इस जीवन में ख़ुशी किसे नहीं चाहिए? चाहे वो एक गरीब हो या अमीर। खुशी प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए। काफी सारे लोगों को लगता हैं की जिसके पास धन और दौलत हैं, वो व्यक्ति सदैव खुश रहता हैं। लेकिन ये हम सभी का एक भ्रम हैं। क्योकि ख़ुशी की कोई कीमत नहीं होती हैं और न ही इसे रूपये पैसों से खरीदी जा सकती हैं। सच तो ये हैं की खुश रहने के लिए कोई कारण या किसी भी चीज की आवश्यकता नहीं होती हैं। फिर भी इंसान दुनिया के इस दिखावे और झूट के जाल में फसता चला जाता हैं और अपने आप को वह स्वयं दुखी करता चला जाता हैं। अगर आपने अपनी ज़िन्दगी में एक भी बुरी आदत को छोड़ा है तो आपने अपने अंदर एक अच्छा और सकारात्मक बदलाव जरूर महसूस किया होगा। जीवन को सरल और कठिन हम ही बनाते हैं। और हम ही हैं जो किसी भी परिस्थिति, वस्तु या व्यक्ति को सही और गलत की परिभाषा देते हैं। लेकिन ये सब हम अपनी सोच और समझ से नहीं देते बल्कि हमारे समाज और खुद के ही फायदे के आधार पर बताते हैं की ये परिस्थिति, वस्तु या व्यक्ति सही या गलत। और अपनी गलत सोच और समझ के कारण ही हम अपने जीवन में निराश होकर बैठ जातें हैं। ये सोच कर की हमारी किस्मत में ईश्वर ने दुःख ही दुःख लिखा हैं। आज हम आपको बताएंगे कि अपने जीवन में कुछ छोटे-छोटे बदलाव लाकर आप कैसे एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं ।
हम जनवरी के महीने में अपने आप को बहुत से वादे करते हैं,कि आने वाले साल को बेहतर करने के लिए बहुत कुछ करेंगे। पर दो-तीन महीने बीतते-बीतते हम भूल जाते हैं कि हमने आपको क्या वादे किए थे। ऐसा करते-करते दिसंबर आ जाता है और हम अपने आप से कहते हैं कि काश हमने यह साल से शुरुआत से जिया होता। पर हम फिर अपने आप को आने वाले नए साल से जोड़ देते हैं और नए वदो की तैयारी में लग जाते हैं।
हर कोई एक खुशहाल ज़िन्दगी जीना चाहता है लेकिन आज कल की भाग दौड़ भरी ज़िन्दगी में बहुत से लोग खुद से नाराज़ और दुखी हैं। कई शोध में पाया गया है कि लोग तनाव और चिंता से ग्रस्त हैं और चाहते हैं कि वे खुशहाल ज़िन्दगी (Lead A Happy Life) जिएं पर वो मुमकिन नहीं हो पा रहा है। बहुत से लोग एक अच्छी नींद लेने के बाद भी दिन भर सुस्त महसूस करते हैं और ऊर्जा के लिए उन्हें बार-बार कैफीनयुक्त पेय पदार्थ (Caffeinated Beverages) की आवश्यकता पड़ती है।
खुशहाल जीवन जीने (Living A Happy Life) के लिए आपको उन सभी आदतों को छोड़ना होगा जो आपको खुश रहने नहीं दे रही हैं। अगर आपने अपनी ज़िन्दगी में एक भी बुरी आदत को छोड़ा है तो आपने अपने अंदर एक अच्छा और सकारात्मक बदलाव जरूर महसूस किया होगा। जैसे- स्क्रीन टाइम कम करना (Reduce Screen Time), जंक फूड की जगह स्वस्थ भोजन लेना (Eat Healthy Food),टेलीविजन (Television) को समय देने के बजाय किताबें पढ़ना (Reading Books) , समय का सदुपयोग (Good Use Of Time) करना, नियमित रूप से ध्यान और योग करना आदि।
