भारत का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है। यह न केवल आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि सामाजिक समानता और नवाचार को भी बढ़ावा देता है।
2025 तक, MSME सेक्टर भारत के GDP में 30% से अधिक का योगदान देता है और 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार प्रदान करता है। यह उद्योग हस्तशिल्प, वस्त्र, कृषि-प्रसंस्करण, आईटी सेवाओं और स्थायी विनिर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है।
जनवरी 2025 का MSME न्यूज़लेटर MSME Newsletter of January 2025 इस सेक्टर में हो रहे बड़े बदलावों को दर्शाता है। सरकार की पीएम विश्वकर्मा, पीएमईजीपी और RAMP जैसी योजनाएँ पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बना रही हैं और MSME सेक्टर को AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और ड्रोन तकनीक जैसी नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
इस ब्लॉग में हम जनवरी 2025 MSME न्यूज़लेटर की मुख्य झलकियों को आपके लिए सरल भाषा में पेश कर रहे हैं। इसमें सरकारी योजनाओं के प्रभाव, सफलता की कहानियाँ, महत्वपूर्ण डेटा और अहम निष्कर्ष शामिल हैं, जो भारत सरकार की उद्यमिता, रोजगार और आर्थिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
चाहे आप नए उद्यमी, निवेशक, नीति निर्माता या MSME इकोसिस्टम में सक्रिय कोई भी व्यक्ति हों, यह गाइड आपको 2025 की शुरुआत में MSME सेक्टर की स्थिति और इसके भविष्य की दिशा को समझने में मदद करेगा।
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सपना MSME सेक्टर की सफलता पर निर्भर करता है। ये छोटे और मध्यम उद्योग न केवल रोजगार देते हैं, बल्कि नवाचार (Innovation), निर्यात (Exports) और समावेशी विकास (Inclusive Development) को भी आगे बढ़ाते हैं।
6.3 करोड़ से अधिक MSMEs भारत के स्थानीय सपनों को वैश्विक अवसरों से जोड़ने का काम कर रहे हैं।
9 जनवरी 2025 को MSME मंत्रालय ने प्रवासी भारतीय दिवस पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस दौरान "चरखा से चंद्रयान तक" थीम पर एक विशेष प्रदर्शनी लगाई गई, जिसने भारत की पारंपरिक कला और आधुनिक तकनीक को एक साथ प्रस्तुत किया।
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🔹 प्रभाव: इस पहल से हथकरघा, वस्त्र और अंतरिक्ष तकनीक जैसे MSME सेक्टर के उद्योगों को प्रवासी भारतीय उद्यमियों के साथ एक मंच पर आने का अवसर मिला।
महाकुंभ 2025 भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता और आर्थिक विकास को एक साथ लाने का अवसर होगा। यह आयोजन भारत के MSME उद्योगों को हस्तशिल्प, पर्यटन और स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने का एक बड़ा मंच देगा।
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महाकुंभ 2025 में MSME मंत्रालय ने एक डिजिटल प्रदर्शनी स्थापित की, जिसमें कई सुविधाएं शामिल थीं:
✅ बहुभाषी यात्रा सहायता हेल्पलाइन (Multilingual travel support lines)
✅ विशेष रूप से तैयार किए गए टूर पैकेज (Curated tour packages)
✅ बुनियादी ढांचे में सुधार और विकास (Infrastructure upgrades)
🔹 SEO इनसाइट: महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों से आतिथ्य सेवा (Hospitality), लॉजिस्टिक्स (Logistics), वेलनेस (Wellness) और पारंपरिक हस्तशिल्प (Traditional Crafts) जैसे स्थानीय MSME सेक्टर की मांग में भारी वृद्धि होती है।
साल 2025 में PM विश्वकर्मा योजना ने ₹2197.72 करोड़ का ऋण वितरित किया है और 23 लाख से अधिक कारीगरों को पंजीकृत किया है। यह योजना पारंपरिक कारीगरों के लिए एक परिवर्तनकारी पहल बन चुकी है।
