13 वर्षीय तिलक मेहता ने कैसे शुरू किया अपना स्टार्टअप?

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13 वर्षीय तिलक मेहता ने कैसे शुरू किया अपना स्टार्टअप?
27 Mar 2023
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तिलक मेहता ने यह साबित किया कि उम्र और सफलता का कोई लेना देना नहीं है। आप किसी भी उम्र में सफल हो सकते हैं। मात्र 13 साल की उम्र में जब ज्यादातर लोग खेलने और पढ़ने में व्यस्त होते हैं, इस उम्र में तिलक ने अपना स्टार्टअप startup शुरू कर दिया और आज उनकी कंपनी की नेट वर्थ 100 करोड़ से भी ज्यादा है। 

उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि वह अपनी पढ़ाई और बिज़नेस दोनों को साथ में मैनेज कर सकते हैं। उन्होंने अपना खुद का एप्लीकेशन application पेपर्स एंड पार्सल Papers N Parcels का निर्माण करवाया और एक बड़ा व्यापार तो खड़ा किया ही लेकिन इसके साथ-साथ 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार भी  दिया।

इस ब्लॉग में हम जानेगे की 13 वर्षीय तिलक मेहता ने कैसे शुरू किया अपना स्टार्टअप? How did 13-year-old Tilak Mehta start his startup? और इतनी छोटी सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि के पीछे क्या कारण थे। 

अगर आप किसी 13 साल के बच्चे के माता-पिता से पूछेंगे कि अभी उन्हें अपने बच्चे से क्या उम्मीद है तो ज्यादातर माता-पिता यही जवाब देंगे कि उनका बच्चा पहले अपनी एजुकेशन पूरी करे और बाद में कोई अच्छी नौकरी या अपना बिज़नेस business शुरू करे। लगभग हर युवा की भी यही सोच होती है कि पहले ग्रेजुएशन कर लेते हैं, थोड़ा एक्सपीरियंस ले लेते हैं और बाद में किसी बिज़नेस के बारे में विचार करेंगे। 

13 साल के तिलक मेहता Tilak Mehta ने लोगों की इसी सोच को गलत साबित किया। उन्होंने यह साबित किया कि उम्र और सफलता का कोई लेना देना नहीं है। आप किसी भी उम्र में सफल हो सकते हैं। मात्र 13 साल की उम्र में जब ज्यादातर लोग खेलने और पढ़ने में व्यस्त होते हैं, इस उम्र में तिलक ने अपना स्टार्टअप startup शुरू कर दिया और आज उनकी कंपनी की नेट वर्थ 100 करोड़ से भी ज्यादा है। 

अपनी पढ़ाई पूरी करना है और बाद में अपना बिज़नेस शुरू करना है, यह सोच तो कई लोगों की होगी लेकिन मात्र 13 वर्षीय तिलक ने वह कर दिखाया जिसे करने में बड़े-बड़े और अनुभवी बिजनेसमैन businessman को सालों लग जाते हैं। व

ह आज कई लोगों की प्रेरणा हैं और उन्होंने यह साबित किया है कि आपके विचार और कड़ी मेहनत hardwork ही आपको सफल बनाने के लिए काफी हैं। आइए तिलक मेहता की सफलता की कहानी success story of Tilak Mehta से रूबरू होते हैं- 

13 वर्षीय तिलक मेहता ने कैसे शुरू किया अपना स्टार्टअप? How did 13-year-old Tilak Mehta start his startup?

कौन हैं तिलक मेहता? Who is Tilak Mehta?