दिन के 8 से 9 घंटे हम काम करने में बिता देते हैं। काम करना अतिआवश्यक है लेकिन सिर्फ काम की वजह से अपने दूसरे शौक को पूरा ना करना गलत है। सुखी मन सुखी जीवन (Happy Mind Happy Life) के लिए उन चीज़ों को समय दें जिनमें आपकी रुचि है। जैसे- नृत्य, संगीत, लेखन, कला, किताबें पढ़ना, फोटोग्राफी, कुकिंग, खेल (Dance, Music, Writing, Art, Reading Books, Photography, Cooking, Sports) आदि। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि जो लोग रचनात्मक गतिविधियों (Creative Activities) में शामिल होते हैं, वे ज़िन्दगी में ज्यादा खुश रहते हैं।अपनी रुचि को पूरा करते हुए आप पैसे भी कमा सकते हैं। जब आप अपने जीवन में संतुलन बना कर रखते हैं तो आपको तनाव की शिकायत कम होती है और आप ज़िन्दगी खुशहाल (Be Happy In Life) तरीके से जीने लगते हैं।
अगर आप अपनी नौकरी से नाखुश हैं तो जीवन में खुशी बनाए रखना कठिन है। आप बार-बार उसी जगह जाते हैं और वही काम करते हैं, जो आपको बिलकुल भी पसंद नहीं है, लेकिन आप नौकरी करना छोड़ नहीं सकते। अपने जीवन को आनंदहीन नौकरी (Joyless Job) में बर्बाद करने के बजाय आप उस क्षेत्र में काम करने की कोशिश करें, जिसमें आपकी रुचि है। जब आप किसी ऐसे क्षेत्र में काम करते हैं जिसमें आपकी रुचि होती है तो आप अपने काम से संतुष्ट भी रहते हैं और आप में प्रेरणा की भी कमी नहीं होती है। यकीन करें, ऐसा करने से आपकी खुशी का कारक तेजी से बढ़ेगा।
रोज़ वही पुराना रूटीन फॉलो (Routine Follow) करना मुश्किल है और हम भी ये बात समझते हैं। अपने कंफर्ट जोन (Comfort Zone) से बाहर निकलिए और नए लक्ष्य निर्धारित (Set New Goals) करिए और उन्हें प्राप्त करने के लिए मेहनत करिए। जब आप अपने लक्ष्यों को पूरा करके अपने आप को आश्चर्यचकित (Surprised) करते हैं, तो आप ज्यादा खुश रहते हैं।
सोशल मीडिया (Social Media) का इस्तेमाल हम सभी को यह महसूस कराता है कि सामने वाला हमसे बेहतर है। लोग दूसरों की सराहना करने के बजाय उनसे ईर्ष्या करने लगते हैं। अगर आपको एक खुशहाल ज़िन्दगी चाहिए (If You Want To Live A Happy) और आप अपनी तुलना दूसरों से करते हैं, तो लाख कोशिश के बाद भी आप खुश नहीं रह पाएंगे। इसीलिए, दूसरों से अपनी तुलना करना बंद करें और अपने आपको बेहतरीन बनाएं।
प्रकृति के साथ समय बिताना (Spending Time With Nature) , खुशहाल लोगों के साथ रहना, सुखद पलों को याद करना, खुद को वक्त देना, संगीत सुनना, नियमित रूप से ध्यान और योग का अभ्यास (Practicing Yoga) करना, जरूरतमंदों की मदद करना, छोटी जीत का जश्न मनाना आदि आपको खुश रखने में मदद करता है।
