कंज्यूमर अवेरनेस क्या है और इसका क्या महत्व है ?

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कंज्यूमर अवेरनेस क्या है और इसका क्या महत्व है ?
28 Mar 2024
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अक्सर देखा जाता है कि एक उपभोक्ता सही माल और सेवाएँ प्राप्त नहीं करता है और उसके द्वारा अदा की गई कीमत वस्तु के अनुरूप नहीं होती है। निर्माता उस वस्तु का एक बहुत ही उच्च मूल्य चार्ज करता है और वह उत्पाद मिलावटी या कम गुणवत्ता वाला होता है।

पूंजीवाद और वैश्वीकरण के इस युग में, अधिकतम लाभ को प्राप्त करना आजकल प्रत्येक निर्माता का मुख्य उद्देश्य बन गया है।

उपभोक्ता जागरूकता का अर्थ होता है उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकार रखना तथा उन्हें उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए उन्हें सशक्त बनाना।

इसके द्वारा उनकी गुणवत्ता बढ़ती है तथा उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं का लाभ मिलता है। 

अपने उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए निर्माता हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वो उपभोक्ता को धोखा देकर वस्तुओं की बिक्री करते हैं और उपभोक्ता के हितों को भूल जाते है।

इसके लिए वो उपभोक्ता से अधिक कीमत, ख़राब गुणवत्ता की वस्तुओं की बिक्री, झूठे विज्ञापन, वस्तु को वजन में कम देकर, मिलावटी चीज़ें आदि के द्वारा उपभोक्ताओं को गुमराह कर रहे हैं।

यही वजह है कि उपभोक्ताओं को जागरूक बनाने की जरूरत है। हम सब एक उपभोक्ता हैं इसलिए हमें अपने अधिकारों के विषय में जरूर जानना चाहिए जिससे हम इस तरह के धोखे से खुद को बचा सकें।

हम सबको उपभोक्ता जागरूकता Consumer Awareness के बारे में जानकर एक जागरूक उपभोक्ता बनना चाहिए। 

हम अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए विभिन्न प्रकार की चीज़ों को खरीदते और सेवाएं प्राप्त करते हैं। मतलब प्रत्येक मनुष्य एक स्वाभाविक उपभोक्ता है। आपने अक्सर महसूस किया होगा कि वस्तुओं की कीमत चुकाने के बाद वस्तु की जो गुणवत्ता है उसके लिए अदा की गई कीमत उसके अनुरूप नहीं है।

इसके अलावा वस्तु की मात्रा, बताई गई मात्रा से कम होती है। साथ ही आपने कई बार ऐसी सेवाओं या वस्तुओं का भी मूल्य अदा किया होगा जो विज्ञापन में तो आकर्षक दिखाई देते हैं लेकिन वास्तविकता कुछ और होती है।

यानि प्रस्तुत की गई छवि और वास्तविक रूप से उस वस्तु में काफी भिन्नता होती है। जब आपके सामने ऐसी स्थिति आती है तो आप क्या करते हैं। निःसंदेह आपने बहुत निराशा का अनुभव किया होगा। ऐसा होने पर आप अपने आपको ठगा सा महसूस करते हैं।

ऐसे होने पर क्या आपने कोई कार्यवाही की या अपने कोई उपाय किया। आपको शायद उस धोखे के बारे में पता ही नहीं है जो आपके साथ हुआ है। बस यही वह समस्या है जिसमें उपभोक्ता consumer को उसकी शिकायत करने का पूरा अधिकार होता है।

इसके बारे में हर नागरिक को जानना जरुरी है। एक उपभोक्ता के रूप में आपके पास कई अधिकार प्राप्त हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। हर किसी को उपभोक्ता जागरूकता Consumer Awareness या उपभोक्ता शिक्षा consumer education के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

तभी आप एक नागरिक के रूप में अपने साथ न्याय कर पाएंगे। चलिए आज इसी Consumer Awareness के बारे में जानते हैं कि उपभोक्ता जागरूकता क्या है और क्यों इसका इतना महत्व है। सबसे पहले उपभोक्ता के बारे में जानते हैं।

उपभोक्ता जागरूकता क्या है और इसका क्या महत्व है ?  What is consumer awareness and its importance

उपभोक्ता किसे कहते है ? What is Consumer ?

