भारत में सिनेमा प्रेमियों की कमी नहीं है। चाहें वह कोई भी फ़िल्म हो। हम फ़िल्मों के अलग-अलग पात्रों से कुछ ना कुछ तो जरूर सीखते हैं। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि कुछ फ़िल्में ऐसी होती हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ आपको अपने सपनों को पूरा करने और लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं।
यानी कि ऐसी फ़िल्मों से आपको मनोरंजन के साथ-साथ प्रेरणा भी मिलती है। फ़िल्में और किताबें हमारे अंदर विभिन्न तरीकों की भावनाओं को जगाने की क्षमता रखती हैं। कॉमेडी और ड्रामा पर आधारित फ़िल्में आपको हंसा सकती हैं, हॉरर और थ्रिलर फ़िल्में आपको डरा सकती हैं, इमोशनल फ़िल्में आपको रुला सकती हैं और प्रेरणादायक फ़िल्में आपको जीवन में बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं।
हर इंसान अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का सपना देखता है, लेकिन ज्यादातर लोगों में मोटिवेशन और अनुशासन की कमी देखी गई है। मोटिवेशन और अनुशासन की कमी होने की वजह से व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाता है।
बॉलीवुड में ऐसी बहुत सी प्रेरणादायक फ़िल्में बनी हैं, जो दर्शकों के दिल के काफी करीब हैं और उन फ़िल्मों ने लोगों के सोचने का तरीका भी बदला है। आइए जानते हैं, बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक फ़िल्मों Best Inspirational Movies Of Bollywood के बारे में जो आपके जीवन में मोटिवेशन की कमी को पूरा करने में मदद करेंगी।
भारत में सिनेमा प्रेमियों की कमी नहीं है। चाहें वह कोई भी फ़िल्म हो। हम फ़िल्मों के अलग-अलग पात्रों से कुछ ना कुछ तो जरूर सीखते हैं। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि कुछ फ़िल्में ऐसी होती हैं, जो मनोरंजन के साथ-साथ आपको अपने सपनों को पूरा करने और लगातार मेहनत करने के लिए प्रेरित करती हैं।
यानी कि ऐसी फ़िल्मों से आपको मनोरंजन के साथ-साथ प्रेरणा भी मिलती है। फ़िल्में और किताबें हमारे अंदर विभिन्न तरीकों की भावनाओं को जगाने की क्षमता रखती हैं।
कॉमेडी और ड्रामा पर आधारित फ़िल्में आपको हंसा सकती हैं, हॉरर और थ्रिलर फ़िल्में आपको डरा सकती हैं, इमोशनल फ़िल्में आपको रुला सकती हैं और प्रेरणादायक फ़िल्में inspirational movies आपको जीवन में बेहतर करने के लिए प्रेरित करती हैं।
हर इंसान अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का सपना देखता है, लेकिन ज्यादातर लोगों में मोटिवेशन और अनुशासन की कमी देखी गई है। मोटिवेशन और अनुशासन की कमी होने की वजह से व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दे पाता है।
बॉलीवुड में ऐसी बहुत सी प्रेरणादायक फ़िल्में बनी हैं, जो दर्शकों के दिल के काफी करीब हैं और उन फ़िल्मों को देखने के बाद लोगों के सोचने का तरीका भी बदला है। एक बात तो माननी पड़ेगी कि बॉलीवुड में एक्शन, ड्रामा और मेलोड्रामैटिक कंटेंट के साथ-साथ खूबसूरत गाने भी होते हैं।
तो आइए जानते हैं बॉलीवुड की कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रेरणादायक फ़िल्मों के बारे में जो आपके जीवन में मोटिवेशन की कमी को पूरा करने में मदद करेंगी।
बॉलीवुड की प्रेरक फ़िल्मों का नाम लिया जाए और उसमें थ्री ईडियट्स का नाम ना हो, यह असंभव है। यह फ़िल्म इतनी शानदार है कि इसे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर पसंद किया जाता है। थ्री ईडियट्स की कहानी तीन दोस्तों के इर्द-गिर्द घूमती है।
इस फ़िल्म में रैंचो, फरहान और राजू की कॉलेज लाइफ और उसके बाद की ज़िन्दगी को दर्शाया गया है। रैंचो एक मेधावी छात्र है और फरहान और राजू किसी तरह से बस पास हो पाते हैं। एक मेधावी छात्र होने के बावजूद भी उसके प्रोफेसर "वायरस" रैंचो को उसके विचारों की वजह से पसंद नहीं करते हैं।
यह फ़िल्म हर छात्र, उनके माता-पिता और शिक्षक को देखनी चाहिए क्योंकि इस फ़िल्म में कुछ संवेदनशील विषयों को भी बहुत ही सर्वश्रेष्ठ तरीके से पेश किया गया है। माता-पिता के दबाव और अच्छे मार्क्स लाने की रेस में कैसे कभी-कभी कुछ बच्चे अपने जीवन में गलत निर्णय लेते हैं।
इस फ़िल्म में इस बात पर भी काफी जोर दिया गया है। फ़िल्म में यह भी समझाया गया है कि रटने से ज्यादा बच्चों को चीज़ों को समझने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
