ज्योतिष शास्त्र आज से इस दुनिया में नहीं है और ग्रहों की स्थिति देखकर भविष्य के बारे में जानने की प्रक्रिया सदियों पुरानी है। विज्ञान की पढ़ाई करने के बावजूद डॉक्टर कभी-कभी गलत इलाज बता देते हैं, वैज्ञानिकों को भी कई अनुसंधान करने के बाद परिणाम मिलता है, वैसे ही ज्योतिष शास्त्र भी है। लेकिन जब कोई ज्योतिषी गलत भविष्यवाणी कर दे तो लोग उनका मजाक बनाते हैं।
पहले लोगों के पास कोई भी वैज्ञानिक उपकरण नहीं थे, फिर भी उन्होंने ऐसे बहुत सारे सिद्धांत दिए जो सच हैं और कुछ पर तो आज भी अनुसंधान हो रहे हैं। हम आपको यही बताना चाहते हैं कि ज्योतिष विद्या संपूर्ण रूप से विज्ञान है। फर्क बस इतना है कि चीजों के निष्कर्ष तक पहुंचने की प्रक्रिया विज्ञान से थोड़ी अलग है।
वास्तव में तो ज्योतिष शास्त्र अपने निष्कर्षों में वैज्ञानिक जांच से काफी आगे है। विज्ञान में आज भी हमें मंगल, बृहस्पति, शनि, बुध, शुक्र के बारे में बहुत कम जानकारी है, जबकि हमारे ऋषि एक हजार साल पहले ही ग्रहों की मदद से कई भविष्यवाणी कर चुके थे।
आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र, विज्ञान है या मात्र एक अंधविश्वास! Astrology: science or superstition.
ज्योतिष शास्त्र: विज्ञान है या अंधविश्वास Astrology: Science or Superstition, खैर इस पर तो सदियों से चर्चा हो रही है। आज आपने अखबार में अपना राशिफल पढ़ा होगा, अगर वह सच निकल जाएगा तो आपको अचानक से ज्योतिष विद्या पर यकीन हो जाएगा और आप आगे भी राशिफल पढ़ना शुरू रखेंगे।
आपने लोगों को अक्सर कहते हुए सुना होगा कि ज्योतिष विद्या, राशिफल, टैरो कार्ड्स astrology, horoscope, tarot cards ये सब विश्वास का खेल है, अगर आप विश्वास करेंगे तो आपके साथ वैसा होगा, नहीं करेंगे तो नहीं होगा, लेकिन ये सच नहीं है। हम आपको बता दें कि ज्योतिष शास्त्र आज से इस दुनिया में नहीं है और ग्रहों की स्थिति देखकर भविष्य के बारे में जानने की प्रक्रिया सदियों पुरानी है।
पहले लोगों के पास कोई भी वैज्ञानिक उपकरण नहीं थे, फिर भी उन्होंने ऐसी बहुत सारे सिद्धांत दिए जो सच हैं और कुछ पर तो आज भी अनुसंधान हो रहे हैं। हम आपको यही बताना चाहते हैं कि ज्योतिष विद्या संपूर्ण रूप से विज्ञान है। फर्क बस इतना है कि चीजों के निष्कर्ष तक पहुंचने की प्रक्रिया विज्ञान से थोड़ी अलग है।
वास्तव में तो ज्योतिष शास्त्र अपने निष्कर्षों में वैज्ञानिक जांच से काफी आगे है। विज्ञान में आज भी हमें मंगल, बृहस्पति, शनि, बुध, शुक्र के बारे में बहुत कम जानकारी है, जबकि हमारे ऋषि एक हजार साल पहले ही ग्रहों की मदद से कई भविष्यवाणी कर चुके थे।
कुछ लोग ज्योतिष शास्त्र में भरोसा नहीं रखते हैं और इसका मजाक बनाते हैं। जैसे विज्ञान की पढ़ाई study science करने के बावजूद डॉक्टर कभी-कभी गलत इलाज बता देते हैं, वैज्ञानिकों को भी कई अनुसंधान करने के बाद परिणाम मिलता है वैसी ही ज्योतिष शास्त्र भी है। लेकिन जब कोई ज्योतिष गलत भविष्यवाणी कर दे तो लोग उनका मजाक बनाते हैं और उनके पास जाने से मना करते हैं।
दरअसल, सच्चाई ये है कि पहले के समय में ज्योतिष शास्त्र का बहुत इस्तेमाल होता था और कई ऋषियों द्वारा इस पर कई किताब लिखी गई थी। लेकिन जब भारत पर कई बार हमला हुआ तो उसमें हमारी सभ्यता के कई श्रोत और प्राचीन विश्व के सभी ज्ञान के भंडार को उन लोगों ने जला दिया और कुछ श्रोत को अपने देश ले गए।
भारत ने इन हमलों में बहुत सारी चीज़ें खोई और उसमें ज्योतिषीय पुस्तकें astrological books भी शामिल थीं। इसीलिए जब ज्योतिषी, ज्योतिष विद्या का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें भी ऐसा लगता है कि कुछ कमी रह गई है। अंत में वही हुआ जिसका हर भारतीय को डर था। आधुनिक विज्ञान modern science के विकसित होने की वजह से ज्योतिष ज्ञान कहीं लुप्त हो गया।
कई लोगों ने पैसे कमाने के चक्कर में लोगों को बेवकूफ बनाया, गलत भविष्यवाणी की और एक ज्योतिषी होने का नाटक किया। इन्हीं कारणों की वजह से लोग आज शक करते हैं कि ज्योतिष विद्या अंधविश्वास है, जबकि वास्तव में ज्योतिष विद्या एक संपूर्ण विज्ञान है। आप कह सकते हैं कि ज्योतिष शास्त्र सच है लेकिन आपके सवाल का सही जवाब पाने के लिए आपको सही ज्योतिष के पास जाना होगा। अगर ज्योतिष को ज्योतिष शास्त्र का सही ज्ञान है तो वह सटीक रूप से आपके जीवन में होने वाली घटनाओं के बारे में बता सकते हैं।
बहुत ही आसान सी बात है, प्रकृति कैसे झूठ बोल सकती है। सूर्य, चंद्रमा, तारे और ग्रह जिनकी वजह से आज हम हैं, वो गलत कैसे हो सकते हैं?
ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान जहां समाप्त होता है, ज्योतिष विद्या की वहीं से शुरुआत होती है। यह वेद सम्मत विज्ञान है। ज्योतिष विद्या लोगों को अंधविश्वास ही ओर नहीं ले जाती है, बल्कि यह लोगों को जागरूक करती है।
विज्ञान के भी कई प्रकार हैं और ठीक उसी तरह ज्योतिष भी है और यह समय का विज्ञान है। इस विज्ञान में हम वार, तिथि, योग, कर्म और नक्षत्र का अध्यन करते हैं। इन पांच चीजों की मदद से ज्योतिषी, भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में जानकारी देते हैं। ज्योतिष विद्या में किसी धर्म और जाति को नहीं माना जाता है और वेद भगवान भी इसके बिना नहीं चलते हैं।
आपको बता दें कि वेद के छः अंग होते हैं और इनमें से छठा अंग ज्योतिष है। हम सबने अपने पूर्व जन्म में क्या किया है और वर्तमान में क्या कर रहे हैं, इन सब बातों के आधार पर हमारे भविष्य में क्या परिणाम हो सकते हैं, ज्योतिष विद्या इसी की जानकारी देता है।
हम सब ये जानते हैं कि ग्रहों से ही सारी चीज़ें संचालित होती हैं और इन्हीं से ऋतुएं भी बनती हैं। जब सूर्य पृथ्वी से दूर चला जाता है तो ठंड का मौसम आ जाता है और जब पास हो जाता है तो गर्मी बढ़ जाती है।
ब्रम्हाण में सूर्य आत्मा के रूप में विराजमान हैं और परिवार में इसे पिता का स्थान प्राप्त है। ठीक इसी तरह चंद्रमा हमारे मन पर विराजमान रहता है और परिवार में इसे माता का दर्जा प्राप्त है। यही कारण है कि जिस व्यक्ति ने अपने माता और पिता का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया, बस समझ लो कि उसने सूर्य और चंद्रमा का आशीर्वाद प्राप्त कर लिया है।
अगर हम नेचुरल साइंसेज की बात करें तो फिजिक्स यानी की भौतिक विज्ञान में भी लॉ ऑफ प्रोबैबिलिटी का सिद्धांत काम करता है और वहीं केमिस्ट्री यानी की रसायन विज्ञान में भी जब सेट फॉर्मूला के तहत चीजें सामने नहीं आतीं तो हम उसे एक्सेप्शन का नाम दे देते हैं। जब विज्ञान कुछ बातें सिद्ध नहीं कर पाता है तो हम उसे अंधविश्वास नहीं कहते हैं तो भला ज्योतिष अंधविश्वास कैसे हो गया।
किसी ज्योतिषी ने अगर गलत भविष्यवाणी कर दी तो हम उसे झूठा और गलत कह देते हैं और कहते हैं कि ज्योतिष विद्या अंधविश्वास है। अब सवाल ये है कि हमेशा ज्योतिष विज्ञान के साथ ही इतना भेदभाव क्यों होता है।
अंधविश्वास उचित नहीं होता। भले ही वह किसी ज्योतिषी पर हो, किसी चिकित्सक पर हो, किसी दुकानदार पर हो या स्वयं की क्षमता पर हो, लेकिन आपको ये बता दें कि इनसे जुड़े ज्ञान-विज्ञान अंधविश्वास नहीं हैं और पूर्ण विज्ञान हैं।
जैसा की हमनें आपको बताया कि वेद भगवान भी इसके बिना नहीं चलते हैं और भला सूर्य, चंद्रमा, तारे और ग्रह जिनकी वजह से आज हम हैं, वो गलत कैसे हो सकते हैं। अब आप ही बताइए अगर कोई ज्योतिषी बनकर गलत भविष्यवाणी कर रहा है तो इसमें तो उस ज्योतिषी की गलती हुई ना, इसमें ज्योतिष विद्या कैसे गलत हो गई।