उपभोक्ता उस व्यक्ति को कहते हैं, जो विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं का या तो उपभोग करता है अथवा उनको उपयोग में लाता है। यानि यदि कोई व्यक्ति, वस्तुओं एवं सेवाओं का चयन करता, उन्हें प्राप्त करने के लिए पैसा खर्च करता है और अपनी जरूरतों की की पूर्ति करने के लिए उनका उपयोग करता है उसे उपभोक्ता कहते हैं। 

उपभोक्ता जागरूकता क्या है? What Is Consumer Awareness

उपभोक्ता जागरूकता एक उपभोक्ता के रूप में अपने अधिकारों के बारे में जानना Knowing about your rights as a consumer है। यानि उपभोक्ता जागरूकता का मतलब उपभोक्ता को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता रखना है। 

उपभोक्ता अधिकारों की घोषणा सबसे पहले अमेरिका America में 1962 में स्थापित की गयी थी। जब उपभोक्ता बहुत अधिक कीमत पर सामान की खरीददारी करता है या फिर मिलावटी और कम गुणवत्ता का सामान खरीदता है तो उपभोक्ता को इस धोखे के बारे में जानना जरूरी है।

यह सब देखते हुए उपभोक्ता को चौकस रहने की आवश्यकता है। क्योंकि निर्माता अपने उत्पादों की बिक्री को बढ़ाने के लिए mislead consumers उपभोक्ताओं को गुमराह करके उनका शोषण करते हैं।

इसलिए यह हर व्यक्ति के लिए अत्यंत आवश्यक है कि वो जागरूक रहे। उपभोक्ता जागरूकता का तात्पर्य है कि खरीदार वस्तुओं, सेवाओं, उत्पादों, व्यवस्थाओं और खरीदारों के विशेषाधिकारों Goods, services, products, arrangements and privileges of the buyers के डेटा और जानकारी के बारे में जानता है।

उपभोक्ता जागरूकता महत्वपूर्ण है ताकि खरीदार सही निर्णय ले सकें और सही समय पर सही चुनाव कर सकें। यदि खरीदी गई वस्तुएँ या सेवाएँ खराब गुणवत्ता की हों या कम मात्रा में पायी जाती हो तो इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

उत्पाद की गुणवत्ता और उत्पाद की कीमत के बारे में उपभोक्ताओं को शिक्षित करने की आवश्यकता Consumers need to be educated महत्वपूर्ण है।

कुल मिलाकर उपभोक्ता जागरूकता एक प्रक्रिया है जिसमें उपभोक्ता को उनके अधिकारों और नियमों Consumer rights and rules के बारे में बताया जाता है जिससे कि वह जागरूक होकर किसी भी सेवा और वस्तु को खरीद कर उपभोग कर सके।

उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण का महत्त्व Importance of consumer education and protection

आज हमारे आस-पास चाहे वह शहरी हो या ग्रामीण दोनों बाजारों में ही उत्पादों का निर्माण और बिक्री निरंतर बढ़ती जा रही है। निर्माता उपभोक्ताओं को अनदेखा नहीं कर सकते। उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या तथा वस्तुओं और सेवाओं के उपयोग की मात्रा बढ़ती जा रही है।

उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण के अंतर्गत उपभोक्ता का सम्मान और उन्हें संतुष्ट करना महत्वपूर्ण है। आज के उपभोक्ता के लिए सतर्क, जागरूक और पूरी जानकारी रखने वाला उपभोक्ता बनना आवश्यक है। इसलिए उपभोक्ता शिक्षा और संरक्षण आज के उपभोक्ता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