15 साल के तिलक मेहता भारत के सबसे युवा बिजनेसमैन्स  youngest businessmans में से एक हैं। उनका जन्म सन् 2006 में गुजरात में हुआ था। 13 साल की उम्र में जहां बच्चे खेल, पढ़ाई और टीवी देखने में व्यस्त रहते हैं, इतनी छोटी सी आयु में उन्होंने अपनी खुद की कंपनी की शुरुआत कर दी। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि वह अपनी पढ़ाई और बिज़नेस दोनों को साथ में मैनेज कर सकते हैं। 

उनके पिता लॉजिस्टिक आधारित कम्पनी से जुड़े हैं और उनकी मां काजल मेहता एक गृहणी हैं। उनकी एक जुड़वा बहन तन्वी मेहता भी है। 2018 में उन्होंने इंडिया मैरीटाइम अवॉर्ड्स India Maritime Awards में युवा बिजनेसमैन का ख़िताब जीता था। अभी वह गुरुकुल ओलंपियाड स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं और उनका सपना है कि वह अपनी कंपनी को और ऊंचाइयों तक लेकर जाएं। 

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कैसे पेपर एंड पार्सल की शुरुआत हुई?

पेपर एंड पार्सल कंपनी को खोलने का ख्याल तिलक को एक समस्या की वजह से आया था, जब उन्हें एक किताब की ज़रूरत थी और वह किताब उनके अंकल के घर पर छूट गई थी। तिलक ने उस किताब को लाने के लिए अपने पिता से कहा कि उन्हें उस किताब की कल ही ज़रूरत है और वह अंकल के घर से किताब लेते आएं।

उस दिन उनके पिता काम में काफी व्यस्त थे और उन्होंने इस बात को टाल दिया। पिता के मना करने के बाद तिलक को एक आइडिया idea आया। उन्होंने कूरियर कंपनी courier company की सहायता लेने की सोची लेकिन उसी दिन डिलीवरी करने के लिए कूरियर कंपनी 300 रुपए तक चार्ज कर रही थी तो इस पर उनके पिता ने कहा कि इतने में तो तुम नई किताब ही खरीद लोगे।

हर सफल उद्यमी successful entrepreneur कोई न कोई बड़ी समस्या सॉल्व करने की कोशिश करता है और तिलक मेहता के साथ भी यही हुआ। तिलक ने सोचा कि मुंबई में ऐसे कई लोग होंगे जिनको इसी तरह की समस्या से परेशान होना पड़ता होगा। 

अगर वे लोग कुरियर कंपनी की मदद लेते हैं तो वह सामान डिलीवर करने में बहुत ज्यादा समय लगाती है और अगर कम समय में सामान डिलीवर करने के लिए बोलो तो अधिक पैसे वसूल करती है। इसी तरह उनके मन में पेपर एंड पार्सल Papers N Parcels को शुरू करने का विचार आया।

उन्हें लगा की क्यों ना किसी ऐसी कंपनी की शुरुआत की जाए जो कम समय में और कम पैसे में लोगों को सामान की डिलवरी की सेवा दे पाए और इसी विचार की मदद से उन्होंने अपना स्टार्टअप शुरू किया। 

उनके पास एक बेहतरीन आइडिया था, वह प्रोब्लम भी सॉल्व कर रहे थे और उनका परिवार भी उनकी मदद करने के लिए तैयार था लेकिन उनके सामने अभी भी एक चुनौती थी कि बिज़नेस की शुरुआत कैसे की जाए और वह अपने बिज़नेस को लोगों तक कैसे पहुंचा पाएंगे। वह ये सब सोच ही रहे थे कि तभी उन्हें डिब्बे वालों के बारे में ख्याल आया।

डिब्बों वालो को मुंबई शहर की लाइफलाइन lifelines of Mumbai कहा जाता है क्योंकि मुंबई में सब कुछ लेट हो सकता है लेकिन ये लोग अपने टाइम के काफी पक्के होते है और इनका नेटवर्क पुरे मुंबई शहर में फैला हुआ है।

तिलक ने सोचा कि वह इन लोगों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं और ऐसा करने से वे लोग खाना डिलीवरी करने के साथ-साथ लोगों के अन्य सामानों की भी डिलीवरी कर दिया करेंगे। तिलक ने डिब्बे वालों के साथ समय बिताया और उनके नेटवर्क और काम को अच्छे तरीके से समझा। 