हम रोज-रोज एक ही तरह का खाना खा कर बोर हो जाते हैं, इसलिए बहार खाने जाते हैं ताकि कुछ नया स्वाद मिल सके। तो जीवन को भी नएपन की जरुरत होती है। अपनी जीवनशैली (Lifestyle) में हो सके तो रोज कुछ नया करे। चाहे वो सुबह की चाय बनाने का तरीका हो या किसी को नमस्ते बोलने का स्टाइल, अपने बाल बनाने का तरीका या कुछ और। रोज के खाने की दाल को कुछ नए तरीके से बनाना, कोई भी छोटी सी छोटी चीज को भी एक अलग अंदाज से करके देखें। ऐसे करने से केवल आपको अच्छा लगेगा बल्कि आपका दिमाग वह सब
सोचने लगेगा, जो आप इतने समय से नहीं सोच पाए। हो सकता है की कुछ चीजें गलत भी हों, पर इनसे आप और सीख पाएंगे। इससे जीवन को एक नया नजरिया मिलेगा ।
हमारा जीवन अनमोल हैं इसलिए हमें अपने जीवन के इस प्रत्येक क्षण को जी भर के जीना चाहिए। परेशानियाँ हम सभी के जीवन में आती हैं चाहे वो व्यक्ति गरीब हो या अमीर सभी के जीवन में परेशानी हैं। लेकिन इन परेशानियों से वही व्यक्ति बाहर निकल के आता हैं। जिसने ये जान लिया की परेशानी हमारे जीवन का एक भाग हैं। जिसे हम सभी के जीवन में ईश्वर ने समान रूप से दिया हैं। ताकि हम इनसे कुछ सीखे और अपने जीवन को एक नया आयाम दे (Give A New Dimension) और आत्मसाध (Assimilation) करें।
जीवन को सरल और कठिन हम ही बनाते हैं। और हम ही हैं जो किसी भी परिस्थिति, वस्तु या व्यक्ति को सही और गलत की परिभाषा देते हैं। लेकिन ये सब हम अपनी सोच और समझ से नहीं देते बल्कि हमारे समाज और खुद के ही फायदे के आधार पर बताते हैं की ये परिस्थिति, वस्तु या व्यक्ति सही या गलत। और अपनी गलत सोच और समझ के कारण ही हम अपने जीवन में निराश होकर बैठ जातें हैं। ये सोच कर की हमारी किस्मत में ईश्वर ने दुःख ही दुःख लिखा हैं।
कुछ लोग जो अपने काम के कारण घर से दूर रहते हैं। और कभी-कभी अपने काम को लेकर या छोटी छोटी बातों से परेशान होकर निराश हो जाते अकेले होने के कारण से इन्ही छोटी-छोटी बातों को बड़ी न होते हुए भी गंभीर रूप में ले लेता हैं। और गलत निर्णय लेता हैं। जिससे उसके जीवन का अर्थ ही बदल जाता हैं।
अभी कुछ ही समय पहले अमेरिका के "बॉस्टन विश्वविद्यालय"(Boston University) में यह रिसर्च (Research) हुआ था। कि "क्या फर्क है उन लोगों में जो अपना जीवन खुशहाल रूप में व्यतीत करते है। और उन लोगों में जो अपना जीवन दुःखमय रूप में व्यतीत करते हैं।" काफी वर्षों से चल रहे, इन दो तरह के लोगों में रिसर्च से ये बात निकलकर सामने आई कि "जिन लोगों का जीवन खुशहाल होता हैं। उनके सम्बन्ध अच्छे होते है, उन लोगों के मुकाबले जो अपना जीवन दुःखमय रूप में व्यतीत करते है।"
इस रिसर्च के परिणाम (Research Results) से हमें यही सीख मिलती हैं कि हमारे जीवन में हमारे अपनो का महत्व कितना अधिक होता हैं। और ये सबकुछ हम पर ही निर्भर करता है कि हम हमारे अपने के साथ सम्बन्ध किस प्रकार बनाते है? क्योकि रिश्ते से ही हमें ताकत और हिम्मत मिलती है। जिससे हमें प्रत्येक परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत मिलती हैं और यही सुखी जीवन का रहस्य है।