फलों के छिलके से बनी एंटीबैक्टीरियल बैंडेज

3719
30 Nov 2021
8 min read

Post Highlight

आज हम आपको सिंगापुर के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस अनोखी पट्टी के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे कि इसे किस तरह बनाया जाता है और किस तरह यह आम बैंडेज से खास है।

Podcast

Continue Reading..

आज के बदलते दौर में तकनीक के द्वारा बड़े-बड़े आविष्कार Inventions संभव हुए हैं। हर क्षेत्र के साथ ही हेल्थ Health से जुड़ा क्षेत्र भी बदलता जा रहा है। पहले के दौर में जिस तरह मरहम पट्टी की जाती थी वह दौर अब नहीं रहा, बदलते दौर में चाहे इंजेक्शन की बात हो या फिर मरीज की पट्टी करने की सभी काम आजकल नए तरीके से हो रहे हैं। नए तौर-तरीकों के बीच सिंगापुर Singapore के वैज्ञानिकों Scientists ने एक नई बैंडेज Bandage बनाने का काम किया है। सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने घाव Wound को भरने के लिए ऐसी पट्टी तैयार कि है जो फलों के छिलकों और बचे हुए खाने से बनती है, जोकि एंटीबैक्टीरियल Anti-Bacterial है। वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस पट्टी की खास बात यह है कि यह सामान्य पट्टियों से काफी आरामदायक है। आज हम आपको सिंगापुर के वैज्ञानिकों द्वारा बनाई गई इस अनोखी पट्टी के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे कि इसे किस तरह बनाया जाता है और किस तरह यह आम बैंडेज से खास है।

किस फल का इस्तेमाल किया गया है

सिंगापुर में मौजूद नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी Nanyang Technological University के वैज्ञानिकों ने बचे हुए खाने और फलों के छिलकों से जो एंटीबैक्टीरियल बैंडेज इजाद कि है यह ड्यूरियन Durian नामक फल के उपयोग द्वारा बनाई गई है। यह फल प्रमुखता से इंडोनेशियाई Indonesian देशों में पाया जाता है, जिससे लोग काफी पसंद करते हैं। इस फल से बैंडेज बनाने वाले वैज्ञानिक विलियम चैन बताते हैं कि खाने की अन्य चीजों का इस्तेमाल करके भी इस तरह की पट्टी बनाई जा सकती है। इस तरह की पट्टी बनाने के लिए सोयाबीन और अन्य खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। 

कैसे सफल हुई यह प्रक्रिया

फलों के छिलकों से बनाई जाने वाली एंटीबैक्टीरियल पट्टी बनाने की प्रक्रिया में शोधकर्ताओं को काफी समय लगा। विशेषज्ञों ने ड्यूरियन के छिलकों से सेल्यूलोज पाउडर निकालकर उसे बैक्टीरिया रोधी पट्टी बनाने में मदद ली, इसको बनाने के लिए उन्होंने छिलकों को सुखाकर उसमें ग्लिसरॉल glycerol मिला कर प्रयोग किया, पूरी तरह प्रक्रिया होने के बाद मिश्रण से नरम हाइड्रोजेल hydrogel तैयार किया गया। जिसे काटने के बाद पट्टियां तैयार की गई।

इस तरह की बैंडेज बनाने के पीछे का कारण

जब विशेषज्ञों से इस बात की जानकारी ली गई कि इस तरह की पट्टियां बनाने के पीछे का कारण क्या है, तो उन्होंने बताया कि सिंगापुर में हर साल करीब 1.20 करोड़ ड्यूरियन फल की खपत होती है। इंडोनेशियाई देशों में भारी मात्रा में इस्तेमाल होने वाला यह फल लोग काफी पसंद करते हैं, लेकिन इन फलों से निकलने वाले छिलके और बीज के बारे में कोई नहीं सोचता, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है। इस नुकसान को देखते हुए इस पट्टी को बनाने का इरादा विशेषज्ञों ने बनाया है, जिसके बाद ड्यूरियन फलों के वेस्ट waste of durian fruit का अब सही उपयोग हो रहा है।

क्या है इस पट्टी की खासियत

इस अनोखे बैंडेज की मदद से घाव जल्दी भर जाते हैं विशेषज्ञ बताते हैं कि हाइड्रोजेल से बनी यह पट्टियां घावों को आम पट्टियों के मुकाबले जल्दी भर देती हैं। इसके अलावा यह सामान्य पार्टियों से काफी आरामदायक भी है क्योंकि इसमें जो तत्व हैं उससे घाव पर ठंडक और नमी बनी रहती है।

सामान्य पट्टियों से सस्ती भी है

इस एंटीबैक्टीरियल पट्टी की खासियत यह भी है कि यह सामान्य पट्टियों के मुकाबले काफी सस्ती Cheap bandage है, क्योंकि सामान्य पट्टियों में चांदी और तांबे जैसी धातुओं का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे उनकी महंगाई बढ़ जाती है, लेकिन यह फलों के छिलकों से बनाई जाती है, जिसकी वजह से इसकी कीमत कम है। 

यह पूरी प्रक्रिया शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों की देखरेख में की गई है। हमारा निवेदन है कि जानकारी पढ़ने के बाद आप किसी भी सामान्य प्रक्रिया या फलों का उपयोग कर पट्टी बनाने की कोशिश ना करें, यह काम केवल इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का है। हमारा मकसद केवल आप तक अच्छी जानकारी पहुंचाने का है।

TWN In-Focus