पिता ने दिया तिलक का साथ

तिलक अपने स्टार्टअप के लिए बहुत मेहनत कर रहे थे और उनकी इसी लगन को देखते हुए उनके पिता ने भी इस स्टार्टअप को शुरू करने में उनका पूरा साथ दिया। तिलक ने सबसे पहले मार्केट की पूरी जानकारी ली और अपना खुद का एप्लीकेशन application पेपर्स एंड पार्सल Papers N Parcels का निर्माण करवाया।

उन्हें इस एप्लीकेशन को पूरी तरह से बनाने में करीब 8 महीने का समय लगा और जब यह ऐप लॉन्च हुआ तो लोगों ने इसे काफी पसंद किया। जाहिर सी बात है कि जिस पार्सल को भेजने के लिए लोगों को 250 से 300 रुपए खर्च करने पड़ते थे, पेपर्स एंड पार्सल की मदद से वही पार्सल 30 से 40 रुपए में डिलीवर हो जाता था और वो भी बेहद कम समय में। 

इस एप्लीकेशन की मदद से आप मुंबई शहर में 3 किलो तक की सामान को उसी दिन एक जगह से दूसरी जगह तक डिलीवर करवा सकते हैं। इस एप्लीकेशन की शुरुआत 2018 में हुई थी और मुंबई में इसे बहुत पसंद किया गया था। हजारों लोग इस एप की मदद से सामान को एक जगह से दूसरी जगह भेज पाते हैं। इतना ही नहीं, इतनी छोटी सी उम्र में तिलक ने सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया है। 

मुंबई में इस स्टार्टअप की सफलता के बाद तिलक का यह गोल है कि वह पूरे भारत में इस कंपनी की शुरुआत करना चाहते हैं। 

तिलक मेहता के पिता के विचार

पेपर एंड पार्सल कंपनी के फाउंडर तिलक मेहता Tilak Mehta के पिता विशाल मेहता कहते हैं कि इंडियन पैरेंट्स को बच्चों के प्रति जो उनकी सोच है कि अच्छे मार्क्स लाने हैं, क्लास में टॉप करना है आदि, इसको बदलने की ज़रूरत है। अगर आपका बच्चा छोटी सी उम्र में पढ़ाई के अलावा कुछ और करने की इच्छा जता रहा है और उसकी किसी चीज़ में रुचि है तो उसे प्रोत्साहित करें और उसके ऊपर किसी भी तरह का दबाव ना डालें। 

तिलक मेहता की चुनौतियां Tilak Mehta's challenges

तिलक ने छोटी सी उम्र में अपने साथ और कई लोगों की रोजमर्रा की परेशानी को दूर करने के लिए कम चार्ज और फास्ट डिलीवरी की पेपर एंड पार्सल कंपनी शुरू करने की सोची। ऐसा नहीं है कि तिलक को मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ा। इस कंपनी को शुरू करने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।

क्योंकि उन्हें बिजनेस के बारे में कुछ भी नहीं पता था और यह आईडिया लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए इसका भी उन्हें कुछ भी पता नहीं था।

उन्होंने इस आईडिया को अपने पिताजी और अंकल को बताया और फिर उन्होंने भी काफी सपोर्ट किया। एक तरफ जहाँ बिजनेस को लेकर उनके सामने काफी मुश्किलें थी वहीं दूसरी तरफ उनकी पढ़ाई को लेकर भी उन्हें सामने चुनौती नजर आ रही थी लेकिन कहते हैं न कि जहाँ चाह वहां राह। उनके स्कूल वालों ने भी उन्हें काफी सपोर्ट किया और उनकी राह आसान होती चली गयी।

तिलक को पेपर एंड पार्सल एप्लीकेशन Paper & Parcel Application को बनाने और मार्केट में लॉन्च करने में लगभग 8 महीने का समय लगा। वह दिन में स्कूल जाते और रात के समय में कंपनी को शुरू करने के लिए विचार विमर्श करते और अपनी पूरी टीम के साथ काम करते थे।

