आरण्यक उपनिषद का नाम अरण्य शब्द से निकला है। अरण्य जिसका अर्थ है- वन या जंगल, जंगल यानी वह स्थान जहाँ हरे भरे प्रकृति के वातावरण में पशु-पक्षियों के बीच की हरियाली। यह वही हरियाली है जो आजकल के eco-friendly अवसर की चाह बढ़ने के कारण अब अधिकांश लोगों ने एक नया तरीका अपनाया है अपने आस-पास प्रकृति लाने का यानी आर्टिफ़िशल पौधों से हर जगह को सजाना। तो दीजिए अपने स्थान को रंग-बिरंगी हरियाली की छटा और प्रयोग कीजिये आर्टिफ़िशल पौधे ।
आरण्यक उपनिषद का नाम अरण्य शब्द से निकला है। अरण्य जिसका अर्थ है- वन या जंगल, जंगल यानी वह स्थान जहाँ हरे भरे प्रकृति के वातावरण में पशु-पक्षियों के बीच की हरियाली। यह वही हरियाली है जो आजकल के eco-friendly अवसर की चाह बढ़ने के कारण अब अधिकांश लोगों ने एक नया तरीका अपनाया है अपने आस-पास प्रकृति लाने का यानी आर्टिफ़िशल पौधों से हर जगह को सजाना। इससे कई फ़ायदे हैं-
1- पौधों के सूखने या मुरझाने का डर नहीं रहता।
2-विशेष स्थान, धूप-छाया, प्रकाश आदि का ध्यान रखना पड़ता। अपनी सहूलियत और सजावट के अनुसार कहीं भी रख सकतें हैं ।
3-कहीं बाहर से आने के बाद यह आपको वैसे ही मिलते हैं जैसे आप इसे छोड़कर जाते हैं। ना तो यह अपना रंग छोड़तें हैं, ना ही इनमे से कोई गंध आती हैं ।
4-यह कभी भी सड़ते नहीं।
5-मौसम की मार से कोई अंतर नहीं आता।
यह हर जगह घर-आंगन की सजावट में चार चांद लगा रहे हैं। त्योहारों के समय में तो बाजारों में आर्टिफिशियल फूलों की जहां भरमार हो जाती है । इनके कद्रदानों की भी कमी नहीं है। घर व आंगन में यह बनावटी फूल, गुलदस्ते, फ्लावर पॉट flower pots, प्लांट plants, ceramic pots गमले सरीखे आइटम आदि से अपने घरों को सजा रहे हैं। ये फूल असली फूलों की तुलना में ज्यादा समय तक बने रहते हैं। इससे बड़े अवसरों पर अधिक पुष्पों और पत्तियों की बर्बादी भी नहीं होती और आपके खर्चे में भी आ जाते हैं। गुलाब roses , सूरजमुखी sunflower, ब्लोसम blossom , मोगरा, चेरी फु्रट सहित विभिन्न नामों के बनावटी फूल व गुलदावरी, पॉप आदि को बेहद पसंद किया जाता है। सथेटिक के कपड़े के अलावा फ्लावर पॉट के इस्तेमाल में क्रिस्टल crystal, कागज paper, कपड़े व लकड़ी का इस्तेमाल रहता है। इनकी कीमत महज पांच रुपये फूल से शुरू होकर करीब दो से तीन हजार तक रहती है। कमरों के अंदर की सजावट के लिए भी और बनावटी आंगन बनाने के लिए इन्हें पसंद किया जा रहा है।
घर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों में से एक हैं घर की सीढ़ियां। लोग अक्सर इन्हें सजाने के लिए सजावटी पौधे और फूल इसके कुँए-कोने में लगा देते हैं। कुछ रिसर्चस के अनुसार, वास्तु के हिसाब से सीढ़ियों में ऐसे पेड़ पौधे नकारात्मक ऊर्जा का कारण तो बनाते ही हैं और घर की उन्नति में भी बाधा उत्पन्न करते हैं। जब भी इस तरह के प्लांट रखने की बात आती है तब दिशा बहुत ज्यादा मायने रखती है। यदि आप इन पौधों को सही दिशा में लगाती हैं तो ये घर में आने वाली खुशियों का कारण बनते हैं। आप जब भी घर में आर्टिफिशियल प्लांट्स रखें तो घर के पश्चिम से लेकर पूर्व तक सजावट के तौर पर आप पौधे लगा सकते है। इस तरह के प्लांट्स को घर की दक्षिण दिशा में न रखें। वैसे तो घर में कम से कम आर्टिफिशियल पेड़-पौधे रखें लेकिन इन्हें दिशा के अनुसार ही रखें। फिर भी मन का कहा अच्छे-बुरे से परे होता है, आपकी प्रसन्नता जिसमें हो वही करें क्यूँकि सकरात्मकता तो व्यक्तित्व से फैलती है, वस्तुओं से नहीं।
घर में यदि रंग-बिरंगे फूलों का गुलदस्ता हो तो परिवार का माहौल खुशनुमा रहता है। इस तरह के प्लांट्स को आप घर के लिविंग रूम में रख सकती हैं जिससे ये देखने में खूबसूरत लगें और वातावरण को भी खुशनुमा बनाए रखें। इस तरह के प्लांट्स हमेशा सूदिंग कलर्स के होने चाहिए जिससे ये वातावरण को खुशनुमा बनाने में मदद करें। इनकी सफ़ाई की ज़िम्मेदारी भी आपको लेनी होगी क्यूँकि यह आर्टिफ़िशल हैं तो इनपर धूल भी जमती है।
हम वो दिन कैसे भूल सकतें हैं जब हम सभी के स्कूलों में नक़ली पौधों को बनाने का प्रशिक्षण सिखाया जाता है और वही छोटे-छोटे प्रयासों से बने इन नक़ली फूलों को घर की असली सजावट में सम्मिलित करते थे। ऐसी कुछ प्रशिक्षण की कक्षाएँ आज भी चलती हैं।
यही तो इनकी विशेषता है कि आप चाहे इन्हें हैंगिंग hanging plants की तरह लटका दें, बालकनी में सजा दें या पर्दे पर जोड़ दें, यह बिलकुल आपके हर अवसर की सजावट के लिए तैयार हैं ।
ऑनलाइन बाज़ार तो नक़ली पौधों की सजावट से भरा पड़ा है और ऐमज़ान amazon ने तो इसमें बहुत तरक़्क़ी भी की है। तो दीजिए अपने स्थान को रंग-बिरंगी हरियाली की छटा और प्रयोग कीजिये आर्टिफ़िशल पौधे ।
Tags: Artificial Plants, Flower Pots, Hanging Plants
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