क्या आपको पता है कि डायरी diary बेस्ट सीक्रेटकीपर best secretkeeper होती है। वह आपके सारे सीक्रेट्स को अपने तक सीमित रखती है और हमेशा आपके लिए अवेलेबल रहती है। आप जब चाहे तब उससे अपने बारे में बात कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं डायरी लेखन diary writing के अनेक फायदे भी हैं, इसीलिए हर कॉलेज स्टूडेंट को डायरी राइटिंग करनी चाहिए। माइंडफुलनेस को बढ़ाने के लिए evoking mindfulness, अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए achieving goals, अपनी भावनाओं और विचारों को समझने और मैनेज करने के लिए, संपर्क कौशल को बेहतर बनाने के लिए, खुद से खुद के उपचार के लिए Self healing और अपनी रचनात्मकता को एक नई दिशा देने के लिए है, हर कॉलेज स्टूडेंट को डायरी राइटिंग करनी चाहिए। तो आइये जानते है छात्रों के लिए डायरी लेखन के 6 लाभ, 6 benefits of diary writing for students.
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कॉलेज लाइफ college life आसान नहीं होती है और खासकर उन लोगों के लिए जो घर से दूर किसी नए शहर में अपने पसंदीदा कॉलेज में पढ़ाई करते हैं और किसी हॉस्टल या पीजी में रहते हैं। घर से दूर रहने वाले इन स्टूडेंट्स को कई प्रॉब्लम्स का सामना अकेले करना पड़ता है। हमें हमेशा से ये लगता है कि हम किसी नई जगह जा रहे हैं और वहां हमें नए लोग मिलेंगे, नए दोस्त बनेंगे लेकिन वास्तव में यह इतना भी सरल नहीं होता है, जितना हम सोचते हैं। हम हमेशा एक दोस्त की तलाश में रहते हैं जो बेस्ट सीक्रेटकीपर हो friend who can keep all your secrets और सच तो ये है कि ऐसा कोई दोस्त तो मिलना मुश्किल है।
पर क्या आपको पता है कि डायरी बेस्ट सीक्रेटकीपर होती है। वह आपके सारे सीक्रेट्स को अपने तक सीमित रखती है और हमेशा आपके लिए अवेलेबल रहती है। आप जब चाहे तब उससे अपने बारे में बात कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं डायरी लेखन diary writing के अनेक फायदे भी हैं, इसीलिए हर कॉलेज स्टूडेंट को डायरी राइटिंग करनी चाहिए। आइए जानते हैं कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए डायरी राइटिंग क्यों ज़रूरी है-
वैसे तो डायरी लिखने के अनेकों लाभ हैं लेकिन कुछ स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि जो लोग रोज़ डायरी लिखते हैं, उनका अपनी भावनाओं पर नियंत्रण होता है। जब हम डायरी लिखते हैं तो हम अपने ही विचारों की दुनिया में प्रवेश करते हैं।
दरअसल, सच तो ये है कि हमारे विचार और भावनायें हमेशा बाहर की ओर उमड़ने के लिए तैयार रहती हैं और यही कारण है कि हमे सलाह दी जाती है कि हमें दोस्त बनाने चाहिए और अपने फैमिली मेंबर्स से बात करनी चाहिए ताकि हम अपने विचारों को उन्हें बता सकें। कभी-कभी थकावट और भाग दौड़ से भरे दिन के बाद हम अक्सर अपनी भावनाओं को शेयर करने के लिए किसी को ढूंढते हैं और यहां डायरी आपकी मदद करती है।
जैसे-जैसे आप डायरी पर अपने विचारों को लिखना शुरू करते हैं, वैसे-वैसे आपकी एक्साइटमेंट, या निराशा या अवसाद जो भी है सब धीरे-धीरे शांत सा होने लगता है और आप स्थिर होते चले जाते हैं।
हमें सलाह दी जाती है कि भविष्य की ज्यादा फिक्र मत करो और आज में जीयो, पर सच कहूं तो ये इतना आसान नहीं है क्योंकि हमें अपने आने वाले कल की फिक्र रहती है लेकिन रोज़ डायरी लिखने से आज ओवरथिंकिंग के जाल से बाहर निकलते हैं और वर्तमान पर ज्यादा फोकस्ड रहते हैं।
जब आपकी भावनाओं पर आपका अच्छा नियंत्रण होता है तो आप ज़िंदगी में आए हर बदलाव का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं, तब जिंदगी आपको कठिन नहीं बल्कि आसान और मज़ेदार लगती है। खासकर स्टूडेंट्स को तो रोज़ डायरी राइटिंग करनी चाहिए क्योंकि 15 से 25 की ये उम्र ही ऐसी है जब आपका हज़ार नई-नई चीज़ों को करने के मन करता है ऐसे में अपने मन पर काबू पाने के लिए और खुद को शांत और फोकस्ड रखने के लिए रोज़ डायरी राइटिंग करना एक अच्छा विकल्प है।
