कैसे काम करते हैं फिंगरप्रिंट

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कैसे काम करते हैं फिंगरप्रिंट
12 Nov 2021
7 min read

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इंसान के फिंगरप्रिंट बहुत काम के होते हैं। इनके आधार पर हम बहुत सारी चीज़ों का सत्यापन कर सकते हैं। हर जगह फिंगरप्रिंट का उपयोग किया जाता है। उंगलियों के निशान कई जगह आवश्यक होते हैं। इंसान की उंगलियों में बहुत सारे राज छुपे होते हैं। कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं कि इंसान के फिंगरप्रिंट बड़े काम के होते हैं। इसका मुख्य कारण यही है कि इंसान के फिंगरप्रिंट जन्म से लेकर मृत्यु तक एक जैसे रहते हैं और ये पहचान के तौर पर बहुत जरूरी होते हैं। इनमें कभी भी कोई परिवर्तन नहीं होता।

दुनिया में बहुत सारे लोग हैं और हर इंसान एक दूसरे से अलग है। फिर भी कई बार इंसान की शक्ल एक दूसरे से मिल जाती है। बस इंसान में एक चीज ऐसी है जो कभी एक दूसरे से नहीं मिलती, वो है इंसान का फिंगरप्रिंट Fingerprint। आपने कभी सोचा है कि फिंगरप्रिंट का क्या उपयोग है और ये कैसे काम करते हैं। हमारी जो उंगलियां हैं कितने काम की हैं, आपको शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा। हाथों की तरह पैरों के निशान भी कभी किसी से नहीं मिलते। आज कल हर जगह फिंगरप्रिंट की ज़रूरत पड़ती है। आधार कार्ड aadhar-card, बैंक KYC यहां तक कि मोबाइल mobile को ऑन करने के लिए भी फिंगरप्रिंट की ज़रूरत पड़ती है। आपने कभी सोचा है कि एक इंसान के मरने के बाद उसके फिंगरप्रिंट काम करते हैं या नहीं। मौत के बाद इंसान के मोबाइल को फिंगरप्रिंट से अनलॉक किया जा सकता है या नहीं। वास्तव में इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट वैसे नहीं रहते हैं। मौत के बाद फिंगरप्रिंट बदल जाते हैं। चलिए जानते हैं फिंगरप्रिंट के बारे में। 

फिंगरप्रिंट का उपयोग 

दुनिया में हर इंसान के कुछ गुण और विशेषताएं एक दूसरे से अलग होते हैं, लेकिन फिर भी कभी कभार हमें मिलती जुलती शक्ल के लोग मिल जाते हैं। इन सबके बावजूद एक चीज़ है जो कभी नहीं मिलती वह है आपके और हमारे फिंगरप्रिंट। आजकल के समय में फिंगरप्रिंट का हर जगह उपयोग किया जाता है। चाहे नौकरी के लिए आवदेन करना हो, आधार कार्ड हो, बैंक KYC या फिर मोबाइल को ऑन करना हो कहीं भी फिंगरप्रिंट के बिना काम नहीं होता है। इसके अलावा किसी डॉक्युमेंट्स documents या फिर किसी सरकारी कागज में भी कई जगह अंगूठे या उंगलियों के निशान लिए जाते हैं। 

फिंगरप्रिंट का इतिहास 

आज से हजारों साल पहले चीन और बेबीलोन के लोगों को इस बारे में पता चला था। उनको इस बात की जानकारी हो गयी थी कि इंसान के फिंगरप्रिंट एक जैसे नहीं होते हैं बल्कि अलग अलग होते हैं। जैसे ही उनको इस बात की जानकारी हुई तो चीनी राजा अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज documents पर अपने फिंगरप्रिंट लगा देते थे। उसके बाद से अधिकतर लोग उंगलियों या अँगूठे के निशान का प्रयोग करने लगे और बाद में तो वैज्ञानिकों को भी इस बारे में पता चल गया था। आजकल तो यह बड़े काम की चीज़ हो गयी है। यहाँ तक कि अपराधियों को पकड़ने में भी फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल किया जाता है। 

जन्म से लेकर मृत्यु तक उंगलियों के निशान

 आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जुड़वा बच्चों के भी उंगलियों के निशान अलग अलग होते हैं। उनके निशान भी एक दूसरे से नहीं मिलते हैं। हम और आप सोचते हैं कि जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे अँगुलियों के निशान में भी अंतर आ जाता है पर ऐसा नहीं होता है। उंगलियों के निशान आजीवन एक जैसे रहते हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक इनमें कोई भी बदलाव नहीं आता है। 

मरने के बाद फिंगरप्रिंट काम करते हैं या नहीं

आपने कभी सोचा है कि एक इंसान के मरने के बाद उसके फिंगरप्रिंट काम करते हैं या नहीं। मौत के बाद इंसान के मोबाइल को फिंगरप्रिंट से अनलॉक किया जा सकता है या नहीं। वास्तव में इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट वैसे नहीं रहते हैं। मौत के बाद फिंगरप्रिंट बदल जाते हैं। जैसे ही इंसान की जान चली जाती है उसके शरीर का इलेक्ट्रिकल चार्ज electrical-charge खत्म हो जाता है। उस इलेक्ट्रिकल चार्ज से ही शरीर के कोशिका तंत्र काम करते हैं। मृत्यु के बाद फिंगरप्रिंट ना केवल बदल जाते हैं, बल्कि काफी हद तक ब्लर और अस्पष्ट हो जाते हैं। इंसान की मौत के बाद फिंगरप्रिंट केवल फोरेंसिक एक्सपर्ट forensic expert आधुनिक लैब में ही लिये जा सकते हैं और कई बार इसमें भी काफी समय लग सकता है।

मोबाइल का फिंगरप्रिंट 

आजकल हर मोबाइल फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर लगा होता है। इससे लोग अपने फ़ोन को लॉक कर देते हैं। जिससे उनकी पर्सनल चीज़ें उन्ही तक सीमित रहे। क्या आपको पता है कि इंसान के मरने के बाद मोबाइल का ये फिंगरप्रिंट सेंसर काम करता है या नहीं? दरअसल मरने के बाद मोबाइल का ये फिंगरप्रिंट सेंसर काम नहीं करता है। मोबाइल फ़ोन के फिंगरप्रिंट सेंसर की टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस होती है कि वो एक मरे और जीवित व्यक्ति के बीच के अंतर को तुरंत पकड़ सकता है। अगर आप मृत व्यक्ति के फिंगर को उसके ही मोबाइल के सेंसर पर टच कराएंगे तो वो अनलॉक नहीं होगा। 

क्यों बने होते हैं उंगलियों पर निशान 

आपने कभी सोचा है कि आखिर क्यों बने होते हैं हमारे हाथों की उंगलियों पर ये निशान। दरअसल हाथों की संवेदनशीलता को बेहतर बनाने के लिए ही ये निशान बने होते हैं। जिससे कि अगर हम किसी चीज़ को छू लें या स्पर्श कर लें तो हमें उस चीज़ का एहसास हो जाये और हम उस चीज़ को अच्छे से महसूस कर लें। दूसरा कारण ये है कि इन निशानों की वजह से हमें किसी चीज़ को पकड़ने में भी आसानी रहती है, क्योंकि यदि हमारे हाथों पर ये निशान नहीं होंगे तो हाथ सपाट होने के कारण चीज़ें हमारे हाथों से गिर सकती हैं।