साइबर अपराधों से बचाव के तरीके

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साइबर अपराधों से बचाव के तरीके
21 Oct 2021
7 min read

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हम सभी एक आधुनिक दुनिया में निवास करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) ने काफी विकास किया है। हर कोई इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट ने अनेक प्रकार से हम सभी के जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन साथ ही इसकी उपयोगिता में वृद्धि होने से अनेक प्रकार के अपराधों ने इस क्षेत्र में भी अपने पैर पसारे हैं, जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है। हैकिंग, फिशिंग, झूठा मेल आदि अपराधों के तरीके हैं। इसलिए इनसे सावधान रहना आवश्यक है। उपभोक्ताओं को अपनी निजी जानकारी कहीं भी सुरक्षित करने से पहले उस पर विचार अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से इन अपराधियों से बचा जा सकता है।

हम सभी एक आधुनिक दुनिया में निवास करते हैं, जहां प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) ने काफी विकास किया है। हर कोई इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट ने अनेक प्रकार से हम सभी के जीवन को आसान बना दिया है। लेकिन साथ ही इसकी उपयोगिता में वृद्धि होने से अनेक प्रकार के अपराधों ने इस क्षेत्र में भी अपने पैर पसारे हैं, जिसे साइबर क्राइम कहा जाता है। हैकिंग, फिशिंग, झूठा मेल आदि अपराधों के तरीके हैं। इसलिए इनसे सावधान रहना आवश्यक है। उपभोक्ताओं को अपनी निजी जानकारी कहीं भी सुरक्षित करने से पहले उस पर विचार अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से इन अपराधियों से बचा जा सकता है।

साइबर अपराधों में वृद्धि

आज हमारा जीवन इंटरनेट के इर्द-गिर्द घूमता है। कोई भी व्यक्ति इसकी उपयोगिता से दूर नहीं है। घरों में बिलों का भुगतान करना, मूवी टिकट बुक करना, किसी भी चीज़ की खरीदारी करना, दूर देशों में बैठे लोगों से बात करना इत्यादि कार्य इंटरनेट के माध्यम से संभव है। शायद‌ अब इस सुविधा से अलग होने की ‌हम सब कल्पना भी नहीं कर सकते। जहां इसने हम सभी के जीवन को अत्यंत सुलभ बना दिया है। आज हम में से हर कोई अपना खाली समय इंटरनेट पर बिताते हैं और कई गतिविधियों में शामिल होते हैं। और वहीं हम जाने अंजाने में ऐसी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं जिनका परिणाम कभी-कभी बुरा हो जाता है। साइबर-क्राइम इसका ही एक नतीजा होता है।

फ़िशिंग और डेटा चोरी जैसे साइबर अपराधों में वृद्धि आज बढ़ती जा रही है। ऐसे अपराध इंटरनेट द्वारा किए जाते हैं, जोकि साइबर क्राइम के अंतर्गत आते हैं। स्पैम मेल करना, कंप्यूटरों पर वायरस बनाना, वर्ल्ड वाइड वेब पर गोपनीय व्यावसायिक जानकारी पोस्ट करना, अवैध संगीत डाउनलोड और आपराधिक तरीकों के माध्यम से सरकार या कॉर्पोरेट रहस्यों तक पहुंच आदि गतिविधियां साइबर-क्राइम के अंतर्गत शामिल हैं। जैसे-जैसे हम प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) पर अधिक निर्भर होते जा रहे हैं, हमें बेहतर ऑनलाइन सुरक्षा विकसित करने की आवश्यकता होती है। व्यक्तिगत और निजी डेटा की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह इंटरनेट पर सुरक्षित रहने की कुंजी है। हालांकि यह कार्य मुश्किल अवश्य है लेकिन महत्तवपूर्ण है। यह सुरक्षित ऑनलाइन प्रतिक्रियाओं को सुनिश्चित करके किया जा सकता है। 

