Kargil Vijay Diwas 2022: अमर शहीदों की विजयगाथा

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Kargil Vijay Diwas 2022: अमर शहीदों की विजयगाथा
26 Jul 2022
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15 अगस्त 2022 को भारत अपना 75 साल पूरे करके 76 वां स्वतंत्रता दिवस (Independence day 2022) मनाएगा, इसी दिन हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। आजादी के अमृत महोत्सव Azadi Ka Amrit Mahotsav  के उत्सव में यह दिन आजादी के लिए अपना बलिदान देने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद करने का दिन है कारगिल विजय दिवस भी स्वतंत्रता दिवस की तरह भारतीय इतिहास (Indian History) का महत्वपूर्ण दिन है कारगिल विजय दिवस देश भर में उन भारतीय नायकों को याद करने के लिए मनाया जाता है। जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण त्याग (Sacrifice) दिए उन वीर योद्धाओं के साहस और बलिदान को याद किया जाता है साल 26 जुलाई 1999 को उस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas 2022) मनाया जाता है जब भारत ने 1999 में  हुए कारगिल युद्ध (India Pakistan War) में पाकिस्तान पर विजय हासिल की थी । आज से ठीक 23 साल पहले पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों (Terrorists) ने नियंत्रण रेखा (LOC) के साथ भारतीय क्षेत्र में बड़े पैमाने पर घुसपैठ शुरू कर दी । जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कारगिल जिले के पहाड़ी इलाके में पाकिस्तानी सेना के सैकड़ों जवानों और जिहादियों ने घुसपैठ  (Intrusion) की भारत-पाकिस्तान के बीच असल युद्ध 60 दिनों तक चला, जिसे ‘ऑपरेशन विजय (Operation Vijay)’ के नाम से जानते हैं । ऐसे में आइए कारगिल युद्ध की पूरी विजयगाथा को को जानते हैं 

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कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ आज पूरे देश में मनाई जा रही है। देश अपने युद्ध नायकों को याद कर रहा है और कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। यह दिन 1999 में ऑपरेशन विजय में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत का प्रतीक है, जब उन्होंने लद्दाख के कारगिल सेक्टर में उच्च चौकियों से पाकिस्तानी सेना द्वारा समर्थित घुसपैठियों को खदेड़ दिया था। युद्ध 60 दिनों तक चला। कारगिल विजय दिवस न केवल भारत की जीत को स्थापित करता है, बल्कि उन शहीद नायकों को भी श्रद्धांजलि देता है, जिन्होंने 'ऑपरेशन विजय' 'Operation Vijay' को सफल बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी।

कारगिल युद्व (Kargil War) में 500 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद (Indian soldier martyr) भी हुए थे । हर साल कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश में कई कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है कारगिल युद्ध को हुए 23 साल हो चुके हैं इस साल हम ‘विजय दिवस’ की 23वीं वर्षगांठ मना रहे हैं आज भी कारगिल में देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर (Supreme sacrifice) कर देने वाले वीर योद्धाओं की कुछ बातें रोम-रोम में देशभक्ति की लौ को प्रज्जवलित (Ignite the flame of patriotism) कर देती हैं । कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के अवसर पर उन वीर योद्धाओं (Heroic warriors) के साहस और बलिदान को याद किया जाता है | 

कारगिल की विजयगाथा (Kargil's Victory) 

आज से 23 साल पहले करगिल की पहाड़ियों (Kargil Hills) पर भारत के शूरवीरों ने कारगिल की  विजयगाथा लिखी थी। भारत के वीर जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों के मनसूबों को धूल चटाई और कारगिल की चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया हर भारतीय को गर्व से भर देने वाली वह तारीख थी 26 जुलाई जिसे हम कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाते हैं। हर साल 26 जुलाई को उस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए करगिल विजय दिवस मनाया जाता है, जब भारत ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध (India Pakistan War) में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की थी पाकिस्तानी सैनिकों (Pakistani soldiers) ने कारगिल की ऊंची पहाड़ियों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे तब भारतीय सेना को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। लेकिन जब भारतीय जवानों को पता चला तो उन्होंने पाकिस्तानी सेना के जवानों को खदेड़ दिया और कारगिल की चोटियों पर तिरंगा लहराया। कारगिल युद्ध 1999 में समाप्त हुआ जब भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले पर्वतीय चौकियों पर नियंत्रण वापस ले लिया । इसलिए, कारगिल विजय दिवस भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण दिन है । कारगिल विजय दिवस देश भर में उन भारतीय नायकों (Indian Heroes) को याद करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी

कारगिल विजय दिवस का इतिहास (History of Kargil Vijay Diwas)

1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद से, सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) को नियंत्रित करने को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच कई संघर्ष और जुड़ाव रहे हैं |

  • 3 मई 1999: कारगिल के पहाड़ी क्षेत्र में स्थानीय चरवाहों (Local shepherds)  ने कई हथियारबंद पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकियों को देखा उन्होंने सेना के अधिकारियों को इसकी सूचना दी |