इनकी कंपनी पेपर एंड पार्सल एक दिन में ही पार्सल डिलीवर कर देती है और 3 किलो तक का पार्सल डिलीवर कर देती है और साथ ही चार्ज भी बहुत कम लेती है। 

100 करोड़ का टर्नओवर और 500 लोगों को रोजगार 100 crore turnover and employment to 500 people

तिलक ने घनश्याम पारेख Ghanshyam Parekh को कंपनी का सीईओ बनाया। शुरु में तिलक की कंपनी ने बुटीक और स्टेशनरी शॉप वालों से छोटे-छोटे ऑर्डर लिए। इसके लिए उन्होंने मुंबई के डिब्बेवालों की मदद से सामान की डिलीवरी में मदद ली। जब उन्हें लोगों का अच्छा रिस्पांस मिला और उन्होंने अपने काम को बढ़ाया।

तिलक की कंपनी आज 200 से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है और उनके करीब 300 डिब्बेवाले जुड़े हैं। तिलक की कंपनी का सालाना टर्नओवर लगभग 100 करोड़ रुपये है और वो इसे 200 करोड़ के पार पहुंचाना चाहते हैं। आज के समय में जब सभी बच्चे खेलने में दिन बीता देते है तब तिलक ने कुछ अलग सोचते हुए ही अपनी एक अलग पहचान बनाई है।

सिर्फ 13 साल की उम्र में 100 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी करना और 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार देना अपने आपमें बहुत बड़ी बात है। तिलक के आइडिया से प्रभावित होकर महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर एवं कई बड़े-बड़े सेलिब्रिटी ने उनकी तारीफ की है।

तिलक के बारे में कुछ रोचक तथ्य Some interesting facts about Tilak Mehta

तिलक मेहता ने अपनी एक छोटी सी परेशानी को हल करने के लिए कुछ ऐसा तरीका सोचा कि पूरी मुम्बई में उनका नाम मशहूर हो गया और आज के समय के वो सबसे कम उम्र के युवा उद्यमी बन चुके हैं। तो चलिए उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं- 

  • तिलक को घूमने फिरने का भी काफी शौक है। 

  • तिलक को क्रिकेट खेलना काफी पसंद है।

  • उन्होंने मुंबई के डब्बावाला के साथ जुड़कर अपना नेटवर्क बनाया है।

  • उन्होंने जिस बैंकर को अपना आईडिया बेचा उसे चीफ एग्जीक्यूटिव बना लिया।

  • उन्हें गाना गाना, डांस करना काफी पसंद है। 

  • उनके पसंदीदा अभिनेता सलमान खान तथा अभिनेत्री आलिया भट्ट है।

  • उनके पेपर एंड पार्सल स्टार्टअप में मुंबई के 500 से ज्यादा लोगों को काम मिला है।

पेपर एंड पार्सल के कार्य 

पेपर एंड पार्सल कंपनी की बात करें तो PNP कंपनी एक ऐसा स्टार्टअप है जो 24 घंटे में आपका पार्सल पहुँचा देती है। सबसे कम चार्ज लेकर यह 3 किलो वजन तक के पार्सल पहुंचाने का काम करती है। तिलक ने यह स्टार्टअप जुलाई 2018 में शुरू किया। इस कंपनी के हर दिन हजारों पार्सल डिलीवर किए जाते हैं।

चलिए अब जानते हैं कि PNP एप्लीकेशन अपना काम कैसे करती है। पेपर एंड पार्सल कंपनी अपनी सारी बुकिंग मोबाइल एप से करती है। उस कंपनी में लगभग 500 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे तथा 300 डिब्बावाले भी उनके साथ जुड़े हुए थे। पेपर एंड पार्सल कंपनी ने पूरे मुंबई में अपना स्टार्टअप चला रखा है और उन्होंने अपने पार्सल विदेश में भी डिलीवर किए हैं।

डब्बावाला से कैसे जुड़े तिलक How did Tilak get connected with Dabbawala?

