इंसान को मिला एक छोटा सा आइडिया कब उसकी ज़िंदगी बदल दे कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ हुआ स्क्वायर यार्ड्स के संस्थापक तनुज शौरी के साथ। नौकरी के दौरान ही मिले एक आइडिया ने उद्यमी बनने की राह आसान कर दी।
लोगों को एक सफल उद्यमी Entrepreneur बनने में सालों लग जाते हैं लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बल पर कंपनी स्क्वायर यार्ड्स Square Yards की नींव रखने वाले तनुज शौरी Tanuj Shori ने ये सफलता बहुत ही कम समय में हासिल कर दी। इस सफलता को अर्जित करने का एक ही कारण था उनकी अनूठी सोच। इनकी फर्म स्क्वायर यार्ड्स ने कुछ ही समय में वो मुकाम हासिल कर लिया जिसके लिए लोग बहुत संघर्ष करते हैं। तनुज ने शायद कभी सोचा भी नहीं था कि वे उद्यमिता की दुनिया में कदम रखेंगे। एक आम इंसान की तरह उन्होंने भी पहले जॉब की थी। लेकिन वो कहते हैं न कि इंसान में जब कुछ अलग करने की चाहत होती है तो वह उस चीज को हासिल कर ही लेता है। नौकरी के ही समय उन्हें एक आइडिया मिला जिसने उनकी पूरी ज़िन्दगी बदल दी।
बिज़नेस का आइडिया कैसे आया
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ Indian Institute of Management, Lucknow से ग्रेजुएशन करने के बाद तनुज Tanuj Shori ने लेहमैन ब्रदर्स और नॉमूरा के साथ अमेरिका America, भारत India और सिंगापुर Singapur जैसे देशों में काम किया। इस बीच उन्हें काफी क्षेत्रों में काम करने का अनुभव प्राप्त हो गया था। उनको रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और बैंकिंग Banking आदि कई क्षेत्रों का अच्छा अनुभव हो गया था। इसके बाद सोच समझकर उन्होंने भारत के रियल एस्टेट में निवेश करने की सोची। जब उनको ये विचार आया तो उस समय वो हांगकांग में नौकरी कर रहे थे इसलिए एनआरआई होने के कारण उन्हें काफी मुश्किलें आई। इसके बाद अपने एनआरआई दोस्तों से बात करके अनुज को पता चला कि उन्हें भी इन समस्याओं का सामना करना पड़ा है। यह सब कुछ देख और समझकर अनुज ने इसी राह को पकड़ने का फैसला किया और बन गए सफल उद्यमी।
रियल एस्टेट में जाने का फैसला
दरअसल तनुज Tanuj Shori को रियल एस्टेट, कंस्ट्रक्शन और रिटेल और लग्जरी ब्रांड्स के क्षेत्रों का अच्छा अनुभव था। जब उन्होंने रियल एस्टेट में निवेश करने का विचार बनाया तो उस समय वो हांगकांग में थे। एनआरआई होने के नाते उनको लग गया था कि इतनी दूर से भारत में प्रॉपर्टी Property खरीदना आसान नहीं है। क्योंकि इस क्षेत्र में प्रोफेशनल professional लोगों की काफी कमी थी। कोई भी इसमें माहिर नहीं था। उन्हें लगा कि कोई भी ऐसा नहीं है जो इस क्षेत्र में मदद कर सके और इस बारे में सही से जानकारी दे सके। क्योंकि दूसरे देश में रहते हुए उनको यह काफी मुश्किल लगा और इसलिए इन सब परेशानियों को देखते हुए उन्होंने रियल एस्टेट के क्षेत्र में जाने का फैसला लिया।
जानकारी जुटाकर की कड़ी मेहनत