आज भारतीय उपभोक्ता के पास चयन करने के लिए विदेशी कंपनियों के भी अनेक विकल्प हैं और वह प्रतिस्पर्धी कीमतों में से बेहतर उत्पादों को चुन सकता है। लेकिन साथ ही साथ सही उत्पाद का चयन करना अब अधिक कठिन हो गया है, चूँकि उपभोक्ता को नयी प्रौद्यौगिकी, नए उत्पादों और नयी विशेषताओं New technology, new products and new features को समझना पड़ता है।

इसके अलावा उपभोक्ता को कीमत और गुणवत्ता की भी तुलना करनी पड़ती है। उपभोक्ता को बेकार गुणवत्ता, बेईमान विक्रेताओं द्वारा शोषण, भ्रामक विज्ञापनों Poor quality, exploitation by unscrupulous sellers, deceptive advertisements जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता पड़ता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक समझदार और जागरूक उपभोक्ता बनना महत्वपूर्ण हो जाता है।

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उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम Consumer Protection Act

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 भारत में उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए भारत की संसद में अधिनियमित 1986 का एक अधिनियम है। यह उपभोक्ता विवादों के निपटारे और संदिग्ध मामलों के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना का प्रावधान करता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम उपभोक्ता के हित में एक महत्वपूर्ण कानून है और हर उपभोक्ता को अपने अधिकार जानने चाहिए।

इस अधिनियम का मुख्य कार्य उपभोक्ताओं की बाजार में मौजूद कपटपूर्ण बाज़ार नीतियों से सुरक्षा करना और उनकी शिकायतों का निवारण उपलब्ध कराना है। इसके द्वारा उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए उन्हें सरल, शीघ्र और सस्ता निवारण उपलब्ध कराना है। भारत सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सी.पी.ए.) 1986 के अंतर्गत छह उपभोक्ता अधिकारों को स्वीकृत किया है। 

इनमें चार मौलिक अधिकार है These four fundamental rights are -

(1) सुरक्षा का अधिकार Right to security

(2) सूचित किए जाने का अधिकार Right to be informed

(3) चयन का अधिकार Right to choose

(4) सुने जाने का अधिकार Locus standi

दो अतिरिक्त अधिकार हैं- निवारण का अधिकार और शिक्षा का अधिकार।

उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार Right to consumer education

उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार का महत्व काफी अधिक है। इसका अर्थ है कि प्रत्येक व्यक्ति को एक जानकार उपभोक्ता होने के लिए ज्ञान और कौशल अर्जित करने का अधिकार है, जिससे वह वस्तुओं को खरीदते समय अथवा सेवाओं को प्राप्त करते समय सही और विवेकपूर्ण निर्णय ले सके और वह अपने अधिकारों की रक्षा कर सके। यानि उपभोक्ता को इतना शिक्षित होना चाहिए कि वह अपनी समस्या का समाधान स्वयं कर सके।

यदि कोई समस्या हो तो उपभोक्ता को उसकी शिकायत करने का अधिकार पता हो। हम सभी प्रतिदिन किसी न किसी चीज को खरीदते हैं और इसका इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी-कभी हमारे साथ धोखा होता है और अधिक कीमतों पर काफी सस्ती वस्तु हमें दे दी जाती है इस परिस्थिति में हम अपने उपभोक्ता शिक्षा के अधिकारों का इस्तेमाल कर अपना हक प्राप्त कर सकते हैं।

उपभोक्ता संरक्षण नियम, 2021: Consumer Protection Rules 2021:

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने उपभोक्ता संरक्षण (जिला आयोग, राज्य आयोग और राष्ट्रीय आयोग का क्षेत्राधिकार) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।

नए नियमों का अवलोकन:

