दुनिया में हो रही सभी सामानों की पैकेजिंग ऐसे पदार्थों से की जाती है जो पर्यावरण को खराब करने के लिए सबसे बड़ा कारण है। आज के इंसान को इसकी क्या परवाह? वह केवल इल्जाम लगाकर काम चला रहा है कि पर्यावरण खराब है।
सारी दुनिया में पर्यावरण को बचाने की बातें जोर पकड़ती रहती हैं लेकिन इसे सही करने के लिए जो पुरजोर कदम उठाने चाहिए उन्हें कोई नहीं उठाता। सारी दुनिया में पैकेजिंग को लेकर कोई मुहिम नहीं चलाई जाती। अगर चलाई भी जाती है तो कुछ दिन कानून के डर से व्यापारी इसे बंद करते हैं। उसके बाद फिर वही ढर्रे पर आकर लोग इसका इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। पर्यावरण को अच्छा देखने की कामना करते हैं तो इसमें हर एक इंसान को अपनी भागीदारी देनी चाहिए। कानूनी दांव पेंच लगाने के बाद सिर्फ कुछ दिन अच्छाई पर अमल करना और बाद में वापस अपनी मामूली जीवन शैली पर लौट आना, फिर कहना कि पर्यावरण सुरक्षित नहीं है? यह बात किसी भी नागरिक पर जमती नहीं है।
अगर आप पर्यावरण को सुरक्षित चाहते हैं, तो दूसरों पर इल्जाम लगाने के बजाय अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि आप पर्यावरण को कितना सुरक्षित कर पा रहे हैं। पर्यावरण को बर्बाद करने में ढेरों मसले हैं लेकिन आज हम आपके साथ पैकेजिंग को लेकर चर्चा करने वाले हैं। दुनिया में हो रही सभी सामानों की पैकेजिंग ऐसे पदार्थों से की जाती है, जो पर्यावरण को खराब करने के लिए सबसे बड़ा कारण है। आज के इंसान को इसकी क्या परवाह? वह केवल इल्जाम लगाकर काम चला रहा है कि पर्यावरण खराब है।
समान की लिए इस्तेमाल में पैकेजिंग
दुनिया के हर कोने में किसी भी सामान को अगर अपने घर लाना हो तो इंसान के पास केवल एक ही विकल्प नजर आता है वह उसे किसी पैकेट के के माध्यम से घर ले आता है, लेकिन क्या कभी व्यक्ति ने इस बात पर ध्यान दिया कि जिस सामान को वह पैकेट में रखकर ला रहा है वह पैकेट किस चीज का बना है या उस पैकेजिंग का असर इस दुनिया पर कितना गहरा हो रहा है। किसी भी क्षेत्र का व्यापार हो पैकेजिंग के लिए ऐसी वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाता है जो सीधे-सीधे पर्यावरण को बर्बाद करती हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत देश में करीब कई मिलियन टन प्लास्टिक का कचरा प्रतिवर्ष देश के कई महासागरों में जमा हो जाता है। इसे लेकर विशेषज्ञ भी कई बार चेतावनी दे चुके हैं कि अगर पर्यावरण को बचाना है, तो पैकेजिंग की सुविधा को इको फ्रेंडली बनाना होगा।
इन पैकेजिंग से बचें तो भला होगा
अगर आप भी पर्यावरण को सुरक्षित देखना चाहते हैं, तो कृपया हम जिस पैकेजिंग का यहां जिक्र कर रहे हैं उसकी पैकेजिंग के इस्तेमाल से जरूर बचें। आपके द्वारा बढ़ाया गया एक कदम पर्यावरण को बेहद सुरक्षित रख सकता है।
पॉलीथिन और प्लास्टिक हो बैन
देश और दुनिया को सबसे बड़ा खतरा पॉलीथिन से है क्योंकि यह हर गली मोहल्ले में इस्तेमाल होने वाली ऐसी चीज है, जिससे दूरी बना लेना पर्यावरण के लिए प्राथमिकता है। पॉलीथिन और प्लास्टिक वाली पैकेजिंग ऐसे पदार्थ से बनी होती है जिसका खत्म होना लगभग नामुमकिन होता है, लेकिन फिर भी हम रोजमर्रा की ज़िन्दगी में इन चीजों का इस्तेमाल करते हैं। बहुत ज्यादा जरूरत हो तो फिर भी इन चीजों का इस्तेमाल समझ में आता है, लेकिन कुछ ऐसी छोटी-छोटी चीज हैं, जो हमारे घर में हर रोज इस्तेमाल होती हैं और हम इसका इस्तेमाल करके पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं। कई राज्यों में इस पर बैन लगने के बाद भी इसका इस्तेमाल जोरों-शोरों से हो रहा है। पर्यावरण को बचाने में अगर आप भागीदार बनना चाहते हैं तो यह वस्तुएं बैन होने पर कृपया इस बैन का पालन जरूर करें।
अनावश्यक पैकेजिंग
आज के इस दौर में आपने अक्सर देखा होगा कि जिस सामान को एक छोटे से कपड़े के बैग में भी रखा जा सकता है इसके बावजूद भी लोग अनावश्यक पैकेजिंग करते हैं। अगर ऑनलाइन डिलीवरी पर गौर किया हो तो इसमें कई बहुस्तरीय पैकिंग मौजूद होती है, जिसका कोई तुक समझ में नहीं आता। इस तरह की अनावश्यक और बहुस्तरीय पैकिंग किसी काम की नहीं है। इस तरह की पैकेजिंग से बचना, पर्यावरण को निर्मल बनाने में कारगर सिद्ध होगा।
पॉलीस्टीरीन और स्टायरोफोम पैकेजिंग
देश और दुनिया में कई जगह पॉलीस्टीरीन और स्टायरोफोम कंटेनर का इस्तेमाल किया जाता है यह कभी ना नष्ट होने वाले पदार्थ होते हैं जो पर्यावरण को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। अगर पर्यावरण को अच्छा देखना चाहते हैं तो इन पॉलीस्टीरीन और स्टायरोफोम वाली पैकेजिंग से जरूर बचना चाहिए। देश और दुनिया के घर-घर में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है कि यह वातावरण को कितना प्रदूषित कर रही है। इसके इस्तेमाल से बचेंगे तो आप भी पर्यावरण को दूषित होने से बचा सकते हैं।
यह सभी तरह की पैकेजिंग नॉन रीसायकल होती है। एक बार इस्तेमाल करने के बाद इसे खत्म नहीं किया जा सकता। जिसका असर पर्यावरण पर गहरा हो रहा है। आप भी जब पैकेजिंग के बारे में सोचें तो इसे अनावश्यक रूप से इस्तेमाल ना करें। पैकेजिंग आपकी भलाई के लिए करें और किसी ऐसे पदार्थ से करें जिससे पर्यावरण को नुकसान ना के बराबर हो।