है। इस गेम को 1 या एक से ज्यादा लोग इस गेम को खेल सकते हैं। बच्चों के लिए यह गेम काफी बेहतरीन गेम है।
इससे बच्चों का माइंड शार्प होता है जिससे मेमोरी पावर बढ़ती है। साथ ही उनकी गेम में रुचि भी बढ़ती है।
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आजकल आप बच्चों को यह गेम खेलते हुए अक्सर देखते होंगे। यह बच्चों का सबसे पसंदीदा गेम है। इस गेम को न सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी खेल सकते हैं। यह क्यूब मल्टी कलर का होता है। यह गेम प्लास्टिक के मटेरियल से बनाया जाता है। इस गेम को आप लॉजिकल तरीके से खेलकर प्रॉब्लम को सॉल्व कर सकते हैं।
साथ ही इसके ब्लॉक्स को आप एडजस्ट कर सकते हैं। बच्चों को दिमागी खेल खेलाने के लिए रूबिक क्यूब एक बेहतरीन गेम हो सकता है। यह क्यूब छोटे-छोटे स्कॉयर से बना एक बड़ा स्क्वायर बॉक्स होता है।
इसके चारों दिशा अलग-अलग रंग के होते हैं और हर दिशा में 9 छोटे-छोटे स्क्वायर होते हैं। इस गेम के द्वारा बच्चे के दिमाग को तेज किया जा सकता है।
बच्चों के लिए माइंड गेम्स में टिक-टैक टो भी शामिल है। इस खेल को जीरो-काटा भी कहा जाता है। बच्चों के लिए यह गेम बहुत ही बढ़िया है और इसे खेलना आसान भी है। इसके लिए दो खिलाड़ियों की जरूरत होती है।
इस खेल को 5 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं। इसे जीरो-काटा भी कहते हैं। इस खेल को 5 साल और उससे ऊपर का बच्चा खेल सकता है।
स्क्रैबल भी बच्चों के दिमाग के विकास के लिए अच्छा गेम है। स्क्रैबल खेलने वालों की तार्किक शक्ति बहुत बढ़ जाती है। इसमें नए-नए टारगेट मिलते रहते हैं, जिससे दिमाग की शक्ति बढ़ती है। इसमें कॉम्प्टीशन होने से खेल काफी इंटरस्टिंग हो जाता है।
स्क्रैबल का गेम बच्चों के दिमाग के लिए भी बहुत फायदेमंद है। आप बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई करवा सकते हैं।
भूल-भुलैया बच्चों के लिए एक बेहद ही शानदार खेल है। क्योंकि इसे खेलने से बच्चों के सोचने की शक्ति बढ़ती है। यह खेल एक भूल-भुलैया जैसा ही है। इसमें बच्चों को एक कठिन रास्ते वाली एक तस्वीर दी जाती है और उसमें उन्हें बाहर निकलने का रास्ता ढूंढना होता है। इस खेल को 6 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
वर्ग पहेली या क्रॉसवर्ड पजल बहुत अच्छी दिमागी कसरत (Brain Exercise) है। इसलिए यह बच्चों के लिए काफी अच्छा गेम है। इसमें खेलने वालों को काफी मजा आता है। यहाँ तक कि क्रॉसवर्ड पजल अल्जाइमर, मेमोरी लॉस और मेंटल हेल्थ को ठीक करने में असरदार है।
वर्ग पहेली गेम कई लोग अखबारों में खेलते हैं। इसमें आपको नए-नए शब्दों को ढूंढना होता है, जिससे दिमाग की अच्छी एक्सरसाइज होती है।
बच्चों के दिमाग का विकास करने के लिए कैरम गेम भी अच्छा विकल्प हो सकता है। इस खेल को दो या फिर चार लोगों के साथ खेला जा सकता है। इसमें एक कैरम बोर्ड होता है और इस गेम को खेलने के लिए दो अलग-अलग रंग की गोटियां होती हैं।
इन गोटियों की संख्या 9-9 होती है। इसके अलावा, इसमें एक लाल रंग की गोटी होती है, जिसे क्वीन बोला जाता है। इन गोटियों को मारने के लिए स्ट्राइकर का यूज़ किया जाता है। कैरम को दो तरीकों से खेला जा सकता है। पहला है बोर्ड गेम और दूसरा है मनी गेम। इस खेल को 5 साल से ऊपर के बच्चे खेल सकते हैं।
बच्चों के लिए आई स्पाई विद माई आई एक बेहतरीन खेल है। इसके द्वारा बच्चों को सतर्क और चौकस बनाया जा सकता है। इसे इंडोर के साथ-साथ आउड डोर खेलों की सूची में भी डाला जा सकता है। इसमें दो टीमें होती हैं।
जिनमें से एक टीम वस्तु का चुनाव करती है और दूसरी टीम उस वस्तु का अनुमान लगाती है। इस खेल को 5 से 10 साल तक के या उससे बड़े बच्चे भी खेल सकते हैं।
माइंड गेम्स से बच्चे एक चीज पर पूरी एकाग्रता से ध्यान लगा सकते हैं।
खेल की मदद से बच्चे के सोचने की क्षमता बढ़ सकती है।
माइंड गेम्स के माध्यम से बच्चे की लर्निंग पावर भी स्ट्रांग हो सकती है।
हेल्दी ब्रेन गेम्स healthy brain games बच्चे की फोकस क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
इन गेम्स की मदद से बच्चे की याददाश्त में वृद्धि child's memory enhancement होती है।
गेम्स बच्चों में शारीरिक, संज्ञानात्मक, भावात्मक और रचनात्मकता के अलावा, कल्पना शक्ति का भी विकास कर सकता है।
माइंड गेम से बच्चे के मन में नए विचार आ सकते हैं।
माइंड गेम्स बच्चों को दिमाग तेज करने के साथ-साथ उन्हें पढ़ाई में भी सबसे आगे रखता है।
माइंड गेम्स से बच्चों में तार्किक शक्ति reasoning power in children बहुत बढ़ जाती है।
खेलने से मस्तिष्क के साथ-साथ स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
बच्चों को दिमागी खेल खेलना उनके मस्तिष्क के विकास के लिए लाभकारी हो सकता है।
खेल मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार कर सकता है।
समस्याओं का समाधान करने की क्षमता
अधिक नए विचारों को विकसित करने की क्षमता।
सुधारा हुआ मूल्यांकन और निर्णय लेने की क्षमता।
क्रिएटिविटी को बढ़ाने की क्षमता।
नई जानकारी का आधार रखने की क्षमता।
मनोदैर्घ्य और स्वयं निरीक्षण की क्षमता को बढ़ाते हैं।
अधिक आत्मविश्वास के साथ आत्मसात करने की क्षमता।
बेहतर संचार की क्षमता को विकसित करते हैं।
तनाव को कम करने में मददगार होते हैं।
अधिक समय तक ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को बढ़ाते हैं।
सामाजिक और बौद्धिक विकास को बढ़ाते हैं।
उत्साह, उत्तेजना और आनंद को बढ़ाते हैं।
स्वस्थ मानसिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण होते हैं।