हमारे मन में रोज़ हजारों विचार आते हैं और उनमें से कुछ आइडियाज बहुत यूनिक होते हैं, कुछ साधारण और कुछ बेकार, ऐसे में अगर हम यूनिक आइडियाज को कहीं नहीं लिखेंगे तो शायद कुछ दिनों में हम उसे भूल जाएं, इसीलिए जब भी आपके मन में कोई यूनिक आइडिया आए तो आप उसे अपनी डायरी पर ज़रूर लिखें।
ऐसा ज़रूरी नहीं है कि डायरी पर सिर्फ रोज़ की दिनचर्या और घटनाओं के बारे में ही लिखा जाए। आप डायरी पर अपने लक्ष्य को भी लिख सकते हैं और यहां तक एक्शन प्लान भी बना सकते हैं। ऐसा करने से आप अपने लक्ष्य के और करीब आएंगे और उसे पूरा कर पाएंगे।
हमें अक्सर अपने प्रोफेसर्स से ये सलाह मिलती है कि हर टॉपिक के नोट्स बनाओ ताकि रिवीजन में आसानी हो और कठिन से कठिन टॉपिक भी तुम्हें याद रह पाए। ठीक इसी तरह आप भी खाली वक्त में अपनी डायरी के कुछ पुराने पन्नों को ज़रूर पढ़ें, ऐसा करने से आपको आपके लक्ष्य एक बार फिर से याद आएंगे और आप ज्यादा मेहनत करेंगे।
हम सब के मन में तमाम पॉजिटिव और नेगेटिव विचार आते रहते हैं और ये इंसान का स्वभाव है कि वह अपने विचारों को दूसरों के साथ बांटना चाहता है और उनकी राय लेना चाहता है लेकिन कभी-कभी ये डर सा रहता है कि अगर मुझे किसी ने जज किया या मेरी बातों को किसी तीसरे को बता दिया, इसीलिए ऐसे विचारों को आपको आपकी बेस्ट फ्रेंड, हां हां आपकी डायरी, ऐसी बातों को आप अपनी बेस्ट फ्रेंड- अपनी डायरी के साथ शेयर करें। वह आपके सीक्रेट्स किसी को नहीं बताएगी और आपकी सारी बातें सुनेगी।
हम डायरी में अपनी बातों को इस तरह से लिखते हैं मानों जैसे कोई दोस्त हमारे सामने बैठा हो और उसे हम अपनी बातें बता रहे हों। कई ऐसे लोग हैं जिन्हें दूसरों से बात करने में थोड़ी दिक्कत होती है, वे उतना कॉन्फिडेंट नहीं महसूस करते हैं लेकिन अगर ऐसे लोग रोज़ डायरी लेखन करने लगें तो उनकी कम्युनिकेशन स्किल्स communication skills बेहतर होने लगती है।
भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए एक्स्प्रेसिव राइटिंग expressive writing की मदद लेना एक अच्छा सुझाव है क्योंकि कई बार ऐसा होता है जब हम स्ट्रेस्ड रहते हैं और ज्यादा सोचते हैं। ऐसे में अगर हम अपने विचारों को लिखते हैं तो हम धीरे-धीरे अपने आप ही हील होने लगते हैं और बिगड़ा हुआ भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक संतुलन भी धीरे-धीरे सही होने लगता है।
जो विचार आपको परेशान कर रहे हैं उनके बारे में हज़ार बार मत सोचें और उन्हें बस एक बार अपनी डायरी पर लिख लें, यकीन मानिए आप बेहतर महसूस करेंगे।
क्या आपने कभी नोटिस किया है कि कभी-कभी अपने विचारों को लिखते समय हम कुछ ऐसा लिख देते हैं कि हम खुद की स्तब्ध रह जाते हैं कि क्या ये मैंने ही लिखा है।
कई लोग तो अपने विचार और भावनाओं को एक कविता, कहानी या गीत की तरह लिखते हैं जिससे उनकी रचनात्मकता को एक नई उड़ान और दिशा मिलती है। अगर आप भी गीत, कविता और कहानियों का शौक रखते हैं तो आप भी अपने विचारों को किसी कविता, कहानी या गीत का रूप दें। क्या पता उस कविता या गीत को लिखने के बाद आप खुद ही स्तब्ध रह जाएं कि क्या ये सच में मैंने ही लिखा है!
निष्कर्ष
माइंडफुलनेस को बढ़ाने के लिए Evoking mindfulness, अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए achieving goals, अपनी भावनाओं और विचारों को समझने और मैनेज करने के लिए, संपर्क कौशल को बेहतर बनाने के लिए, खुद से खुद के उपचार के लिए और अपनी रचनात्मकता को एक नई दिशा देने के लिए है, हर कॉलेज स्टूडेंट को डायरी राइटिंग करनी चाहिए। ऐसा हो सकता है कि शुरुआत के कुछ दिनों में आपको कुछ बदलाव ना लगे और डायरी लिखना बोरिंग लगे लेकिन कुछ ही दिनों में आप को ये महसूस होगा कि डायरी राइटिंग एक थेरेपी है Diary writing is a therapy और आपकी इसकी शुरुआत पहले ही कर देनी चाहिए थी।