  • 5 मई 1999: कारगिल के इलाके में घुसपैठ की खबरों के जवाब में भारतीय सेना के जवानों को वहां पर भेजा गया इस दौरान पाकिस्तानी सैनिकों के साथ लड़ाई के दौरान पांच भारतीय सैनिक शहीद हो गए |

  • 9 मई 1999: पाकिस्तानी सैनिक कारगिल में मजबूत स्थिति में पहुंच चुके थे यही वजह थी कि कारगिल में भारतीय सेना के गोला-बारूद डिपो को निशाना बनाते हुए पाकिस्तानी सेना ने भारी गोलाबारी की |

  • 10 मई 1999: अगले कदम के रूप में पाकिस्तानी सेना के जवानों ने LOC के पार द्रास और काकसर सेक्टरों सहित जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में घुसपैठ की |

  • 10 मई 1999: इस दिन दोपहर के समय भारतीय सेना (Indian Army) ने ‘ऑपरेशन विजय’ की शुरुआत की घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए कश्मीर घाटी से अधिक संख्या में सैनिकों को कारगिल जिले में ले जाया गया वहीं, पाकिस्तानी सेना ने भारत पर हमला करने से इनकार कर दिया |

  • 26 मई 1999: भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने जवाबी कार्रवाई के तहत हवाई हमले शुरू किए इन हवाई हमलों में कई पाकिस्तानी घुसपैठियों (Pakistani infiltrators) का सफाया कर दिया गया |

  • 1 जून 1999: पाकिस्तानी सेना ने हमलों की रफ्तार को तेज कर दिया और नेशनल हाइवे 1 को निशाना बनाया गया दूसरी ओर, फ्रांस और अमेरिका (France and America) ने भारत के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया |

  • 9 जून 1999: भारतीय सेना के जवानों ने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन करते हुए जम्मू-कश्मीर के बटालिक सेक्टर (Batalik sector) में दो प्रमुख पॉजिशन्स पर दोबारा कब्जा किया |

  • 13 जून 1999: पाकिस्तान को एक बड़ा झटका तब लगा, जब भारतीय सेना ने टोलोलिंग चोटी (Tololing Peak) पर फिर से कब्जा कर लिया इस दौरान भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) ने कारगिल का दौरा किया |

  • 20 जून 1999: भारतीय सेना ने टाइगर हिल (Tiger Hill) के पास महत्वपूर्ण ठिकानों पर फिर से कब्जा कर लिया |

  • 4 जुलाई 1999: भारतीय सेना ने टाइगर हिल पर कब्जा किया |

  • 5 जुलाई 1999: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद कारगिल से पाकिस्तानी सेना के वापस लौटने का ऐलान कर दिया |

  • 12 जुलाई 1999: पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया गया |

  • 14 जुलाई 1999: भारतीय प्रधानमंत्री ने सेना के ‘ऑपरेशन विजय’ को सफलतापूर्वक पूरा होने का ऐलान किया |

  • 26 जुलाई 1999: पाकिस्तानी सेना के कब्जे वाले सभी पॉजिशन्स को फिर से अपने कब्जे में लेकर भारत इस युद्ध में विजयी हुआ कारगिल युद्ध 2 महीने तीन हफ्ते से अधिक वक्त तक चला और आखिरकार इस दिन खत्म हुआ |

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कारगिल युद्ध के अंतिम चरण में, भारतीय सेना भारतीय वायु सेना की मदद से पाकिस्तानी सैनिकों को निकालने के मिशन को पूरा करने में सक्षम थी ।  526 जवानों के साथ शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा (Captain Vikram Batra) 26 जुलाई 1999 को सेना ने पाकिस्तान पर भारत की जीत की घोषणा की । हालांकि, मरने वालों की संख्या बहुत ज्यादा थी क्योंकि युद्ध ने भारतीय सेना में 527जवान शहीद हुए थे । कैप्टन विक्रम बत्रा उन वीर जवानों में से एक हैं, जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए अपनी जान गंवाई उन्हें भारत के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र (Param Vir Chakra)  से सम्मानित किया गया था।  हाल ही में, कैप्टन बत्रा के जीवन और राष्ट्र के लिए उनके बहादुर योगदान पर शेरशाह (Sher Shah) नाम की एक फिल्म भी बनाई गई थी

कारगिल विजय दिवस का महत्व (Importance of Kargil Vijay Diwas)

इस दिन, भारत के प्रधानमंत्री (Prime minister of India) इंडिया गेट (India Gate) पर अमर जवान ज्योति पर सैनिकों को श्रद्धांजलि (Tribute to soldiers) देते हैं । देश को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने में भारतीय सेना के योगदान का जश्न मनाने के लिए देश भर में समारोह भी आयोजित (Ceremony held) किए जाते हैं। शहीदों के परिवारों का भी स्मारक सेवा में स्वागत होता है। चूंकि इस वर्ष कारगिल विजय दिवस की 23वीं वर्षगांठ है, इसलिए युद्ध स्मारक पर ध्वजारोहण समारोह (Flag hoisting ceremony) के लिए विशेष कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है

#Thinkwithniche की ओर से आप सभी को भी कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं! और वीर शहीदों को विनम्र श्रधांजलि । जय हिन्द ,जय भारत ।