  • खाद्य और सार्वजनिक वितरण, जिला आयोगों के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र होगा जहां भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य ₹50 लाख से अधिक नहीं है।
  • राज्य आयोग ₹50 लाख से ₹दो करोड़ तक की शिकायतों पर गौर कर सकते हैं।
  • जिला आयोगों के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र होगा जहां प्रतिफल के रूप में भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है।
  • राज्य आयोगों के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र होगा जहां प्रतिफल के रूप में भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य 50 लाख रुपये से अधिक है, लेकिन दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं है, यह अधिसूचित किया गया है।
  • राष्ट्रीय आयोग के पास उन शिकायतों पर विचार करने का अधिकार क्षेत्र होगा जहां प्रतिफल के रूप में भुगतान की गई वस्तुओं या सेवाओं का मूल्य दो करोड़ रुपये से अधिक है।

उपभोक्ता सशक्तिकरण सप्ताह 

उपभोक्ता मामले विभाग Consumer affairs department ने प्रगतिशील भारत के 75 साल और लोगों की संस्कृति और उनकी उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए 14 मार्च, 2022 को "उपभोक्ता सशक्तिकरण सप्ताह" Consumer Empowerment Week शुरू किया।

उपभोक्ता जागरूकता पैदा करने के लिए 23 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के 85 से अधिक गांवों में ग्रामीण लोगों की बड़ी भागीदारी के साथ ग्राम पहुंच कार्यक्रम आयोजित किए।

साथ ही ग्राम पहुंच कार्यक्रमों के जरिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019, भारतीय मानक चिह्नों, हॉलमार्क वाले आभूषण, सीआरएस चिह्न की विशेषताओं और डिब्बाबंद वस्तुओं पर देखे जाने वाले विवरण, सही वजन और सही माप के बारे में जागरूकता पैदा की है और इससे लोग जागरूक हो रहे हैं।

इसके अलावा उपभोक्ताओं को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन नंबर National Consumer Helpline Number 14404 या 1800-11-4000 पर उपभोक्ता शिकायत दर्ज करने के बारे में जानकारी दी।

उपभोक्ता जागरूकता से लाभ क्या हैं? What are the benefits of consumer awareness?

Consumer Awareness (उपभोक्ता जागरूकता) एक महत्वपूर्ण संकेत है जो उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों, उत्पादों और सेवाओं के गुणवत्ता, मूल्य, संभावित जोखिमों, और अन्य विवरणों के बारे में जागरूक करता है। इसका महत्व उपभोक्ताओं की सुरक्षा, उच्च गुणवत्ता उत्पादों और सेवाओं के लिए स्वयंसेवक राष्ट्र के निर्माण में होता है।

यहां कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं जिनके कारण Consumer Awareness का महत्व होता है:

  1. अधिकारों की संरक्षण Protection of rights: उपभोक्ता जागरूकता उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों की जागरूकता प्रदान करती है। जब उपभोक्ता अपने अधिकारों के बारे में जागरूक होते हैं, तो वे बेहतर रूप से अपने हक़ लेने और नुक़सान के मामलों में न्याय के लिए लड़ने की क्षमता रखते हैं।

  2. गुणवत्ता का मूल्यांकन Quality assessment: उपभोक्ता जागरूकता उच्च गुणवत्ता उत्पादों और सेवाओं की पहचान करने में मदद करती है। जब उपभोक्ताओं को उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता के बारे में जागरूकता होती है, तो वे योग्यता, प्रमाण, और मानकों के आधार पर सही खरीदारी कर सकते हैं।

  3. दुरुपयोग और छल के विरुद्ध सुरक्षा Protection against abuse and fraud: उपभोक्ता जागरूकता उपभोक्ताओं को दुरुपयोग और छल के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती है। जब उपभोक्ताओं को विवेकशील बनाया जाता है, तो वे धोखाधड़ी, नकली उत्पादों, और व्यापारिक ठगी को पहचान सकते हैं और इन से बच सकते हैं।

  4. उचित मूल्य और मानकों की पहचान Identification of fair prices and standards: उपभोक्ता जागरूकता उपभोक्ताओं को उचित मूल्य और मानकों की पहचान करने में मदद करती है। उपभोक्ताओं को समान उत्पादों की तुलना करने के लिए जागरूकता की आवश्यकता होती है ताकि वे सही मूल्य के लिए खरीदारी कर सकें।