✅ ₹15,000 मूल्य के टूलकिट (Toolkits worth ₹15,000)
✅ स्टाइपेंड के साथ कौशल प्रशिक्षण (Skill training with stipend)
✅ ₹3 लाख तक का बिना गारंटी वाला ऋण (Collateral-free loans up to ₹3 lakh)
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योजना की शुरुआत से:
📌 9.87 लाख सूक्ष्म-उद्यमों को समर्थन मिला
📌 ₹26,124 करोड़ की सब्सिडी वितरित की गई
📌 80.5 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए
दिसंबर 2024 में:
📌 12,656 नए रोजगार मिले
📌 1,582 नई इकाइयाँ स्थापित हुईं
🔗 स्रोत: MSME PMEGP विवरण देखें। (Source Link: MSME PMEGP Details)
✅ मिस्र का MSMEDA: सीमा-पार इनक्यूबेशन को बढ़ावा देने के लिए समझौता।
✅ एसए इंजीनियरिंग कॉलेज, चेन्नई: एमएसएमई के लिए AI, रोबोटिक्स और IoT तकनीक में सहयोग।
इन साझेदारियों से भारतीय MSMEs को अफ्रीकी और दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजारों में प्रवेश करने में मदद मिलेगी, जिससे निर्यात की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
अमरावती के प्रवीण ठूल ने अपनी माँ की अचार रेसिपी को "सुमेधा गृह उद्योग" नामक एक ब्रांड में बदल दिया। आज, उनके अचार यूरोप और मध्य पूर्व तक निर्यात किए जा रहे हैं।
सरकारी स्किलिंग प्रोग्राम्स से प्रशिक्षण लेने के बाद अरुण एच. ने "ड्रोना इंजीनियरिंग" की शुरुआत की। उनका उद्यम कॉयर-आधारित भू-पट्टी मशीनों का निर्माण करता है, जो अब दक्षिण-पूर्व एशिया में उपयोग हो रही हैं।
दिसंबर 2024 में, विभिन्न स्किलिंग कार्यक्रमों ने 1100+ प्रतिभागियों तक अपनी पहुँच बनाई:
📍 तेलंगाना
📍 त्रिपुरा
✅ पाइथन प्रोग्रामिंग (Python Programming)
✅ ई-वेस्ट मैनेजमेंट (E-Waste Management)
✅ डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing)
✅ उद्यमिता विकास (Entrepreneurship Development)
🔗 स्रोत: स्किल इंडिया कार्यक्रमों की जानकारी यहाँ देखें। (Source Link: Skill India Programs)
"अस्पायरिंग ओडिशा 2024" "Aspiring Odisha 2024" और कॉयर बोर्ड के नवाचार कार्यक्रमों के तहत, मंत्रालय निम्नलिखित को बढ़ावा दे रहा है—
🌿 बायोडिग्रेडेबल (जैव-अवशोषित) कॉयर उत्पाद
🚜 स्मार्ट खेती के लिए नए समाधान
📦 शून्य-कचरा पैकेजिंग नवाचार
🔗 सहायता लिंक: कॉयर बोर्ड इंडिया (Support Link: Coir Board India)
🏢 राज्यों के MSME इकोसिस्टम को मजबूत बनाना
💰 देरी से होने वाले भुगतानों को कम करना
🌱 हरित और महिला-नेतृत्व वाले MSMEs को बढ़ावा देना
🔗 स्रोत लिंक: वर्ल्ड बैंक पर RAMP की जानकारी देखें (Support Source Link: World Bank on RAMP)
📢 ट्विटर/X पर 6.3 लाख+ उपयोगकर्ता
📢 फेसबुक, लिंक्डइन और इंस्टाग्राम पर 2 लाख+ उपयोगकर्ता
📌 सफल उद्यमियों की कहानियाँ साझा करना
📌 नई सरकारी योजनाओं की जानकारी देना
📌 कौशल प्रशिक्षण और वेबिनार आमंत्रण प्रदान करना
🔗 फॉलो करें: MSME मंत्रालय का ट्विटर/X (Follow Here: MSME Ministry Twitter)
निष्कर्ष: 2025 में आर्थिक बदलाव की अगुवाई कर रहे हैं MSMEs (Conclusion: India’s MSMEs—Driving Economic Transformation in 2025)
चाहे आध्यात्मिक केंद्र हों या वैश्विक बाजार, जनवरी 2025 का MSME न्यूज़लेटर इस क्षेत्र के विकास की पूरी तस्वीर दिखाता है। सरकार का समर्थन पहले से अधिक मजबूत है, नवाचार नई ऊंचाइयों को छू रहा है, और स्थानीय उद्यमी अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं।
भारत के छोटे और मध्यम व्यवसाय न केवल टिके हुए हैं, बल्कि आगे बढ़ रहे हैं, विस्तार कर रहे हैं और भविष्य को आकार दे रहे हैं।