कोयले की राख से कैसे बने लखपति
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हमारे इर्द-गिर्द ऐसी बहुत सारी चीज़ें हैं जो वेस्ट होती हैं और फिर हम इनको फेंक देते हैं। इनसे सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। पर अब हम उनका उपयोग किसी दूसरी चीज को बनाने में कर सकते हैं और ऐसी आजकल बहुत सारी तकनीक हैं। ठीक उसी तर्ज पर पावर प्लांट से निकली राख का भी हम प्रयोग करके ईंटें बना सकते हैं। जो कि अन्य ईटों के मुकाबले प्रभावशाली हैं। इस तरह से हम इस व्यवसाय को शुरू करके रोजगार की दिशा में एक नया कदम बढ़ा सकते हैं।
ईंट बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें
कोयले की राख से बन सकते हैं लखपति जी हाँ कोयले की राख से ईंट बनाने का बिजनेस करके आप भी लखपति बन सकते हैं। कोयले की राख से बिजनेस करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं और ये बिजनेस आज के टाइम में काफी अच्छा चल सकता है। वैसे तो अक्सर आपने लाल रंग की ही ईंट देखी होगी लेकिन अब बिल्डिंग बनाने में लाल ईंट के स्थान पर थर्मल पावर प्लांट की कोयले की राख से बनी ईंट इस्तेमाल हो रही है। ये ईंट सिर्फ शहरों तक ही नहीं गांव गांव में भी इस्तेमाल हो रही है। अगर आपके पास कोई खाली प्लॉट है या फिर कोई खाली जगह है तो आप इस काम को आसानी से शुरू कर सकते हैं।
लोन स्कीम की भी ले सकते हैं मदद
मुद्रा योजना से आप लोन भी ले सकते हैं क्योंकि सरकार ने ये योजना उन्ही के लिए बनायी है जो अपना नया व्यापार शुरू करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत भी व्यापार के लिए लोन लिया जा सकता है। सरकार भी समय-समय पर नए रोजगार खोलने में मदद करती है। कई युवा इन स्कीमों का फायदा भी उठा रहे हैं। जैसे कि मेरठ में खादी और ग्रामोद्योग रोजगार की तलाश में भटक रहे युवकों को राख से ईंट बनाने के व्यापार में बेरोजगारों की पूरी मदद करेगा।
ईंट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
इसमें कच्चे माल के लिए सबसे पहले पावर प्लांट से निकली राख की जरूरत होती है। इसको फ्लाई ऐश भी कहा जाता है। फ्लाई ऐश ईंट, कोयले की राख, महीन बालू, सीमेंट और पानी के मिक्सचर से बनायीं जाती है। इसलिए इसे सीमेंट ईंट भी कहा जाता है। ये ईंटें अच्छी ,मजबूत और बेहतर गुणवत्ता वाली होती हैं। इस ईंट को बनाने के लिए 55% फ्लाई ऐश 37% बालू और 10% सीमेंट होता है।
फ्लाई ऐश ईंटों के गुण
ये ईंटें भी आम ईंटों के सामान बिल्डिंग बनाने में प्रयोग की जाती हैं और अन्य ईंटों के मुकाबले इनके गुण बेहतर होते हैं। ये अन्य ईंट की अपेक्षा वजन में हल्की होती हैं। इसको प्लास्टर की जरूरत नहीं होती और इसको ढुलाई के दौरान ज्यादा नुकसान नहीं होता। अन्य ईंटें वजन में भारी होती हैं। इसको 20% पानी की ही जरूरत होती है। फ्लाई ऐश ईंट से घर बनाने में खर्चा भी कम आता है। ये ईंटें काफी लाभप्रद सिद्ध हो रही हैं। इसकी फिनिशिंग भी अच्छे से आती हैं। इस वजह से प्लास्टर करते हुए सीमेंट का प्रयोग कम होता है। इससे पानी रिसने की सम्भावना कम होती है जिसकी वजह से सीलन भी नहीं आती है। मकान सुरक्षित रहते हैं और इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि इससे सीलन न आने की वजह से पेंट भी काफी दिन तक टिका रहता है। इसमें बिना प्लास्टर के भी सीधे पेंट कर सकते हैं।
फ्लाई ऐश ईंट के फायदे
ये ईंटें पर्यावरण के अनुकूल होती हैं। इन ईटों से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुँचता है। अतः इन ईटों में प्रभावशाली गुण होने के कारण अगर आप ये बिजनेस शुरू करते हैं तो इसमें कमाई के साथ-साथ फायदे भी हैं। आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। फ्लाई ऐश ईंट को धीरे-धीरे बढ़ावा भी मिल रहा है क्योंकि अगर हम फ्लाई ऐश ईंट का उपयोग करते हैं तो अत्यधिक मात्रा में पैदा होने वाली फ्लाई ऐश के नुकसान से हम पर्यावरण को बचा पायेंगे।
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