इस फ़िल्म में रैंचो का किरदार आमिर खान Aamir Khan, फरहान का किरदार आर. माधवन R. Madhavan, राजू का किरदार शरमन जोशी Sharman Joshi और प्रोफेसर वायरस का किरदार बोमन ईरानी Boman Irani ने निभाया है और फ़िल्म के निर्देशक राजकुमार हिरानी हैं।
लक्ष्य फ़िल्म करण शेरगिल के बारे में है। करण शेरगिल के पास कोई लक्ष्य नहीं है और वो अपना समय उत्पादक कामों की जगह व्यर्थ के कामों में बर्बाद करता है। करण शेरगिल अपने दोस्त के साथ भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल होने के लिए आवेदन करता है और उसका चयन हो जाता है।
इस फ़िल्म को देखकर आपको समझ आएगा कि एक आर्मी मैन बनना कितना मुश्किल है और साथ ही साथ अगर आप अपने लक्ष्य के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो जीवन में आप हर संभव चीज़ कर सकते हैं।
फ़िल्म में मुख्य भूमिका ऋतिक रोशन, अमिताभ बच्चन और प्रीति जिंटा Hrithik Roshan, Amitabh Bachchan and Preity Zinta ने निभाई है।
फ़िल्म मांझी: द माउंटेन मैन, माउंटेन मैन नाम से मशहूर बिहार के गांव में रहने वाले एक मजदूर दशरथ मांझी के जीवन पर आधारित है। दशरथ मांझी ने मात्र छेनी और हथौड़े का इस्तेमाल कर 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा रास्ता तैयार किया था।
दरअसल गांव वालों को अस्पताल जाने के लिए चट्टानी पहाड़ पर चढ़ना पड़ता था और देर होने के कारण कुछ लोगों की जान भी इसी वजह से गई थी। खुद मांझी की पत्नी को भी इसका शिकार होना पड़ा था।
जब मांझी ने अपने प्लान के बारे में लोगों को बताया तो लोग उन्हें पागल कहने लगे लेकिन इन सब के बावजूद उनका आत्मविश्वास कभी नहीं डगमगाया और उन्होनें असंभव को भी संभव कर दिखाया। इस फिल्म का एक मशहूर डायलॉग है - "जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं"।
फ़िल्म में दशरथ मांझी की भूमिका बॉलीवुड के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी Nawazuddin Siddiqui ने निभाई है।
यह फ़िल्म 8 साल के बच्चे ईशान की कहानी है, जिसे डिस्लेक्सिया नामक बीमारी है और इस वजह से वह पढ़ाई में अच्छा नहीं है। ईशान भले ही पढ़ाई में कमज़ोर है लेकिन क्रिएटिविटी और आर्ट्स में कोई उसके बराबर नहीं है।
स्कूल में उसकी पूअर परफॉर्मेंस के कारण ईशान के माता-पिता उसे एक बोर्डिंग स्कूल में भेज देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ईशान जान-बूझ कर पढ़ाई नहीं करता है। सौभाग्य से इस बोर्डिंग स्कूल में ईशान की मुलाकात एक ऐसे टीचर से होती है, जो यह समझ जाते हैं कि ईशान को डिस्लेक्सिया नामक बीमारी है और इसीलिए वह चाह करके भी पढ़ाई में अच्छा नहीं कर पा रहा है।
ईशान के टीचर यानी कि आमिर खान ईशान की क्षमता को पहचानते हैं और उसके डिसऑर्डर को सही करने के लिए कई प्रयत्न करते हैं। फ़िल्म बहुत अच्छी है और आपको इस फ़िल्म में आमिर खान और दर्शील सफारी का रोल काफी पसंद आएगा।
Also Read: महिलाओं पर बनीं सर्वश्रेष्ठ बॉलीवुड फ़िल्में
2009 में आई यह फ़िल्म उन सभी लोगों के लिए काफी हेल्पफुल होगी, जो अपने करियर को लेकर सीरियस नहीं हैं और जिन्हें अपने करियर को लेकर हमेशा से कोई कंफ्यूजन है।
यह कहानी एक ऐसे लड़के की है, जो अपने करियर को लेकर बिल्कुल भी सीरियस नहीं है। कॉलेज खत्म होते ही उसका ध्यान मस्ती और डिस्को में ज्यादा है, ना की अपने करियर पर।
कॉलेज खत्म होने के बाद अपने पिता के बिजनेस को संभालने की बजाय वह घर छोड़कर चला जाता है और वहां उसकी मुलाकात एक लड़की से होती है, जिसके विचार उस लड़के के विचारों से अलग होते हैं।
अब ये देखना मजेदार होगा कि कैसे सिद्धार्थ मेहरा, आयशा की मदद से जीवन का सही अर्थ समझ पाता है और उसे अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होता है। अयान मुखर्जी Ayan Mukerji द्वारा निर्देशित इस फ़िल्म में कोंकणा सेन शर्मा और रणबीर कपूर Konkona Sen Sharma and Ranbir Kapoor ने मुख्य भूमिका निभाई है।
बॉलीवुड की प्रेरणादायक फ़िल्मों में आई एम कलाम, भाग मिल्खा भाग, सुल्तान, गोल्ड, केसरी, चक दे इंडिया, मैरी कॉम, स्वदेश I Am Kalam, Bhaag Milkha Bhaag, Sultan, Gold, Kesari, Chak De India, Mary Kom, Swadesh आदि का नाम भी शामिल है।