किसी भी काम को करने से पहले उसके बारे में काफी रिसर्च करना पड़ता है। ऐसे ही तिलक ने भी काफी मार्केटिंग रिसर्च की। पेपर एंड पार्सल (PNP) को मार्केट में लाने से पहले तिलक तथा उनकी पूरी टीम ने लगभग 8 महीने के लंबे समय में बहुत मेहनत की।

वह इस बारे में सोचते रहे कि अपने पार्सल को सबसे सस्ता चार्ज कैसे रखा जाए, इसके लिए वह मुंबई के पार्सल, कुरियर नेटवर्क के बारे में सर्च करते रहे। बस फिर क्या था इस रिसर्च के दौरान उन्हें मुंबई की लाइफ लाइन डब्बावाला का आइडिया आया। 

क्योंकि उन्हें लगा कि डब्बावाला अपने टाइम के हिसाब से बिल्कुल परफेक्ट होता है और उनकी सबसे फास्ट सर्विस है। इसके अलावा डब्बावाला पूरे मुंबई में फैले हुए हैं इसलिए तिलक ने डब्बावाला के साथ जुड़कर उनके बारे में पूरी जानकारी लेकर नेटवर्क को भलीभांति जाना। इस तरह तिलक डब्बावाला के साथ जुड़ गए जिससे डब्बे के साथ ही पार्सल भी पहुंच जाये और चार्ज भी काफी कम लगे। 

ये सब जांनने के बाद हम कह सकते हैं कि PNP के फाउंडर तिलक मेहता का दिमाग इतना तेज है कि उन्होंने कैसे एक परेशानी में ऐसा हल निकाला कि मुंबई के रोजमर्रा की परेशानी को ही दूर कर दिया। वह एक बेहद अच्छे बिजनेस मेन होने के साथ ही हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत Source of Inspiration व मोटिवेशनल बने हैं।

वह इस कंपनी को मुंबई तक ही सीमित नहीं रखना चाहते बल्कि पूरे भारत और विदेश में भी अपने स्टार्टअप को ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कुछ पार्सल विदेशों में भी सफलतापूर्वक डिलीवर किए हैं।\

पेपर एन पार्सल के क्लाइंट्स Clients of Papers N Parcel

कंपनी के क्लाइंट बेस में पैथोलॉजी लैब, बुटीक और ब्रोकरेज कंपनियां शामिल हैं। स्टार्टअप कूरियर सेवाओं के लिए स्विगी, उबर और ओला  Swiggy, Uber and Ola जैसी कंपनियों के साथ रणनीतिक गठजोड़ करने के लिए तैयार है।

'पेपर एन पार्सल' के कर्मचारी The Employees of ‘Papers n Parcel’

पेपर्स एन पार्सल के अपने 200 से अधिक कर्मचारी और 300 डब्बावाले हैं। कर्मचारी प्रति दिन 1200 प्रसव का प्रबंधन करते हैं। कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित पैकेज का वजन होता है

3 किलोग्राम और पार्सल के वजन के आधार पर 40-180 रुपये चार्ज करें।

“हम अपना काम करने के अलावा अतिरिक्त मील डिलीवरी प्रदान करते हैं। पेपर एन पार्सल हमारे वास्तविक काम के अलावा अतिरिक्त आय अर्जित करने में हमारी मदद करते हैं। डब्बावाला एसोसिएशन के एक प्रवक्ता ने एक साक्षात्कार में कहा, पेपर एन पार्सल के साथ काम करके डब्बावाले 10000 रुपये तक कमाते हैं।

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निष्कर्ष

मात्र 13 वर्ष की उम्र में तिलक ने ना सिर्फ एक बिज़नेस की शुरुआत की बल्कि एक बड़ी समस्या को सॉल्व किया है। इस बच्चे ने एक बड़ा व्यापार तो खड़ा किया ही लेकिन इसके साथ-साथ 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया। तिलक के बारे में जानने के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर सच्चे मन से मेहनत की जाए तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि हमें सफलता ना मिले।