रियल एस्टेट के क्षेत्र में आने के बाद तनुज शौरी ने 2013 में 1 लाख डॉलर के निवेश के साथ स्क्वायर यार्ड्स Square Yards कंपनी की नींव रखी। इसके बाद ज़रुरत थी रिसर्च करने की। इसके लिए तनुज ने भारत के बड़े-बड़े शहरों के माइक्रो मार्केट्स में रियल एस्टेट की जानकारी लेनी आरंभ कर दी। सारी जानकारी एनआरआई समुदाय से शेयर करना शुरू कर दिया। अब धीरे-धीरे तनुज को लगने लगा कि एनआरआई की मांग बढ़ रही है। अब उनका बिज़नेस बढ़ने लगा। उन्होंने अब अपना बिज़नेस Square Yards को फैलाना शुरू कर दिया। उन्होंने भारत के मेट्रो शहरों में अपने ऑफिस खोल दिये। तनुज की अलग सोच ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचा दिया और उन्होंने बहुत कम समय में सफलता हासिल कर दी। ऐसा नहीं है कि उन्हें ये सफलता आसानी से मिली हो उन्हें कई तरह की परेशानियों से भी रूबरू होना पड़ा लेकिन फिर भी तनुज हारे नहीं बल्कि बस आगे बढ़ते गए और पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
बन गए एक सफल उद्यमी
मुश्किलों का सामना करते हुए तनुज आगे बढ़ चुके थे। क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत और लगन पर भरोसा था। जिस भी क्षेत्र में उन्होंने नौकरी की वहां से उन्होंने बहुत अनुभव प्राप्त कर लिया था और उसी अनुभव के आधार पर उन्हें पता था कि उन्हें बहुत सारी चीज़ें बदलनी होंगी। इसके लिए सबसे पहले उन्हें अपने एम्प्लॉय Employee को एक्सपर्ट Expert करना होगा। उन्हें अच्छे से ट्रैनिंग Training देनी होगी और उन्होंने यही किया। आज कंपनी 5 अलग-अलग देशों में और भारत के 14 शहरों में अपना विस्तार कर चुकी है। आज स्क्वायर यार्ड्स Square Yards का रेवेन्यू 100 करोड़ डॉलर को पार कर चुका है। आज उनके पास 900 से अधिक कर्मचारी हैं। तनुज मानते हैं कि उनकी कंपनी देश में रेजीडेंशियल प्रॉपर्टी Residential property के लिए सबसे बड़ी आर्गनाइज्ड रियल एस्टेट एडवाइजरी फर्म Advisory firm बन गयी है।
निष्कर्ष -इंसान को मिला एक छोटा सा आइडिया कब उसकी ज़िंदगी बदल दे कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ हुआ स्क्वायर यार्ड्स के संस्थापक तनुज शौरी के साथ। नौकरी के दौरान ही मिले एक आइडिया ने उद्यमी बनने की राह आसान कर दी। ये सब उनकी सोच, उनकी मेहनत और उनकी लगन का ही नतीजा है कि बस कुछ माह पुरानी फर्म स्क्वायर यार्ड्स ने मुनाफा कमाना भी शुरू कर दिया है। नौकरी के दौरान ही उन्होंने भारत के रियल एस्टेट Real estate में निवेश करने के बारे में सोचा। बस फिर क्या था अपनी मेहनत और सोच के दम पर बन गए सफल उद्यमी। स्क्वायर यार्ड्स Square Yards का रेवेन्यू 100 करोड़ डॉलर को पार कर चुका है। ऐसा नहीं है कि उन्होंने मुश्किलों का सामना नहीं किया मगर उन्हें पता था कि अगर सफल होना है तो इन मुश्किलों का मुकाबला करना पड़ेगा। तभी तो इतने कम वक्त में 900 कर्मचारियों की मजबूत टीम खड़ी करना कोई आसान काम नहीं था। कुल मिलाकर उन्होंने अपने टैलेंट और प्रयासों की बदौलत बहुत कम समय में ये मुकाम हासिल करने में सफलता प्राप्त की है।