फिशिंग से बचाव

फिशिंग,साइबर अपराध के सबसे सामान्य रूपों में से एक है। इसके द्वारा अपराधी‌ नकली ईमेल भेज कर बैंक या क्रेडिट कार्ड प्रदाता होने का नाटक करते हैं। फ़िशिंग उपयोगकर्ताओं से संपर्क कर अक्सर उन्हें क्रेडिट कार्ड पिन और ऑनलाइन बैंकिंग पासवर्ड जैसी अपनी गोपनीय जानकारी देने के लिए राजी करता है। और कुछ मासूम लोग इसका शिकार हो जाते हैं। लेकिन सौभाग्य से, बैंक अब इसके प्रति जागरूक हैं और अपने ग्राहकों को ईमेल के द्वारा अपने ग्राहकों को फ़िशिंग हमलों की चेतावनी देकर उन्हें जागरूक करते हैं। यह एक वैश्विक खतरा है और सफल साइबर क्राइमों में से एक है। इसलिए उपभोक्ताओं को इससे सावधान रहने की आवश्यकता है। अपनी निजी जानकारी को किसी भी अनजान शख्स के साथ साझा न करना इसे रोकने में मददगार हो सकता है।

सार्वजनिक वाई-फाई का सावधानी से उपयोग

हैकर्स आसानी से सार्वजनिक वाई-फाई से जुड़ सकते हैं और उपभोक्ताओं की हर हरकत को देख सकते हैं। इन नेटवर्कों से कनेक्ट होने के दौरान दर्ज किए गए पासवर्ड और खाता जानकारी आसानी से इन हैकर्स द्वारा चुराई जा सकती हैं। अपनी जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए, या तो सार्वजनिक वाई-फ़ाई के उपयोग से बचना चाहिए या तो निजी जानकारी दर्ज करने और पासवर्ड वाले ऐप्स का उपयोग करने से बचना चाहिए।

अनजान लिंक या अटैचमेंट से बचाव

जाने अंजाने में ‌लोग अक्सर कई अपरिचित साइट्स ‌पर‌ अनजान लिंक को खोलने‌ की गलती कर जाते हैं। किसी परिचित व्यक्ति द्वारा कोई ईमेल भेजे जाने पर भी अटैचमेंट और ‌लिंक का ध्यान रखना चाहिए। कई बार इसका परिणाम बुरा होता है। इसलिए ऐसे लिंक और अटैचमेंट को खोलने से पहले दो बार सोचना चाहिए।

निजी जानकारी के अनुरोधों की पुष्टि करना 

जब भी किसी निजी जानकारी प्रदान करने के लिए अनुरोध आए तो जानकारी देने से पहले अनुरोधकर्ता की पहचान अवश्य करनी चाहिए कि वह कोई छल‌ तो नहीं। चोर, जानकारी और पहचान चुराने और जानकारी एकत्र करने में चतुर होते हैं इसलिए किसी को भी जानकारी देने के बाद भी नियमित रूप से अपने वित्तीय विवरण और क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करना चाहिए भले ही वह कोई परिचित व्यक्ति ही क्यों न मालूम पड़ता हो।

पासवर्ड सुरक्षित रखना

हमेशा अपने पासवर्ड को लंबा, मजबूत और ‌अद्वितीय बनाएं रखना चाहिए जिससे कोई व्यक्ति उसका अंदाजा न‌ लगा सके। अपने पासवर्ड को अलग-अलग साइटों पर न दोहराना और उसे नियमित रूप से बदलना इन साइबर क्राइमों से बचने के लिए प्रभावी कदम हो सकते हैैं। ऐप्स और वेबसाइटों पर अपना पासवर्ड सुरक्षित नहीं करना चाहिए।

उपर्युक्त कुछ आवश्यक कदम उठा कर इन धोखाधड़ीयों से बचा जा सकता है। अपनी सुरक्षा अपने हाथों में होती है इसलिए सावधानी आवश्यक है। हर नागरिक को इसे अपना दायित्व समझना चाहिए। हम अपने और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ऐसे सरल और सामान्य चरणों का पालन करना हर किसी की जिम्मेदारी होनी चाहिए। स्वयं में जागरूकता पैदा करना इन साइबर अपराधों से लड़ने में सहायक साबित हो सकता है।