  5. उत्पादों और सेवाओं के स्तर में सुधार Improving the quality of products and services: उपभोक्ता जागरूकता उत्पादों और सेवाओं के स्तर में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि उपभोक्ताओं की जागरूकता और आपातकालीन प्रतिक्रियाएं होती हैं, तो यह निर्माताओं को गुणवत्ता और सेवा प्रदान करने में सुधार करने के लिए प्रेरित करता है।

यद्यपि कुछ उपयोगकर्ता जागरूकता बहुत साधारण लग सकती है, लेकिन इसका महत्व उच्च है। यह उपभोक्ताओं को सशक्त बनाती है, उन्हें उच्चतम गुणवत्ता और सुरक्षा वाले उत्पादों और सेवाओं की पहचान कराती है, और उन्हें बेहतर खरीदारी और व्यवहार करने की क्षमता प्रदान करती है। उपभोक्ता जागरूकता संरक्षा और प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है और एक स्वस्थ और सकारात्मक उपभोक्ता आधारित समाज के निर्माण में मदद करती है।

उपभोक्ताओं को जानकारी और जागरूकता: उपभोक्ता जागरूकता के द्वारा उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी जाती है। इससे उन्हें अपने अधिकारों की जानकारी होती है तथा वे अपने अधिकारों की रक्षा करने में सक्षम होते हैं।

उच्च गुणवत्ता उत्पादों और सेवाओं का लाभ: उपभोक्ता जागरूकता से उपभोक्ताओं की गुणवत्ता बढ़ती है तथा उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं का लाभ मिलता है।

सशक्त उपभोक्ता: उपभोक्ता जागरूकता से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाया जाता है। वे उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकार होते हैं तथा उन्हें बेहतर विकल्पों का चयन करने में सक्षम होते हैं। यह उन्हें सही निर्णय लेने में मदद करता है।

उचित दामों और मानकों की सुरक्षा: उपभोक्ता जागरूकता से उपभोक्ताओं की समझ में आता है कि किसी उत्पाद या सेवा का उचित मूल्य क्या होता है। यह उन्हें उचित दामों और मानकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।

विकसित अर्थव्यवस्था: उपभोक्ता जागरूकता से उत्पादकों को उनकी विकसित अर्थव्यवस्था का पता चलता है। उन्हें यह भी पता चलता है कि उपभोक्ताओं को क्या चाहिए और उन्हें अपने उत्पाद या सेवा में कैसे सुधार करना होगा। इससे अर्थव्यवस्था में सुधार होता है और उत्पादकों को उनकी विकसित अर्थव्यवस्था में सहायता मिलती है।

उपभोक्ता जागरूकता से होने वाले कुछ अन्य  फायदे निम्न हैं -

  • उपभोक्ता जागरूकता से उपभोक्ता को कम कीमत पर सही वस्तु या उत्पाद प्राप्त हो जाते हैं। 

  • उपभोक्ता को इससे आर्थिक लाभ होता है। यह जागरूकता उपभोक्ताओं को पैसे बचाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

  • उपभोक्ता जागरूकता से उपभोक्ता को अपने अधिकार के बारे में पता चलता है और इस वजह से वह सतर्क रहता है।

  • उपभोक्ता जागरूकता उपभोक्ताओं को विक्रेताओं और उत्पादकों द्वारा शोषण से भी बचाता है।

  • उपभोक्ता को हानिकारक उत्पादों के अत्यधिक सेवन से भी बचाता है और उनकी सेहत पर गलत असर नहीं पड़ता है। 

  • उपभोक्ता उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं खरीदने में सक्षम होंगे। 

  • उपभोक्ता हर समय सर्वोत्तम निर्णय और सही चुनाव कर सकते हैं। 

  • उपभोक्ता जागरूकता से एक उपभोक्ता किसी उत्पाद या सेवा के बारे में सभी विवरण प्राप्त करने में सक्षम हो जायेगा।